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Mausi Ki Chudakkad Ladki हैलो दोस्तो, यह कहानी मेरे एक दोस्त की है, उसने मुझे बताया था कि उसने अपनी मौसी की लड़की के साथ चुदाई की है।
वही कहानी मैं आप लोगों को बता रहा हूँ, कहानी उसी की ज़ुबानी सुनिए जैसा उसने मुझको बताया था।
यह लगभग एक साल पहले की बात है, जब मैं अपनी मौसी के घर दिसम्बर के समय गया था। उनके घर में उनके पति, एक बेटा और एक बेटी है।
मेरी मौसी की लड़की के साथ मेरा 3 साल पहले कुछ हद तक चुम्बन करना और मम्मे दबाना हुआ था और मैं उस बात को लगभग भूल चुका था।
उनकी बेटी बहुत सुन्दर दिखती है और मुझसे ‘भैया.. भैया’ करती रहती है। वो मुझे बहुत पसंद भी करती थी, जो मुझे बाद में पता चला।
पहले वो उतनी सुन्दर नहीं थी इसलिए मेरा ध्यान कभी उसकी तरफ नहीं गया था, चूँकि वो इंजीनियरिंग कर रही है, वो भी कंप्यूटर साइन्स में तो वो मुझसे कंप्यूटर के बारे में पूछती रहती थी क्योंकि मैं एक सॉफ्टवेयर डेवलपर हूँ।
जिस रात की यह बात है, उस शाम को हम लोग घूमने गए थे, हम लोगों ने बहुत मस्ती भी की।
उसके बाद जब रात को हम लोगों ने खाना खा लिया तो मैं उसके कमरे में गया।
वहाँ उसका छोटा भाई बैठा था, मैं उससे बात करने लगा।
थोड़ी देर बाद उसका छोटा भाई अपने कमरे में चला गया तो मैंने उससे कहा- मैं कंप्यूटर पर थोड़ी देर काम करके चला जाऊँगा।
तो उसने कहा- आप यहाँ कंप्यूटर पर बैठने आए हो या मुझसे बात करने आए हो?
मैंने कहा- मैं तो कंप्यूटर पर काम करने आया हूँ।
मगर शायद मेरी मौसी की लड़की को मेरे साथ कुछ करना था इसलिए वो मुझे अपने पास बुला रही थी।
फिर मैं उसके पास जाकर लेट गया, फिर मैंने मौसी की लड़की को चुम्बन किया और उसके गले में भी चुम्बन किया।
मैंने उससे कहा- तू क्या चाहती है.. तेरा तो ब्वॉयफ्रेण्ड भी है ना?
तो उसने मुझसे कहा- भैया मैं आप के साथ थोड़ा बहुत ‘वो’ करना चाहती हूँ।
तो मैंने कहा- यह तो ग़लत है, पहले जो हुआ वो तो अंजाने में हुआ था मगर अब जो तो चाहती हो, वो तो ग़लत है ना…
तो उसने कहा- भैया मैं ये आखरी बार चाहती हूँ।
तो मैं उसको चुम्बन करने लगा और उसके सलवार के अन्दर हाथ डालने लगा।
मगर उसका सलवार कसी थी, तो मैंने उससे कहा- कि तू ढीली वाली सलवार नहीं पहन सकती थी क्या?
तो उसने कहा- मेरे पास नहीं है ढीली वाली कोई सलवार..
