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ट्विंकल जल्दी से गया और एक रम की बोतल और गिलास भी ले आया। उसने आधा गिलास रम का मुझे दे दिया और आधा गिलास रम वो खुद पी गया। मैंने उससे पूछा- तुम क्यूँ पी रहे हो? तो वो बोला- मुझे भी सर्दी लग रही है, इसलिए।
मैंने कुछ नहीं कहा और फिर मैं लेट गई और वो मेरे पैर दबाने लगा। पैर दबाते-दबाते उसके हाथ मेरी जाँघों तक आ गये। वो अपने हाथ ऊपर बढ़ाते ही जा रहा था।
और मुझे भी एक अज़ीब सा नशा आने लगा था। मैंने सोचा क्यूँ ना आज ट्विंकल को खुल कर मजा दिया जाए। मैं ट्विंकल से बोली- ट्विंकल मुझे गर्मी लग रही है, तू रुक जा अभी।
मैं उठी और अपनी नाइटी भी उतार दी, अब मैं सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में ट्विंकल के सामने थी। उसने मुझे इतना घूर कर देखा, जैसे उसने कभी शायद ऐसा नहीं देखा होगा।
मेरी उमर भले ही 37 की है लेकिन मैंने अपने आप को बहुत मेंटेन करके रखा था। मेरा फिगर साइज़ 36-31-36 था, जिसे देख कर ट्विंकल के होश उड़ गये।
उसके बाद मैं बेड पर लेट गई, ट्विंकल से बोली- अगर मुझे नींद आ जाए तो तुम भी सो जाना, पैर दबाते मत रहना क्योंकि मुझे तो जोरों से नींद आ रही है। ठीक है? और हाँ, कमरे की लाइट बंद कर दो। वो बोला- हाँ, आप सो जाओ, मैं बाद में सो जाऊँगा।
उसने कमरे की लाइट भी बंद कर ली और अपना मोबाइल भी ले लिया ताकि वो मोबाइल की लाइट से थोड़ा उजाला कर सके। वो भी बेड पर आ गया और पैर दबाने लगा।
मैं नाटक करने लगी जिससे कि बात आगे बढ़े। मैं खर्राटे भरने लगी, जिससे ट्विंकल को लगे कि मैं अब सो गई हूँ। फिर ट्विंकल उठा और उसने अपने कपड़े भी उतार दिए अब वो सिर्फ़ अंडरविअर में था और उसने अपने मोबाइल की लाइट ज़ला कर दूर रख दिया, जिससे रूम में थोड़ा उजाला होने लगा।
अब ट्विंकल की हिम्मत बढ़ गई क्योंकि वो सोच रहा था कि मैं सो चुकी हूँ, और मैं नशे मैं भी हूँ। वो कुछ भी करेगा तो मुझे पता नहीं चलेगा।
लेकिन मुझे एक पैग ड्रिंक से क्या होने वाला था। अब ट्विंकल मेरी जाँघों को दबा नहीं रहा था, बल्कि वो अब मेरी जाँघों को सहला रहा था। जिससे मुझे भी मजा आने लगा।
उसकी हिम्मत अब बढ़ती जा रही थी। उसने अब मेरी जाँघों पर से हाथ फेरते हुए मेरी पेंटी के ऊपर ले आया और हाथ फेरने लगा। दूसरा हाथ उसने और ऊपर बढ़ाते हुए मेरे वक्ष पर रख दिया और थोड़ी देर के लिए रुक गया और देखा कि मैं कुछ नहीं बोल रही हूँ। तो उसने मेरे स्तन दबाना चालू कर दिया।
थोड़ी देर बाद उसने मेरे उरोजों को और ज़ोर से दबाना चालू कर दिया।
तभी मैं एकदम से उठी तो ट्विंकल घबरा गया उसका चेहरा देखने लायक था। वो बहुत डर गया था और मैंने नाटक किया कि जैसे मैं नींद में हूँ।
मैंने उससे बोला- ट्विंकल, देख ज़रा पानी है क्या? मुझे प्यास लगी है। और वो बोला- हाँ पानी है।
लेकिन उसने सोचा कि मैं नींद में हूँ, उसने मुझे पानी की जगह आधा गिलास रम दे दी। मैंने उससे नींद में बुदबुदाते हुए कहा- पानी का टेस्ट कैसा है? तो वो बोला- आपने रम पी रखी है, इसलिए आपको ऐसा लग रहा है।
मैं भी झट से रम पी गई और फिर सोने का नाटक करने लगी, खर्राटे भरने लगी।
