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डिवाइन लवर्स यह कहानी एक 21 वर्षीय विवाहिता की है, उसका नाम जाकिरा है।
जाकिरा का शौहर मुर्तजा दो साल से कुवैत में है। वह अपनी बीवी को कुवैत नहीं ले जाना चाहता, वह पैसे कमाने में रूचि रखता है, साल में एक बार एक माह के लिए ही आता है।
तीन माह पहले ही वो भारत आया था।
रेलवे स्टेशन पर एक बार हम दोनों की कॉमन फ्रेण्ड नलिनी के द्वारा मेरी जाकिरा से जान पहचान हुई थी।
हम दोनों ने गाड़ी का इन्तजार करते हुए काफी देर तक बात की थी।
नलिनी उसकी पड़ोसन थी, नलिनी मेरे एक दोस्त की तलाकशुदा पत्नी है। नलिनी के खुले व्यवहार से नाराज मेरे दोस्त ने उसे छोड़ दिया और दूसरी शादी कर ली।
नलिनी अकेली रहती और टीचिंग करती है।
नलिनी और जाकिरा एक ही मल्टीस्टोरी बील्डिंग में किराये पर रहती थी।
नलिनी से मेरा सेल नम्बर ले कर एक दिन जाकिरा ने मुझे कॉल किया और बताया कि उसे बैंक सम्बन्धी समस्या में मेरी मदद की आवश्यकता है तो मैंने तुरंत मदद की हामी भर दी।
अगले दिन जाकिरा से मिल कर मैंने उसकी बैंक समस्या का समाधान करा दिया। कुवैत से शौहर द्वारा उसे भेजी गई रकम का भुगतान भी 48 घंटे में करवा दिया।
उसके बाद हम दोनों में अक्सर फोन से बातें हुईं।
एक दिन नलिनी ने मजाक में मुझे छेड़ा- आजकल उस जाकिरा से तुम्हारी दोस्ती क्या हुई हमें भूल गए?
जल्दी ही मुझे समझ में आ गया कि वो मेरी तरफ आकर्षित है। और हमारे बारे में नलिनी को सब मालूम है। अब हमारे बीच नानवेज एस एम एस का आदान प्रदान होने लगा था।
एक दिन नलिनी का फोन आया, उसे गैस सिलेण्डर चाहिए था।
बात ही बात में उसने ताना मारा- जाकिरा के शौहर की तरह तुम भी उसके साथ फोन पर ही लगे रहते हो?
जाकिरा अपनी दादी सास और ससुर के साथ रहती थी। सास एक दुर्घटना में मर गयी थी। शौहर विदेश में और वो यहाँ इन्तजार में साल भर बेचैन रहती थी। शौहर रोज रात को फोन सेक्स जरूर कर लेता था। ससुर की बैग की दुकान थी।
अततः मैंने उससे अकेले में मिलने की इच्छा जताई।
शुरू में तो वह थोड़ी संकुचाई पर मैंने जब उसे समझाया कि हमारी मुलाकात बिल्कुल गुप्त रहेगी तो वह मान गई।
शहर से ठीक बाहर मेरे खेत पर बने काटेज पर दोपहर में आई थी। वह शर्माई और डरी हुई थी क्योंकि शादी के बाद वह पहली बार किसी पराये आदमी से अकेले में मिल रही थी।
मैं समय से पहले ही काटेज पहुँच गया था और मैंने उसका और उसने मुस्कुरा कर मेरा स्वागत किया।
वह गजब की गुलाबी ड्रेस में आई थी। जाकिरा बहुत ही सेक्सी, गोरी, स्लिम थी, उसका फ़ीगर वेल-मेन्टेन्ड है।
जाकिरा को देख कर मैं तो जैसे पागल हुआ जा रहा था। मैंने उसे बाहों में भर लिया, जाकिरा के होंठों पर प्यार से चुम्बन कर दिया। उसने अपना सिर मेरे कंधे पर रखा।
काटेज में पूरा दृश्य रोमांटिक फिल्म सा था, सेक्सी संगीत बज रहा था, कमरे में हल्की गुलाब की सुगंध फ़ैल रही थी। मैंने जाकिरा के गालों को छुआ और धीरे से अपने हाथ नीचे उसके गर्दन की ओर बढ़ाये। वह मुझसे ज्यादा जल्दबाज़ थी, उसने मेरा चेहरा उसकी तरफ किया और अपने होंठ मेरे होठों पर रख दिये। हम लगभग दस मिनट तक एक दूसरे को चूमते रहे। उसने अपना हेयर बैंड निकाल दिया। उसकी छाती तक की लंबाई वाले बाल बिखर गये।
मैंने उसके कपड़े खोलने शुरू किये, वो शरमाई, मुस्कुराई और अपनी आँखें बंद कर लीं।
जाकिरा मेरे गाल पर प्यार से हाथ फेरने लगी !
