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इमरान मनोज- वाओ यार क्या मस्त गोले हैं… तुम क़यामत हो यार ! पुचह्ह्ह्ह्ह… पुच पुच चचच मु ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह… पुच पुच…
सलोनी- ओह धीरे यार… अह्ह्ह्ह्ह… अह… दांत नहीईइ… लाल कर दिया… तुझे सब्र नहीं है… कबाड़ा करेगा क्या??
मनोज- मजा आ गया… क्या टेस्ट है यार… ऐसा लग रहा है…जैसे हर सिप के साथ… मुँह मीठे दूध से भर जा रहा हो… बिल्कुल मक्खन जैसे हैं तेरे मम्मे…
सलोनी- ओह अब ये क्या कर रहे हो…???
मनोज- एक मिनट यार… सच तू तो बिलकुल मॉडल लगती है यार… पूरे गोल और तने हुए मम्मे ..कितनी पतली कमर.. और बिल्कुल चिकना पेट… और मन मोहने वाली नाभि.. वाओ यार… और तेरी ये लो वेस्ट जीन्स… कितनी नीची है यार…गजब्ब्ब यार ! तूने तो कच्छी भी नहीं पहनी… क्या बात है यार ???? सच में सेक्स की देवी लग रही है…
सलोनी- ओह क्या कर रहे हो… नहीं ना बटन मत खोलो ओह… अह्ह्ह् ह्ह्ह्हाआ आआआ…
यह रब भी कितनी जल्दी अपना बदला पूरा कर लेता है..
अभी कुछ देर पहले ही मैं अपने केबिन में नीलू को नंगी करके उसके रसीले मम्मे चूस रहा था… और अब मनोज अपने ही केबिन में मेरी बीवी के टॉप को ऊपर कर उसके मम्मे चूस रहा था…
मैं उसके गोरे जिस्म की कल्पना कर रहा था…
मैंने उसकी लो वेस्ट जीन्स देखी थी… पहले भी वो कई बार पहन चुकी थी… मगर कच्छी के साथ ही पहनती थी…
जीन्स उसके मोटे गदराये चूतड़ से 3 इंच नीचे तक ही आती है… उसकी कच्छी का काफी हिस्सा दिखता रहता है..
और अब तो उसने बिना कच्छी के पहनी है…
उसकी जीन्स का बटन उसकी चूत की लकीर से एक इंच ऊपर ही था और फिर २ इंच की चेन है.. जिसको खोलते ही उसकी चूत भी साफ़ दिख जाती है..
जीन्स इतनी टाइट है कि बटन खुलते ही चेन अपने आप खुल जाएगी..
मैं यही सोच रहा था कि मनोज पूरा मजा ले रहा होगा.. 100% उसकी उँगलियाँ मेरी बीवी की चूत पर होंगी…
उधर उनकी आवाजें आनी कम तो हो गई थीं.. मतलब अब उनके हाथ ज्यादा काम कर रहे थे…
सलोनी- ओह मनोज प्लीज मत करो… अह्हाआ… देखो मान जाओ.. कोई आ जायेगा अभी… और बखेड़ा हो जायेगा…
पुच च च च च शस्स्… चपरर्र… पुच…
मनोज- क्या लग रही हो तुम यार ! सच पूरा बम का गोला हो… यार तुम्हारी मुनिया तो और भी प्यारी हो गई… लगता है जैसे स्कूल में पड़ने वाली लड़की की हो…
सलोनी- हाँ मुझे पता है… मेरी बहुत छोटी हो गई है… और तुम्हारा बहुत बड़ा… हा हा… अब अपना यह मुँह बंद करो… ओके ज्यादा लार मत टपकाओ… अपना हाथ मेरी जीन्स से बहार निकालो.. चलो.. मुझे जाना भी है यार… बाहर मधु वेट कर रही होगी …
अह्हाआ आआ ओह बस्स्स्स्स… न यार …ओह ह्ह्ह्ह्ह् ह्ह्ह्ह्ह्ह
मनोज- वाओ यार सच यहाँ से तो नजर ही नहीं हटती.. क्या मजेदार और चिकनी है… और क्या खुशबू है यार…
सलोनी- अच्छा हो गया बस बहुत याराना… चलो अब पीछे हो…
मनोज- नहीं यार… ऐसा जुल्म मत करो… ओह नहीं यार… अभी रुको तो… बस एक मिनट… यार अभी कर लेना बंद… सलोनी- क्यों… अब क्या अंदर घुसोगे…
मनोज- अरे नहीं यार… इतनी जगह कहाँ है इसमें.. बस जरा अपने पप्पू को भी दिखा दूँ… बहुत दिनों से उसने कोई अच्छी मुनिया नहीं देखी… सलोनी- जी नहीं… रहने दो… यहाँ कोई प्रदर्शनी नहीं लगी है.. जो कोई भी आये और देख ले…
