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लेखक : इमरान आपने मेरे द्वारा लिखी कई कहानियाँ पढ़ी हैं, अब यह नई कहानी मेरे एक रिश्तेदार हैदर ने मुझे बताई थी, इसे लिखा तो मैंने है पर हैदर की तरफ से ! यह कहानी मेरी अम्मी हसीना बेगम की है। उनक़ी उम्र 40 साल है, गुलाबी बेदाग चेहरा और सेक्सी बदन है जो किसी भी देखने वाले को एक़दम अपनी तरफ खींचता है।
हम मुम्बई में एक सोसाइटी में रहते हैं। अम्मी हमेशा कामुकतापूर्वक हमारी सोसायटी में रह रहे युवकों से बात करने को आतुर रहती हैं। वह बिना बाजू के ब्लाउज और नाभि क़े काफी नीचे तक बांधकर साड़ियाँ पहनती है। यह तब की बात है जब अब्बू हमारे घर निर्माण कार्य की देखरेख के लिए गये पुणे हुए थे और हम मुंबई में ही रह रहे थे। मैंने उस वक्त अपनी अम्मी हसीना बेगम के रहन सहन में बहुत फ़र्क महसूस किया।
जब अब्बू पुणे में होते थे तब मम्मी स्लीवलेस ब्लाउज पहनकर हमारे घर के बाहर बैठकर दाल, चावल, साग-सब्जी आदि की सफाई की कुछ इस तरह करती कि उनका पल्लू जानबूझकर नीचे गिराया हुआ प्रतीत होता और उनके उरोज वक्ष की दरार में से साफ़ साफ़ दूसरों को दिखाई देते थे। कभी कभी तो वह सामने से कमर तक खुली दरार वाला स्लीवलेस गाउन पहनकर अपनी चिकनी सुडौल जांघों क़ो प्रदर्शित कर घंटों तक़ बैठी रहती थीं ।
हमारे पड़ोसी मनोज जिन्हें मैं चाचू कहता हूँ, उनसे अक्सर बात करते थे। अगर अम्मी यह भांप लेती कि मनोज चाचू उन्हें चुपके चुपके घूर रहे हैं तो वह अपने पैरों क़ो इस प्रकार फैला क़र बैठ जाती है कि उनक़ी मादक जांघों के बीच स्थित पारदर्शी जांघिया से उनकी बुर साफ दिखाई देती थी। गर्मियाँ थी, एक दिन मैंने मनोज चाचू को मम्मी के लिए करीब आकर कुछ बर्फ के टुकड़े उठाकर उनके वक्ष-रेखा के मध्य स्तनों में डालते हुए देखा।
अम्मी ने मात्र मुस्कुरा कर मनोज चाचू के इस कृत्य को मौन स्वीकृति दे दी। मैंने मनोज चाचू को हसीना से यह भी कहते सुना- तुम बहुत सुंदर हो और बहुत मजेदार हो। एक दिन मैं सुबह से खेलने गया हुआ था। जब मैं वापिस आया तो खिड़की से देखा कि मनोज हमारे घर में है, मेरी अम्मी हसीना बिना ब्लाउज के अपने बेडरूम में सिर्फ़ ब्रा और पेटिकोट में बैठी है और चाचू इलेक्ट्रिक शेवर से बड़ी तन्मयता से उनकी कांख के बाल साफ कर रहे थे। मैं एकदम से पीछे हट गया छिप कर अन्दर झांकने लगा। मैंने अम्मी को अति उत्तेजित देखा तो लगा कि आज अम्मी मनोज चाचू से जरूर चुदने वाली हैं।
चाचू बार बार ब्रा के ऊपर से अम्मी के चूचे मसल रहे थे और कह रहे थे- हसीना बेगम मेरी जान, बहुत दिन हो गए तेरी फ़ुद्दी मारे ! अब तो दे दे ! उन दोनों को ऐसे देख कर मेरा लौड़ा भी उग्र रूप धारण कर चुका था और मेरा हाथ अपने आप उसे मसलने लगा था। हसीना बोली- हैदर खेलने गया हुआ है, घन्टे-आधे घण्टे में पता नहीं कब वापिस आ जाये, सब्र करो, रात को हैदर के सोने के बाद मैं तुम्हें मिस काल करके बुला लूंगी। इस पर मनोज बोले- रात को आना मुश्किल होगा, मेरी बीवी की नींद बड़ी कच्ची है। चल एक बार चूचियाँ तो चूसवा ले ! यह कह कर चाचू ने अम्मी की ब्रा का हुक खोल दिया और ब्रा नीचे गिर गई। अपनी अम्मी हसीना बेगम की आधी चूचियाँ तो मैं अकसर देखता ही था पर आप मेरे सामने वो गोरी और बड़ी बड़ी चूचियाँ पूरी नंगी थी।
