This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000
जिम मौरीसन यह कहानी मेरी पहली कहानी है और सच्ची है। मेरे घर के बगल में एक लड़की रहती है जिसका नाम सिम्मी है, बहुत ही खूबसूरत है लेकिन घर के एकदम पास होने के कारण मुझे उससे राखी बंधवानी पड़ती थी। लेकिन इसी के कारण मैं उससे बेहिचक मिलता भी था, ना मेरे घर वाले और ना ही उसके घर वाले मुझ पर शक कर सकते थे। उसके स्तन और लड़कियों से काफी बड़े थे, उसके नितम्ब को जब भी मैं देखता.. सोचता काश किसी दिन मैं इन्हें नंगे देख सकूँ..! एक दिन की बात है उसकी माँ हमारे घर आईं और मुझसे कहा- सिम्मी को कुछ सामान लेना है, तो उसके साथ चले जाओ। वैसे तो मैंने सिम्मी को काफी बार अपने साथ गाड़ी में बैठाया है लेकिन उस दिन मैं ज्यादा खुश इसलिए था क्योंकि उस दिन मैं अपने दोस्त की बाइक लाया था जिसकी सीट पीछे से काफी उठी हुई थी तो ब्रेक लगाने के बाद सिम्मी के बड़े चूचों का अपने पीठ से स्पर्श करवा सकता था। मैंने तुरंत अपनी गाड़ी निकाली और सिम्मी को बुलाया। सिम्मी मेरे पीछे बैठ गई और हम लोग बातें करते-करते निकल गए। सिम्मी वैसे बहुत ज्यादा बातें करती है। लेकिन मेरा ध्यान तो कहीं और था। एक जगह मैंने जोर से ब्रेक लगाया और उसकी चूचियाँ एकदम से मेरी पीठ से चिपक गईं। हाय…उसके इस मक्खनी स्पर्श के बारे में मैं क्या कहूँ..! मैंने पूरे रास्ते भर यही किया और मजे लेते रहा। लेकिन उसने मुझे एक बार भी कुछ नहीं कहा, जिससे मुझे काफी आत्मविश्वास आ गया। मैंने सोचा कि अगर इसने मुझे कुछ नहीं कहा तो मैं इसके साथ मजे ले सकता हूँ। जब हम लोग घर वापिस आए तो उसकी माँ मेरे घर पर ही थीं। सिम्मी सामान ले कर अपने घर गई। तभी मेरी माँ ने मिठाई दी और कहा- सिम्मी को भी दे दो। मैं मिठाई लेकर उसके घर गया। मैंने उसे आवाज़ लगाई, पर उसका जवाब ना आने के कारण मैंने दरवाज़ा पर जोर से धक्का मारा और दरवाजा खुल गया। अचानक ही मेरे हाथ से मिठाई नीचे गिर गई क्योंकि वो एकदम नंगी थी मुझे अचानक देख कर वो अपने दोनों स्तनों को छुपाने लगी। लेकिन वो अपनी चूत कैसे छुपाती। मैं उसे ऐसे ही देखता रहा। तभी सिम्मी ने जोर से आवाज़ दी- जिम बाहर जाओ! मैं होश में आया, बाहर आया। फिर थोड़ी देर के बाद उसने अन्दर आने को कहा, तब तक सिम्मी ने कपड़े पहन लिए थे। सिम्मी गुस्से से- खटखटा नहीं सकते थे क्या? मैं- तुमको आवाज़ दी थी, पर तुमने ही नहीं खोला था। सिम्मी थोड़ा शरमाते हुए- तुमने तो मेरी इज्ज़त देख ली है.. प्लीज किसी को मत कहना। मैं- मैं किसी से नहीं कहूँगा लेकिन क्या मैं फिर से तुम्हें उसी तरह देख सकता हूँ? सिम्मी- एक शर्त पर.. तुमको भी दिखाना पड़ेगा… लेकिन किसी के भी हाथ नहीं