This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000
गाँव वाली लड़की ने मुझे घर बुला कर नंगा किया और मेरे लंड को चूसने लगी पागलों की भाँति. वो मुझे कुछ करने नहीं दे रही थी. वो मेरी मालकिन जैसा बर्ताव कर रही थी.
हाय फ्रेंड्स … मैं एक बार फिर से आपको उस रॉंग नम्बर वाली लौंडिया की चुदाई की कहानी आगे सुनाने आ गया हूँ.
अब तक आपने पढ़ा था कि मैं गुड़िया की चुत में मुँह लगाने के लिए नीचे हुआ ही था कि उसने मुझे हटा दिया और खुद बेड से नीचे उतर गई.
अब आगे:
मैंने कहा- क्या हुआ?
उसने बिना कुछ बोले मुझे धकेला और मेरे ऊपर आ गयी. वो अपनी एक चूची फिर से मेरे मुँह में डालने लगी. मैं भी चूसने लगा. वो अपने हाथ से पकड़ कर अपनी दोनों चूचियों को मेरे मुँह में एक साथ घुसाने लगी.
उसकी चूचियों के दोनों निप्पल इतने पास थे कि दोनों को मैं एक साथ मुँह में भर सकता था, तो मैंने दोनों को साथ में चूसा.
कुछ देर यही चलता रहा.
फिर वो उठ कर मेरे दोनों पैर के बीच में आ गई और मेरा लंड जो कि अब एकदम बौखलाया हुआ था, उसे पकड़ कर चूसने लगी.
इस बार उसने खुद ही लंड को पूरा मुँह में भर लिया और जब लंड को बाहर निकाला तो फक सी आवाज़ आई. अब वो लंड को ऐसे चूसने लगी कि जैसे रस निचोड़ रही हो. खुद ही मेरे लंड से अपना मुँह चोदने लगी.
उसकी इस अदा से मैं काफी उत्तेजित हो गया. मेरे मुँह से ‘उन्ह … आह …’ निकल गया. उसकी इस जबरदस्त चुसाई से मेरा लंड झड़ने वाला था. मैं अकड़ गया … मेरी कमर नीचे से खुद ही उठने लगी.
मैंने कहा- बस अब … अब निकल जाएगा! उसने तुरंत लंड को मुँह से निकाला और हाथ से हिलाने लगी.
लंड ने ज़ोर की पिचकारी मारी. पहली धार उसके मुँह पर गिरी और फिर मेरे पेट पर. उसके हाथ पर लंड ने वीर्य रस का छिड़काव कर दिया. जब लंड ने पिचकारी मारना बंद कर दिया, तो उसने फिर से लंड को मुँह में भर लिया और बचे हुए रस को पी गयी.
मेरा लंड जब ढीला पड़ गया, तब उसने छोड़ा और अपना दुपट्टा उठा कर लंड का पानी अपने मुँह से और मेरे पेट से अच्छी तरह से पौंछ कर साफ़ कर दिया.
इसके बाद वो मुस्कुराती हुई मेरे ऊपर लेट गयी और मेरा हाथ पकड़ कर अपनी चुत पर लगाने लगी. मैं तो शांत पड़ गया था … मगर जब उसने ऐसा किया तो मैंने उसे अपने ऊपर से हटाया और उठ कर उसकी टांगों के बीच में आ गया. मैंने उसकी दोनों टांगों को फैलाया और उसकी चुत में मुँह लगा कर चाटने लगा.
मैं उसके चुत के दाने को चूसता हुआ जीभ उसकी चुत में घुसा कर उसको अपनी जीभ से चोदने लगा. कुछ ही देर में मैं उसकी चुत में उंगली घुसा कर हिलाने लगा. इससे वो भी कमर उठा कर पटकने लगी. फिर मैंने अपनी दो उंगलियां उसकी चुत में घुसा दीं और उंगलियों से ही चोदने लगा.
उसने चादर को अपनी मुट्ठी में भर लिया और उसके मुँह से ‘आ..ह’ निकल गया.
मैंने फिर चुत में अपना मुँह लगाया और उसकी चुत चाटने लगा. उसकी फांकों को होंठों में दबा कर चूसकर दांत से काट लेता. इस तरह से मैंने उसकी चुत में धूम मचा दी. अब वो अकड़ने लगी.
उसने कहा- आह … आ रही हूँ मैं … मैंने चूत चूसते हुए ही कहा- उंह … आ जाओ.
मैं उसकी चुत में भिड़ा रहा. उसकी चुत पानी से भरने लगी. मैंने चूस चूस कर सारा पानी पी लिया. वो एकदम शांत पड़ गयी.
