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पन्कुश मेरा नाम पन्कुश है, मैं अम्बाला से हूँ, बी एस सी 2nd year में पढ़ता हूँ। मेरा लंड 7 इंच लंबा और मोटा है। अन्तर्वासना पर मेरी यह पहली कहानी है। आज मैं आपको अपने जीवन में बीती हुई सच्ची कहानी बताने जा रहा हूँ। बात तब की है जब मैं 12वीं क्लास में पढ़ता था। मैं पढ़ने के लिए अपने मामाजी के यहाँ गया हुआ था। तो वहाँ हमारे पड़ोस में एक लड़की रहती थी जिसका नाम रीतू था जो मेरी ही क्लास में पढ़ती थी। हम स्कूल में साथ ही जाया करते थे, तो धीरे धीरे वो मेरी बहुत अच्छी दोस्त बन गई थी, वो मेरे साथ हर बात शेयर करती थी, बस मैं ही शरमाता रहता था। एक बार हमारी परीक्षा पास थी और रीतू के परिवार को किसी काम से बाहर जाना पड़ गया। वो रीतू को मेरे घर सोने के लिए छोड़ गये। रात को मैंने अपनी मामी से कहा- रात को मुझे रीतू के साथ स्टडी करनी है तो हम ड्रॉयिंग रूम में स्टडी कर लेंगे। मामी मान गई ! उस दिन रीतू ने काले रंग की फ़्रॉक पहन रखी थी और ऊपर टॉप, दिल तो ऐसा कर रहा था कि सब कुछ अभी फाड़ दूँ लेकिन डर भी तो लगता था। रीतू रात को दस बजे मेरे रूम में खाना खाकर आई। फिर हम स्टडी करने लग गये। मैंने रीतू से एक प्राब्लम का सोल्यूशन पूछा और मैं उसकी तरफ झुका.. जैसे ही मैं उसकी तरफ झुका, मुझे उसकी चूचियों के दर्शन हो गये.. बस क्या बताऊँ… बिल्कुल दूधिया थे एकदम साफ और गोरे! मेरा तो लंड खड़ा हो गया एकदम से.. लेकिन करता भी क्या.. थोड़ी देर में रीतू ने कहा- मुझे नींद आ रही है। तो मैंने लाइट ऑफ कर दी और हम लेट गये। थोड़ी देर बाद मैंने महसूस किया कि रीतू ने अपने चूतड़ मेरे लण्ड पर सटा रखे हैं। मैंने सोचा यह नींद में गलती से हो गया होगा लेकिन थोड़ी देर बाद फिर रीतू ने अपने आपको पीछे किया ओर अपने चूतड़ एकदम मेरे से सटा लिए तो अब तो मेरी भी हिम्मत बढ़ गई, मैंने भी अपना हाथ उसके चूतड़ों पर रख दिया, उसने कुछ नहीं कहा। फिर मैंने दूसरा हाथ उसकी चूचियों पर रख दिया। इस बार भी उसने कुछ नहीं कहा तो मैं समझ गया कि यही मौका है, मैंने झट से उसकी फ़्रॉक को ऊपर खिसका दिया और अपना हाथ उसकी पेंटी में डाल दिया। उसने बाल साफ कर रखे थे, लगता था जैसे उसी दिन किए हों। फिर मैं एक हाथ से उसकी चूचियाँ दबाता रहा और दूसरे से उसकी चूत.. थोड़ी देर बाद वो गर्म हुई तो वो भी मेरा साथ देने लगी। मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए फिर उसने भी अपनी फ़्रॉक खुद ही उतार दी। मैंने ज़्यादा देर नहीं की और उसे सीधा लेटा कर अपना लौड़ा उसकी चूत पर लगाया पर वो अंदर ही नहीं जा रहा था। फिर मैंने उसकी टाँगों को अपने कंधे पर रख कर ज़ोर लगाया तो उसकी चीख निकल गई। मैंने जल्दी से अपने होंठ उसके होंटों से मिला दिए ताकि उसकी आवाज़ बाहर ना जा सके। अबी मेरा आधा लण्ड ही अंदर गया था, मैंने फिर एक और धक्का लगाया तो इस बार मेरा लण्ड चूत को चीरता हुआ सारा अंदर चला गया। वो दर्द के मारे तड़प उठी, उसकी चूत से खून रिसने लगा। थोड़ी देर तक हम ऐसे ही लेटे रहे। फिर जब वो शांत हुई तो मैंने चुदाई चालू की, अब तो वो बी अपने चूतड़ उठा कर चुद रही थी.. करीब 10 मिनट की चुदाई के बाद वो झड़ गई और दो मिनट बाद मैं भी झड़ गया.. उस रात मैंने रीतू को एक बार और चोदा.. आज भी जब मैं मामा के घर जाता हूँ तो उसे रोज चोदता हूँ।आपको मेरी कहानी कैसी लगी? प्लीज़ मुझे इमेल ज़रूर करना ! [email protected]
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