अधूरे अरमान अधूरी चुदाई

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दोस्तो, मेरा नाम रुचि है, मेरी उम्र 22 साल है, मैं एक बहुत सुंदर और जवान लड़की हूँ, मेरा कद 5 फुट 6 इंच है और मेरा रंग बहुत साफ़ है।

मेरे मोम्मे उम्र के हिसाब से बहुत बड़े हैं। कारण तो आप जानते ही हैं कि मैं अपने घर से कॉलेज लोकल बस में जाती हूँ और बस में सब लोग मेरे चूचियाँ का पूरा मज़ा लेते है।

आपने मेरे कहानी ‘भाई के दोस्त ने बस में- पढ़ी और मुझे ढेर सारे मेल किए, मुझे बहुत मज़ा आया आपके मेल पढ़ कर लेकिन सॉरी… मैं सबका जबाब नहीं दे पाई।

लेकिन मेल में बहुत लोगों ने मुझको चोदने की बात कही, कुछ ने मेरी नंगी फोटो देखने की इच्छा दिखाई तो किसी ने सिर्फ़ मेरे चुच्चे तो किसी ने गाण्ड तो किसी ने चूत दिखाने को बोला।

उनमें से कुछ की तो मांग पूरी करने की कोशिश भी की है।

अब मैं अपनी दूसरी चुदाई के बारे में आपको बताने आई हूँ।

जैसा आप जानते हैं कि मैं पहली बार अपने भाई के एक दोस्त राज से चुदी हूँ। उसने मुझे इतना चोदा कि मेरे बदन में बहुत कुछ बदल चुका है।

मैं एक बार फिर अपने बारे में बता दूँ।

मेरी ख़ूबसूरती देखते ही बनती है, अपने मुँह से खुद की तारीफ तो नहीं करनी चाहिए, मगर मुझे ऐसा ही जिस्म मिला है। गोल मासूम मुखड़े पर रेशम जैसे बाल, कश्मीर के सेब सी उभरी हुई लाल लाल गाल, मोटी गीली नशीली और बिल्ली की सी हल्की नीली बिल्लौरी आँखें, रस भरे लाल मोटे होंठ जैसे लॉलीपोप को चूसने को लालयित हों।

मलाई मक्खन सी त्वचा, रंग ऐसा जैसे माखन में सिंदूर मिला दिया हो, लम्बी पतली गर्दन, खड़े खड़े तराशे स्तन, पतली सी बलखाती कमर है मेरी, पिचका पेट, मोती सी चमकती गहरी नाभि, चौड़े कूल्हे, दिल को हिला कर रख देने वाले मस्त गोल गोल उभरे हुए चूतड़! जी हाँ पूरे गोल-गोल, मानो किसी ने दो खरबूजे रख कर उस पर पैंटी डाल दी हो। और लम्बी सुडौल मरमरी टांगें।

चलो अब कहानी पर आती हूँ।

मेरे भाई के एक दोस्त राज ने मुझे पहली बार चोदा और जब भी मुझे चुदने का मन होता तब मैं राज से चुदवा लेती थी। लेकिन राज को अमेरीका में जॉब मिल गया और वो चला गया।

लेकिन उसके बाद से मुझे जब भी चुदने का मन होता, मैं उंगली या मोमबत्ती से काम चला लेती थी। लेकिन उससे मेरा मन नहीं भरता था।

मैं एक नये लंड को ढूँढने लगी लेकिन मेरा कॉलेज बंद था तो मैं बस से भी नहीं ढूंढ सकती थी कि एक दिन भैया से मिलने उनका एक और दोस्त आया। उसका नाम अरमान था मैं उसको देख कर देखती ही रह गई।

तब मेरे घर वाले, भैया को छोड़ कर, सब कुछ दिन के लिए एक शादी में गए थे। क्या हैंडसम, स्मार्ट और सेक्सी लड़का था !

