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सम्पादक – इमरान ओह थैंक्स गॉड… मेरे लण्ड को आखिरकार ठंडक मिल ही गई थी… उस लड़की ने एक एक बूँद चाट चाट कर साफ़ कर दी थी…
मेरा लण्ड शीशे की तरह चमक रहा था… लड़की वाकयी बहुत सेक्सी थी… अब मैंने उसको ध्यान से देखा… बड़ी बड़ी आँखें, सांवला रंग और बहुत सेक्सी होंठ.. नीचे का होंठ कुछ ज्यादा ही चौड़ा था जो शायद लण्ड चूस चूस कर हुआ होगा…
मगर उसकी फिगर बहुत सेक्सी था… मस्त उठी हुई चूचियाँ और उभरे हुए चूतड़…
यह पक्का था कि कपड़ों में भी वो हर किसी को अपनी ओर आकर्षित कर लेती होगी… फिलहाल तो पूरी नंगी मेरे लण्ड की सेवा में लगी थी..
मेरा ध्यान अब सलोनी की ओर था और मैं इंतजार में था कि यह भी चुदवा ले…
एक मजेदार लम्बा और मजबूत लण्ड उसकी चूत से चिपका था… वो आदमी अपने हाथों से निचोड़ निचोड़ कर उसकी चूची चूस रहा था …
सलोनी लगातार अपनी कमर हिला रही थी जिससे उसकी चूत उसके लण्ड का हाल बेहाल किये थी..
तभी उसने सलोनी को जरा सा ऊपर को किया या सलोनी खुद हल्का से ऊँची हुई …
अररर रे रे ये क्या ??? उसका लण्ड अब पूरा खड़ा था… करीब 8 इंच और बहुत मोटा… लण्ड का अगला भाग लाल भभूका हो रहा था…
सलोनी के दोनों पैर काफी खुले थे… वो उसकी गोद में पूरी चिपकी थी… पीछे से ही उसकी मस्त चूत खिली हुई साफ़ दिख रही थी…
उसके उचकने से लण्ड का टोपा सलोनी की चूत के मुख पर आ गया था…
मुझे साफ़ साफ़ दिख रहा था कि लण्ड के टोपे ने चूत के मुख को खोलना शुरू कर दिया था…
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बहुत ही गर्म नजारा था… मुझे लग रहा था कि किसी भी पल यह भयंकर लण्ड मेरी जान की चूत में प्रवेश करने ही वाला है…
शायद सलोनी को भी इसका अहसास होने लगा था… वो जैसे ही थोड़ा सा और ऊपर हुई, मैंने देखा लण्ड अब उसकी चूत से हट गया था…
पता नहीं सलोनी क्यों अभी भी लण्ड से दूर हो रही थी.. शायद उसको मेरे सामने चूत में गैर लण्ड लेते शर्म आ रही होगी..
फिलहाल तो मेरे दिल को यही लग रहा था…
तभी मैंने देखा उस आदमी ने सलोनी को कसकर बाँहों में जकड़ लिया और उसको फिर से अपनी गोद में बिठाने को नीचे कर रहा है..
उसने अपने बाएं हाथ से सलोनी को कस कर चिपका लिया और दायाँ हाथ नीचे ला सलोनी के कसे हुए चूतड़ को दबाते हुए उसको अपने लण्ड पर सेट करने लगा…
मैं साला भी ना जाने क्यों इसका इन्तजार कर रहा था कि ‘कब यह लण्ड सलोनी की चूत को भेदता हुआ अंदर जाता है…’
मैं बिना पलक झपकाये उसको देखे जा रहा था…
और वो लड़की बेचारी मेरे मुरझा चुके लण्ड को अभी भी चूसे जा रही थी… शायद उसको फिर से चुदवाना था !
मैंने देखा लण्ड कि पोजीशन ठीक सलोनी की चूत के मुँह पर थी और सलोनी पूरा प्रयास ऊपर उठने का कर रही थी… उसको लण्ड अपनी चूत तक नहीं जाने देना था…
और वो आदमी उसको किसी छोटी से गुड़िया की तरह अपनी गोद में चिपकाये बड़े प्यार से ही उसको लण्ड के पास ला रहा था… बहुत ताकतवर था वो आदमी…
उसने एक बार फिर सलोनी को नीचे खींचते हुए और अपनी कमर को भी थोड़ा सा ऊपर उठाते हुए एक बार फिर लण्ड को चूत से भिड़ा दिया…
मैंने देखा इस छीना झपटी में एक दो बार लण्ड का अगला हिस्सा जरूर थोड़ा बहुत चूत को भेद चुका था..
यह नजारा मेरे इतने पास चल रहा था कि उसका हर प्रयास और हरकत मुझे साफ़ साफ़ दिख रही थी…
जैसे ही लण्ड चूत के मुख को छूता था सलोनी अपनी पूरी ताकत लगा फिर ऊपर हो जाती थी..