लगाएँगे.. सिर्फ देखेंगे! मैं- मैं तो तुम्हें अपना सब कुछ दिखाने के लिए तैयार हूँ। सिम्मी- पहले तुम। मैं अपने कपड़े धीरे-धीरे उतारने लगा। अब मैं सिर्फ अंडरवियर में था, जो कि लण्ड खड़े होने की वजह से टेंट की तरह हो गया था। मैंने सिम्मी से कहा- मेरा अंडरवियर तुम नीचे करोगी। सिम्मी ने मुझे शक भरी निगाहों से देखा और कहा- कुछ करोगे तो नहीं? मैंने हँसते हुए कहा- अरे मैं कुछ नहीं करूँगा। सिम्मी मेरे पास आई और उसने एकदम से मेरा अंडरवियर नीचे कर दिया। मेरा लण्ड पहले से खड़ा था, अंडरवियर एकदम से नीचे करने कारण मेरा लण्ड एकदम से सिम्मी के मुँह पर लगा। वो एकदम से पीछे हुई और बोली- मैंने कहा था छूना नहीं। तो मैंने कहा- मैंने नहीं.. मेरे लण्ड ने तुम्हें छुआ है। वो कुछ नहीं बोल पाई, वो मेरे लण्ड को कुछ देर तक यूँ ही देखती रही। वो शायद छूना चाहती थी पर उसी ने कहा था कि हम लोग एक-दूसरे को नहीं छुएंगे। मैं अपना लण्ड हाथ में लेकर धीरे-धीरे आगे-पीछे करने लगा। मैं अपना लण्ड हिलाते-हिलाते उसकी आँखों में देख रहा था। सिम्मी का चेहरा देखने लायक था, तभी मैंने उससे कहा- अब तुम्हारी बारी है। वो बहुत ज्यादा शर्मा गई थी। उसका चेहरा लाल हो गया था। सिम्मी- नहीं… नहीं… मुझे बहुत शर्म आ रही है। मैं- अच्छा… मुझे नंगा करके तुम ऐसे नहीं कह सकती, तुम्हें भी पूरा नंगा होना पड़ेगा। मैं उसके सोफे पर बैठ गया और अपना पैर फैला कर अपना लण्ड हिलाते-हिलाते उसे देखने लगा। सिम्मी ने धीरे-धीरे अपना टॉप उतारा। उसके चूचों की गली देख कर मुझे बहुत मजा आया। फिर सिम्मी ने अपनी स्कर्ट नीचे की ओर सरका दिया। फिर वो अपने हाथों से अपने आप को ढकने लगी। मैंने उसे मेरी आँखों में देखने को कहा, उसने मुझे देखा और फिर मेरे लण्ड को। अचानक ही सिम्मी ने बोल पड़ी- तुम्हारा कितना बड़ा है और यह कितना टाइट है?? मैं- यह तो तुम्हीं बता सकती हो। उसके लिए तुम्हें इसे अपने कोमल हाथों में लेना पड़ेगा लेकिन तुम पहले कपड़े उतारो। सिम्मी मुँह बनाते हुए कहा- ठीक है मैं अपने कपड़े उतार रही हूँ, लेकिन हाथ में लेने की बात बाद में सोचूंगी। फिर सिम्मी ने अपनी ब्रा की हुक खोली और शरमाते हुए हटाने लगी। इस बीच मेरी दिल की धड़कनें तेज हो गई थीं। मैंने अपना हाथ अपने लण्ड से हटा लिया था ताकि सिम्मी मेरे लण्ड को पूरे ढंग से देख सके। मेरा लण्ड खुद ही सलामी देने लगा। ब्रा के गिरते ही मेरे मुँह से ‘आह’ निकली। मैं उसे पकड़ना चाहता था, दबाना चाहता था, उसके साथ खेलना चाहता था। फिर मैंने अपने आपको संभाला और उससे धीरे से कहा- मुझे अब जन्नत दिखाओ..! यह सुनते सिम्मी ने बड़ी प्यारी सी मुस्कान दी। आखिरकार सिम्मी ने अपनी पैन्टी उतार दी। अब वो और मैं