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कहानी का पहला भाग: सपना की चुदास ने मम्मी को भी चुदवाया-1
मैंने कहा- चलो, मैं शॉपिंग करा देता हूँ।
तो वो शरमा गई और बोली- मुझे तो पैड्स और पैंटी लेनी थी।
मैंने कहा- किस के लिए? खुद के लिए या मम्मी के लिए !
तो वो बोली- चल हट, खुद के लिए।
मैंने कहा- तब तो मैं ही पसंद करूँगा।
वो बोली- चल भाग जा।
फिर वो निकल गई, मैंने होटल से चेक आउट किया, मार्केट गया, एक इम्पोर्टेड ब्रा और पैंटी पैक कराया। कंडोम के पैकेट लिए, कुछ नींद की गोलियां लीं, फिर अपने नए रूम पर पहुँचा।
एक दिन में इतना सब कुछ हो गया था कि मुझे विश्वास ही नहीं हो रहा था।
आंटी ने रूम की चाबी दी। मैंने अपना सामान सही से लगाया।
आंटी ने कहा- 9 बजे खाना खा लेना, अभी चाय पी लो।
मैं चाय पी रहा था कि तब तक सपना आ गई। वो मुझे नजरअंदाज करके अपने कमरे की ओर चली गई।
मैंने आंटी से पूछा- क्या थोड़ी देर मैं छत पर टहल लूँ।
वो बोली- सपना इसे ऊपर छत का रास्ता दिखा दे।
सपना बोली- ठीक है मम्मी।
सपना मुझे सीढ़ी से ऊपर ले गई तो मैंने उसे नींद की गोलियां दे दी और कहा- इसे किसी भी तरह मम्मी को खिला देना सोने के पहले।
वो बोली- नहीं ! तुम क्या करोगे?
मैंने कहा- तुमसे बात करूँगा। तुम डरो मत। नहीं तो मम्मी जग जाएगीं और सब बेकार हो जाएगा।
तो वो बोली- इससे कुछ होगा तो नहीं ना !
मैंने कहा- नहीं सिर्फ गहरी नींद आएगी। वो राजी हो गई। फिर तो मैं बैचनी से रात का इन्तजार करने लगा। फिर 10 बजे रात को मैंने उसे मैसेज किया और पूछा कि उसने मम्मी को गोलियाँ दीं या नहीं?
तो उसने बताया कि आधे घंटे पहले पानी में डाल कर दे दी हैं। मैं और आधा घंटा इन्तजार करता रहा, फिर 11 बजे मैं उसके रूम में पहुँचा, देखा तो सिर्फ़ छोटी सी हाफ स्कर्ट और टी-शर्ट पहने थी, जैसे चुदाई के लिए बिल्कुल तैयार हो !
मेरा तो लण्ड खड़ा हो गया। मैंने चुम्बन करना शुरू कर दिया।
वो बोली- कहीं मम्मी आ गईं तो?
मैंने उससे कहा- तुम डरो मत। अब सुबह तक हमारे बीच कोई नहीं आएगा।
फिर मैंने उसे ब्रा और पैंटी का पैकेट दिया।
उसने पूछा- क्या है?
तो मैंने कहा- खोल कर देख लो।
उसने पैकेट खोला तो एकदम शरमा गई।
मैंने कहा- पहन कर दिखाओ।
वो बोली- नहीं, मुझे शर्म आ रही है।
मैंने कहा- अच्छा तो फिर मुझे तुम्हारी शर्म दूर करनी पड़ेगी।
फिर मैंने उसके मम्मों पर हाथ रख कर दबा दिया। वो मुझसे लिपट गई। मेरा हाथ पीठ से कमर तक उसके बदन को सहला रहा था। मैंने उसके ब्रा के हुक खोल दिए और फिर टी-शर्ट को ऊपर उठा दिया। उसके मस्त मम्मे देख कर आँखें फट गईं। बिल्कुल गोल और सख्त, खड़े चूचे।
मैंने दाईं चूची पे अपना मुँह लगा दिया। वो सिसकार उठी। उसकी उंगली मेरे बालों में और मेरी उंगली उसकी पैंटी में। उसकी चूत पर हल्के रोयें थे। आधे घंटे तक मैं उसकी चूची को चूसता और काटता रहा। उसके मुँह से निकलती सिसकारियाँ बता रही थीं कि मेरी जान चुदाई के लिए तैयार हो रही है।
मेरी उंगली चूत की रस से भीग गई थी। मैंने उंगली बाहर निकाली और उसे चाटने लगा, फिर कहा- आपकी नमकीन जवानी मुझे बहुत अच्छी लगी।
वो शरमा कर दूसरी तरफ देखने लगी।
मैंने उसके बोबे को दबाते हुए पूछा- मजा आ रहा है जानू !