लेकिन ट्विंकल ने 10 मिनट बाद मुझे छुआ और मैं अभी भी जाग रही थी। उसने इस बार सीधा एक हाथ मेरे चूचे पर रखा और दूसरा मेरी पेंटी पर और दबाने लगा।
और इस बार हिम्मत करके उसने अपना हाथ पेंटी के अन्दर धीरे से खिसकाया।
मेरे पूरे बदन में एक बिजली सी दौड़ गई। मैंने भी उसको साथ दिया और अपने पैर थोड़े फैला लिए जिससे कि उसका हाथ ठीक से मेरी चूत पर जा सके।
जैसे ही मैंने अपने पैर फैलाए, ट्विंकल ने अपना पूरा हाथ मेरी चूत पर रख दिया। अब उसने अपनी ऊँगलियाँ मेरी चूत में अन्दर कर दीं।
वो अपनी ऊँगलियों को मेरी चूत में अन्दर-बाहर करने लगा। फिर अचानक से उसने अपनी ऊँगली मेरी चूत में से बाहर निकाल ली। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।
अब उसने अपनी अंडरवियर में से अपना लंड भी बाहर निकाल लिया।
मैंने अपनी थोड़ी से आँख खोल कर ये सब देख रही थी, उसका लौड़ा काफ़ी बड़ा लग रहा था।
अब वो पूरा नंगा मेरे सामने था। उसे पता था कि मैंने ज़्यादा पी रखी है और मुझे कुछ पता नहीं चलेगा। उसने धीरे-धीरे मेरी पेंटी उतार दी और मेरी ब्रा भी उसने उतार दी।
अब वो एकदम निडर होकर अपने लंड को मेरी चूत में पेलने की कोशिश कर रहा था, तभी उसका लंड मेरी चूत में चला गया।
मेरे मुँह से ‘आह’ निकल गई लेकिन ट्विंकल इस बार नहीं रुका और उसने धीरे-धीरे झटके देना चालू कर दिया और मेरे चूचों को वो अपने हाथों से मसलने लगा।
उसने अपने होंठ मेरे होंठ से मिला कर मुझे चूमने लगा। हम दोनों का बदन भी काफ़ी गर्म हो चुका था। जब मुझे लगा कि वो झड़ने वाला है तो मैंने धीरे से करवट ले ली, जिससे उसका लण्ड मेरी चूत में से बाहर आ गया।
वो झड़ भी नहीं पाया क्योंकि मैं नहीं चाहती थी कि वो इतनी जल्दी से झड़ जाए।
लेकिन उसने मुझे किस करना नहीं छोड़ा और फिर से मेरी चूत में अपना लंड डालने लगा।
इस बार मैंने भी उसका साथ दिया और अपने दोनों हाथों से उसे अपनी ओर इस तरह खींचा कि जैसे मैं अभी भी नींद में हूँ।
उसने फिर से अपना लंड मेरी चूत में घुसेड़ दिया। वो मेरे उभारों के निप्पलों को वो अपनी जीभ से सहला रहा था। उसके धक्के लगतार मुझे गर्म कर रहे थे।
कुछ देर बाद मैं झड़ गई और थोड़ी ही देर बाद ट्विंकल भी झड़ गया।
उसने मुझे बेड पर बैठाया लेकिन मैं अभी भी सोने का नाटक कर रही थी। उसने चादर से मेरी चूत और अपने लंड को साफ़ किया। फिर मुझे ब्रा पहनाई और लिटा दिया, फिर मुझे पेंटी पहना दी। उसने मेरे होंठों पर एक चुम्बन भी किया और वो मुझे गले लगाया और वो सो गया।
फिर मुझे भी नींद आ गई। सुबह मैं जब उठी तो घड़ी में 7:30 का टाइम हो रहा था। मैं उठी और अपनी नाईटी पहनी और खिड़की का खोली जिससे बाहर से सूरज का उजाला आ रहा था।
तभी ट्विंकल भी जाग गया। मैंने उससे उठने को कहा और वो बेड पर बैठ गया। उसे यह ध्यान नहीं था कि उसने अंडरवियर नहीं पहना है। तभी उसकी नज़र नीचे पड़ी और देखा कि उसने अंडरविअर नहीं पहना है तो उसने झट से चादर को लपेट लिया।
तभी मैं मन ही मन सोचने लगी कि जब रात में मुझे चोदते समय इसे शर्म नहीं आई जो अब यह शरमा रहा है।
फिर मैंने उससे कहा- मुझसे शरमाता है? अरे पागल मैंने तो तुझे बचपन से ही ऐसा देखा है।
उसे रात की सारी बात याद आ गई, उसने सोचा कि पता नहीं कि मम्मी को पता तो नहीं चल गया तो उसने मुझसे पूछा- मम्मी, आपको नींद कैसी आई?