मैंने जाकिरा को अपने दोनों हाथों से आगे से जकड़ लिया और जाकिरा ने अपनी दोनों आँखें बंद कर ली।
कुछ देर की चूमा चाटी के बाद वो झड़ गई।
उसने पूछा- वाशरूम किधर है।
मैंने सामने की और इशारा किया तो वह वाशरूम में चली गई।
सिर्फ गुलाबी ब्रा और गुलाबी पेंटी में ही जाकिरा वाशरूम से बाहर आ गई थी।
उसकी गाउन नुमा ड्रेस उसके हाथ में थी।
जैसे ही मैंने उनको देखा तो मेरी आंखें फटी की फटी रह गई।
जाकिरा गुलाबी ब्रा और गुलाबी पेंटी में बहुत ही सेक्सी दिख रही थी।
मैं जाकिरा के पीछे चला गया और उसको मैंने पीछे से पकड़ कर उसके उरोज दबाने लगा।
उसने कहा- आहिस्ता… आहिस्ता…
फिर मैंने उसकी ब्रा हाथ ऊपर उठा कर निकाल दी और उसको चुम्बन करने लगा। उनका गोरा-गोरा बदन एकदम सोने की तरह चमक रहा था।
अब मैंने धीरे से अपना हाथ उसकी पैंटी में डाल दिया और बूब्स भी चूसता रहा।
उसकी चूत पर बाल नहीं थे और पूरी गीली हो गई थी। थोड़ी देर के बाद मैंने एक उंगली उसकी चूत में घुसा दी तो वो मचल गई। अब वो सिसकारियाँ भर रही थी।
मैंने उसकी गुलाबी पेंटी भी निकाल दी।
हाल से अब हम बेडरूम में आ गए थे। डबल बेड पर लेटते ही उसकी सांसें तेज हो रही थी। उसने मुझे बूब्स चूसने को कहा और मैंने उसका दायां चूचा चूसने लगा।
थोड़ी देर के बाद उसने मेरे जींस की ज़िप खोल दी और जींस के साथ अंडरवियर नीचे उतार दिया।
बहुत ज्यादा चुदासी हो रही थी जाकिरा ! बहुत प्यासी थी उसकी चूत लौड़े के पानी की !
वो मेरा लंड देख कर बोली- यह तो उसके पति से बड़ा है और साबुत भी है।
और उस पर हाथ फ़ेरने लगी।
हम 69 की पोजिशन में आ गये। मैं उसकी फ़ुद्दी चाटने लगा तो तड़प कर उसने भी मेरा लौड़ा अपने मुख में भर लिया और उतावली होकर जोर से चूसने लगी।
कुछ देर बाद जब हम सीधे हुए तो जाकिरा ने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली- मुझे डर लगता है। प्लीज़ ! कंडोम के बिना कुछ नहीं करेंगे।
मैंने कंडोम लगा कर उसके नीचे तकिया लगाया।
फिर धीरे से उसने- कहा कि अब मत तड़पाओ, अब अंदर डालो, मैं मर रही हूं।
और एक ही झटके में पूरा लंड उसकी चूत में घुसा दिया।
वो आह उऊ के साथ अपने होंठों को दबाये मुझे जकड़ने लगी। मैंने धक्के देने शुरु कर दिये।
थोड़ी देर में उसे मजा आने लगा और वो आगे पीछे होने लगी।
मैंने भी धक्के तेज कर दिये। दस मिनट बाद उसकी रफ़्तार तेज हो गई और मेरा भी निकलने वाला था इसलिये मैंने भी जोर से धक्का लगाना शुरु कर दिया।
मैं उसके दोनों चूचे जोर जोर से दबाने लगा।
थोड़ी देर के बाद हम दोनों ने एक एक कर अपना पानी छोड़ दिया।
मैंने कंडोम हटाया और डस्ट बिन में डाल दिया।
वो अपनी चुदाई से बहुत खुश थी।
थोड़ी देर ऐसे ही लेटे रहे। आधा घंटे बाद वो फिर से लंड से खेलने लगी, कह रही थी- जिन्दगी में पहली बार पूरा लवड़ा देखा और लिया है।
मैं पूछना चाह रहा था कि अब तक कितने लौड़े खा चुकी हो मगर मैं बात बिगड़ने के डर से चुप रहा।
जैसे ही लंड खड़ा हुआ उसने अपने हेंड-बेग से एक इम्पोर्टेड स्प्रे निकाला और लंड पर छिड़कने लगी।
स्प्रे से मेरा लंड अब पत्थर सा कड़ा हो गया था..
