जब चोदन चिंगारी कोई भड़के

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000

प्रेषक : देवव्रत

मैं देवव्रत, लखनऊ के अलीगंज में रहता हूँ। यह मेरी आपबीती है जो श्रेया आहूजा के ज़रिये मैं आप को बताना चाहूँगा।

मेरी बीवी रेवती अक्सर बिस्तर पर पड़ी ही मिलेगी, उसे पूजा पाठ का बहुत शौक था, कहती थी आज नहीं सेक्स करुँगी क्यूंकि आज व्रत है। मैंने भी पहले ये बातें अनदेखी कर दीं, लेकिन धीरे-धीरे बात बहुत गम्भीर होते चले गई। वो अक्सर कमरे में बंद होकर पूजा करती या फिर बिना खाए ही सो जाती थी।

इस सबसे मैं थक गया था, एक तो ऑफिस फिर मेरी बेटी सोनल अब काफी बड़ी हो गई थी, उसे देखना भी मेरी जिम्मेदारी बन गई थी। मेरी बेटी की बोर्ड की परीक्षा सामने थी। रेवती के हालत में कोई सुधार नहीं था।

ऑफिस में लोग सेक्स के बारे बातें करते, मैं बस सुनता रहता था। मेरा लौड़ा खड़ा हो जाता था।

मैं एक दिन घर पहुँच कर देखा एक नई नौकरानी आई हुई थी। उसका नाम ममता था, माँ ने भेजा था गाँव से। उम्र रही होगी कोई पच्चीस, उसका पति अक्सर दारू पीकर उसे मारता था, इसीलिए माँ ने उसे काम करने के लिया भेजा था।

फ्लैट में सिर्फ दो ही बेडरूम थे, इसिलए वो ड्राइंग रूम में सोती थी। एक बार मैं देर रात मैच देख रहा था, रेवती और सोनल अपने-अपने रूम में सो रहे थे।

तभी मैंने ममता को गौर से देखा, साँवली सी थी पर सुडौल थी, वो सिर्फ ब्लॉउज और पेटीकोट में थी। गर्मी का मौसम भी था। मैं उसके गोल-गोल मम्मे देख रहा था। शायद ब्रा नहीं पहनी थी।

मेरी उम्र चालीस है और सेक्स से वंचित था। मन में आया दबा दूँ, लेकिन डर था। फिर उस रात मैं सोने चला गया।

अगले दिन फिर रात में मैं टीवी देख रहा था। वो भी देख रही थी। रेवती सो चुकी थी और सोनल भी सो चुकी थी।

ममता- साहब, मैडम को कोई परेशानी है न?

मैं- नहीं तो !

ममता- है… वर्ना आप यूँ देर रात यहाँ क्या कर रहे है?

मैं- बस टीवी देख रहा हूँ।

ममता- नहीं आप मुझे देख रहे हैं। है न !

मैं- नहीं !

मैं सहम सा गया।

उसने मुस्कुरा कर आँखों से मुझे आश्वस्त किया।

ममता- क्या देखोगे साहब?

मैं- ऊपर वाला !

ममता ने अपने ब्लॉउज के हुक खोले और फिर ब्रा उतारी। मैं डर रहा था कहीं सोनल या रेवती न जाग जाए।

उफ़ क्या मम्मे थे, गोल और निप्पल नुकीले !

मैं एक-एक करके मसलने लगा।

ममता- बस साब… कुछ और न हो जाए। अभी सोनल भी है, कल करेंगे।

मैं- तुम करोगी मेरे साथ सेक्स?

ममता- हाँ साब, करुँगी अभी आप जाकर सो जाइए।

मैं अगले दिन ऑफिस गया, ममता के बारे सोचा चोदना चाहिए या नहीं, कहीं यह बाद में ब्लैकमेल न करे और अगर किसी को पता चल गया फिर !! सोनल भी बड़ी हो रही है, रेवती तो रहती ही है। कहीं इस ममता को कोई बीमारी न हो। इस असमंजस में मैं चुदाई नहीं कर पाया।

कुछ दिनों में सोनल की परीक्षा ख़त्म हो गई और वो नानी के घर चली गई। अब घर पर मैं, रेवती और ममता ही रहते थे।

रात हुई और रेवती अपने दवाई खाकर सोने चली गई। रेवती मनोचिकित्सक के इलाज करवा रही थी और वो सोने की दवाई ले रही थी। अब सोनल भी नानी घर पर ही रह कर पढ़ाई करेगी। रांची के श्यामली में बहुत अच्छा स्कूल था, सो अब बस ममता और मैं रह गए थे।

मैंने ममता को अपने नीचे वाली के दर्शन करवाने को बोला।

ममता- साब एक बार देख लोगे तो सब्र नहीं होगा !

