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माला चित होकर लेट गई, मैंने उसे उसी तरह डिल्डो से चोद दिया जैसे मैं खुद चुदी थी। इसके बाद मेरे और माला के बीच में समलैंगिक सम्बन्ध हो गए थे।
कुछ दिनों बाद मनोरमा गांव से वापस आ गई थी उसकी शादी पक्की हो गई थी
एक दिन की बात है, रमेश ड्यूटी पर था, करीब 11 बजे दिन में दोनों मेरे पास आई। शायद माला मनोरमा को सब कुछ बता चुकी थी, उन्होंने कहा- भाभी, आप हर वक्त साड़ी और ब्लाउज़ पहनती हैं, आज आप यह मेरा लोअर और टी शर्ट पहन कर देखो, आपको काम करने में आसानी रहेगी।
मैंने उनकी बात मान कर पेंटी के ऊपर लोअर और ब्रा के ऊपर टी शर्ट पहन लिया। माही सो रही थी, मैं खाना बनाने लग गई, लोवर और टी शर्ट में सचमुच बड़ा आराम था पर बूबे बड़े बड़े दिख रहे थे और चूतड़ भी बड़े उभरे हुए दिख रहे थे। मैं एक बड़ी ही लम्बी और सेक्सी औरत लग रही थी।
थोड़ी देर बाद मैं दोनों का टिफिन लेकर उनके कमरे पर गई। दोनों ने कार्यक्रम तय कर रखा था शायद, मैं टिफिन देकर वापस होने लगी तो मनोरमा बोली- भाभी कहा जा रही हो? मैंने कहा- घर पर काम भी तो करना है।
वो बोली- हमारे साथ भी थोड़ी देर बैठ जाओ, माला के साथ तो आप सो भी जाती हैं। कह कर उसने आँख दबा दी, मैं समझ गई कि इसे सब मालूम है। तभी माला ने पीछे से मुझे पकड़ लिया, मनोरमा ने दरवाजा बंद कर लिया।
मैं उनके पलंग पर बैठ गई, मनोरमा मुझसे पीछे से चिपक गई और चुम्मा लेने लगी। टी शर्ट के ऊपर दिख रहे बड़े बड़े चूचे दबाने लगी। माला मेरे पैरों के पास फर्श पर बैठी थी, वो मेरी जांघों और पैरों पर हाथ फिराने लगी।
माला फिर बोली- भाभी, तुम्हारा यह लम्बा चौड़ा गोरा बदन किसी को भी पागल कर देता है, तुम्हारे सीने पर सर रख कर सोने का दिल करता है, काश तुम लड़का होती… वो मेरा लोअर नीचे खिसका रही थी पर साथ में पेंटी भी निकल गई, मैं नीचे से पूरी नंगी हो चुकी थी। माला मेरी जांघों को जगह जगह चूम रही थी। ऊपर से मनोरमा ने मेरी टीशर्ट निकाल दी। अब मैं ब्रा में ही थी।
मेरे पैर पकड़ कर मुझे माला ने चित लिटा दिया, इसके बाद दोनों एक दूसरे को नंगी करने लगी, दोनों ने एक दूसरे बूबे दबाये और चुम्बन किया। दोनों नंगी होकर मेरे दोनों तरफ लेट गई जैसे दो सौतन एक पति से चिपकती हैं, दोनों मुझे चूम रही थी।
तभी माला ने उठ कर कप्यूटर पर लेस्बियन वीडियो लगा दिया, हम लोग उसकी नक़ल करने लगे। दोनों ने ब्रा में हाथ दाल कर मेरे बूबे निकाल लिए और एक एक बूबे दोनों चूसने लगी। ‘हाय भाभी, यह मक्खन जैसा बदन तो किस्मत वाले ने ही चोदा होगा !’
मुझमे चुदाई की आग भड़क गई थी, दोनों ने चूम चूम कर मुझे पागल कर दिया, मैं भी उन्हें चूमने और उनके बूबे चूसने लगी। तीन जवान और गोरी लड़किया नंगी होकर मस्ती कर रही थी जिसे देख कर किसी का भी लंड पानी छोड़ दे।
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जब दो जवान लड़कियों के नरम शरीर आपस में चिपकते हैं तो सारा बदन झनझना उठता है। मेरे और उन दोनों के नंगे बूबे आपस में टकरा रहे थे, सारे शरीर में अजीब सी गुदगुदी हो रही थी, मुँह से बस हाय निकल रहा था। उनकी चिकनी जांघें मेरी जांघों पर फिसलती थी तो उफ़… चुदने के अलावा कुछ नहीं सूझ रहा था।
सही स्पर्श सुख मर्द के साथ नहीं है, वो तो एक लड़की ही दे सकती है, काश भगवन ने लड़कियों को एक लंड भी दिया होता और एक लड़की दूसरी लड़की को चोदती तो इससे बढ़िया चुदाई कोई नहीं हो सकती, औरत का चिकना लंड दूसरी औरत को फ़चाफ़च चोदता !
थोड़ी देर बाद हमने अपना वो ही 8 इंच का डिल्डो निकाला और क्रीम लगा कर एक दूसरे की चूत में घुसाना चालू कर दिया। आह …आह …ऊ..ऊह से सारा कमरा गूंज रहा था। आखिर में माला ने मुझे सोफे पर बैठाया और पीछे से गर्दन झुका कर मेरे बूबे पीने लगी और मनोरमा ने वह डिल्डो बेल्ट की सहयता से अपने कमर पर बाँधा और लंड वाली लड़की बन कर डिल्डो से मुझे चोदने लगी।
पांच मिनट तक मैं ‘आह… मर गई… ऊऊ ओ ओ ओ…उउउउउउ… छोड़ दो… मारो… जोर से चोदो… वाह वाह… मजा आ रहा है… हाय मैं मर गई… …छोड़ दो कुतियाओ, मेरा धर्म भ्रष्ट कर दिया…’ करती रही। इसके बाद मैंने भी अपनी कमर पर वो लंड बांध कर दोनों को बारी बारी चोदा। हम लोग ग्रुप सेक्स करने लगे।
एक दिन मैंने मना किया तो माला बोली- भाभी, थोड़े दिन मजा ले लेने दो, फिर इसकी भी शादी हो रही है और मुझे भी रोहित के पापा ने पसंद कर लिया है, एक दो महीनो में हम अपनी अपनी ससुराल चली जायेंगी। हम तीनों ग्रुप सेक्स का पूरा मजा ले रही थी।
एक दिन माला और मनोरमा दोनों परीक्षा देने गई थी, तभी रोहित आ गया। मेरे फ्लैट का दरवाजा खुला था, वो अंदर आकर माला को पूछने लगा। मैंने कहा- वो इम्तिहान देने गई है, शाम तक नहीं आने वाली !
तब उसने मुझसे एक गिलास पानी माँगा, मैं पानी लेने जैसे ही रसोई में गई, वो मेरे पीछे आ गया और मेरी कमर में हाथ डाल कर मुझे पकड़ लिया। मैं बौखला गई, लगभग चीखी- छोड़ो… ओ ओ ..ओ ओ… उसने घबरा कर मुझे छोड़ दिया और चला गया।
यह घटना मैंने माला को बताई, उसने रोहित को फोन किया, रोहित ने फोन पर मुझसे और माला दोनों से माफी मांगी। उसके बाद मैंने माला से कहा- रोहित को समझा देना ! साला बड़ा कमीना है। वो बोली- भाभी, जाने दो न, अब वो ऐसा नहीं करेगा। यार भाभी तुम न… चलो छोड़ो !
कहानी जारी रहेगी।
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