एक-दूसरे के सामने बिलकुल नंगे थे। उसकी चूत में बहुत हल्के-हल्के से बाल थे। तभी मेरे दिमाग में एक बात सूझी। मैंने उससे कहा- तुम दुनिया की सबसे सुन्दर परी हो। अगर तुम ये बाल भी साफ़ कर दो तो तुम्हें देखने के बाद मेरी कोई इच्छा बाक़ी नहीं रहेगी। सिम्मी- मुझे नीचे रेजर चलाने में डर लगता है। बहुत मुश्किल से कभी-कभी शेव कर लेती हूँ। मैं- देखो सिम्मी जब मैं आज हूँ तो तुम्हें डरने की जरूरत नहीं है। सिम्मी- लेकिन तब तो तुम्हें छूना पड़ेगा। और हमारी डील कुछ और थी। मैं- मैं छूने से ज्यादा कुछ नहीं करूँगा। और उसके बाद तुम्हें भी अच्छा लगेगा। आखिरकार थोड़ा सा मनाने पर वो मान गई और मुझे बहुत मजा आने वाला था। वो अपना शेविंग क्रीम ले आई। मैं सोफे पर से उठ गया। सिम्मी बड़े प्यारी सी नज़र से मेरे पूरे तने हुए लण्ड को देखती रहती। मैंने उसे सोफे पर बिठाया उसकी दोनों टांगों को पकड़ा और एकदम फैला दिया। जन्नत मेरे सामने था सिर्फ छूने भर की देर थी। मैंने शेविंग क्रीम हाथ में ली और धीरे से उसकी चूत पर लगाई। मेरा हाथ लगते ही सिम्मी एकदम से उछल पड़ी। मैंने उसके दोनों टांगों को पकड़ा बैठा दिया। सिम्मी के मुँह से ‘उफ़..आह.. ऊइ म्.. उम्म…’ की आवाजें निकलने लगीं। मैंने उसकी चूत पर अच्छे से क्रीम लगाई और इसी बहाने उसकी चूत को अच्छे से अपने हाथों से मसला। दोस्तों लड़कियों की चूत बहुत ही कोमल होती है इसका बयान करना मुश्किल होता है आप सिर्फ एहसास कर सकते हो। फिर मैंने रेजर से उसकी चूत को पूरा साफ़ कर दिया। अब उसकी पूरी साफ़ चूत मेरे आँखों के सामने थी। प्यारा सा मदहोश कर देने वाला माहौल था। मैंने आफ्टर शेव लोशन लिया और पूरी चूत में लगाया। गर्म चूत पर ठंडा आफ्टर शेव लोशन उसको बड़ा मजा दे रहा था। अचानक मैंने अपनी एक उंगली उसकी चूत में घुसा दी और सिम्मी के मुँह से चीख निकल पड़ी। अब वो पूरी मदहोश हो चुकी थी। फिर मैंने एक उंगली और घुसा दी। अब मैं अपनी उंगली जोर-जोर से अन्दर-बाहर करने लगा। उसकी चूत में से पानी निकलने लगा। सिम्मी अपने हाथों से अपने चूचे दबाने लगी। मैं अचानक रुक गया और उसके सामने खड़ा हो गया। सिम्मी ने आँखें खोलीं। सिम्मी- क्या हुआ तुम रुक क्यूँ गए? मैं- तुम्हीं ने तो कहा था कि छूना नहीं। सिम्मी- इतना सब करने के बाद तुम्हें लगता है कि मुझे वो बात याद रहेगी.. प्लीज जो कर रहे थे करते रहो.. नहीं तो मैं पागल हो जाऊँगी। मैं- लेकिन मेरा क्या होगा, तुम्हें भी मेरा पकड़ना पड़ेगा। सिम्मी सोफे पर से उठी और मुझे बैठा दिया। मेरा लण्ड उसके सामने था और पूरा खड़ा था। सिम्मी ने धीरे से अपना हाथ मेरे लण्ड पर रखा और पकड़ लिया। उफ्फ्फ्फ़… यह जो एहसास था.. उफ्फ्फ..! फिर वो धीरे-धीरे ऊपर-नीचे