मैं खुद पर काबू नहीं रख पाया और थोड़ा पीछे हट कर मुठ मारने के लिये अपना लोअर नीचे सरकाने लगा ही था कि तभी मेरा पैर प्लास्टिक की कुर्सी से टकरा गया और उसकी आवाज से अम्मी और चाचू चौकन्ने हो गये। चाचू एकदम से बाहर आये तब तक मैं अपना लोअर ठीक कर चुका था पर मैं खिड़की के पास ही खड़ा था। चाचू बोले- हैदर तुम कब आए? मैं कुछ नहीं बोला। चाचू ने फ़िर पूछा- तुमने क्या देखा? मैं बोला- यह सब क्या चल रहा है? चाचू बोले- इसमें मेरा कोई कसूर नहीं है, तुम्हारी अम्मी हसीना ही मुझे अकसर बुलाती है। फ़िर चाचू बोले- तुम बाहर चलो मेरे साथ, मैं तुम्हें बताता हूँ। ब्मनोज मेरा हाथ पकड़ कर मुझे बाहर सड़क पर ले गये और शुरु से आखिर तक सब बताया कि कैसे मेरी अम्मी ने अपनी चुदाई के लिए उन्हें पटाया और एक और जवान लड़के से भी अम्मी चुदवाती है, यह भी बताया। फ़िर चाचू ने मुझे कहा- यह बात तुम किसी से मत कहना, मैं तुम्हारा भी एक जुगाड़ करवा सकता हूँ, इससे सबका काम ठीक ठाक चलता रहेगा। मैंने पूछा- किसकी फ़ुद्दी दिलवाओगे आप मुझे? तो उन्होंने बताया- हमारी सोसाइटी में रहने वाली मिसेज सोफ़िया और उनकी युवा बेटी हनी दोनों खूब चुदक्कड़ हैं, मैं दोनों को चोद चुका हूँ। तुम चाहो तो उनमें से किसी को चोद सकते हो। मिसेज सोफ़िया कोई 45-48 साल की होंगी और हनी भी मुझसे 2-3 साल बड़ी होगी, लगभग 23-24 साल की तो मैंने कहा- ये दोनों तो मुझसे बड़ी हैं। चाचू ने कहा- तुमने अभी तक किसी को चोदा है? चूत तो चूत है, बड़ी उम्र की चूत बल्कि ज्यादा मजा देती है। मैंने अभी तक किसी को नहीं चोदा था बस अपना हाथ ही जगन्नाथ था तो मैं हनी की चूत पर रजी हो गया। अब चाचू ने कहा- आज दोपहर बाद मैं तुम्हारी अम्मी को चोदना चाहता हूँ, तुम्हारा जुगाड़ मैं अगले 2-3 दिन में जरूर करवा दूँ, वो भी तुम्हारे ही घर में ! तुम दोपहर में मूवी देखने निकल जाओ तो मेरा काम बन जाएगा। मैंने इस पर रजी होने से साफ़ इन्कार कर दिया, मैंने कहा- मेरा जुगाड़ भी हनी के साथ आज ही करवाओ, एक कमरे में आप अम्मी को चोदते रहना, मैं अपने कमरे में हनी को चोद लूंगा। तो चाचू बोले- इतना जल्दी हनी को तेरे लिए बुला पाना, पटा पाना मुश्किल होगा, पर कोशिश करके देखता हूँ। तू अभी भार ही रहना, मैं हसीना से बात करके देखता हूँ कि वो क्या कहती है। मैं मान गया और पास के पार्क में जाकर बैठ गया, मनोज शायद हमारे घर चले गये। लेकिन मेरा मन नहीं माना तो दस मिनट बाद ही अपने घर की तरफ़ आ गया। तभी मैंने देखा कि मनोज हमारे घर से निकल रहे हैं। उन्होंने मुझे देख लिया और इशारे से अपने पास बुलाया, कहा- मैंने तेरी अम्मी से बात कर ली है, वो मान गई है, तुझसे खुल कर बात करेगी और हनी और भी किसी दूसरी लड़की को घर में चोदने में ऐतराज नहीं करेगी, बल्कि तेरी मदद करेगी। मैं खुश हो गया। मैं घर गया तो मम्मी ने मुझे अपने पास बैठाते हुए मुझे विश्वास में लेकर कहा- तेरे पापा के अकसर घर से बाहर रहने के कारण मेरी सेक्स की वासना पूरी नहीं हो पाती थी तो तुम्हारे