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राजकुमार हीरो मेरा नाम राजू है। मैं पटना, बिहार का रहने वाला हूँ। हम एक किराये के मकान में रहते थे। हमारे मकान-मालिक की बेटी बड़ी ही मस्त थी। उसका नाम ममता था। गोरी-चिट्टी 5’4” का कद, छोटे-छोटे समोसे जैसे चूचे, रसीले होंठ। हम साथ में बड़े हुए थे, पर इन सबका ध्यान जब मैं 12 वीं क्लास में गया, तब आया था। वैसे मैं उसे खेल-खेल में ऊपर से पेल चुका था, तब ये सारी बातें हमें समझ में नहीं आती थीं। बात उस समय की है, जब किसी त्यौहार में मेरे परिवार वाले गाँव गए थे और मैं घर में अकेला था। तब मौका भी था और मैं भी इसी ताक में था कि ये लौंडिया किसी तरह से एक बार चुद जाए तो मजा आ जाएगा। हमारे यहाँ बिजली बहुत जाती है। त्यौहार की शाम को ही बिजली गई हुई थी। चारों तरफ अँधेरा था और वो कुछ मांगने हमारे घर आ गई। मैंने मौका देखा और उसे डरते-डरते चोदने का न्यौता दे दिया और वो मान भी गई। उसने कहा- मैं सामान दे कर आती हूँ। मैं उसका इन्तजार करने लगा और वो 5 मिनट में ही आ गई। ऐसा लगा कि वो भी चुदने के लिए तैयार बैठी थी। उसे आते देख मेरी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा। मैंने उसे अपने घर में ले लिया। लाइट नहीं थी, चारों तरफ अँधेरा था। मैंने एक मोमबत्ती जलाई, हल्की रोशनी में वो इतनी मस्त लग रही थी कि पूछो मत… उसको चोदने के लिए मेरा तो अंग-अंग तड़प रहा था। इस धीमी रोशनी में तो मुझसे रुका नहीं जा रहा थे, मन कर रहा था कि पटक कर अपना लण्ड उसकी बुर में डाल दूँ। मैंने उस जल्दी आने का कारण पूछा, उसने कहा- सब लोग त्यौहार में लगे हुए हैं, तो मैं चुपके से आ गई। किसी को पता भी नहीं चला और मुझे किसी ने आते हुए भी नहीं देखा। फिर मैंने उसी से उसका मन पूछा तो उसने कहा- मैं तो कब से तुम से चुदना चाहती थी और डरती भी थी। तो मैंने कहा- इस में डरने वाली क्या बात थी, तुम मुझ से बोल सकती थीं कि मुझे चुदने का मन कर रहा है। वैसे भी हम बचपन में तो कई बार चोदा-चोदी जैसा कर चुके हैं। उसने कहा- मैं तुम्हारा मन नहीं जानती थी। और वैसे भी काफी दिनों से तुमने मुझे चोदने जैसा पकड़ा भी नहीं है ना और न ही मेरी चूत पर ही हाथ फेरा है, तो मुझे लगा कि तुम सुधर गए हो और अब चोदा-चोदी नहीं करना चाहते होगे। वैसे भी बचपन में मेरे कहने पर ही मेरी बुर में चड्डी के ऊपर से ही अपना लंड घुसा कर मुझे चोदते थे। चलो अब जाने दो और मुझे जल्दी से चोदो, बहुत दिनों से मेरी बुर चुदने के लिए तड़प रही है। उसके होंठ बड़े रसीले थे, मैंने उसको चूमना और चूसना चालू किया और धीरे-धीरे उसकी छोटी-छोटी अमरुदी चूचियों को भी दबाना चालू किया। उसने हल्की-हल्की सिसकी लेनी चालू कर दी और धीरे से मेरे लण्ड को पकड़ लिया और हिलाने लगी। होंठों की चुम्मी बिल्कुल इंग्लिश सिनेमा की तरह ही था। करीब 10-15 मिनट की चूमा-चाटी और लण्ड सहलाने के बाद हमने एक-दूसरे के कपड़े उतारे और बिल्कुल नंगे हो गए। मोमबत्ती की रोशनी में ममता का शरीर बिल्कुल दूध की तरह सफ़ेद लग रहा था। उसकी चूचियाँ छोटी-छोटी थीं। मैंने उसे दबा दिया और बोला- ये तो बहुत छोटी-छोटी हैं..! तो उसने जवाब दिया- चूची निकलने के बाद तुमने पेलने का खेल बंद कर दिया और कोई चूची दबाने वाला नहीं मिला, इसलिए ये छोटी-छोटी हैं। अब इसको बड़ा करने की जिम्मेदारी तुम्हारी है राज…! यह सुनते ही मैंने उसकी चूची को और जोर से दबाना चालू कर दिया। उसे मजा भी आ रहा था और मुँह से सेक्सी आवाजें भी निकाल रही थी। थोड़ी देर बाद मैंने उसके पूरे शरीर को चूमना चालू कर दिया। इससे वो गर्म होने लगी और मादक आवाजें जोर-जोर से निकालने लगी। मैंने उसकी बुर को भी चाट-चाट कर लाल कर दिया था। काफी दिनों के बाद चुदने आई थी इसलिए