फिर वो मेरा शर्ट ऊपर करने लगी और कहा- आप अपना शर्ट उतार दो।
तो मैंने अपना शर्ट उतार दिया।
फिर मैं उसको और चूमने लगा मगर उसके मम्मों तक मेरा हाथ नहीं पहुँच पा रहा था तो मैंने उसको कहा- तू भी अपना कुर्ता उतार दे।
उसने मुझे मना कर दिया और कहा- मैं ज़्यादा कुछ नहीं करना चाहती हूँ।
फिर थोड़ी देर बाद ना जाने उसे क्या हुआ कि उसने अपना कुर्ता उतार दिया।
अब वो मेरे सामने सिर्फ़ समीज़ और ब्रा में थी। फिर मैं उसके मम्मों को दबाने लगा और फिर ब्रा को नीचे सरका कर उसके मम्मों को चूसने लगा।
फिर धीरे से मैंने उसके ब्रा का हुक भी खुलने की कोशिश की, मगर सिर्फ़ एक ही हुक खुल पाया।
फिर मैंने उसको कहा- अपनी ब्रा को भी खोल दे।
तो उसने अपने ब्रा और समीज़ को नीचे सरका दिया और उसकी ब्रा और समीज़ उसके पेट तक सरक गए। अब मुझे उसके मम्मों के दर्शन हो गए… क्या मस्त मम्मे थे।
मैं तो जैसे देख कर जैसे पागल ही हो गया। अब मैं उसके मम्मों को चूसने लगा और वो भी धीरे-धीरे मज़ा लेने लगी।
उसके बाद मैं उसके नीचे चूत को छूने लगा और उसकी गाण्ड को दबाने लगा। मगर उसने मुझे रोक दिया और कहा- ये मेरे पति की अमानत है और उस पर आप का कोई हक नहीं है।
तो मैंने कहा- ठीक है अगर तुम नहीं चाहती हो तो मैंने वहाँ कुछ नहीं करूँगा।
फिर धीरे-धीरे हम दोनों एक-दूसरे के ऊपर होने लगे, कभी वो मेरे ऊपर और कभी मैं उसके ऊपर होता था।
वो जब भी मेरे ऊपर होती तो मैं उसकी गाण्ड को ज़ोर से दबा देता। पहले तो उसने मना किया फिर वो मुझे अपनी गाण्ड दबाने देने लगी। फिर मैं उसके पूरे जिस्म के साथ खेलने लगा और मस्ती करने लगा।
मेरे साथ वो भी मस्ती करने लगी, फिर उत्तेजित होने के साथ उसने मुझ से कहा- मैं आपसे बहुत प्यार करती हूँ मगर आप मुझको छोड़ कर क्यों चले गए थे… आपने कभी वापस मेरे पास आने की कोशिश भी नहीं की?
तो मैंने कहा- तू मेरी बहन लगती है और मैं तुमसे वो वाला प्यार नहीं करता हूँ, यह सब हमारे बीच मे जो कुछ हो रहा है वो इसलिए हो रहा है क्योंकि यह तू चाहती थी, मैं यहाँ आया तो मैं ऐसा कुछ सोच कर नहीं आया था।
यह सुन कर वो थोड़ा उदास हो गई तो मैंने कहा- तुमको अभी जो करना है कर ले, मैं दुबारा यहाँ नहीं आऊँगा।
फिर मैंने उससे पूछा- तेरा तो ब्वॉय-फ्रेण्ड है ना?
तो उसने मुझसे कहा- हाँ है… और मैं उससे बहुत प्यार करती हूँ।
मैंने कहा- तो फिर ये सब कुछ क्या है?
उसने कहा- मैं आप को देख कर कंट्रोल नहीं कर पाई.. इसलिए..
फिर मैंने उसको चुम्बन किया तो वो खुश हो गई और मुझ से लिपट गई और कहा- मैं और ज़्यादा खुद को रोक नहीं सकती हूँ।
तो मैंने कहा- ठीक है इतना ही बहुत है।
वैसे भी मैं भी उत्तेजित हो गया था और मेरा भी खड़ा हो गया था जो कि काफ़ी देर से शायद उसकी चूत के ऊपर उसको चुभ रहा था, इसलिए भी वो और ज़्यादा उत्तेजित हो रही थी।
जब मैं जाने लगा तो उसने मेरे हाथ को पकड़ कर रोकते हुए कहा- मत जाओ ना.. आज की रात आप मेरे पास सो जाओ।
मैंने कुछ सोचते हुए कहा- तू जानती है.. तू क्या कह रही है?
