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अल्ताब पठान नमस्ते दोस्तो, मैं अल्ताब एक बार फिर हाजिर हूँ अपनी और एक नई कहानी लेकर। मेरी पिछली कहानी में मैंने जैसा बताया कि कैसे मैंने जिया की सील तोड़ी। इस कहानी को पढ़ कर मुझे काफी मेल आए। मैंने सारे मेल्स का जवाब देने की पूरी कोशिश की मगर मैं किसी के मेल का जवाब नहीं दे पाया होऊँ तो उसके लिये माफी चाहता हूँ। और मेरे कहानी को इतना पसंद करने के लिये धन्यवाद करता हूँ। पिछले कहानी में मुझसे एक गलती हो गई। मैंने आपको यह नहीं बताया कि जिया हर बार संभोग के बाद आई-पिल लेती थी तो प्रेगनेन्सी का कोई खतरा नहीं था। यह सब मैं आपको इसलिए बता रहा हूँ क्योंकि बहुत से लोगों को यह लगा कि जिया प्रेगनेन्ट हो गई है। प्रेगनेन्ट तो हुई मगर जिया की बहन रेशमा। आप सोच रहे होंगे कि वो कैसे? वो आपको कहानी पढ़ते समय पता चल जाएगा। पहले मैं रेशमा के बारे में बता दूँ। रेशमा मुझसे चार साल बड़ी है, कद 5’4″, गोरा रंग, संगमरमर सा बदन, गुलाब की पंखुड़ी से होंठ, काले नागिन से लहरदार रेशमी काले बाल। फिगर 36-34-37 का होगा, कुल मिलाकर उसे किसी अप्सरा से कम आँकना उसकी सुंदरता की तौहीन होगी। बल्कि अगर रंभा, उर्वशी तथा मेनका को एक ओर रख कर दूसरी और रेशमा को रखा जाए और इनमें स्पर्धा की जाए तो जीत अवश्य ही रेशमा की ही होगी। यह कुछ ज्यादा नहीं हो गया…! मगर क्या करूँ दोस्तो, रेशमा की जितनी तारीफ करूँ उतनी कम ही लगती है। रेशमा के परिवार में रेशमा उसका पति तथा सास रहती है, उसके ससुर का दो साल पहले किसी बीमारी की वजह से देहांत हो गया था। रेशमा के शादी को 3 साल हो गए हैं मगर अब तक उसकी कोई औलाद नहीं है। अब कहानी पर आते हैं। एक बार सम्भोग करते समय जिया ने मुझे बताया कि रेशमा घर आई हुई है और वो काफी उदास रहने लगी है। मेरे पूछने पर उसने बताया कि उसका पति कभी बाप नहीं बन सकता। मैं- तो यह सब तुम मुझे क्यों बता रही हो? जिया- अगर तुम…! मैं- तुम पागल तो नहीं हो गई..? मैं तुमसे प्यार करता हूँ। जिया- तो मैं कौन सा तुम्हें रेशमा दीदी से शादी करने को कह रही हूँ? मैं- तुम कुछ भी कहो, मगर मैं ऐसा नहीं कर सक्ता। इस बात पर हमारी बहुत देर तक बहस हुई, आखिरकार हारकर वो रूठ कर चली गई, उसने मुझसे 5 दिनों तक बात नहीं की। आखिर मैंने उसकी जिद के आगे घुटने टेक दिए। आप तो जानते ही हो दोस्तो, लड़की की जिद के आगे हर बार लड़कों को ही झुकना पड़ता है, तो भला मैं कैसे टिक पाता…! मैंने उससे कहा- तुमने मुझे तो मना लिया मगर अपने दीदी को कैसे मनाओगी? इस पर जिया ने मुझसे कहा- तुम उसकी फिकर मत करो, यह आईडिया दीदी का ही तो है और इसके लिये जीजाजी भी तैयार हैं। अब तो मानो मेरा सर चकराने लगा। “मतलब तुम्हारे दीदी को हमारे बारे में सब पता है…!” “हाँ… मैं अपने दीदी से कुछ नहीं छुपाती।” उसके बाद मैंने रेशमा से बात की, तो उसने मुझसे कहा- देखो अल्ताब… मेरे पति में हारमोन्स की गड़बड़ी की वजह से वो कभी बाप नहीं बन सकते। तो हम दोनों की राय है कि मैं किसी और से बच्चा पैदा करूँ, ताकि यह ज़ालिम दुनिया मुझे बांझ ना कहे। क्योंकि तुम जिया से प्यार करते हो इसलिये मुझे तुम पर पूरा भरोसा है, कि तुम मुझे बदनाम नहीं करोगे। तो मैंने कहा- ठीक है मैं तैयार हूँ, मगर ये सब होगा कैसे? इस पर रेशमा