थोड़ी देर तक मैंने उसकी चुत को चाटा. उसके बाद मैं भी उसके साथ लेट गया.
उसका सर अपने हाथ पर रख कर उसे लिटा लिया … और उसके उलझे हुए बालों को सुलझाते हुए मैंने उसे एक किस किया. उसके चेहरे पर मुसकान फैल गयी.
मैंने उसका हाथ पकड़ा और अपने लंड पर रख दिया. वो लंड सहलाने लगी और बोली- ये तो सो रहा है. मैंने कहा- जगाओ.
वो मेरे ऊपर आ गई और होंठों पर किस किया. फिर किस करते करते लंड तक पहुंच गयी. लंड को मुँह में भरा और चूसना चाटना शुरू कर दिया. कुछ ही देर की मेहनत से लंड भी तनतनाने लगा.
थोड़ी देर चूसने के बाद लंड एकदम चुत चोदने के लायक हो गया. उसने मुझे देखा और मुस्कुराकर लंड हाथ में लेकर अपनी चुत पर रगड़ने लगी. उसकी चुत भी गीली थी. उसने लंड अपनी चुत के छेद पर सैट किया और धीरे से लंड को अपनी चुत में उतारने लगी.
इस बार उसके मुँह से आवाज़ तो नहीं आई, मगर आंखें बंद करके मुँह को ‘एयेए..’ करके खुला किए हुए आधे लंड को अपनी चुत में उतार कर अन्दर बाहर करने लगी.
कुछ देर वो ऐसे ही आधे लंड से खुद को चोदती रही, फिर मैंने उसकी कमर को पकड़ा और नीचे से धक्के मार कर पूरा लंड उसकी चुत में धांस दिया. वो पूरे लंड को चुत में घुसा कर बैठ गयी.
कुछ देर बैठे रहने के बाद वो लंड को चुत में लिए हुए कमर को गोल गोल घूमने लगी … जैसे चकिया का मूठा पकड़ कर गेहूँ पीस रही हो. फिर रुक कर मेरी तरफ झुकी और मुझे चूमने लगी … साथ ही गांड उठा उठा कर चोदने लगी.
अब मैंने उसके चूतड़ पकड़े और उसे थोड़ी रफ़्तार के साथ चोदना शुरू कर दिया. वो सीधी हो कर सर ऊपर उठाकर मज़े से चुदने लगी.
कुछ देर इसी तरह चोदने के बाद मैंने लंड चुत से बाहर निकाल लिया. वो लंड पकड़ कर फिर से चुत में डालने लगी.
मैंने लंड हटा दिया और खड़ा होकर बेड से उतर गया. उसने कुछ कहा तो नहीं, पर चेहरे के हाव-भाव से पता चल रहा था कि जैसे कह रही हो कि रुक क्यों गए, चोदो मुझे.
मैंने उसकी टांग पकड़ी और उसे खींच कर बेड के किनारे पर ले आया. मेरे खींचने से वो बेड पर लेट गयी. अब मैंने उसकी दोनों टांगों को अपनी कमर के इर्द गिर्द किया और उसकी चुत पर लंड रगड़ने लगा. उसकी चुत रस से लबालब थी.
मेरे मन में शरारत सूझी, तो मैंने उसका दुपट्टा उठाकर उसकी चुत को पौंछ दिया, जिससे चुत की चिकनाहट खत्म हो गयी. फिर मैंने लंड को सैट किया और एक ज़ोरदार धक्के से पूरा लंड चुत पेल दिया.
उसने ‘आअहह … हल्ला..’ किया. उसे दर्द हुआ था तो उसने माथे को सिकोड़ लिया और उसके हाथ चुत पर आ गए.
मैं कुछ देर रुक गया और फिर से धक्के मारने लगा. धीरे धीरे कमर हिलाने की स्पीड बढ़ाने लगा. कुछ ही देर में पूरे कमरे में ‘फ़चर फ़चर..’ की आवाजें आने लगी’. मैं बस लगातार गुड़िया को चोद रहा था. अब उसने भी मचलना शुरू कर दिया था. झड़ तो वो कब की चुकी थी.
मैं भी जानता था कि मेरा अब झड़ना जल्दी नहीं होगा … क्योंकि दुबारा में मैं जल्दी नहीं झड़ता हूँ. उसने अपने मुँह से एक बार मेरे लंड को झाड़ कर अपनी चुत की शामत बुला ली थी.
लगातार धकापेल चुदाई से अब उसकी चुत तौबा बोल रही थी. उसके चेहरे पर अब मज़े के नहीं, दर्द के भाव आने लगे थे. फिर भी वो लंड बर्दाश्त कर रही थी.