उसकी बुर से ढेर सारा पानी भी निकल गया था या कहें तो एक बार झड़ गई थी। फिर मैंने अपना लंड चूसने के लिए उसके मुँह में दे दिया और लॉलीपॉप की तरह चूसने के लिए कहा और वो चालू हो गई। ऐसा लग रहा था कि वो चूसने में एक्सपर्ट है और ये सब पहले कर चुकी है। मैंने पूछा- ये सब कहाँ से सीखा? तो उसने बताया- एक दिन मैंने अपने पापा-मम्मी को ये सब करते हुए चुपके से देख लिया था, तब से ही तुम्हारे आस-पास ज्यादा घूमने लगी थी, चुदने के लिए! फिर मैंने उसे बिस्तर पर लेटा दिया और अपने लण्ड को उसकी बुर पर रगड़ने लगा। वो ‘आहह ह ह..’ सिसकारियाँ भरने लगी और जल्दी घुसाने के लिए बोलने लगी। पर मैंने लण्ड रगड़ना चालू रखा। कुछ देर में उस के लण्ड से फिर ढेर सारा पानी निकला, वो एक बार और झड़ गई। फिर मैंने जोर का झटका दिया, तो वो चिल्लाने लगी और मेरा लण्ड बुर में थोड़ा ही ही घुस पाया था। उसकी बुर बहुत टाईट थी जवानी में पहली बार चुद रही थी न इसलिए….! मैंने बहुत गन्दी फिल्में देखी थीं, इसलिए मैंने उसे जोर से पकड़ा हुआ था। वो छटपटा रही थी, पर मैंने उसे छूटने का मौका नहीं दिया। कुछ देर में वो शांत हुई तो मैंने अपना लण्ड थोड़ा निकाल कर फिर से एक जोर का धक्का लगाया, लण्ड थोड़ा और बुर में समा गया। फिर बाहर निकाल कर एक और धक्का लगाया तो लण्ड काफी अन्दर घुस गया। वो तड़पने लगी और गन्दी-गन्दी गालियां देने लगी- मादरचोद.. छोड़ मुझे..! पर मैंने उसे पेलना बंद नहीं किया। अपने लण्ड के झटके तेजी से देता रहा, करीब 7-8 झटकों के बाद उसे भी मजा आने लगा और उसने चिल्लाना बंद कर दिया। अब वो अपने चूतड़ उठा कर मेरा साथ देने लगी। उसने मेरा पिछवाड़ा जकड़ लिया था और अपनी उंगली मेरी गाण्ड में लगभग घुसा दी थी, इससे मुझे और जोश आने लगा था। मेरा लण्ड और टाईट हो गया था। मैं उसी स्पीड में उसे चोद रहा था और वो भी मेरा साथ दे रही थी। करीब 15-20 मिनट के बाद वो झड़ गई और ढेर सारा पानी अपने बुर से छोड़ कर शान्त पड़ गई। पर मैं अभी बचा हुआ था, मैंने अपने झटके और तेज कर दिए, लण्ड पेलना और तेज कर दिया। तभी ममता की मम्मी उसे आवाज लगाती हुई वहाँ से गुजरी पर ममता ने कहा- तुम ध्यान मत दो.. चुदाई चालू रखो..! फिर क्या था मैं लण्ड और बुर का खेल खेलता रहा। कुछ देर बाद मैं भी झड़ गया और लण्ड का सारा पानी उसकी बुर में ही छोड़ दिया और कुछ देर लण्ड को बुर में ही घुसाए हुए उस के ऊपर पड़ा रहा। फिर कुछ देर बाद हम उठे और मैं अपने अंडरवियर से उसकी बुर को साफ करने लगा, तो मैंने देखा कि उसकी बुर से खून भी निकला हुआ है और चादर पर ढेर सारा खून लगा हुआ है। वो पहली बार चुदी थी। यह देख कर ममता घबरा गई। मैंने उसे समझाया- लड़की जब पहली बार चुदवाती है और पहली बार लण्ड उसकी बुर में घुसता है तो खून निकलता है। आज तुम्हारी सील टूट गई है और आज लड़की से औरत बन गई हो..! उसने शरमा कर प्यारी सी मुस्कान बिखेर दी। कसम से इस मुस्कुराहट ने मुझे दुबारा चोदने के लिए विवश कर दिया। मैंने ममता से पूछा- एक बार और चुदवाओगी क्या? उसने ‘हाँ’ में सर हिला दिया, फिर क्या था फिर से चुदाई चालू हो गई। दूसरे राउंड की चुदाई के बाद ममता काफी खुश हो गई, खुशी उसके चेहरे से साफ झलक रही थी। उसने मुझे कस कर गले से लगा लिया। फिर उसने मेरा लण्ड साफ किया और मैंने उसका बुर। फिर हमने कपड़े पहने और मैंने गेट खोल कर बाहर देखा तो कोई नहीं था, तो चुपके से ममता को बाहर जाने का इशारा कर दिया और वो चुपके से अपने घर चली गई। इसके बाद हम दोनों ने चोदा-चोदी या लण्ड और बुर का खेल कई बार खेला। ये सारी कहानी विस्तार से अगली बार बताऊँगा। आपको कहानी कैसी लगी, अपने जबाब देने के लिए मुझे मेल कीजिए। [email protected]
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