फिर उसने मुझे सेक्स पावर बढाने वाली इम्पोर्टेड च्युंगम चूसने को दी।
5 मिनट में वो बेहद उत्तेजित नजर आने लगी।
मैंने पूछा- ये चीजें तुमने खरीदी क्या? वो बोली- नही, ये मुर्तजा पिछली बार लाया था।
मैंने अपने होंठ जाकिरा के होंठों पर रख दिए। फिर मैं उसके नरम-नरम होंठों को अपने होंठों में भर कर चूसने लगा।
उसने मुझे अपनी बाँहो में कस लिया। मेरे हाथ जाकिरा के गोरे और चिकने जिस्म पर फिर रहे थे।
जाकिरा भी अपने हाथों को मेरी पीठ पर फिर रही थी।
कुछ देर मैं फिर मैं जाकिरा के ऊपर लेट गया, मैं उसके गुलाबी निप्पल को हल्के-हल्के मसलने लगा।
मेरा लण्ड और जाकिरा की चूत से रगड़ खा रहा था।
मैं जाकिरा की चिकनी टांगों पर हाथ फिराने लगा।
मेरा लण्ड जाकिरा को दोबारा चोदने को बेताब हो रहा था, मैंने दूसरा कंडोम लगा लण्ड को धीरे से जाकिरा की चूत में अन्दर घुसा दिया।
मैं अपने लण्ड को जाकिरा की चूत के अन्दर-बाहर करने लगा।
कुछ देर बाद जाकिरा ने अपनी टांगें मेरी कमर के दोनों तरफ लपेट ली।
धीरे-धीरे मेरी रफ़्तार बढ़ने लगी, अब मेरा लण्ड तेज-तेज धक्के मार रहा था, हम दोनों सेक्स के नशे में चूर हो रहे थे। जाकिरा को भी मजा आने लगा था। वो मेरे हर धक्के का स्वागत कर रही थी।
जब मैं लण्ड उसकी चूत में से बाहर खींचता तो वो अपने चूतड़ ऊपर उठा देती, जब मैं लण्ड उसकी चूत के अन्दर घुसाता तो वो अपने कूल्हे पीछे खींच लेती।
मैं तेज-तेज धक्के मार कर जाकिरा को चोदने लगा। मैं बैड पर हाथ रख कर जाकिरा के ऊपर झुक कर तेजी से उसकी चूत मारने लगा। अब मेरा लण्ड जाकिरा की चिकनी चूत में तेजी से आ-जा रहा था।
मैं जाकिरा को पागलों की तरह से चोद रहा था, जाकिरा इस चुदाई के नशे से मदहोश हो रही थी।
लगभग 15 मिनट तक हम दोनों चुदाई का मजा लेते रहे। फिर अचानक जाकिरा ने मुझे कस कर अपनी बाँहो में भर लिया, वो झड़ रही थी। मैं भी डिस्चार्ज होने वाला था, अब मेरा लण्ड जाकिरा की चिकनी चूत में तेजी से आ-जा रहा था।
जाकिरा आँखें बंद करके मेरे डिस्चार्ज होने का इंतजार कर रही थी। लगभग 2 मिनट तक जाकिरा को तेज-तेज चोदने के बाद मैं डिस्चार्ज हो गया।
बीस मिनट बाद हम दोनों ही साथ में वाश रूम में गए, दोनों थोड़ी देर गरम पानी के टब में बैठे और एक दूसरे के अंगों को धोते रहे। फिर वो तैयार होकर अपने घर लौट गई।
तो दोस्तो, कैसी लगी मेरी यह कहानी। अच्छी लगी या बुरी, प्लीज मेल कीजिये !
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