This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000
आदित्य चौधरी प्रिय पाठकों को नमस्कार, मेरा नाम आदित्य चौधरी है, यह मेरी पहली कहानी है, बात उन दिनों की है जब मैं 12वीं क्लास पास करने के बाद इलेक्ट्रिकल का डिप्लोमा करने लगा। तब हमारे गांव में लोगों की टीवी, रेडियो आदि में खराबी आने पर मुझे बुला लिया जाता था और मैं बिना किसी पैसे के उनकी समस्यायों का हल निकाल दिया करता था। हमारे गांव में मैं बहुत ही सीधा और सच्चा लड़का हुआ करता था। पर कॉलेज जाने के बाद कुछ-कुछ जानकारियाँ मेरे पास आ चुकी थीं। जैसे चुदाई, चूत इत्यादि.. और इसके साथ ही लड़कियों के बारे में मेरा नजरिया भी बदल गया था। अब मैं भी किसी भाभी या लड़की को चोदने की सोचा करता था। अब तो मेरी उम्र भी 18 हो चुकी थी तो लंड भी खड़ा होने लगा था। एक बार की बात है मेरी छुट्टियाँ चल रही थीं और मैं घर पर ही था। मेरे गांव की एक भाभी हैं, जो देखने में बहुत ही सुन्दर हैं और उनका फिगर भी बहुत मस्त है। उनकी शादी 18 साल की उम्र में हुई और वो मुझसे एक साल बड़ी हैं, उनका नाम पूनम है। मैं अक्सर छुट्टियों में जब भी गांव में रहता तो उन्हें ही देखता था और वो भी मुझे लाईन देती थीं पर हमने कभी एक-दूसरे से कहा नहीं। वो अक्सर मुझे कहती रहती थीं कि आज तो मस्त लग रहे हो, पर मैं ध्यान नहीं देता था और सोचता था कि वो यूं ही मुझे चिढ़ाने के लिये बोल रही हैं। एक दिन की बात है उनका टीवी खराब हो गया जो उनके बेडरूम में रखा रहता था। क्योंकि उनका घर बहुत बड़ा है, उनके घर में केवल दो भाई रहते थे, दोनों भाई जॉब में हैं और दिन भर ऑफिस में होते हैं। उनकी सास जो अक्सर पड़ोस में इधर-उधर बैठी रहती हैं। मैं उनके घर उनका टीवी सुधारने के लिये गया। उनके बेडरूम में वो अकेली ही थीं, मैं जैसे ही अन्दर गया, वो मुझे देखकर मुस्कुराईं और मैंने भी एक स्माइल दी। इसके बाद मैंने पूछा- क्या हुआ है टीवी को.. कैसे बंद हो गया? तो वो बोली- टीवी तो आप सुधार ही देंगे, पहले चाय तो पी लीजिए। और फिर हम दोनों ने पलंग पर बैठ कर चाय पी। मैंने नोटिस किया कि वो चाय पीते हुए भी मुझे ही देख रही हैं और उनका एक हाथ बार-बार मेरी जांघ को स्पर्श कर रहा है। फिर मैंने टीवी को खिसकाने के लिये बोला क्योंकि वह बहुत बड़ा था तो वे झट से उठीं और मेरे ठीक सामने अपनी पीठ करके आ गई और टीवी को खिसकाने में मदद करने लगीं तो बार-बार उनके चूतड़ मेरे लंड से स्पर्श हो रहे थे जिससे मेरा खड़ा हो गया और शायद उन्हें भी इसका एहसास हो गया था कि मेरा लंड खड़ा हो गया है। मुझे भी कुछ शरारत सूझ रही थी तो मैं भी टीवी को इधर-उधर करने के बहाने बार-बार उनके दूधों को छू रहा था जिससे शायद वो बार-बार अपने होंठ काट रही थीं। मैंने टीवी खोला और उसे ठीक किया छोटा सा ही फाल्ट था तो उसे ठीक करने के बाद मैंने उसे चालू किया और उन्हें बताया- देखो, ये हो गया आपका टीवी चालू… अब मैं चलता हूँ! तो उन्होंने झट से मेरा हाथ पकड़ा और बोली- इंजीनियर साब, अपनी फीस नहीं लोगे? तो मैंने कहा- आप से कैसी फीस, आप तो अपने ही घर वाली हो! तो वह बोली- आप मुझे कहाँ अपनी घर वाली समझते हो? मैं थोड़ा चौंका, फिर मैंने सोचा कि वह मजाक कर रही हैं। फिर उन्होंने मुझे बैठने को कहा और बोली- चले जाना.. वैसे भी अभी आपकी छुट्टियाँ चल रही हैं। मैं बैठ गया और हम दोनों बातें करने लगे। बातों-बातों में उन्होंने पूछा- तुम्हारी कोई गर्ल-फ्रेन्ड नहीं बनी अभी तक? यूं ही चल रहा है या कुछ जुगाड़ भी कर रखा है? हम दोनों ही अब कुछ खुल कर बातें करने लगे। मैंने कहा- भाभी जी, आप जैसी कोई मिले तो सोच भी सकता हूँ, पर क्या करूँ भगवान ने भी एक ही पीस बना कर छोड़ दिया… नहीं तो मैं भी उसे अपने लिए रख लेता। तो वह मुस्कुरा दीं और अपना हाथ मेरी जांघ पर रखकर बोली- चलो कोई बात नहीं जरूरी तो नहीं कि एक ही चीज को सिर्फ एक ही यूज करे, क्या दो लोग यूज नहीं कर सकते..! मुझे