शायद ये सोच कर कि जल्दी ही लंड झड़ जाएगा … अब ये रुक जाएगा … पर मैं कहां रुकने वाला था.
मैं उसे चोदते हुए झुक गया और उसके होंठों को चूसने लगा. फिर उसकी दोनों चूचियों को हाथ से पकड़ कर चोदने लगा. वो दर्द से बेचैन थी और इधर उधर होने लगी ताकि मैं सही से धक्के ना मार सकूं.
फिर मैंने उसकी चूचियों को छोड़ा … और उसकी कमर पकड़ ली. अब वो कुछ नहीं कर पा रही थी और मैं धक्कम पेल चुदाई कर रहा था. उसकी चूचियां उछल उछल कर आगे पीछे हो रही थीं.
उसकी चुत एकदम सूख गयी थी. मेरा लंड रगड़ खाते हुए बड़ी मुश्किल से अन्दर जा पा रहा था.
कुछ धक्कों के बाद उसके सब्र का बांध टूट गया और वो गिड़गिड़ाने लगी- आह … मर गई … अम्मी … अब बस करो … छोड़ दो और नहीं … आह नहीं … बस … आह बस करो … उंह बस बस. मेरे पेट पर हाथ लगा कर वो मुझे रोकने लगी थी.
मैंने अचानक से उसे छोड़ते हुए लंड बाहर कर दिया.
उसने सांस लेते हुए कहा- अब बस अब और नहीं! मैं उसे चूमते हुए बोला- मेरी जान अभी तो मेरा बाक़ी है. वो- जानती हूँ … पर अब मैं और नहीं झेल सकती.
मैंने उसकी सूखी हुई चुत में उंगली करनी शुरू कर दी.
उसने कहा- नहीं प्लीज़ अब नहीं … जलन हो रही है. मैंने कहा- थोड़ा और बस एक बार. वो- नहीं प्लीज़ अब नहीं.
मैं उसकी चूचियों पर टूट पड़ा. उन्हें चूसने लगा और एक हाथ से चुत को सहलाने लगा. फिर मैंने अपने हाथ में थोड़ा सा थूक लगाकर उसकी चुत पर लगाया और थोड़ा सा थूक लंड पर लगा कर उसकी चुत में लंड को पेलने लगा.
वो खिसक कर पीछे होते हुए बोली- आन्ह … अब नहीं जाएगा. मैंने कहा- तुम जाने दो बस.
मैं थोड़ा सा थूक और लगाया. इस बार मैंने लंड को चुत में घुसा दिया. लंड लेते ही उसके मुँह से ‘आहल्लाह … मर गई..’ निकल गयी.
मैं उसे धीरे धीरे चोदने लगा. लंड चुत में बड़ी मुश्किल से घुस पा रहा था. थोड़ी देर आराम आराम से चोदने के बाद उसकी चुत फिर से गीली होने लगी.
मैंने उसको किस किया और उसके कंधे और गर्दन में सर घुसा कर तेजी से चोदने लगा. चुत गीली थी … मैं भी सोच रहा था कि अब मैं झड़ जाऊं. इसी के चलते मैं ज़ोर के धक्के लगाते हुए चोदने लगा. मैं बहुत देर तक चोदता रहा … मगर लंड को जाने क्या हो गया था. खुद के झड़ने के चक्कर में मैं उसे अंधाधुंध चोदे जा रहा था.
अब उसकी चुत फिर से सूख रही थी. वो कहने लगी- बस अब छोड़ो! मैं छोड़ने की जगह धकापेल चोदे जा रहा था. मैंने झड़ने के लिए अपनी स्पीड भी बढ़ा दी.
वो कहने लगी- आंह छोड़ो … मुझे पेशाब आ रही है. फिर भी मैं नहीं रुका … बस चोदे जा रहा था. वो तड़पने लगी, ऐंठने लगी.
‘आह छोड़ो … वरना मैं पेशाब कर दूंगी.’ उसने कहा, तो मैंने कहा- कर दो.
मैं नहीं माना … बस चुत चोदता रहा.
वो बार बार ‘छोड़ो … छोड़ दो … बस करो..’ कह रही थी. पर मैं बस लगा हुआ था.
उसने मुझे ज़ोर से धकेला, थोड़ा खुद भी पीछे हुई … तो मेरा लंड उसकी चुत से निकल गया.
वो तुरंत उठ कर मूतने लगी. उसकी पेशाब से मेरा लंड भीग गया. बेड की चादर भी भीग गयी. मैंने कहा- अबे, ये क्या कर रही हो?
