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आकृति टंडन मेरे प्यारे दोस्तों मेरा नाम आकृति टंडन है। मैं देहरादून की हूँ। मेरी उम्र 24 साल है। मेरा फिगर 32-26-34 और रंग गोरा है। मुझे अलग अलग लड़कों से चुदवाने में बहुत मज़ा आता है। मेरा एक टाइमपास बॉय-फ्रेंड भी है। जो अक्सर मेरी जम कर चुदाई करता है। लेकिन उससे मेरी चूत की आग नहीं बुझती। यह बात मैंने उससे साफ़-साफ़ बता दी है कि मेरा मन 2-3 लड़कों से एक साथ चुदवाने का करता है, मैंने उससे कहा- अगर हो सके तो किसी दिन अपने कुछ दोस्तों को अपने रूम पर बुला लो तो मज़ा आ जाएगा। उसने मेरी बात मान ली। चार दिन बाद उसका जन्म-दिन था, उसने मुझसे कहा- आज तुम कोई बहाना बना के मेरे रूम पर आ जाना, फिर पूरी रात मजे करेंगे और हाँ.. अन्दर ब्रा और पैन्टी मत पहनना। मैंने घर पर फ्रेंड की शादी का बहाना बनाया और उसके रूम पर पहुँच गई लेकिन उसके रूम में घुसते ही मेरी हालत ख़राब हो गई। सामने एक टेबल पर केक रखा था और दूसरी टेबल पर ढेर सारी बियर की बोतलें रखी थीं, पास के दोनों सोफों पर उसके 6 दोस्त बैठे थे, जो पूरी तरह नशे में टुन्न थे। तब मेरे बॉय-फ्रेंड ने कहा- मैंने अपने इन सारे दोस्तों को आज मेरे जन्म-दिन पर तुम्हें चोदने के लिए यहाँ बुलाया है। अब तुम वैसे ही करना जैसा ये लोग कहेंगे। उनमें से एक बोला- आज पूरी रात तुम इस रूम में नंगी रहोगी। इतना कहते ही उनमें से एक ने मेरे कपड़े उतारना शुरू कर दिए। पहले टॉप और फिर जीन्स। ब्रा और पैन्टी मैंने पहनी ही नहीं थी। फिर उन सब ने केक मेरे जिस्म पर मलना शुरू कर दिया। मैं उन सब लोगों के बीच खड़ी कसमसा रही थी, मेरे बॉय-फ्रेंड के सामने ही वो लोग केक लगाने के साथ-साथ मेरी चूचियां दबा रहे थे और चूत और गांड में ऊँगली भी डाल रहे थे। फिर उन्होंने मुझे टेबल पर दोनों पैर खोल कर लिटा दिया और चाट-चाट कर पूरा केक खा गए। केक से मेरा पूरा जिस्म चिकना हो गया था। तब मेरे बॉय-फ्रेंड ने कहा- आज मेरे सामने मेरे सारे दोस्त तुझे कुतिया की तरह चोदेंगे… और मैं देखूंगा कि तू चुदवाते हुए कैसी लगती है। यह सुनते ही मेरे रोंगटे खड़े हो गए, लेकिन इससे पहले कि मैं कुछ कहती, उनमें से एक ने अपने मोटा सा लंड मेरे मुँह में घुसेड़ दिया और जोर-जोर से धक्के मारने लगा और दूसरे ने मेरी चूत में अपना लंड डाल कर धक्के मारने शुरू कर दिए। जैसे ही वो मेरी चूत में झड़ने वाला था, उसने अपना लंड मेरे मुँह में डाल कर अपना सारा पानी मेरे मुँह में निकाल दिया। इससे पहले कि मैं कुछ करती, पहले वाले ने फिर से अपना लंड मेरे मुँह में डाल दिया और उसके झटकों के कारण सारा पानी मुझे पी जाना पी जाना पड़ा। जब तक मैं कुछ करती एक लंड मेरी गांड में घुस चुका था। इतनी देर में पहले वाला लड़का मेरे मुँह में ही झड़ने वाला था। लेकिन उसने अपना लंड निकाल कर सारा माल चौथे लड़के के लंड पर निकाल दिया और बोला- ले कुतिया.. अब इस लंड को आराम से चूस और सारी क्रीम खा जा…! मैं डर के मारे उसकी सारी क्रीम पी गई। लेकिन एक लड़का टेबल पर चढ़ गया और उसने मेरे इकलौते खाली छेद चूत में अपना लंड घुसेड़ दिया। इतनी देर में चौथा लड़का मेरी गांड में ही झड़ गया और पांचवें लड़के ने आकर मेरे उस छेद को फिर से भर दिया। अब मेरे तीनों छेद तीन अनजान लौड़ों से एक साथ चुद रहे थे। उन तीनों के झड़ने के बाद उन लोगों ने फिर से बियर पीना शुरू कर दी और मैं टेबल पर दर्द से कराहती रही। उसके बाद उन लोगों ने एक-एक करके मेरी चूत को चोदना शुरू किया। मादरचोद सुबह तक एक-एक करके मुझे कुतिया की तरह चोदते रहे। इस तरह यह चुदाई कार्यक्रम पूरी रात चलता रहा। सुबह जब उनके जाने का टाइम हुआ तब तक मेरी चूत और गांड के छेद चुद-चुद कर खुल चुके थे। उनके जाने के बाद मेरे बॉय-फ्रेंड ने मुझे एक गीला तौलिया देकर कहा- ले.. इससे अपना मुँह, चूत और गांड पोंछ कर कपड़े पहन ले.. फिर थोड़ी देर बाद मैं अपने घर आ गई लेकिन दर्द के मारे दो दिन तक कहीं नहीं गई। उसके बाद से तो वो लोग मुझे अक्सर उसके रूम पर बुला कर दिन में भी चोदते हैं। लेकिन वो रात मैं कभी नहीं भूल सकती। आखिर वो था मेरा पहला गैंग-बैंग। यह मेरी पहली कहानी है इसलिए प्लीज इस पर अपने कमेन्ट जरूर करें। [email protected]
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