उन दोनों का यह खेल देख मेरे लण्ड में फिर से जान आने लगी.. साथ ही वो सेक्सी लड़की अपनी पूरी कोशिश कर ही रही थी.. मेरे लण्ड को बहुत अच्छी तरह से चारों ओर से चूस रही थी…
मगर मुझे यकीन था कि इतनी जल्दी लण्ड में ताकत उसके चूसने से नहीं, बल्कि सामने चल रहे नजारे ओर सलोनी की मस्ती देख ही आ रही थी…
मेरे लण्ड को ना जाने क्यों?? ये सब बहुत भा रहा था.. अब इन्तजार लण्ड के सम्पूर्ण रूप से सलोनी की चूत में समाने का था…
10-12 बार यही सब चलता रहा, वो सलोनी को नीचे करता और सलोनी ऊपर उठ जाती… और एक बार भक्क की आवाज आई..
अरे हाँ इस बार टोपा अंदर तक चला गया…
सलोनी- अह्ह्ह्हाआआआ ऊइइइइइइ… सलोनी के मुँह से भी एक चीख और सिसकारी एक साथ निकली..
मगर यह सब एक पल के लिए ही हुआ …
सलोनी ने पूरी ताकत लगा फिर से ऊपर उठ गई और एक बार फिर लण्ड की दूरी बढ़ गई… चूत उसकी पहुँच से बच कर निकल गई…
ये सब एक चूहे बिल्ली वाला खेल बहुत रोचक और मजेदार हो रहा था, कभी पकड़ में आ रही थी और कभी बच कर निकल जा रहे थी..
मुझे तो जन्नत का मजा आ रहा था.. एक हसीना से अपना लण्ड चुसवाते हुए ये सब देखना असीम सुख दे रहा था…
एक दो बार और ऐसा हुआ… मगर सलोनी उसके काबू में बिल्कुल नहीं आ रही थी..
मुझे भी अहसास होने लगा था कि अगर औरत ना चाहे तो शायद कोई भी लण्ड चूत में प्रवेश न कर पाये…
क्योंकि कहाँ तो वो इतना तगड़ा आदमी और कहाँ मेरी मासूम कमसिन सी सलोनी… उसकी चूत में जाने को भी इतना ताकतवर लण्ड बेचारा कितनी देर से तरस रहा था…
तभी उस आदमी को शायद गुस्सा आ गया, उसने वैसे ही सलोनी को बिस्तर पर गिरा दिया और उसकी दोनों टाँगे किसी जालिम की तरह से जकड़ ली, उसने टांगों को बड़ी ही बेदर्दी से 180 डिग्री में फैला दिया…
वो सलोनी के ऊपर चढ़ आया और उसने सलोनी की चूत को देखा जो मुझे भी दिख रही थी, चूत बुरी तरह से फ़ैल गई थी…
सलोनी उसकी पकड़ से निकलने के लिए बुरी तरह मचल रही थी और जब लण्ड चूत के ऊपर आ गया तब वो जोर से चिल्ला पड़ी- बचाआआ…ओओओओ…
बस्स… यही मेरी मरदानगी जाग गई… आखिर वो मेरी प्यारी जान थी…
वो आदमी अपना लण्ड सलोनी की चूत पर रख झटका मारने वाला ही था कि सलोनी ने पूरी ताकत लगा दी उसको हटाने में और इधर मैंने भी उस लड़की के मुंह से अपना लण्ड निकाला और कसकर उस आदमी को धक्का दे दिया..
मेरा धक्का इतना ज़ोरदार था कि वो पीछे को गिर गया।
बस इतनी देर काफी थी सलोनी के लिए, वो जल्दी से वहाँ से उठी ओर कपड़े पकड़ कमरे के दरवाजे पर पहुँच गई…
मैं भी जल्दी से उठकर सलोनी के पीछे पहुँच गया..
वो आदमी गुस्से से भिनभिना रहा था…
मैंने दरवाजे पर आकर अपनी पैंट ठीक करके उसको गुस्से से देखा…
वो मेरे पास आने को लपका ही था कि उस लड़की ने उसको पकड़ लिया, शायद वो वहाँ मारधाड़ नहीं चाहती थी और वो आदमी भी नंगा होने के कारण बाहर नहीं आया…
सलोनी तो नंगी ही कॉरिडोर से बाहर निकल आई थी, उसने अभी भी अपने कपड़े नहीं पहने थे, उसको डर था कि कहीं वो फिर आकर उसको ना पकड़ ले…
मैं भी जल्दी जल्दी उसके पीछे को भागा कि फिर कोई उसको नंगी देख ना पकड़ ले…!!!
कहानी जारी रहेगी।
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