मैंने कहा- जब तूने मेरे इतने अच्छे से पैर दबाए तो मुझे अच्छी नींद कैसे ना आती भला!
मैंने एक अर्थ-पूर्ण मुस्कान ट्विंकल को दी और वो खुश हो गया।
उसने सुनिश्चित करने के लिए कि वास्तव में मुझे कुछ पता है या नहीं, मुझसे पूछा- मम्मी, आपको पता है कि रात में क्या हुआ?
मैंने भी कह दिया कि मुझे कैसे पता होगा भला! मैंने रम जो पी रखी थी, जिससे मैं गहरी नींद में चैन से सो गई थी। तुम ही बताओ, क्या हुआ था?
‘ओह!’ ट्विंकल ने बात घुमाते हुए कहा- मम्मी रात की बिल्ली आई थी और मेरे गिलास का जो बचा हुआ दूध था, वो उसने पी लिया और मैं डर गया था।
मैंने भी कहा- क्यूँ डरता है? तेरी मम्मी जो तेरे पास सो रही थी। जब भी कभी तुझे नींद ना आए या फिर तुझे डर लगे तो मुझे बुला लिया करना! ठीक है?
ट्विंकल ने मुझसे कहा- आपको कोई परेशानी तो नहीं होगी?
मैंने कहा- नहीं बल्कि मुझे तो अपने बेटे के साथ सोने मैं बहुत अच्छा लगता है, क्योंकि तुम मेरे इतने अच्छे पैर जो ‘दबाते’ हो!
मैंने ‘दबाते’ शब्द को कहते हुए फिर एक आँख भी हल्के से दबा दी और जरा सी मुस्कराहट अपने होंठों पर बिखेरी।
ट्विंकल ने भी हाँ में हाँ मिला दी और ट्विंकल को जो मैं परोक्ष तरीके से जो समझाना चाहती थी। वो ट्विंकल भी समझ गया कि मुझे रात के बारे में सब पता है, और जो कुछ भी रात को हुआ, मुझे उसमें कोई आपत्ति नहीं है।
अब ट्विंकल अपने बेड से नंगा ही उठा क्योंकि अब उसे सब समझ आ गया कि मेरी तरफ से उसे ‘ग्रीन-सिग्नल’ है।
वो मेरी तरफ़ आया और मुझे गालों पर चूम लिया तो मैंने उसे होंठों पर लंबा चुम्बन किया और अपने दोनों हाथों से उसे जकड़ लिया, जिससे उसे अच्छी तरह से समझ आ जाए कि उसकी मम्मी को उसकी कितनी ज़रूरत है।
ट्विंकल ने मुझे ‘थैंक्यू’ बोला, मैंने भी उसे ‘वेलकम’ में जवाब दिया। तभी ट्विंकल ने मुझसे कहा- मुझे नहाना है। मैंने मुस्कुरा कर कहा- अभी नहलाते हैं तुम्हें। तो वो बोला- जल्दी से नहला दो, वरना स्कूल के लिए देर हो जाएगी।
मैंने उससे कहा- आज तो इतवार है। उसने कहा- अरे हाँ, आज तो रविवार है। और दोनों मिलकर जोर से हंसने लगे!
फिर मिलते रहेंगे दोस्तो, और हाँ एक बात ध्यान रखो कि जो सभी को खुशियाँ देता है वो हमेशा खुश ही रहता है। जसमीत कौर [email protected]
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