इशारा मिल गया और मैं भी उनकी जांघ पर हाथ रखकर बातें करने लगा। वे बहुत ही गर्म लग रही थीं। मैंने यूँ ही पूछा- क्या तबीयत खराब है आपकी.. बहुत गर्म लग रही हैं! वह बोलती है- तुम तो बिल्कुल ही चूतिया जैसी बातें कर रहे हो। इतना भी नहीं जानते कि लड़की गर्म क्यों होती है? और उन्होंने धीरे से अपना हाथ मेरे लंड पर रखा और मेरा हाथ उठा कर अपनी चूत पर रखकर बोली- अब देखो कितना गर्म है! तब मुझे न जाने कैसा लगने लगा और मैंने अपना एक हाथ अपने लंड पर रखा और दबाने लगा। तभी भाभी ने अपना हाथ मेरे लंड पर रखा और बोला- अब तो तुम भी गर्म लग रहे हो.. क्या हुआ तुम्हारी तबीयत खराब हो रही है क्या? मैंने कहा- नहीं भाभी जी… अब तबीयत खराब नहीं और मस्त हो रही है। मैंने उनको जोर से चिपका लिया और उन्हें चुम्बन कर दिया। अब तो वो और खुल गईं और मेरे लंड को जोर से दबाने लगीं और मेरा हाथ पकड़ कर अपनी चूत पर दबाने लगीं। मैंने कुछ नहीं सोचा बस अपना हाथ उनकी साड़ी में से सीधा उनकी पैन्टी के अन्दर हाथ डाल दिया और वो सिहर उठी। वो भी पागल सी हो रही थी और उन्होंने मुझे चूमना शुरू किया और बार-बार मेरी पैंट खींचने लगी। दोस्तो, मैं आपको बता नहीं सकता उस वक्त मुझे कैसा लग रहा था और वो तो जैसे पागल सी हो रही थी। हम दोनों ने ही जल्दी-जल्दी से अपने कपड़े उतारे और मैं उनके दूधों को जो बिल्कुल टाईट थे देखता ही रह गया और जल्दी से उनके दूधों पर टूट पड़ा। कभी चूसना तो कभी जोर से दबाना, करीब 15 मिनट तक यह चलता रहा। फिर उन्होंने मेरे लंड को पकड़ कर अपने मुँह में भर लिया और इतनी जोर से चूसने लगी जैसे कि लॉलीपॉप चूस रही हों और 10 मिनट में ही मेरा माल उनके मुँह में चला गया। मैंने उनके सिर को पकड़ कर अपने लंड पर दबा दिया और करीब 2 मिनट तक दबाए रखा। फिर हम दोनों ही बैठ गए और एक-दूसरे के अंगों से खेलते रहे। मेरा लंड अभी भी प्यासा था और उनकी चूत तो प्यास से जैसे फड़फड़ा रही थी। मुझे लग रहा था कि अभी उनकी चूत में पूरा का पूरा अन्दर चला जाऊँ या चूत को खा जाऊँ। मेरा लंड फिर खड़ा हो गया और अब मैंने देर न करते हुए सीधे उनकी चूत पर अपना लंड लगाया और दोनों हाथों से उनकी चूत को फाड़ कर उसमें एक जोरदार झटका मारा। आधा लंड चूत के अन्दर हो गया और मेरे लंड में दर्द हुआ व उनकी चूत से खून निकलना चालू हो गया। मैं डर गया कि यह क्या हो गया और सोचने लगा कि उनकी चूत फट गई है मगर जैसे ही लंड में दर्द बढ़ा मैंने अपना लंड बाहर निकाला तो उसमें से खून निकल रहा था, क्योंकि यह मेरी पहली चुदाई थी तो लंड का धागा टूटा था। मैंने उसे साफ किया और थोड़ी सी वैसलीन लगाई और फिर से उनकी चूत पर टूट पड़ा। लगभग 20 मिनट उनकी चूत चोदने के बाद मेरा माल निकलने ही वाला था तो मैं रूक गया और लंड को बाहर निकाल लिया। कुछ देर रूकने के बाद मैंने उनकी दोनों टांगें फैलाईं, जिससे उनकी चूत साफ नजर आने लगी और चुदाई फिर चालू अब हम दोनों ही मस्त हो कर लंड-चूत का खेल, खेल रहे थे और दोनों को ही बढ़ा मजा आ रहा था। वह मेरे से चिपक रही थी और मैं उनके चूतड़ों को जोर से पकड़ कर उनकी चूत में घुसा जा रहा था। अब मैं और वो एक-दूसरे में समाए जा रहे थे। वह तो ऐसे लग रही थी जैसे उनको कई दिनों से लंड नहीं मिला हो और मेरी तो वैसे भी यह पहली ही चुदाई थी तो करीब 25-30 मिनट चुदाई के बाद हम दोनों ने ही अपना-अपना पानी निकाल दिया और उनकी चूत से दोनों का पानी एक साथ बहने लगा। इस तरह से पहली बार मैंने चुदाई का स्वाद चखा और मेरी भाभी भी खुश हो गई। उस दिन से वो मेरी घरवाली बन गई और जब कभी भी मौका मिला, मैंने उनकी खूब चुदाई की। उन्होंने भी कई और लड़कियों से भी मेरी दोस्ती करवा दी जिससे मैं जब भी घर आया मेरे दिन मस्त गुजरे। बाकी और किसके साथ मैंने क्या किया अगली कहानी में लिखूँगा। आप मेरी कहानी पर मुझे मेरे मेल पर जरूर लिखिए। [email protected]
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000