करने लगी, मेरे हाथ धीरे से उसके चूचों को दबाने लगे। सिम्मी- जब तुम्हारा वीर्य निकलने लगे तो मुझे बता देना ताकि मैं सामने से हट जाऊँ और मेरे ऊपर न गिरे। मैं नहीं चाहती कि वो मेरे ऊपर गिरे। पर मैं मन ही मन ऐसा नहीं चाहता था। करीब 5 मिनट के बाद जब मेरा वीर्य निकलने ही वाला था। मैं- सिम्मी जरा ये देखो…देखो.. तो मेरे लण्ड के ऊपर ये क्या लगा हुआ है। वो देखने के लिए थोड़ा नजदीक आई वैसे ही मैंने उसके निप्पल को थोड़ा तेज दबाया उसने ‘आह’ किया जिससे उसका मुँह खुल गया और तभी मेरे लण्ड से वीर्य की एक तेज धार उसके मुँह में चली गई। उसने तुरंत अपना मुँह बंद किया और बाकी का वीर्य उसके चेहरे पर जा लगा। सिम्मी इससे पहले कुछ समझ पाती मेरा पूरा वीर्य उसके चेहरे पर जा लगा और धीरे-धीरे उसके चूचों तक गिरने लगा। पर सिम्मी ने तब तक मेरा लण्ड नहीं छोड़ा था। सिम्मी थोड़े देर मेरा पकड़े हुए मुझे देखती रही फिर एक हल्की सी मुस्कान दे कर मेरे लण्ड को जोर से दबा दिया और मुझे इसमें भी मजा आया। अब मैंने उससे सोफे पर बैठा दिया फिर उसके पैर फैला कर अपनी दो उंगलियाँ उसकी चूत में घुसा दीं। मेरा एक हाथ उसकी चूची को दबाने लगा, दूसरा उसकी चूत में अन्दर-बाहर करने लगा। कुछ देर बाद उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया। फिर कुछ देर यूँ ही पड़े रहने के बाद मेरा फिर खड़ा होगा। फिर मैंने उससे अपनी गोद में उठाया और बिस्तर पर ले गया। उसकी टांगों को पूरा फैलाने के बाद मैंने अपना लण्ड उसकी चूत के पास धीरे-धीरे घुसाने लगा। क्योंकि उसकी चूत काफी तंग थी इसलिए सिम्मी को थोड़ा दर्द जैसा हो रहा था। मैं उसकी आँखों में देख रहा था मैंने धीरे से अपने होंठ सिम्मी के मुलायम होंठों पर रख दिए। मैंने उसे जोर से दबाया और मैंने अपना लण्ड एक जोरदार झटके से उसकी चूत के अन्दर घुसा दिया। उसकी आँखों से आंसू आ गए। फिर थोड़ी देर तक अपना लण्ड आगे-पीछे करने के बाद उसे और मुझे बहुत मजा आने लगा। करीब दस मिनट के बाद मैंने सिम्मी से कहा- मैं अब झड़ने वाला हूँ तो कहाँ निकालूँ..! लेकिन शायद वो इतनी मदहोश थी कि उसने मेरी ये बात नहीं सुनी और 2-3 झटके देने के बाद मैंने एक जोरदार झटका दिया। मेरा पूरा लण्ड उसकी चूत के अन्दर तक चला गया और मैं उसकी चूत के अन्दर ही झड़ गया। थोड़ी देर तक मैंने अपना लण्ड उसकी चूत के अन्दर ही रखा और सिम्मी के ऊपर ही लेट गया। सिम्मी ने मुझे चुम्बन किया और उठ कर हम दोनों नहाने चले गए। मैंने ऊपर से नीचे तक उससे साफ़ किया और सिम्मी ने मुझे। दोस्तो, आपको मेरा अनुभव कैसा लगा बताने के लिए प्लीज मुझे मेल करें। [email protected]
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000