उसको देख कर मेरी चूत में खुजली होने लगी। मैंने सोचा कि इससे चुद सकती हूँ तो मैं उसके सामने चली गई। तब मैंने एक टाइट टॉप खुले गले का और टाइट शॉर्ट स्कर्ट पहने हुई थी।

वो मुझे देख कर देखता ही रहा। तभी भैया ने कॉफी बनाने को कहा तो मैं जाने के लिए मुड़ी तो वो मुझे पीछे से देख सकता था।

तब मेरी स्कर्ट घुटनों से उपर थी जिस से मेरे मादक चूतड़ और उभर कर नजर आ रहे थे और दोनों चूतड़ों की थिरकन साफ साफ देखी जा सकती थी। मैंने पीछे मुड़ कर देखा तो वो मेरे चूतड़ ध्यान से देख रहा था।

मैं कुछ सामान उठाने के बहाने झुक गई जिससे उसको मेरे चूतड़ों के निचले भाग के दर्शन हो गए और मैं मन में सोच रही थी कि बंदा लाइन पर आ रहा है, इसको कुछ और दिखाती हूँ।

मैंने सबसे पहले अपनी ब्रा उतार दी और कॉफी देने के लिए उसके सामने झुकी जिससे उसको मेरी चूचियाँ दिख गई और वो बड़े ध्यान से मुझे घूर रहा था।

तभी मैंने ठीक उसके लंड के पास कॉफी उसके पैंट पर गिरा दी और सॉरी बोल कर बगल से एक कपड़ा उठा कर कॉफी को पोंछने लगी। और पोछने के बहाने मैंने उसके लंड को दबा दिया।

तब भैया बोले- चलो, मैं बाथरूम दिखा देता हूँ।

तभी भैया के फोन पर एक फोन आया और वो बोले- रूचि इसको बाथरूम दिखा दो। मुझे एक ज़रूरी काम से जाना है।

और वो चले गये।

तब मैंने मन में सोचा कि भैया के आने से पहले इसको पटा सकती हूँ। और मैं उसको बाथरूम ले गई पौंछने और वो खुद से पौंछने लगा तो मैंने उसको बोला- हटो, मैं साफ़ करती हूँ।

और झुक कर हल्का पानी लेकर पौंछने लगी। मेरी चूचियाँ हिल रही थी वो उनको देख रहा था।

मेरे पौंछने के कारण उसका लंड टाइट हो गया था और वो बाहर निकलने के लिए तड़पने लगा।

वो भी गर्म हो चुका था, उसने अपना एक हाथ मेरे कंधे पर रख दिया तो मैं कुछ नहीं बोली और मुस्कुरा दी।

तो उसका हौंसला और बढ़ गया और वह मेरे कंधे को हल्का हल्का सहलाने लगा।

मैं फिर भी कुछ नहीं बोली तो वो मेरे नंगे गले को सहलाने लगा, मैं फिर भी कुछ नहीं बोली तो उसका हिम्मत और बढ़ गई।

और उसने मेरी टॉप को खींच दिया जिससे मेरी आधी चूचियाँ दिखने लगी।

उसके लंड को छूने के कारण मैं भी गर्म हो गई थी जिससे मेरे चुचूक खड़े हो गए।

और वो टॉप पर ऊपर उभरे हुए दिख रहे थे।

तब तक उसका दाग साफ हो चुका था और मैं उठने लगी और वो मेरी चूचियों को ही देख रहा था, तो जैसे ही मैं उठी, मेरी चूचियाँ उसके चेहरे से टकरा गई।

और मुझे करेंट लगा, मैं फ़िसल गई और गिरने लगी।

तभी उसने मुझे बचाने के लिए मेरे कमर को पकड़ना चाहा लेकिन उससे मेरी दोनों चूतड़ पकड़े गए।

और मेरी चूची उसके होंठ के पास थी उसके तो दोनों हाथों में लड्डू था, मतलब दोनों हाथों में मेरे चूतड़ और मुँह में मेरी चूचियाँ !

