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सचिन गोरे मेरा नाम सचिन है, मैं पुणे का रहने वाला हूँ, मेरी उम्र अभी 21 साल है। मैं दिखने में साधारण सा हूँ। हट्टा-कट्टा शरीर है। मैं पुणे के मॉडर्न कॉलेज में पढ़ता हूँ।
यह सच्ची घटना 6 महीने पहले की है।
उस समय बहुत से लोग फेसबुक का खूब इस्तेमाल करते थे। मैंने भी अपना नया फेसबुक अकाउंट बनाया, पर मुझे ज्यादा मजा नहीं आता था।
उन्हीं दिनों मैंने नया कंप्यूटर लिया। अब मेरी दुनिया ही बदल गई, मुझे बहुत मजा आने लगा क्योंकि पहले मैं मोबाइल पर फेसबुक चलाता था।
मैं सिर्फ लड़कियों को ही अपना मित्र बनाता था।
एक दिन मैंने एक लड़की को अपनी मित्रता सूची में जोड़ा, उससे मैंने पहले अंग्रेजी में बातें की, इधर-उधर की बहुत बातें हो गईं, तब उसने बताया कि उसकी शादी हो गई है, उसे एक 4 साल का लड़का भी है।
हालांकि उसकी उम्र अभी सिर्फ 22 साल है और उसने लव-मैरिज की थी। उसका पति किसी आईटी कम्पनी में काम करता है। उस भाभी का नाम था सगुन था और वो मध्यप्रदेश से थी।
फिर धीरे-धीरे हम बहुत अच्छे दोस्त बन गए। वो ढेर सारी बातें करने लगी फिर उसने बताया कि वो एक दिन के लिए अपने मम्मी के घर आने वाली है। उसने भोसरी का नाम लिया मतलब वो पुणे की ही रहने वाली थी।
फिर मैंने उससे कहा- मैं तुमसे मिलना चाहता हूँ।
तो उसने कहा- देखते हैं वक्त मिला तो कॉल करूँगी।
तो मैंने उसे अपना नम्बर दे दिया। अगले दिन वो फेसबुक पर नहीं आई मुझे तो बहुत बोरियत हो रही थी। अचानक शाम को 4.30 एक कॉल आई तो वो उसी थी।
वो बोली- मैं जरा जल्दी में हूँ और अभी फोन रख रही हूँ।
मुझे बहुत गुस्सा आया तो मैंने ‘ठीक है।’ बोल कर फोन काट दिया।
उसने फिर से कॉल करके ‘सॉरी’ बोला तो मैं मान गया।
फिर हम फेसबुक छोड़ कर फ़ोन पर बातें करने लगे।
दिन-दिन भर बातें करने लगे तो फिर उसने मुझसे कहा- तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है?
मैंने कहा- नहीं।
तो वो बोली- चल झूठ मत बोल।
मैंने कहा- कसम से।
तो वो बोली- कभी किसी के साथ डेट पर गया है क्या?
मैंने कहा- नहीं।
फिर मैंने पूछा- तुम कभी किसी के साथ डेट पर गई हो क्या?
तो वो बोली- हट.. कभी नहीं।
तो मैं चुप हो गया फिर वो बोली- मुझे ले जाएगा क्या डेट पर?
मैं तो शॉक हो गया, फिर मेरे मन ही मन में लड्डू फूटने लगे।
मैंने ‘हाँ’ कर दी।
उस दिन से हम खुल कर बातें करने लगे और एक दिन मैंने अचानक उसे ‘आई लव यू’ बोल दिया तो वो हँस पड़ी और ‘आई लव यू टू’ कहने लगी और मुझे फ़ोन पर चुम्बन करने लगी।
फिर हम फ़ोन पर सेक्स चैट करने लगे गन्दी-गन्दी बातें करने लगे। उसने क्या-क्या पहना है.. उसके बारे में बातें करने लगे।
फिर वो बोलने लगी- सचिन, मेरे घर आजा न.. अभी मुझे तुम्हारी जरूरत है।
पर ये हो नहीं सकता था। उसके घर उसकी सास भी रहती थी।
फिर ऐसे कई दिन निकलते गए। हम दिन भर फ़ोन पर ही बातें करने लगे।
एक दिन उसने कहा- वो 4 दिन के लिए अपनी माँ के घर आने वाली है।
उन दिनों नवरात्रि शुरू होने वाली थी, उन दिनों सब लोग बहुत ही मस्ती किया करते थे।
उस दिन उसने मुझे रात को 11.30 बजे कॉल किया, उस वक्त तक मैं सो जाता हूँ।
फिर भी मैंने उसका फोन उठाया और धीरे-धीरे बात करने लगा।
तो वो कहने लगी- अभी मैं मेरी माँ के घर हूँ 4 दिन के लिए.. डांडिया खेलने आई हूँ।
फिर दूसरे दिन उसने मुझे फिर कॉल किया और कहने लगी- तुम मुझे मिल सकते हो क्या? कल सुबह 6.30 बजे मुझे मैं घूमने के लिए जाती हूँ।