चाचू से मुझे अपनी प्यास बुझानी पड़ी। तू किसी से कुछ मत कहना, मनोज तेरे लिए जरूर कुछ करेगा और मैं भी तेरे साथ हूँ, तू जो मदद मुझसे चाहेगा, मैं करुँगी। मैंने कहा- अम्मी, आज तुम चाचू से अपनी बगल के बाल साफ़ करवा रही थी? अम्मी बोली-हाँ बेटा, अकसर मनोज ही मेरे ऐसे सारे काम करता है। मैंने पूछा- तो अम्मी, आपने अपनी जांघों के बाय भी चाचू से करवा लिए होंगे? अम्मी बोली- करवाने तो थे पर तू आ गया तो हम दोनों डर गये थे, इसलिये रह गये। तब मैंने अम्मी को कहा- यह काम मैं कर दूँ? मुझे भी कुछ पता लग जाएगा। अम्मी ने शुरू में हिचकिचाहट दर्शाते हुए हामी भर दी। मैंने अपनी अम्मी हसीना बेगम को कहा- आप ही मुझे बताएँगी कि क्या कैसे करना है। अम्मी ने कहा- हाँ बेटा ! अम्मी ने ड्रेसिंग टेबल की दराज से एक शीशी निकाली और एक बड़ा तौलिया बिस्तर पर बिछा कर अपनी साड़ी उतार पर पेटीकोट अपने पेट पर चढ़ा कर अपने चूतड़ तौलिये पर टिका कर लेट गई। अम्मी ने सन्तरी रंग की कच्छी पहनी हुई थी, उनकी नंगी, केले के तने सी चिकनी गोरी जांघें मेरी आँखें चुंधिया रही थी, मैं तो खड़ा का खड़ा ही रह गया। मुझे एक जगह पर खड़ा देख कर अम्मी ने मुझे कहा- खड़ा क्या है, मेरे पास आ, मेरी कच्छी उतार ! मैं यन्त्रवत सा अम्मी के पास गया और उनकी बगल में बैठ गया तो उन्होंने मुझे अपनी टांगों के बीच में बैठा कर अपनी कच्छी उतरवाई। अम्मी की चूत घने काले बालों से ढकी थी, मैं पहली बार कोई चूत देख रहा था। फ़िर अम्मी ने मेरे हाथ मे वो क्रीम की शीशी देते हुए कहा- इस क्रीम को दस मिनट तक बालों पर लगा कर रखने से बाल गल जाते हैं। अम्मी ने मुझे बताती रही और मैं उअनकी चूत के बालों पर क्रीम लगाता रहा। अम्मी की चूत देखाकर मेरा लौड़ा पूरा खड़ा हो गया था, क्रीम लगाते समय मैंने अपने लंड का खड़ा होना छुपाना चाहा लेकिन मम्मी की पैनी नजरों से यह छुप नहीं पाया। इस दौरान अम्मी मुझे मादा जननांग प्रणाली क़ी संरचना की विस्तार से जानकारी देती रही।
अम्मी ने मुझे चूत की फांकों के बीच मौजूद भगनासा, जो एक मटर के दाने के आकार की थी, के बारे में बताया कि यह अंग प्रत्येक महिला में कामोत्तेजना का केन्द्र होता है। जब मर्द इसको अपनी उंगली, जीभ या लौड़े से रगड़ता है तो इसका इसका आकार 2.5 सेंटीमीटर तक हो जाता है। अम्मी ने मुझे बताया कि इस अंग के ठीक नीचे पेशाब का छेद होता है जो मूत्रमार्ग कहलाता है। अम्मी ने अपनी चूत के अंदरूनी होंठों को फैलाकर उनके योनीद्वार के दर्शन कराए और बताया कि इस द्वार में पुरुषों द्वारा ख़ड़ा लण्ड डालकर औरत को चोदा जाता है।
मुझे बताया कि जब आदमी का खड़ा लण्ड महिला की चूत के अंदर-बाहर होता है तब भगनासा लण्ड से घर्षण खाती है और चुद रही औरत को चरमोत्कर्ष प्राप्त होता है और महिला की चूत से रस का प्रवाह होता है। चूँकि अम्मी बहुत सतर्क थी, इसलिये मेरे ख़ड़े लण्ड को देखकर समझ गई कि मैं बहुत ही ज्यादा उत्तेजित हूँ, उन्होंने कहा- चूंकि तू मेरा बेटा है, इसलिये तुझे अपनी अम्मी से इससे अधिक की उम्मीद नहीं करनी चाहिये।