उसने भी मौके का फ़ायदा उठाते हुए मेरे गाण्ड के गोलों पर अपना हाथ फ़ेर दिया।

जिससे मेरे बदन में सनसनी सी फ़ैल गई।

जब उसने मेरी कोई प्रतिक्रिया नहीं देखी तो फिर से नीचे हाथ ले जा कर मेरे एक चूतड़ के गोले को स्कर्ट के ऊपर से दबा दिया।

फिर उसने मेरे स्कर्ट को उठा कर अपना हाथ मेरे चूतड़ पर रख दिया और चूतड़ के नंगे भाग को सहलाने लगा और ऊपर अपने होंठ से मेरे तने हुए निप्पल को टॉप के ऊपर से ही दबाने लगा।

फिर वह मेरे टॉप के ऊपर से ही मेरी चूचियाँ निकालने की कोशिश करने लगा और इसमें टॉप थोड़ी फट गई और मेरी एक चूची बाहर निकल गई।

चूचियाँ देखते ही वो एक छोटे बच्चे की तरह टूट पड़ा और मेरे गुलाबी निप्पल को अपने होंठ से दबाने लगा, उसको जीभ से चाटने लगा, फिर मेरे चूचियाँ पूरी अपने मुँह के अंदर लेने की नाकाम कोशिश करने लगा, अपने दोनों हाथों से मेरे चूतड़ों को मसलने लगा।

मैंने भी अपना हाथ उसके लंड पर रख दिया। उसका लंड बहुत लंबा और मोटा लग रहा था, मैं जीन्स के ऊपर से ही उसके लंड को सहलाने लगी।

मुझे साथ देता देख कर वह मेरी दूसरी चूची को भी निकालने की कोशिश करने लगा।

तो मैं बोली- सब यहीं कर लोगे या बेड पर भी चलोगे?

तो उसने मेरे होंठों पर अपने होंठ रख कर मेरी चूतड़ को पकड़ कर मुझे उठा लिया और दोनों हाथ से चूतड़ को दबाता और होंठों से मेरे होंठ चूसता रहा।

फिर मुझे बेड पर लिटा कर मेरी चूचियों पर टूट पड़ा और टॉप के ऊपर से ही मसलने लगा और बारी-2 दोनों चूचे भी मुँह से चूसने लगा, उसके चूसने से मेरी टॉप भीग गई।

फिर उसने मेरी टॉप उतारने की कोशिश की तो मैंने अपने हाथ ऊपर कर दिए ताकि वो टॉप को आसानी से निकाल सके।

टॉप के निकलते ही मेरे दोनों कबूतर आज़ाद हो गये और मैं ऊपर से एकदम नंगी हो गई जिसे देख कर वो टूट पड़ा जैसे बहुत दिन से भूखे इंसान के सामने लज़ीज़ खाना रख दिया हो।

और दोनों हाथों से मेरे उरोजों को मसलने लगा और अपने होंठों से दबाने लगा और जीभ से चाटने लगा और चाटते-चाटते बोला- रूचि तुम्हारी चूचियाँ तो बहुत मजेदार और रसीली हैं ! जी करता है कि पूरी ही खा जाऊँ…

तो मैं बोली- खा जाओ, रोका किसने है?

इतना सुनते ही अब उसने मेरे बोबे ही क्या मेरे पूरे शरीर को दबाना, चाटना और मसलना आरम्भ कर दिया।

मेरे मुख से सिसकारियाँ निकल पड़ी, मेरी चूत में से पानी चू पड़ा।

उसने मेरे स्कर्ट में नीचे से हाथ डाल दिया और जांघें सहलाता हुआ चूत तक पहुँचने लगा।

जैसे ही उसके हाथ ने मेरी चूत को छुआ, मुझे एक झटका सा लगा, मेरा बदन पिघलने लगा, मेरी टांगें स्वत: ही खुलने लगी, हाथ को चूत तक पहुँचने का रास्ता देने लगी।

जैसे ही उसके हाथ ने मेरी चूत को सहलाया, उसकी अंगुली मेरी चूत के रस से गीली हो गई।

अंगुली का जोर लगते ही मेरी चूत का दाना छू गया और अंगुली चूत के द्वार तक पहुंच गई।

दाना छूते ही मेरे बदन में जैसे बिजलियाँ कौंध गई और मेरे मन में हुआ कि अब इसके लंड से भी कुछ देर खेला जाए तो मैं जीन्स के ऊपर से ही उसके लंड को सहलाने और दबाने लगी।

उसका लंड बहुत टाइट था लग रहा था कि अब जीन्स फाड़ कर निकल जाएगा।

मैंने उसके जीन्स की जिप खींच दी, उसने ऊपर का बटन खोल दिया, अब मेरे हाथ और लंड के बीच में सिर्फ़ अंडरवीयर थी, मैंने उसको भी अपने अंगुली से नीचे खींच दिया।

उसका लंड भी राज की तरह काफी लंबा और मोटा था, इतना ही नहीं, वो आग की तरह जल भी रहा था।

जब मैंने आँखें खोल कर अपने हाथ की तरफ देखा तो मैं चौंक पड़ी- उफ क्या है यह?