ने कहा- सब इंतजाम हो गया है। मेरे पति काम का बहाना बनाकर एक महीने के लिए बाहर चले जायेंगे, फिर तुम एक महीने के लिये हमारे घर चलना।। दोस्तो, मैं आपको बता दूँ कि रेशमा का घर हमारे घर से 3-4 किलो मीटर दूर होगा और मेरा विद्यालय रेशमा के घर से कुछ एक किलोमीटर दूर है, तो मुझे कोई परेशानी नहीं थी। मगर सवाल यह था कि मेरे मम्मी-पापा को कौन मनाएगा। इस पर जिया ने कहा- वो तुम मुझ पर छोड़ दो, अंकल और आंटी को मैं मना लूँगी। तो सब तय हुआ, फिर उसी शाम जिया हमारे घर आई और उसने मेरे मम्मी-पापा को यह बहाना बताया कि उसके जीजाजी किसी काम से एक महीने के लिए बाहर जा रहे हैं और मेरी दीदी और उसकी सास घर पर अकेले हैं, तो क्या आप अल्ताब को मेरे साथ रेशमा के घर भेज सकते हो? थोड़ी ना-नुकुर के बाद मेरे मम्मी-पापा मान गए। जैसे-तैसे सुबह हुई और मैं जल्दी उठ कर तैयार होकर जिया और रेशमा का इंतजार करने लगा, अब वक्त काटे नहीं कट रहा था। आखिर इंतजार की घड़ियाँ खत्म हुईं, 9.30 बजे वो दोनों आईं। आते ही मेरा पहला सवाल ये था कि तुम दोनों ने इतनी देर क्यों लगा दी? इस पर जिया इतराते हुये बोली- क्या बात है दीदी से ज्यादा जल्दी तो तुम्हें है बाप बनने की…! इस पर मैं बौखलाते हुये- नन…नहीं एएए…ऐसी तो कोई बात नहीं है। मेरी हालत देख कर वो दोनों खिलखिला कर हँसने लगीं। फिर हम लोगों ने एक साथ नाश्ता किया। फिर हमने मेरे मम्मी-पापा से इजाजत लेकर रेशमा के घर के लिए रवाना हुए। रेशमा के घर जाकर हम लोगों ने थोड़ी देर आराम किया और फिर… छोडो ना यार, हमने क्या खाया, क्या पिया वगैरह-वगैरह इससे क्या फरक पड़ता है। अगर मैं यही बताता रहा तो आप लोग बोर हो जाओगे और आप मेरी कहानी नहीं पढ़ोगे। इसलिये मैं सीधा मुद्दे पर आता हूँ। रात हुई और हमने रात का खाना खाया और फिर रेशमा ने मीठे में नींद की गोली मिला कर अपने सास को दे दी, जो पहले से तय था। फिर क्या था दोस्तो… आंटी तो सो गईं, मगर रेशमा की प्यास जाग गई, हम तीनों रेशमा के कमरे में गए, अन्दर जाते ही रेशमा मुझ पर भूखी शेरनी की तरह टूट पड़ी। मैं बोला- दरवाजा तो बंद कर लो…! इस पर रेशमा- ऐसे भी कौन देखने वाला है… माँ जी तो सुबह तक उठने वाली है नहीं..! और फिर मुझे चूमने लगी। थोड़ी देर यूं खड़े-खड़े चुम्मा-चाटी के बाद मैंने रेशमा को गोद में उठा कर बेड पर पटक दिया और उसके ऊपर चढ़ गया और होंठ चूसने लगा। ये सब जिया एक तरफ कुर्सी पर बैठकर बिना पलकें झपकाए देख रही थी और कपड़ों के ऊपर से ही अपनी योनि सहला रही थी। मैंने बिना देर किए अपने और रेशमा के सारे कपड़े उतार दिए और उसके स्तनों पर टूट पड़ा। रेशमा के स्तन काफी सख्त हो गए थे, मैं बारी-बारी से स्तनों को चूसने लगा, मैं कभी दाएं स्तन को चूसता और बाएँ स्तन को हाथ से दबाता तो कभी बाएँ स्तन को चूसता और दाएं स्तन को हाथ से दबाता। रेशमा मेरा सर अपने स्तनों पर ऐसे दबा रही थी जैसे पूरा स्तन मुझे खिला ही देगी। रेशमा की आँखें खुशी के मारे बंद हो रही थीं और उसके मुँह से कामुक सिसकारियाँ निकलने लगीं- आऊऊऊ… शिशश… आह्ह्ह्ह्ह… आईईईई..! जिसे सुन कर मुझे और जोश आ रहा था। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं। थोड़ी देर चूसने के बाद मैं थोड़ा नीचे आकर उसके पेट पर चूमने लगा। अब तक जिया अपने सारे कपड़े उतार चुकी थी और अपने योनि में ऊँगली कर रही थी। मैं थोड़ा और नीचे आकर रेशमा के पेट पर चूमने लगा। चूमते-चूमते मैं एक हाथ से उसकी योनि को सहलाने लगा और झटके से एक उंगली योनि में उतार दी। शायद रेशमा इसके लिये पहले से तैयार नहीं थी और वो ‘चिहुंक’ उठी। अब तक जिया स्खलित हो चुकी थी और कुर्सी पर करीब-करीब लेट ही गई। फिर मैं थोड़ा और नीचे आते हुये रेशमा की योनि पर चूमने लगा और ऊँगली अन्दर-बाहर करने लगा। थोड़ी देर में ही रेशमा भी स्खलित हो गई और मैंने उसका सारा रस पी लिया उसका स्वाद कसैला सा था। फिर रेशमा उठी और मेरे लिंग को चूसने लगी। यकीन मानिए दोस्तो, रेशमा लिंग चूसने में काफी माहिर थी। वो मेरे लिंग को ऐसे चूस रही थी, जैसे कोई छोटा बच्चा लॉलीपॉप चूस रहा हो। इतने माहिर तरीके से तो जिया ने भी आज तक नहीं चूसा था, इसी वजह से मैं ज्यादा देर टिक नहीं पाया और 5-10 मिनट में ही मेरा लावा फूट पड़ा। रेशमा मेरा सारा रस पी गई और मेरा लिंग चाट कर साफ कर दिया। फिर जिया मेरे पास आई और मेरे होंठों पर चूमने लगी। दूसरी तरफ रेशमा अपने कोमल हाथों से मेरा लिंग सहला रही थी। इसका असर भी जल्द ही दिखने लगा, मेरे लिंग में कड़ापन आना शुरू हो गया और देखते ही देखते मेरा लिंग अपने पूरे आकार में आ गया। फिर मैंने रेशमा को पीठ के बल लेटा कर अपने लिंग को उसके योनि पर लगा कर एक जोर का झटका दिया। मेरा आधा लिंग योनि में प्रवेश कर गया। रेशमा के चेहरे पर दर्द की लकीरें साफ नजर आ रही थीं। मैं थोड़ी देर ऐसे ही रूका रहा और फिर एक झटका दिया, इस बार रेशमा की चीख ही निकल जाती, मगर जिया ने फुर्ती से रेशमा के मुँह पर हाथ रख दिया। थोड़ी देर रूक कर, मैंने धक्के लगाना शुरू किए। अब रेशमा को भी मजा आ रहा था और वो मजे से सिसकारियाँ लेने लगी। ना जाने क्या-क्या बड़बड़ाने लगी, “और जोर सेऽऽ….! हाँ ऐसे ही आऽऽऽऽ…! हाँ बह्ह्होत मजा आऽऽऽ रहा है थोड़ा और जोरऽऽऽ… से..! आऊ…! या….ह..!” यह सुन कर मुझे और भी जोश आ गया और मैं और जोर से धक्के लगाने लगा और वो और जोर से सिसकारियाँ लेने लगी। थोड़ी देर इस आसन में संभोग करने के बाद मैंने आसन बदल कर उसे घोड़ी बना कर पीछे से लिंग प्रवेश करा दिया। हमारी काम-क्रीड़ा देख कर जिया काफी गरम हो चुकी थी और वो रेशमा के सामने आकर लेट गई और दोनों ने आँखों-आँखों में न जाने क्या इशारे किए और रेशमा तुरंत जिया की योनि चूसने लगी। इधर मैं भी तेज धक्के लगा रहा था। यह खेल थोड़ी देर ऐसे ही चलता रहा। फिर रेशमा स्खलित हो गई और थोड़ी देर बाद जिया भी ढेर हो गई। मगर मेरा अब भी बाकी था तो मैं लगा रहा। मगर रेशमा अब थक चुकी थी। तो उसने कहा- बस मुझमें अब और सहने की ताकत नहीं है। तो मैंने उसे छोड़ कर जिया की तरफ रूख किया। वो जैसे तैयार ही थी, जिया तुरंत पैर फैला कर लेट गई, मैंने सीधे जिया की योनि पर लिंग रखकर झटका दिया। मेरा लिंग एक ही झटके में पूरा जड़ तक योनि में उतर गया। उसके बाद मैंने कुछ 20-25 झटके दिए और मैं भी स्खलित हो गया। फिर मैं जब तक वहाँ रहा तब तक हम तीनों ने खूब मजे किए। अब खबर आई है कि रेशमा प्रेगनेंट है। दोस्तो, मैंने जो कुछ किया, अपने प्यार के लिए किया। आपको क्या लगता है..! मैंने सही किया या गलत…! मुझे ईमेल करके जरूर बताइएगा। [email protected]
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