मैंने तुझे काफ़ी कुछ बता दिया है, इसके अलावा जब तू किसी को चोदेगा या अगर मनोज किसी लड़की को तेरे लिए लाएगा तो तू हमारे सामने उसे चोदना, जरूरत पड़ी तो हम तेरी मदद करेंगे।
और अगर तू मेरी चूत मारने का सोच रहा है तो यह गलत है, इस प्रकार के रिश्तों को हमारे समाज में स्वीकार नहीं किया जाता है और वैसे भी तुममें अभी मेरे जैसी कामुक औरत की कामोत्तेजना तृप्त करने की क्षमता नहीं है। तब मैंने अम्मी को कहा- मनोज चाचू मिसेज सोफ़िया और उनकी बेटी हनी की बात कर रहे थे, सोफ़िया आंटी तो बूढ़ी सी दिखती हैं, मैंने चाचू से हनी के लिये हामी भरी है। इस पर अम्मी ने कहा- हां, मनोज उन दोनों को ही चोदता है, कई बार यहाँ हमारे घर में बुला कर भी चोद चुका है, हनी मेरे सामने खुली हुई है। मैं खुद ही हनी को बुला कर तेरे से चुदवा सकती हूँ। तो मैंने अम्मी को कहा- तो अम्मी अभी बुला लो ना हनी को ! अम्मी बोली-ऐसे एकदम कैसे आ सकती है वो? फ़िर भी कोशिश करके देखती हूँ, तू पहले मेरी चूत के बाल तो साफ़ कर दे।दस मिनट से ज्यादा हो चुके हैं क्रीम लगाये, तू एक छोटा तौलिया गर्म पानी से गीला करके ला, उससे मेरी चूत को पौंछ कर साफ़ कर दे। मैंने अपनी अम्मी के बताए गये तरीके से सब कुछ साफ़ कर दिया तो मैंने देखा की अम्मी की चूत काफ़ी उभरी हुई और फ़ूली हुई पाव रोटी की तरह थी पर बीच में चूत के होंठ किसी भूरे रंग की तितली की तरह पंख फ़ैलाये थे। सब काम निपटने के बाद मैंने अम्मी को कहा- आप एक बार हनी को फ़ोन करके देखो, शायद वो आ जाए। अम्मी ने मेरे सामने ही अपने मोबाइल से हनी को फ़ोन किया तो उधर से हनी ने बताया कि मनोज उससे पहले ही बात कर चुका है और आप शाम को तीन बजे वो हमारे घर आएगी। अभी तो सिर्फ़ बारह ही बजे थे, अम्मी ने कहा- बेटा, वो तीन बजे तक आएगी, तेरे मनोज चाचू भी तभी आएंगे। मैं नहा लेती हूँ, तू भी नहा धो कर तैयार हो जा। अब मैंने अपनी अम्मी से कहा- अम्मी, आपने तो चाचू से चुदने की पूरी तैयारी कर ली, मुझे भी तो आप तैयार करो, मेरा तो पहली बार है। अम्मी ने कहा- तू अपने वहाँ के बाल तो साफ़ करता होगा? मैंने कहा- हाँ, कैन्ची से काटता हूँ, इस क्रीम का मुझे पता नहीं था और रेजर से करते हुए मुझे डर लगता है। अम्मी बोली- तू जो करता है, सही करता है, रेजर से बाल सख्त हो जाते हैं। चल तू अपना पजामा उतार, मैं देखती हूँ कि क्या हाल है तेरे शेर का। चल ऐसे ही तौलिये पर लेट जा जैसे मैं लेटी थी। मैं अपना पजामा उतार कर लेट गया और इतनी देर में अम्मी हेयर ट्रिम्मर निकाल कर लाई। अम्मी ने वैसे ही मेरी जांघों के बीच बैठ कर मेरा अण्डारवीयर उतार दिया और मेरा साढ़े छः इन्च का मोट लन्ड देख कर बोली- अरे वाह, मेरा बेटा तो पूरा बड़ा हो गया है। यह खूब मज़ा देगा आज हनी को ! अम्मी ने ट्रिम्मर से मेरे लौड़े के आसपास के बाल इस तरह से काटे कि अब आधे सेंटीमीटर से भी कम लम्बे बाल रह गये थे।
पर मेरा तो बुरा हाल हो रहा था, मेरा लण्ड ऐसे अकड़ा हुआ था कि जैसे अभी फ़ट पड़ेगा। अब अम्मी ने कहा- तू मुठ तो मारता होगा ना, जा बाथरूम में जाकर मुठ मार ले, फ़िर नहा ले। मैं भी नहा लेती हूँ। मैं अपने कमरे के बाथरूम में आकर मुठ मार कर नहा लिया।
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