मैंने उसका लंड हाथ से छोड़ दिया तो वो सांप के फन की तरह फुंफकार उठा, मेरा रोयाँ-रोयाँ खड़ा हो गया था उस समय।

…बेहद तन्नाया हुआ, नीचे लटकती दो गोलियाँ… साफ़ शेव की हुई…

मैंने उसका लण्ड पकड़ लिया… हाय रे… ऊपर से नरम मसल्स थी… लण्ड में बहुत कड़कपन था।

मैंने उसके सुपाड़े पर से चमड़ी ऊपर सरका दी और उसके लाल चमकदार सुपाड़े को मलने लगी… थोड़ा सा थूक लगा कर चिकना किया और हाथ में कस लिया।

एक बार और थूक कर उसके लण्ड को मुठ मारने लगी और उसका लण्ड जोर से फ़ड़फ़ड़ाया और पिचकारी छूट पड़ी।

मैं स्तब्ध रह गई। मेरा हाथ थूक से पहले ही गीला था, अब वीर्य से नहा गया था।

फिर मैंने सोचा कि इतने मस्त रस को बेकार ही छोड़ दूँ तो मैं उसके लंड को पकड़ कर अपनी जीभ से चाटने लगी। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

उसने मेरे बालों को पकड़ा और जोर से लण्ड धकेला जिससे उसका लंड मेरे मुँह में घुस गया और अपना सिर ऊपर नीचे करने लगी। उसके मुँह से आह निकली।

मुझे उनका बड़ा लंड चूसने में मज़ा आ रहा था।

मैंने लंड के गुलाबी सिरे को चूमा और मशरूम जैसे मोटे सिरे को अपने दातों से हल्का सा काट लिया, फिर लंड को ऊपर से नीचे तक चाटती हुई उनके बड़े बड़े टट्टे चूसने लगी।

और वो मेरे सिर को दबाते हुए मेरे बालों को सहला रहा था।

मैं लंड को पूरा अपने मुँह में लेती फिर मादक आवाजें करती हुई बाहर निकाल कर हिलाती।

उसका लंड मेरे गले के अंदर तक जा रहा था।

वो आँखें बंद करके मज़ा ले रहा था, मैंने लंड चूसने की गति बढ़ा दी और अब लंड अपने मुँह में डाल कर अपने सिर को जोर जोर से ऊपर नीचे करने लगी।

और एक बार जब उनके लंड से वीर्य की अंतिम बूँद भी निकल गई तो मैंने उसके लंड को छोड़ दिया।

तो वो बोला- यार, तुमने तो पूरा निचोड़ लिया?

तो मैं मुस्कुरा दी और मन में सोचा कि बहुत दिनो बाद कोई लंड मिला था चूसने को पूरा चूसे बिना कैसे छोड़ देती।

फिर वो बोला- रुचि, मुझको तुम्हारी चूत चाटनी है। तो मैं बोली- रोका किसने है?

इतना सुनते ही उसने मेरे चूतड़ों को पकड़ कर बेड पर टिकाया और मेरे दोनों पैर को सहलाने लगा, चूमने लगा। चूमते-चूमते वो मेरी जाँघों तक पहुँचा और मैं अपने नीचे वाले होंठ को अपने दाँतों से दबा कर उसके सहलाने को महसूस कर रही थी।

जाँघों के बाद जैसे ही उसका हाथ मेरे चूतड़ों तक पहुँचा, मुझे मजा आने लगा और मैं बोली- सिर्फ़ हाथ से ही काम चलाओगे?

