सेक्स भरी कुछ पुरानी यादें-5

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मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था। मेरे दिमाग़ में एक बात चल रही थी- माँ चुदाए कुसुम.. आज मैं भाभी के साथ ही मज़े लूँगा!

भाभी ने अपनी आँखें बंद कर लीं और मैं धीरे से अपना हाथ उनके ब्लाउज के ऊपर वाले बटन पर ले गया और उसका हुक बहुत टाइट था क्योंकि भाभी के मम्मे बड़े थे और ब्रा एकदम फिटिंग का था। मतलब एक हाथ से और बिना उरोज (मम्मे) को दबाए बटन खुलना मुश्किल था। अगर मैं मम्मे दबाऊँ और कहीं वो जाग गईं या फिर कोई गलतफहमी हो गई, तो सब रायता फ़ैल जाएगा।

यह सोचकर मैंने अपना हाथ हटा लिया, पर लंड को शांत कैसे करता तो मैंने धीरे से उनके मम्मे के अन्दर गोलाई में अपनी ऊँगली डाल दी।

उनकी तरफ से कोई विरोध नहीं आ रहा था और मुझे मज़ा आ रहा था। अब मैं उनके लाल ब्लाउज के बीच की जगह में अपनी ऊँगली ऊपर-नीचे करने लगा और दूसरे हाथ से मैंने अपना लिंग अपने पैंट में से बाहर निकाल लिया।

क्योंकि लगभग 2 घंटे से मेरा लिंग टाइट हुआ था, मुझ से कंट्रोल नहीं हो रहा था और मैं उसको हिलाना चाहता था।

अब मेरा एक हाथ उनके उरोज की दरार में और दूसरा हाथ लंड पर था। मैं अपने दोनों हाथों को हिला चला रहा था कि अचानक उन्होंने एकदम से करवट ली। मैं डर गया, पर उन्होंने आँख नहीं खोली।

शाम का समय था, बच्चे थे नहीं, करवट लेते ही उनकी साड़ी ढीली हो गई और उनका पेटीकोट दिखाई देने लगा और पेटीकोट में नाड़े के पास एक छेद होता है, उसमें से मुझे अंधेरा सा दिख रहा था।

अब मेरी उत्तेजना और बढ़ने लगी, मैंने सोचा अगर ब्लाउज के बटन नहीं खुल रहे है तो आज पेटीकोट का नाड़ा खोल कर ही योनि (चूत) के दर्शन कर लिए जायें।

तो मैंने धीरे से उनका पेटीकोट का नाड़ा का एक छोर खींचा तो साली और टाइट गाँठ लग गई। मुझे मालूम है आप लोगों की हँसी आ रही होगी, पर यही सच है, अगर आप लोग जानते होंगे कि नाड़े में दो छोर होते हैं एक भी गलत खींचो न.. तो खुलने वाली गाँठ लग जाती है।

मैं सोचने लगा कि क्या किया जाए..!

मेरी दिमाग़ की माँ-बहन एक हो गई थी.. साली मेरी किस्मत ही खराब है, पर हिम्मत करके मैंने पेटीकोट के होल में अपना हाथ डाल दिया। मेरे हाथों में उनके नीचे के बाल आ गए, जो कि थोड़े घुँघराले थे।

फिर मैं भाभी के बालों को सहलाने लगा, मेरा लिंग फुल मूड में आ चुका था, दसेक मिनट तक मैं एक हाथ से उनके मम्मे की लकीर और दूसरे से नीचे के बालों को सहलाता रहा कि अचानक वो थोड़ा सा हिलीं।

मैं नहीं जानता था कि उनको ये सब मालूम था या सोने का नाटक कर रही हैं, पर मेरे सामने तो सिर्फ़ उनका सेक्सी शरीर था।

मैं आपको एकदम करेक्ट लोकेशन बताता हूँ वो बेड पर मेरी तरफ मुँह कर के करवट लेकर आँखें बंद कर के सो रही हैं। उनकी साड़ी आधी ढीली सी होकर अलग एक साइड में हो गई थी और उनके पैर एक के ऊपर एक रखे हुए हैं उनका पेटीकोट के छेद में मेरा हाथ था। मैं अपने दोनों हाथों से अपना काम कर रहा था। उनके दोनों हाथ बेड पर रखे थे।