मैं- अब कितना सब्र करूँ?

उसने अपनी पेटीकोट उठाकर अपनी बुर के दर्शन करवाए। साँवली थी, इसीलिए बुर काली थी, लेकिन बुर के होंठ मोटे रस-भरे थे, अंदर गुलाबी संकरी गली दिख रही थी। हजामत बनाई हुई थी, इसीलिए एकदम चिकनी चमेली थी।

ममता- क्या सोच रहे हो साहब, यही न कि बाल नहीं है? हाँ मैं हमेशा वैक्सिंग करती हूँ, साफ़ रहती हूँ।

मैं- लेकिन क्यूँ, मतलब तुम इतनी मॉडर्न हो, मैंने सोचा भी नहीं था !

ममता- अभी देखते जाईए साब।

और वो देखते-देखते बिल्कुल नंगी हो गई, मदमस्त कमर, गुलाबी बदन, चुदाई किए बहुत अरसा हो गया था। अब बस मन नहीं मान रहा था।

मैं उसे उसके कमरे में ले गया और अपने कपड़े भी खोल दिए। वो मेरे ऊपर चढ़ गई और अपने हाथों से मेरे लंड को मसलने लगी, मेरी गांड में उंगली अंदर-बाहर करने लगी। मेरा लंड तनतना गया मैंने उसके होंठ चूसे।

मैं- अहह… ममता ऐसे बदन के लिए कब से मैं बेक़रार था।

ममता- बस अब और मत तड़फिए, जी भर के चुदाई करिए।

मैं ममता के ऊपर हो गया और अपना लंड घुसा दिया। बहुत कसमसाई लेकिन लंड अंदर ठेल दिया, बिल्कुल तंग गली थी। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

मैं- अहह… कभी चुदी नहीं हो क्या? बुर इतनी तंग है।

ममता- चुदी हूँ.. लेकिन मेमसाब की तरह बुर से बच्चा नहीं निकाला है न, इसीलिए तंग है गली।

वो लगातार झटके मार रही थी, इतना मज़ा रेवती ने भी कभी नहीं दिया था, मैं चरमोत्कर्ष पर था।

मैं- अंदर निकाल दूं क्या?

ममता- एक बच्ची के बाप हो, इतना भी नहीं जानते मेरा गर्भ ठहर जाए तो !

मैंने ममता की एक न सुनी और उसके होंठ पर होंठ रखके बुर में मुठ बहा दी।

ममता ने ठीक कहा था, उसका गर्भ ठहर गया।

लेकिन मैंने डॉक्टर की सलाह से गर्भपात करवा दिया।

मैं अक्सर ममता की चुदाई करने लगा। अब हर रात मैं ममता के कमरे में बिता रहा था। मेरी बीवी इस बात से एकदम बेखबर है। उसके दिमाग़ी हालत अब बद से बदतर हो गई है। ममता ही अब जो है सो है।

अभी भी वो रेवती का ख्याल रखती है और मेरा भी, रात को मुझे आराम देती है और दिन को रेवती का ख्याल रखती है।

मुझे अब हर रात चुदाई का आनन्द मिल रहा है। सुबह देर तक हम नंगे पड़े रहते हैं। ममता को ये ज़िन्दगी पसंद है, क्यूंकि उसी हर वो चीज़ मिलती जिसकी वो कामना करती है, जैसे गहने से साड़ी तक। अब वो मेरी बीवी कि तरह ही मेरे घर पर रहती है।

सोनल घर के हालातों से तंग होकर नानी के घर में ही रहती है। ऑफिस में मेरा परफॉर्मन्स बहुत अच्छा हो गया है और कल मैं वी.पी. से एम.डी. बनने जा रहा हूँ।

सोचा ये बातें अपनी फ्रेंड श्रेया आहूजा से शेयर करूँ ताकि वो आप तक मेरी आप बीती ले जाए। दोस्तों मैं बस यही कहना कहता हूँ कि अगर आपकी सेक्स लाइफ अच्छी है तो आप को जायज़ मुकाम मिलेगा। हर मर्द में वो ताक़त होती है कि वो बुढ़ापे तक सेक्स कर सकता है। हाँ क्षमता उम्र के साथ ज़रूर कम हो जाती है, लेकिन ये शरीर सेक्स का भूखा हमेशा रहता है। मेरी ज़िन्दगी में बहार आ चुकी है और उम्मीद करता हूँ कि आपकी ज़िन्दगी में भी जल्द आए।

आप सभी का शुकिया !

देवव्रत

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000