तो उसने अपना सर मेरे स्कर्ट के अंदर डाल दिया और मेरी चूत के आसपास अपनी जीभ से चाटने लगा, वो अपने दोनों हाथों से मेरे चूतड़ दबा रहा था।

फिर उसने मेरी चूत के पास से मेरी पैंटी हटाया और अपनी जीभ से मेरी चूत को चाटने लगा और मेरे मुँह से ‘उम्मआआह… आआ… आआउउ… उउउ…उउह’ की आवाज आने लगी।

इस आवाज को सुन कर वह अपनी जीभ और अंदर की ओर डालने लगा और बोला- रूचि, मैं तुम्हारी पैंटी उतार देता हूँ। तो मैंने अपने कूल्हे थोड़े उठा लिए और उसने मेरी पैंटी को उतार दिया तो मैं फ्री महसूस करने लगी और मन में कह रहा था कि कब यह अपना बड़ा सा लंड मेरी चूत में डालेगा। सोच कर मेरे मन में खलबली मची हुई थी।

फिर उसने मेरी स्कर्ट को थोड़ी ऊपर उठा दिया तब मेरी गाण्ड में थोड़ी हवा लगी और मेरा मन चुदने को बेकरार हो गई और वो अपने जीभ से मेरी चूत को कुत्ते की तरह चाटने लगा और उसकी जीभ का खुरदरा भाग मेरी चूत की खुजली और बढ़ा रहा था।

वो चाटता जा रहा था और मैं मजा लेकर चटवा रही थी।

फिर वो ऊपर की ओर सर करके लेट गया और मैं उसके मुँह के पास अपनी चूत लेकर पहुँच गई, तब वो जीभ से मेरी चूत चाट रहा था और अपने दोनों हाथों से मेरे चूतड़ दबा और सहला रहा था।

और फिर सहलाते-2 उसकी उंगली मेरी गाण्ड की छेद के पास पहुँच गई, उसने अपनी उंगली मेरी गाण्ड में डाल दी।

तभी मैं चीख उठी ‘उउउउआआह’ तो उसने अपने उंगली को थूक से भिगोया और मेरे गाण्ड में पेलने लगा।

फिर वह मेरी गाण्ड में अपनी दूसरी उंगली भी घुसाने लगा और फिर कुछ देर में तेज़ी-2 से अन्दर बाहर करने लगा और मुझे मजा आने लगा, मैं अपने हाथों से अपनी ही चूचियों को दबाने लगी।

फिर कुछ देर हम 69 पोजीसन में आ गये और कुछ देर एक दूसरे के चूत और लंड को चाटते रहे।

फिर मैं बोली- अब अपने इस नागराज को मेरी प्यारी गुलाबी गुफा में जाने दो !

तो वो बोला- हाँ सच में !

उसने मुझे बेड पर लिटा दिया और मेरे दोनों पैरों को फैला कर अपने लंड को मेरी चूत के पास ले आया, लंड को मेरी चूत पर लगा और मैं मन ही मन यह सोच कर खुश हो रही थी कि आज बहुत दिनों के बाद मेरी चूत को फिर से लंड मिलेगा, मेरी चूत की खुजली मिट जाएगी कि तभी दरवाजे की घंटी बजी और मैं बोली- शायद भैया आ गये हैं।

मैं अपनी किस्मत को कोसने लगी और जल्दी से अपने कपड़े ठीक करके दरवाजा खोला तो सच में भैया ही थे। उन्होंने पूछा- अरमान कहाँ है? तो मैं बोली- बेडरूम में टीवी देख रहे हैं, आपका इंतजार कर रहे हैं।

वो उसके पास गये, तब तक वो भी अपने कपड़े ठीक कर चुका था। उन दोनों ने कुछ देर बात की और फिर अरमान चला गया।

और मुझे आज फिर अपनी चूत में उंगली से काम चलना पड़ा। तो दोस्तो, यह थी मेरी अधूरी चुदाई !

उसके बाद क्या हुआ जानने के लिए मेरी अगली कहानी का इंतजार करो। दोस्तो और मेरे भाईयो, कैसी लगी आपको मेरी कहानी?

मुझे जरूर मेल करना और मुझसे कुछ पूछना हो तो भी मेल करना ! मैं जवाब दूँगी ! मुझे आपकी मेल का इन्तजार है । आपकी बड़ी चूचियों और गुलाबी चूत वाली रूचि या चुदक्कड़ या जो भी समझें !

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