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उउउउइइइइ री रे रे बाप रे याआआआअरर्र… ये तो बहुत बड़ा और कितना गरम है… अह्ह्ह्ह्हाआआ… आआ
ओह ! लगता है मनोज ने अपना लण्ड बाहर निकाल लिया था।
मनोज- अह्ह्ह… ऐसे ही जान.. कितना सुकून मिल रहा है इसको… यह तो तुम्हारे हाथ की गर्मी से ही पिघलने लगा…
मुझे पता था… यह सलोनी की सबसे बड़ी कमजोरी है.. लण्ड देखते ही उसे अपने हाथ से पकड़ लेती है…
इस समय वो जरूर मनोज का लण्ड पकड़ ऊपर से नीचे नाप रही होगी…
मनोज- अह्ह्ह्हाआ…आआ…
सलोनी- सच यार …कितना मोटा और बड़ा हो गया है यार ये तो…
मनोज- आअह्ह्ह्ह्हाआ… अरे हाँ यार… मुझे भी आज यह पहली बार इतना मोटा नजर आ रहा है.. लगता है तुम्हारी मुनिया देख फूल रहा है साला… हा हा…
सलोनी- ओह सीधे रहो ना.. मेरी जीन्स क्यों खींच रहे हो…
मनोज- अरे अह्ह्हाआआ… ओह यार ये इतनी टाइट क्यों है… नीचे क्यों नहीं हो रही… प्लीज जरा देर के लिए उतार दो ना…
सलोनी- बिलकुल नहीं… देखो मेरी जीन्स भी मना कर रही है… हमको और आगे नहीं बढ़ना है, समझे… मनोज- यार, मैं तो मर जाऊँगा… अह्ह्हाआ… सलोनी- हाँ जैसे अब तक कुछ नहीं किया तो जैसे मर ही गए…
मनोज- यार, जरा सी तो नीचे कर दो.. मेरे पप्पू को मत तरसाओ… एक चुम्मा तो करा दो ना अपनी मुनिया का… सलोनी- तो यार पूरी तो बाहर है… लो अह्ह्ह्हाआआआ… कितना गरम है यार… हो गया ना चुम्मा… ओह ! लगता है सलोनी ने मनोज का लण्ड अपनी चूत से चिपका लिया था।
मनोज- आआआ आह्ह ह्ह्हाआ नहीईईई और करो याआअरर्र… सलोनी- क्या मोटा सुपारा है यार.. बिल्कुल लाल मोटे आलू जैसा.. मनोज- हाइईन्न्न हैं…कक्क क्या बोला तुमने… सलोनी- अरे यार इसको आगे वाले को सुपारा ही कहते हो ना…
मनोज- हे हे व्व्वो हाँ बिलकुल.. लेकिन तुम्हारे मुँह से सुनकर मजा आ गया… एक बात पूछूं.. क्या तुम सेक्स के समय इनके देशी नाम भी बोलती हो?
सलोनी- आरए हाँ यार.. वो सब तो अच्छा ही लगता है ना…
मनोज- वाओ यार… मैं तो वैसे ही शर्मा रहा था… यार प्लीज मेरा लण्ड को कुछ तो करो यार…
सलोनी- अरे, तो कर तो रही हूँ… पर प्लीज उसके लिए मत कहना… मैं अभी तुम्हारे साथ कुछ भी करने के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं हूँ…
मनोज- प्लीज यार अह्ह्ह्हाआआआ… ऐसे ही अह्ह्ह्ह… तुम्हारे हाथ में तो जादू है यार… अह्ह्हा… आआ… ओह्ह्ह आअह्ह्ह्हा… आआआ…
पता नही चल रहा था कि सलोनी मनोज के लण्ड से हाथ से ही कर रही थी या मुँह से? वैसे उसको तो चूसने की बहुत आदत है…
तभी… आह्ह्ह्हाआ… आआआ… आआ उउउउउ… सलोनी- ओह, तुमने मेरा पूरा हाथ ख़राब कर दिया… वैसे.. वाह कितना सारा… यार आराम से… बस्स्स्स्स ना हो गया अब तो… ठक ठक…ठक ठक…
सलोनी- अर्र रे कौन आया..?
मनोज- अरे सोहन होगा… कॉफ़ी लाया होगा… जल्दी से सही कर लो…
..
….
…… मनोज- आओ कौन है? ‘-हम हैं सर…कॉफ़ी…’
मनोज- अरे इधर स्टूल पर क्यों बैठ रही हो.. सामने कुर्सी पर बैठो न.. सलोनी- अरे नहीं, मैं ठीक हूँ… मनोज- हाँ लाओ सोहन… यहाँ रख दो ! रामू- जी सर… ….. …ओह ओह सॉरी सर…
मनोज- देखकर नहीं रख सकते… सब गिरा दी… कहानी जारी रहेगी। [email protected] hmamail.com
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