वो सर को हिला कर बोली- हाँ।
फिर धीरे से मैंने उसकी स्कर्ट को खोल के नीचे कर दिया। मक्खन जैसे गोरी बिल्कुल नंगी अनचुदी सील-पैक लड़की मेरे सामने थी। जी कर रहा था कि अब लंड पेल दूँ, लेकिन मैं उसे काफी उत्तेजित कर देना चाह रहा था। तो मैंने धीरे से बोबे के नीचे आ कर पेट चाटना शुरू कर दिया। फिर कुछ देर बाद मेरा मुँह उसकी चूत को चाट रहा था। वो काफी गहरी साँस ले रही थी और हम ‘उम्म हम्म’ की आवाज कर रही थी।
पांच मिनट के बाद उसने पानी छोड़ना शुरू कर दिया। मैंने उसकी चूत को चाट कर पूरी तरह से साफ कर दिया। अब मैंने अपने कपड़े उतार दिए और बिल्कुल नंगा हो गया। अपना खड़ा लण्ड जो सात इंच का है, उसके मुँह के पास ले जा कर बोला- जानू, इसे थोड़ा प्यार करो ना !
वो हाथ में लंड ले कर हिलाने लगी। तो मैंने उसे चूसने को कहा, पर वो नहीं मान रही थी। तो मैंने उसे चुम्बन करने को कहा। वो धीरे-धीरे पूरे लंड को चुम्बन कर रही थी, फ़िर चाटना शुरू कर दिया, मैंने उसकी चूत को चाट कर पूरी तरह से साफ कर दिया।
मैंने उसे कहा- जानू अब आपकी चूत का यार, मेरा लंड उससे मिलना चाह रहा है।
वो मुस्कुरा दी। मैंने दो तकिये उसकी गांड के नीचे लगा दिए। फूली हुई चूत अब चुदाई के लिए बिल्कुल तैयार थी। लंड भी पूरा जोश दिखा रहा था। मैंने कंडोम नहीं लगाया। पहले धक्के में सुपाड़ा चूत में फंस गया। दूसरा शॉट जबरदस्त था। 4 इंच तक लंड चूत में ठुंस गया। झिल्ली फट चुकी थी। तीसरे शॉट में जड़ तक लंड चूत में था। कसी हुई चूत और उसकी चिल्लाने की आवाज मुझे और ज्यादा मजा दे रहा था।
दो मिनट तक रुकने के बाद चुदाई शुरू हो गई। पहले तो कमर धीरे चल रही थी पर कुछ देर में स्पीड बढ़ती गई। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
उसकी मादक सिसकारियों से पूरा कमरा गूंज रहा था- आह आह्ह आह हूँ.. पुच… पच… पुच… पचपुच… पच…
वो आँखें बंद कर के धक्के खा रही थी। मेरे लंड में भी तनाव बढ़ गया था। बोबे को तो मैंने सुजा कर लाल ही कर दिए थे। टाँगें कंधे पर, हाथ कमर पे, लंड चूत में डाल कर हम सारी दुनिया भूल कर चुदाई में लीन थे।
पता नहीं कितने मिनट तक मैंने उसे चोदा। शायद 30 मिनट तक, फिर सारा माल उसकी चूत में डाल दिया। वो भी अब तक 2 बार झड़ चुकी थी। मैंने लंड को चूत में फंसाए रखा और ऊपर लेटा रहा।
आधे घंटे बाद वो बोली- जानू आइ लव यू !
फिर तकिये को देखा जो खून से रंग गया था। हम लोगों ने बिस्तर की सफाई कि फिर मैंने जो पैंटी और ब्रा लाया था उसे पहनाया। अपने होंठों से उसके मम्मों और चूत पर चुम्बन किया।
उसने कहा- जानू मुझे रोज प्यार करोगे ना !
मैंने कहा- जी करता है कि तुझे हमेशा प्यार ही करता रहूँ, लेकिन तेरी मम्मी की वजह से ऐसा नहीं हो पाएगा।
मुझे आप अपने विचार यहाँ मेल करें।
कहानी का अगला भाग: सपना की चुदास ने मम्मी को भी चुदवाया-3
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