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इमरान मैं एक लाइव ऑडियो सुनते हुए अपनी ही सेक्सी बीवी के रोमांस की कल्पना कर रहा था कि कैसे मेरी प्यारी सलोनी अपने पुराने दोस्त कि गोदी में बैठी होगी… उसने क्या-क्या पहना होगा…
वैसे उनकी बातों से लग रहा था कि उसने जीन्स और टॉप या शर्ट पहनी होगी…
मनोज ना जाने कहाँ कहाँ और किन किन अंगों को छू रहा होगा और मसल रहा होगा…
मनोज का लण्ड ना जाने कितना बड़ा होगा और सलोनी के मखमल जैसे चूतड़ों में कहाँ रगड़ रहा होगा या हो सकता है कि गड़ा होगा …
ये विचार आते ही मेरा कई बार का झड़ा लण्ड फिर से खड़ा होने लगा…
मैं अपने हाथों से अपने लण्ड को मसलते हुए उनकी बातें सुनते हुए मस्त होने लगा…
मुझे मधु से जलन सी होने लगी कि वो तो लाइव मजे ले रही होगी और मैं यहाँ केवल सुन पा रहा हूँ…
तभी उनकी आवाजें आने लगी…
सलोनी- ओह मनोज…तुम क्या कर रहे हो ?? समझा लो अब अपने इस पप्पू को… ठीक से बैठने भी नहीं दे रहा…
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
मनोज- कहाँ यार ..कितना तो शांत है… वरना इतने पास घर का द्वार देख .. अब तक तो दरवाजा तोड़कर अंदर घुस जाता ..
सलोनी- हाँ हाँ रहने दो.. यह दरवाजा इसके लिए नहीं खुलेगा… और खिला क्या रहे हो आजकल इसको.. जो इतना मोटा होता जा रहा है… पहले तो काफी कमजोर था ना… हा हा हा…
मनोज- हाँ हाँ… उड़ा लो मजाक ..तुमको तो उस समय केवल विनोद का ही पसंद आता था… मेरा कभी तुमने ध्यान दिया… हाथ तक तो नहीं लगाती थी.. हर समय विनोद का ही पकड़े रहती थीं… पता है उस समय मेरे इस पर क्या गुजरती थी…??
सलोनी- अच्छा तुम ही हर समय वहीं घुसे रहते थे.. तुमको तो देखने में ना जाने क्या मजा आता था?? छुप-छुप कर हमको ही देखते रहते थे… और झूट मत बोलो.. मुझे याद है अच्छी तरह से… 2-3 बार मैंने तुम्हारे लल्लू को पकड़ा तो था… तभी तो उसकी सेहत के बारे में याद है…
मनोज- हाँ सब पता है… मुझे देखने को भी मना करते थे… हर समय कहीं ना कहीं भेजने का सोचते रहते थे… और उसको पकड़ना कहते हैं क्या?? कभी मेरे इस बेचारे को पकड़कर किस किया… प्यार से चूमा क्या तुमने… बस पकड़कर पीछे को धकेल दिया… तुमको पता है कितना गुस्सा आता था मुझे…
सलोनी- हाँ, उस समय तुमको बचा लेती थी बच्चू.. अगर विनोद को मालूम हो जाता कि तुम भी अपना लिए फिर रहे हो न तो सोचो वो क्या कर देता… उसको तुमसे बहुत प्यार था… इसलिए देखने या छूने में कुछ नहीं कहता था… मगर इसका मतलब यह थोड़े ही था कि सब कुछ कर लेते..
मनोज- अरे यार, मुझे पता होता कि तुम किसी और से शादी करने वाली हो.. तो कसम से मैं नहीं छोड़ता… वो तो विनोद कि वजह से मैं शांत रहता था..
सलोनी- अच्छा जी.. तो क्या करते???