मुझे कोई दिक्कत नहीं थी क्योंकि मैं हर रोज सुबह-सुबह दौड़ने के लिए जाता हूँ, तो मैं राजी हो गया।
फिर क्या था, रात भर उसके सपने देख-देख कर मुठ मारता रहा।
फिर सुबह का अलार्म लगा कर मैं सो गया।
सुबह उससे मिलने के लिए निकल पड़ा, मैं 5 बजे से चौक में खड़ा हो गया था।
उसे फोन नहीं किया क्योंकि वो अपनी माँ के घर थी।
मैं 6 बजने का इंतजार करता रहा और उसे फोन किया, पर उसने फोन नहीं उठाया।
मैंने 5-6 बार फोन किया, वो भी डरते-डरते.. मुझे उस पर बहुत गुस्सा आ रहा था।
फिर मैं मन ही मन सोच रहा था कि अब उसे कभी बात नहीं करूँगा, कभी कॉल नहीं करूँगा और वहाँ से जाने लगा कि तभी उसका फोन आया और ‘सॉरी’ बोलने लगी।
उसने कहा- सिर्फ 5 मिनट में आती हूँ।
मैं थोड़ा खुश हो गया फिर उसने मुझे एक सरकारी दवाखाने की पीछे से जो कच्ची सड़क जाती है, जहाँ थोड़ा जंगल जैसा है, वहाँ पर बुलाया।
मैं चलते-चलते निकल पड़ा तो रास्ते में सिर्फ पेड़ ही पेड़ दिख रहे थे, सारी जगह सुनसान लग रही थी।
उसने कॉल किया- क्या पहना है।
मैंने कहा- टी-शर्ट और शॉर्ट्स पहना है।
तो बोली- ठीक है मैंने देख लिया.. सीधे चले आओ।
मैंने देखा कि काले रंग के ट्रैक सूट के लोअर में एक कोई खड़ा है, काले रंग का ही टी-शर्ट है।
वो आगे-आगे चल रही थी और मैं पीछे से उसकी हिलती हुई गाण्ड देख था।
फिर वो एक पुराने भैसों को इलाज करने के घर में घुस गई।
वहाँ पर बहुत ही अँधेरा था। उसने मुझे अन्दर आने को कहा।
जैसे ही मैं अन्दर चला गया, उसने मुझे जकड़ लिया और चुम्बन करना शुरू किया।
मैं कुछ समझता, उसने मुझे कस कर पकड़ लिया और चुम्बन करने लगी।
फिर मैं भी उसकी चूची जोर से दबाने लगा।
वो ‘ओह्ह’ करते हुए सिसकारियाँ भरने लगी। मैं उसे जोर-जोर से चुम्बन कर रहा था और उसके मम्मे दबा रहा था।
उसके गुलाबी-गुलाबी होंठ, उसका गोरा-गोरा रंग.. वाह… क्या बात थी।
जैसे ही मैंने उसके पजामे में हाथ डाला उसने मुझे अलग किया और जाने लगी।
मैंने उसे अपनी ओर खींचा, पर वो नहीं मानी और जाने लगी।
पर क्या बताऊँ दोस्तो, मैं उसे एक पल देखता रह गया उसके गोरे-गोरे गाल, लम्बे-लम्बे बाल, गुलाबी-गुलाबी होंठ, उसका फिगर और उसकी गांड मैं तो उसका दीवाना हो गया था।
वो जाने लगी और मेरे बहुत रोकने पर भी नहीं रुकी।
फिर मैं भी जाने लगा तो उसने फोन किया- कैसा लगा?
मैंने भुनभुना कर कहा- अभी तो कुछ देखा ही नहीं है।
तो वो बोली- हमने वादा किया था कि पहली बार जब मिलेंगे तब सिर्फ चुम्बन करेंगे।
मैं तो मुठ मार रहा था, उसकी आवाज सुनते-सुनते ही मेरा पानी निकल गया।
वो बोली- जरा सब्र किया करो.. सब्र का फल मीठा होता है, कल मिलते हैं।
पर मुझ से कहाँ सब्र हो रहा था।
फिर उस दिन उसने मुझे फोन नहीं किया, रात को कॉल किया… वो भी 12.00 बजे। मैं उठा और बात करने के लिए बाहर चला गया।
तो उसने कहा- मैं आज गरबा में बहुत नाची हूँ, नाच-नाच कर पूरा बदन दुख रहा है।
तो मैंने कहा- कल सुबह मिलना है।
तो उसने मना किया, पर मैंने जिद की तो वो राजी हो गई और कहा- सुबह उसी जगह मिलते हैं, मुझे तुम्हारी बाइक भी देखनी है।
मेरे पास पल्सर बाइक है और उसे वो बाइक बहुत पसंद थी, मैंने ‘हाँ’ कर दी और कहा- तेरे लिए कुछ भी करेगा यार..।
और मराठी का एक नया-नया फेमस डायलॉग बोला- तुमचा साठी काय पण।
तो मैं सुबह ठीक उसी वक्त पर पहुँच गया।
आज भी उसने वैसे ही किया, पहले कॉल नहीं उठा रही थी। मैं उसका आने का इंतजार कर रहा था।
ठीक 6.00 बजे उसने कॉल किया- कहाँ हो?
