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लेखिका : राधिका शर्मा इससे पहले आप लोगों ने मेरी दो कहानियाँ पढ़ी हैं। सहेली का बदला और होली के नशे में। अब एक और सच्ची घटना पढ़िए। हम दो दोस्त हैं। रोज़मर्रा की जिंदगी से तंग आकर हमने नैनीताल घूमने का कार्यक्रम बनाया। हमारी बीवियाँ भी साथ चल रही थीं। नैनीताल में होटल बहुत महंगे हैं तो हमने एक ही रूम में एडजस्ट होने की सोची। होटल वाला भी मान गया। दिन भर घूमने के बाद होटल वापिस आए और नितिन और मैंने दम से विहस्की खींची, और मैंने दोनों लेडीज को भी कोकाकोला मेंशराब मिला कर पिला दी फिर खाना खाकर रूम में गए और एक ही बिस्तर पर चारों पसर गए। एक रजाई में मैं और मेरी बीवी घुस गए और दूसरी में नितिन और डॉली घुस गए। अपनी अपनी बीवियों से चिपकते ही हमारे लंड खड़े हो गए और हमने रजाई के अन्दर ही चूत मारने का फैसला किया। मेरी बीबी मानसी ने फटाफट अपने कपड़े उतार दिए.. और एकदम नंगी हो गई। नितिन को हम लोगों की खुसुर-पुसुर से समझ आ गया। वो बोला- क्या तुम लोग इकसठ-बासठ कर रहे हो? “हाँ भैय्या, अब यहाँ आकर भी इकसठ-बासठ नहीं की तो प्यासे रह जायेंगे।” मानसी ने जवाब दिया। “चलो जी अब मैं भी नंगी हो रही हूँ, तुम भी चालू हो जाओ।” डॉली भी चुदाने को आतुर हो बोली। डॉली ने जब कपड़े उतारे तो उसकी गोरी-गोरी चूचियाँ मुझे दिख गईं। मेरा लंड तन्ना कर खड़ा हो गया। मैंने मानसी की चूची दबा कर उसकी चूत में लंड पेल दिया जो सरसराता हुआ घुस गया। मानसी की
सीत्कार कमरे में गूँज गई। उधर नितिन ने भी डॉली की चूत में अपना लंड पेल दिया था, क्योंकि डॉली की चीख निकल गई थी। “अबे नितिन क्या झंडा गाड़ दिया किले पर…!” मानसी हँसने लगी। नितिन की झांटें सुलग गईं। “क्यों बे, तेरा झंडा नहीं गड़ा क्या अभी तक ..!” “अबे तू अपनी धकापेल चालू रख ! मैं तो मानसी की चुदाई में लगा ही हूँ, खूब हचक कर चुदवाती है मेरी मस्त मानसी।” मेरी शराब अब अपने सुरूर को दिखा रही थी। हम दोनों चुदाई के साथ-साथ खुल्लम-खुल्ला अश्लील बातें कर रहे थे और इस में हमारी
बीवियाँ भी हमारा साथ दे रही थीं। एक घंटे तक हम अपनी बीवियों की चुदाई करते रहे। जब चोद-चाद कर कुछ शिथिल से हो गए तो निढाल हो कर बिस्तर पर पैर पसार
कर लेट गए। अचानक मुझे पेशाब आने लगी तो मैं नंगा ही बाथरूम चला गया क्योंकि अब जब एक-दूसरे की चुदाई की धपाधप चल रही थी तब हम
लोग अश्लील बातों में पीछे नहीं थे तो सब शर्म खत्म हो चुकी थी। जब लौटा तो नितिन भी नंगा ही बाथरूम में घुस गया। मैंने देखा कि दोनों लड़कियां बिस्तर पर अकेले लेटी थीं। मेरे दिमाग में एक खुराफात आई कि क्यों न मैं डॉली की रजाई में घुस जाऊँ, अँधेरे में किसी को क्या पता चलेगा और डॉली की चूची
दबा कर ‘सॉरी’ बोल कर आ जाऊँगा। यह सोच कर मैं डॉली की रजाई में घुस गया। उसके कोमल शरीर से लिपटकर उसकी चूची दबाने लगा। वो बहुत गर्म हो रही थी। उसके निप्पल सख्त हो रहे थे, बिना कुछ बोले उसने अपनी टाँगें खोल दीं और चूत पर मेरा लंड रख कर बोली- डालो। मैंने फटाफट उसकी चूत में लंड घुसा दिया। डॉली की चूत टाइट थी। धीरे-धीरे उसकी चूत में मेरा पूरा लंड घुस गया। मेरी तो लाटरी निकल गई। बिना किसी प्रयास की डॉली की चूत मिल गई। उधर जब नितिन बाथरूम से निकला तो अँधेरे में शराब के नशे के प्रभाव में उसने देखा कि जो लड़की अकेली पड़ी है उसकी तरफ
चलो। तो वो मेरी बीवी मानसी की रजाई में घुस गया। मानसी ने भी अपने चूची उसकी हवाले कर दी क्योंकि मानसी की आवाज़ सुनाई दे रही थीं। फिर उसने अपने टाँगें खोल कर नितिन का लंड अपनी चूत में डाल लिया और बहुत जोर से चीखी, “अबे ये लंड इतना लम्बा कैसे हो
गया?” तब मुझे पता चला कि नितिन का लंड मुझसे लम्बा है। मुझे अपनी बीवी के किसी और से चुद जाने पर बहुत अफ़सोस हुआ, पर इसका कोई विकल्प नहीं था। जब मैं डॉली को चोद रहा हूँ तो
मानसी का नितिन से चुदना निश्चित था। रात भर हम एक-दूसरे की बीवियों की चूत मारते रहे। बड़ा मजा आया। सुबह जब उठे तो हमारी बीवियाँ पहले ही उठ चुकी थीं। वो हंस-हंस कर मेरी तरफ देख रही थी। इसका मतलब उन्हें पता चल गया था कि रात भर वो गैर मर्द से चुदती रही हैं। मानसी मेरे पास आकर बोली- नितिन को कुछ पता नहीं है। उसे कुछ मत बताना। उसे पसंद नहीं है, पर डॉली को बहुत मजा आया। वो
अब हमारे साथ चुदना चाहती है। कितना मजा आया चुदते वक़्त, सिर्फ मुझे पता था कि हम एक-दूसरे की बीवियों को चोद रहे हैं। धोखे से हम दूसरे की पार्टनर को चोद
चुके थे। दोस्तों अगर पसंद आई मेरी कहानी तो वोट कीजिये। मुझे और कहानी लिखने का प्रोत्साहन मिलेगा। [email protected]
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