मनोज- अच्छा तो बताऊँ… यह देख… जैसे पूरी नंगी लेटी रहती थी ना और मेरे पूरे घर में घूमती रहती थी… ना जाने कितनी बार…
सलोनी- अह्ह्हाआ ओह धीरे से… क्या कितनी बार??? हे हे… मनोज- अरे यार, तुम्हारे इस प्यारे से छेद को अपने पप्पू से पूरा भर देता… सलोनी- ऐ ऐ ऐ ऐ ऐ ऐ… वहाँ से अपना हाथ हटाओ… ऊपर रखने दिया बस उतना ही बहुत है…
मनोज- अरे यार, ऊपर से ही रख रहा हूँ… कौन सा चेन खोलकर अंदर डाल दिया… सलोनी- सोचना भी मत…
मनोज- अरे इतना नखरा क्यों कर रही हो…?? दिखा दो ना एक बार… देखूँ तो सही, पहले में और अब में कितना अंतर आ गया..
सलोनी- नहीं जी.. कोई अंतर नहीं आया… अभी भी पहले जैसी ही है… और अब यह किसी की अमानत है ! समझे…? जब मौका था तब तो तुमने चखा नहीं… तो अब तो तुमको देखने को भी नहीं मिलेगी…
मनोज- और अगर जब विनोद आएगा तो उसको भी मना करोगी? सलोनी- और नहीं तो क्या…?? उसकी भी शादी हो गई.. मेरी भी… अब उसको क्या मतलब..?? वो तो तुमने अभी तक शादी नहीं की..
इसलिए तुमको थोड़े मजे करा दिए… पर इससे ज्यादा कुछ नहीं.. समझे बुद्दू.. मनोज- वाह यह तो वही बात हुई ना… कि भूखे के आगे खाना तो रखा.. पर खिलाया नहीं..
सलोनी- हाँ तुम जैसे भूखे ही होगे ना… ना जाने कहाँ कहाँ.. क्या क्या करते रहते होगे…
मनोज- अरे चलो ठीक है… पर थोड़ा सा दूध तो पिला दो यार.. कितने प्यारे हो गए हैं तुम्हारे ये मम्मे… सलोनी- अच्छा बस अब छोड़ भी दो ना… पूरा टॉप खराब कर दोगे तुम… मुझे अभी घर भी वापस जाना है…
मनोज- अरे यार पिला दो ना… क्यों इतना नखरे कर रही हो… पहले भी तो पीता था…इस पर तो तुमको ऐतराज नहीं होता था… चलो उतार दो अब टॉप.. वरना फाड़ दूंगा हाँ..
सलोनी- ओह रुको ना यार.. एक मिनट… अह्हाआआ… नहींईइइइयय यार, बस ऊपर कर लेती हूँ… इतना ही… अर्रर्र रे… कोई आ जाएगा बाबा… बस्स्स्स्स… अब नहीईईईई…
मनोज- वाओ यार क्या मस्त गोले हैं… तुम क़यामत हो यार !
पुचह्ह्ह्ह्ह… पुच पुच चचच मु ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह… पुच पुच…
सलोनी- ओह धीरे यार… अह्ह्ह्ह्ह… अह… दांत नहीईइइ इइइइ… लाल कर दिया… तुझे सब्र नहीं है… कबाड़ा करेगा क्या??
मनोज- मजा आ गया… क्या टेस्ट है यार… ऐसा लग रहा है…जैसे हर सिप के साथ… मुँह मीठे दूध से भर जा रहा हो… बिल्कुल मक्खन जैसे हैं तेरे मम्मे…
सलोनी- ओह अब ये क्या कर रहे हो…???
मनोज- एक मिनट यार… सच तू तो बिलकुल मॉडल लगती है यार… पूरे गोल और तने हुए मम्मे ..कितनी पतली कमर.. और बिल्कुल चिकना पेट… और मन मोहने वाली नाभि.. वाओ यार… और तेरी ये लो वेस्ट जीन्स… कितनी नीची है यार…गजब्ब्ब यार ! तूने तो कच्छी भी नहीं पहनी… क्या बात है यार ???? सच में सेक्स की देवी लग रही है…
सलोनी- ओह क्या कर रहे हो… नहीं ना बटन मत खोलो ओह… अह्ह्ह्ह्ह् ह्ह्हाआआ आआ…
कहानी जारी रहेगी। [email protected] hmamail.com
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