तो मैंने कहा- गेट पर हूँ।
उसने कहा- मैं उसी जगह पर पहुँच गई हूँ।
मैं गाड़ी लेकर वहीं चला गया।
हमारा नसीब अच्छा था कि बारिश के दिनों में उस जंगल में ज्यादा कोई नहीं जाता था। वो भी इतना सुबह-सुबह।
वो घर से सुबह घूमने के बहाने से निकलती थी।
मैंने बाइक को झाड़ी की आड़ में लगा दी और अन्दर चला गया और उसे जोर से पकड़ लिया।
उसने भी मुझे कस कर पकड़ लिया और चुम्बन करने लगी।
हम लगभग 15 मिनट तक तो सिर्फ चूमा-चाटी करते रहे और मैं उसकी चूची को जोर-जोर से दबा रहा था।
मेरा यह पहला अनुभव ही था, फिर उसने मुझे दूर किया और कहने लगी- कैसी हूँ मैं?
मैंने कहा-सुना कुछ नहीं… मैं तो बस उसके ऊपर चढ़ गया और उसे जोर-जोर से चूमने लगा और उसकी चूची को चूसने लगा।
मैं उसके पजामे में हाथ डाल कर उसकी चूत को सहला रहा था।
वो भी गरम हो गई थी, उसने मेरा टी-शर्ट उतार दिया और मेरी छाती को चाटने लगी। मेरे शरीर में मानो जैसे बिजली दौड़ने लगी।
मैं उसके ऊपर था उसे दर्द होने लगा। मैं उसका तराशा हुआ बदन देखता रहा.. क्या गोरा-गोरा बदन और वो चिकने-चिकने चूचे..।
मैंने उसे नंगा करना चाहा, पर उसने मना कर दिया।
बोली- कन्डोम है क्या?
फिर मुझे याद आया कि जल्दी मैं मैंने कन्डोम लिया ही नहीं, फिर अब उसने मुझे खींच कर चूमना शुरू किया।
मैंने उसकी चूत में उंगली डाली, तो जोर से ‘हाआआ’ करने लगी। तब मुझे उसकी चूत गीली-गीली लगी।
फिर वो बरमूडा के ऊपर से मेरे लंड को सहलाने लगी और मेरे अंडों को चाटने लगी।
मुझे तो बहुत ही मजा आ रहा था कुछ बता नहीं सकता।
फिर उसने मेरा लंड बाहर निकाला तो वो उसकी तरफ देखती ही रह गई। 6 इंच लम्बा और एकदम कड़क.. न कुछ देखा न कुछ कहा बस झट से मुँह में ले लिया।
कसम से यार.. क्या मजा आ रहा था..!
मैं उसके मुँह को ही चोद रहा था। उसने बाहर निकाल कर कहा- प्लीज़ अन्दर मत छोड़ना..।
मैंने कहा- ठीक है।
करीब 10-15 मिनट तक वो मेरे लंड को मुँह के अन्दर खींचती रही थी।
मैं उसके मुँह को चोद रहा था। फिर वो मेरे पोतों पर हाथ फिराने लगी।
मैं बहुत जोर से उसके मुँह को चोदने लगा।
फिर मेरा पानी कब निकला, मुझे पता ही नहीं चला और पूरा रस मैंने उसके मुँह में छोड़ दिया।
तो जरा सी नाराज़ हो गई और वहाँ से निकल गई।
मैं उसे ‘सॉरी-सॉरी’ कहता रहा, पर वो निकल गई।
मैं भी निक़ल आया फिर उसने कॉल किया- कहाँ तक गए?
उसने मुझसे ठीक से जाने को कहा।
मैं उसे फिर से ‘सॉरी’ कहा।
तो वो बोली- ओके.. ठीक है.. जल्दबाजी में हो जाता है..
मैं खुश हो कर घर निकल आया।
बस ये मेरे जिन्दगी का सबसे अच्छा और यादगार पल रहा।
आपको मेरी ये सच्ची घटना कैसी लगी, मुझे मेल करके बताइएगा जरूर।
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