मेरा लिंग उनके हाथ से थोड़ी दूर पर उछल रहा था और अब शायद मैं झड़ने वाला ही था।

क्योंकि लगभग एक घन्टा हो चुका था और मेरी आँखें भी बंद हो गई थीं और खड़ा होकर दोनों हाथों से लगा हुआ था कि अचानक मुझे अपने लिंग पर किसी हाथ का स्पर्श मिला मैंने अपनी आँखें खोलीं तो देखा भाभी मेरे लिंग पकड़ कर हिला रही हैं और उनकी आँखें बंद थीं।

अब मेरा लिंग एकदम करेंट मार रहा था। मुझे और भी अच्छा लगा रहा था क्योंकि किसी ने पहली बार मेरे लिंग को स्पर्श किया था। थोड़ी देर बाद भाभी एकदम नीचे की और खिसकीं और उन्होंने मेरे लिंग अपने मुँह में रख लिया और उसको चूसने लगीं।

यह इतनी जल्दी हुआ कि मैं खुद भी नहीं समझ पाया।

दस मिनट तक वो मेरे लिंग को चूसती रहीं और मेरा पूरा वीर्य उनके मुँह के अन्दर चला गया। फिर उन्होंने अपनी आँखें खोल लीं और मुझे देखकर हँसने लगीं और उन्होंने पूरा वीर्य पी लिया, उन्होंने एक भी बूँद बिस्तर पर नहीं गिरने दी।

अब मुझे समझ में आया कि ये इनका करैक्टर दिखने में कुछ और करने में कुछ और है। पर मुझे बहुत मज़ा आया।

मैंने कहा- भाभी आपने तो टॉनिक पी लिया, मुझे कुछ भी नहीं पिलाओगी?

तो उन्होंने कहा- बिल्कुल… पर एक शर्त है सिर्फ़ टॉनिक पियोगे..! इंजेक्शन नहीं लगाओगे..?

मुझे हँसी आ गई, मैंने कहा- आप तो एकदम बोल्ड लेंग्वेज में बात कर रही हो!

तो वो बोलीं- ये भी एक जवानी की पुरानी अदा है!

फिर मैंने उनसे पूछा- भाभी एक बात बताओगी, सच बोलना मुझे बुरा लगे या अच्छा पर बोलना सच!

तो उन्होंने बोला- पूछो?

‘मेरा लिंग कैसा है? क्या मैं शादी करने लायक हो गया हूँ?’

तो वो हँसने लगीं और बोलीं- लिंग तो तेरे भाईसाहब से अच्छा है इसलिए इसे मैंने मुँह में लिया। आज पहली बार मैंने लंड मुँह में लिया है।

मैंने पूछा- क्यों?

तब वो बोलीं- जब तुम मेरे मम्मे को सहला रहे थे और अपने हाथ से अपना लिंग हिला रहे थे, मैं तब से ही जाग रही थी। फिर जब तुमने मेरे नीचे हाथ डाला तब मुझमें भी झुनझुनी आ गई और मैंने देखा की तुम्हारा लिंग सीधा मेरे मुँह की ओर आ रहा है, तो मुझसे कंट्रोल नहीं हुआ। मैंने सोचा जो होगा सो वो होगा.. पर इससे अच्छा लिंग को मुँह में लिए बिना नहीं रह पाऊँगी..!

मैंने कहा- आपने तो पूरा वीर्य पी लिया.. आपको स्वाद कैसा लगा?

तो वो बोलीं- हाँ.. थोड़ी से उल्टी करने का मन हुआ था, पर मुझे बाद में एकदम मलाई जैसा लगा और पूरा अन्दर खा लिया।

मैंने बोला- अपने तो मलाई खा ली, मुझे दूध ही पिला दो!

तो तो उन्होंने कहा- इतनी जल्दी क्या है!

और वो मेरे लिंग अपने हाथों में लेकर उसे मसलने लगीं। मेरे लिंग फिर स्टैंड-अप होने लगा था। अब मैंने भी उनके ब्लाउज के हुक खोलने शुरू कर दिए और उनका पूरा ब्लाउज हटा दिया।

अब मेरी आँखों के सामने उनके मम्मे जो काली ब्रा के अन्दर बंद थे, आ गए। मैंने धीरे से उनकी ब्रा का भी हुक निकाल दिया और उनके मम्मे दबाने लगा। उनके शरीर पर सिर्फ़ पेटीकोट था। मैं उनके मम्मों को मुँह में लेकर चूसने लगा। मैंने जैसे ही निप्पल को चूसा तो मेरे मुँह में दूध आ गया।

मैंने कहा- भाभी, यह क्या है? उन्होंने कहा- दूध! मैंने पूछा- कैसे?

उन्होंने कहा- वो बेबी को पिलाती हूँ.. आज तुम मेरे बेबी हो, पी लो!