उसने जैसे खुश होकर मुझे अपने ऊपर खींच लिया और बोली- कब से बोल रही हूँ … रुक जाओ रुक जाओ … तुम्हें समझ नहीं आ रहा था क्या? मैंने कहा- तो इसका मतलब क्या हुआ … तुम मूत दोगी?
उसने हंस कर मेरे चेहरे को पकड़ लिया और मुझे गाल पर माथे पर होंठों पर खूब चूमा.
फिर बोली- ऐसे चोदोगे तो मैं क्या, कोई भी होगी … मूत तो देगी ही. मैंने कहा- ऐसा क्यों? वो बोली- बस ऐसे ही.
मैंने अपना लंड जो कि थोड़ा ढीला हो गया था … उसके हाथ में पकड़ा कर बोला- अब इसका कुछ करो.
वो उठकर मुस्कुराई और लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी. वो बहुत खुश नज़र आ रही थी और लंड को बड़ी मगन हो कर चूस रही थी.
कुछ देर तक लंड चचोरती रही … तो मैंने कहा- अब अपनी चुत में लो. उसने कहा- मुश्किल है … कोशिश करके देख लो.
मैंने उसकी चुत में हाथ लगाया तो वो एकदम खुश्क पड़ी थी … बिल्कुल सूखी हुई थी.
मैंने उसको लिटा दिया और चुत को चाटने चूमने लगा. उसकी पेशाब की गंध मुझे और भी ज्यादा कामुक कर रही थी. थोड़ी देर चुत चूसने के बाद मैंने उसको उठाया और दीवार से सटा कर खड़ी कर दिया और उसकी एक टांग उठा कर हाथ में ले ली.
वो बोली- नहीं होगा. मैंने उसके होंठों को चूसते हुए दांत से काट लिए और बोला- इस बार हो ही जाएगा.
मैंने थोड़ा सा थूक निकाल कर लंड और चुत पर लगाया. लंड को चुत में घुसाने लगा तो उसने मुझे कसके पकड़ लिया. मैंने उसके चूतड़ों पर हाथ लगाया और लंड को उसकी चुत में धीरे धीरे उतारने लगा.
वो ‘इस … उहह..’ किए जा रही थी.
मैंने किसी तरह से अपना पूरा लंड उसकी चुत में पेल दिया और धीरे धीरे चोदने लगा.
इस पोजीशन में चुत चोदना मुझे पसंद है … ये मेरा पसंदीदा आसन है, तो बस चुत गीली करके कुछ ही देर में मैंने स्पीड बढ़ा दी और लगातार चोदने लगा. उसने भी साथ दिया.
फिर इस जबरदस्त चुदाई का अंत हुआ … लंड ने पिचकारी मारी और लंड ने सारा माल उसकी चुत में फेंक दिया.
झड़ने के बाद भी लंड को मैंने उसकी चुत में रहने दिया … और किस करने लगा. वो भी खुशी खुशी मुझे चूम रही थी. लंड खुद ही ढीला होकर चुत से बाहर हो गया.
मैंने उसको गोद में उठा कर बेड पर लिटा दिया. फिर हमने बहुत देर तक बातें की.
मैंने फिर से चोदने को पूछा तो उसने साफ साफ मना कर दिया. वो बोली- जान लोगे क्या … अब तो आज क्या कम से कम दो तीन दिन तक चुदवाने की हिम्मत नहीं होगी. मैंने कहा- अरे ऐसा क्यों बोल रही हो? वो- इस तरह से चोदे हो कि चुत का कचूमर बन गया है … नीचे अभी भी ऐसे जल रहा है … जैसे मिर्ची डाली हो.
इतना बोल कर वो हंसने लगी.
मैं कुछ देर और रुका, फिर वहां से निकल गया. मैंने कुच्ची को फोन किया और वो कुछ ही देर में आ गया.
हम दोनों सर्दी में घर के लिए निकल पड़े. रास्ते भर कुच्ची पूछता रहा कि कैसे किया और क्या किया. मैं उसको सारी बात शुरू से आख़िर तक बताता रहा और हम यही सब बात करते हुए घर पहुंच गए.
मैं दो महीने तक गांव में था. उन दो महीनों में मैंने कई बार उसको चोदा. फिर मुंबई वापस आ गया.
दोस्तो, ये उस अनजान कॉल से लौंडिया को चोदने की सेक्स कहानी थी … अब अगर आप सभी का प्यार मिला, तो अपने दूसरे अनुभव को भी शेयर करूंगा.
आपकी मेल आने तक के लिए विदा. [email protected]
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000