तो उसने कहा- हाँ.. बस आज की रात मैं बहकना चाहती हूँ।
फिर मैं उसके पास लेट गया और उसको बहुत चूमने लगा, कभी गाल पर तो कभी होंठों पर और कभी उसके मम्मों को चूमता रहा।
वो तो जैसे पागल हो गई थी, मैं समझ गया था कि वो क्या चाहती है।
फिर मैंने अपना हाथ उसकी चूत के ऊपर लगाया तो उसने कुछ नहीं कहा और ना ही मना किया, मैं उसका इशारा समझ गया।
फिर मैंने उसकी सलवार के नाड़े को खोलने लगा, मगर वो इतना कसा बँधा था कि मैं उसे खोल नहीं पाया।
फिर मैंने उससे कहा- अपनी सलवार खोलो ना।
वो मुझे चूमने लगी।
फिर मैंने उसे चुम्बन करते हुए फिर कहा- अपनी सलवार खोलो ना।
तो उसने धीरे-धीरे अपनी सलवार ढीली कर दी और गाँठ खोल दी। उसने मुझसे कहा- मेरे मम्मों को चूसो ना..!
तो मैं उसके मम्मों को चूसते हुए अपने एक हाथ को उसकी पैन्टी के अन्दर डाला और उसकी चूत को सहलाने लगा।
मेरे ऐसा करने से वो तो जैसे पागल हो गई और कहने लगी- मेरे ऊपर आओ ना!
फिर मैं उसके ऊपर चढ़ गया और उसकी सलवार को सरका कर निकाल दिया।
अब वो सिर्फ़ पैन्टी में थी और मैं उसके ऊपर सवार था। उसने मुझसे मेरे बरमूडा को निकालने को कहा, अब मैं भी सिर्फ़ अंडरवियर में था, मैं उसको लगातार चुम्बन कर रहा था और उसकी चूत को सहला रहा था।
उसने अपना एक हाथ मेरे अंडरवियर में डाला और मेरे लंड को सहलाने लगी।
उसके बाद मैंने उसकी पैन्टी को नीचे किया और उतार दिया और उसके बाद मैंने अपना अंडरवियर भी निकाल दिया।
अब हम दोनों नंगे थे, मैं धीरे-धीरे लंड को चूत में घिस रहा था, जो कि उसको बहुत सनसनी कर रहा था।
अचानक उसने मेरा लंड लिया और अपनी चूत की दरार में लगा दिया और कहा- जल्दी पेलो ना.. नहीं तो मैं पागल हो जाऊँगी।
मैंने एक ही झटके में लंड को चूत में पेल दिया और लंड चूत में आसानी से चला गया।
मैं तो सोच रहा था कि मैं उसको पहली बार चोद रहा हूँ.. मगर मुझे हैरत हुई कि लंड डालते ही पता मुझे समझ में आ गया कि वो तो पहले से ही चुद चुकी है। फिर मैं लगातार उसको चोदने लगा और वो मज़े लेने लगी।
फिर जब मेरा निकलने लगा तो मैंने अपना माल बाहर गिरा दिया और उसकी बगल में लेट गया।
फिर वो मेरे सीने पर सिर रख कर लेट गई और मुझसे कहा- आज के बाद आप कभी भी मेरे घर ना आना।
मैंने कहा- ठीक है।
फिर मैं अपने कपड़े पहनने लगा और वो ऐसे ही नंगी लेटी रही।
फिर वो अपने बिस्तर से उठी और उसने मुझे चुम्बन किया और ‘बाय’ कहा। मैं उसके कमरे से चला गया।
अब उसकी शादी हो गई है इसलिए मैंने उसका नाम कहीं भी नहीं लिखा है।
उम्मीद है आपको मेरी कहानी पसंद आई होगी।
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