और मैं उनका दूध पीने लगा। मेरा लिंग उनके हाथ में था और मेरा मुँह उनके मम्मे में था।

वो बोली- अबे एक मम्मे से क्या दुश्मनी है दोनों को पियो..!

फिर मैं दोनों मम्मों को प्यासे बच्चे की तरह पीने लगा।

इधर मेरे लिंग खड़ा हो गया था इतने में भाभी बोलीं- आइसक्रीम खानी है?

मैंने कहा- किधर है? बोलीं- हॉट-केस में!

मैंने कहा- यह कैसी आइस-क्रीम है जो हॉट-केस में रखती हो?

तो उन्होंने अपने पेटीकोट का नाड़ा खींचने लगीं, पर खुल नहीं रहा था तो उन्होंने अपने पेटीकोट को ही ऊपर कर दिया और बोलीं- जब ये ऊपर जा सकता तो तुम नाड़ा क्यों खोल रहे थे?

मैंने कहा- अभी आप तैयार हैं, तब मुझे क्या मालूम था आपके दिमाग़ में क्या है?

मैं विज्ञान का स्टूडेंट हूँ, तो मेरे दिमाग़ में फिर एक सवाल आया, मैंने कहा- आप और मैं इस तरह आज ये सब कर रहे हैं, क्या ये आप भी यही चाहती थीं या फिर कुछ और बात है?

तो वो बोलीं- शायद तुम मेरे चरित्र पर शक कर रहे हो, तो सुनो मेरी बॉडी छूने वाले तुम दूसरे मर्द हो। मैं सिर्फ़ तुम्हारे भाईसाहब के अलावा किसी और के बारे में नहीं सोचती हूँ।

मैंने कहा- अरे छोड़ो सब.. और मुझे आइस्क्रीम खाने दो..!

तो उन्होंने अपनी टाँगें सिकोड़ लीं और पूरा पेटीकोट ऊपर उठा लिया। ये मेरी जिंदगी का पहला समय था, जब मैंने योनि (चूत) देखी थी। उनकी चूत एकदम काली सी दिख रही थी और उसमें कुछ चिपचिपा लिक्विड सा निकल रहा था।

मैंने अपने हाथ से उनकी योनि को छुआ तो उनकी सिसकारी निकल पड़ी।

फिर क्या था। मैंने अपनी दो ऊँगलियाँ उनकी योनि में डाल दीं और आगे-पीछे करने लगा। वो ज़ोर-ज़ोर से सिसकारी भरने लगीं। वो जीभ से अपने होंठ को काट रही थीं।

उनकी आँखें बंद थीं। मैंने सोचा शायद ये लिंग मुँह में लेना चाहती हैं पर मैं योनि को चाटना चाहता था।

तो मैंने कहा- रूको भाभी, तुम एक काम करो, अपने पैर सीधे कर लो!

और मैं उनके पैर की तरफ मुँह करके उनके ऊपर लेट गया। अब मेरे मुँह उनकी योनि में था और मेरा लिंग उनके मुँह में था।

लगभग दस मिनट तक यह चुसाई चलती रही। तभी उनकी योनि में से कुछ गाड़ा सा माल निकला, वो मैंने पूरा चाट लिया मुझे थोड़ी सी ‘घिन’ आ रही थी, पर मैंने पूरा अपने मुँह में लेकर खा लिया और भाभी एकदम शांत हो गई थीं।

मैंने कहा- भाभी मैं सेक्स करना चाहता हूँ!

तो वो बोलीं- नहीं.. मैंने पहले ही मना किया था। अब तुम यह बकवास मत करो!

पर मैंने कहा- भाभी मेरा अभी भी खड़ा है तो मैं क्या करूँ?

वो बोलीं- उसको तो मैं शांत कर देती हूँ।

वे अपने हाथ से मेरा लिंग आगे-पीछे करने लगीं और कभी मुँह में पूरा लेकर उसे चूस रही थीं, पर मेरी इच्छा उनके साथ सेक्स करने की ही थी। तो मैंने सोचा आज ज़बरदस्ती ही करना चाहिए।

मैंने कहा- रूको भाभी, ज़रा आप अपनी टाँगें मोड़ लो, मैं बैठ कर आपकी योनि चाटता हूँ। उन्होंने जैसे ही अपनी टाँगें मोड़ीं, मैंने भी फुर्ती में अपना लिंग उनकी योनि में डाल दिया।

पर शायद वो अन्दर नहीं गया था और वो चिल्लाने लगीं- यह क्या कर रहे हो?

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