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प्रेषक : इसु
सभी दोस्तों को मेरी तरफ से नमस्कार। मेरा नाम इसु है, मैं अभी 24 साल का हूँ, फरीदाबाद में रहता हूँ।
मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ। मैंने सोचा कि क्यों न अपनी कहानी आप लोगों के साथ बांटूँ।
यह कहानी मेरी और भाई की मेरी गर्लफ़्रेन्ड की है। बात तब की है जब मैं बारहवीं में पढ़ता था। मेरा एक भाई है जिसका नाम जय है। वो मुझे छोटा है। उसकी चार गर्लफ़्रेंड हैं, उन में से एक देविका बहुत सुन्दर और सेक्सी है।
मैं मन ही मन उसकी चुदाई को तरसता था। क्या मस्त चूचे थे उसके ! मेरा तो देख कर ही खड़ा हो जाता था।
मैं देविका से बहुत प्यार करता था, परन्तु वो मुझे प्यार नहीं करती थी। वो मेरे छोटे भाई से प्यार करती है।
एक दिन मुझे पता चला कि वो दोनों छुप-छुप कर मिलते थे। फिर क्या था मैंने दोनों पर नजर रखी।
एक दिन वो दोनों सेक्स का करने की सोच रहे थे। मैं भी इसी मौके की तलाश में था।
वो एक दूसरे को किस कर रहे थे, मैंने दोनों को पकड़ लिया और चिल्लाया, “क्या कर रहे हो?”
दोनों वहाँ से भाग गये। उसके बाद मुझे देविका की अकेले में मिलने की तलाश रहने लगी।
एक दिन अकेले में मिलने पर, उसने मेरे भाई के साथ वाली घटना किसी से ना कहने की मिन्नत की तो मैंने हिम्मत जुटा कर उसे कह दिया- मैं तुम्हारे साथ सेक्स करना चाहता हूँ।
तो देविका बोली- तेरी कनपट्टी एक चप्पल मारूंगी…!
यह बोल कर वो वहाँ से चली गई।
फिर मैंने बहुत सोचा कि यार किस तरह देविका की चूत मिले?
मैं सोच ही रहा था कि मेरे दिमाग में एक आईडिया आया कि क्यों ना ऊँगली टेड़ी कर लूँ ?
ये सब मैं सोच ही रहा था कि देविका हमारे घर आई, टीवी देखने के लिए, क्योंकि उनके घर पर टीवी नहीं था। इसलिए वो हमारे घर पर टीवी देखने के लिए आ जाती थी।
उस समय घर पर कोई नहीं था। अच्छा मौका देख कर मैंने देविका से कहा- अगर तूने मेरे साथ सेक्स नहीं किया, तो तेरी मम्मी को बता दूंगा कि तुम और जय एक दूसरे से प्यार करते हो और सेक्स भी।
तो वो बिदक गई, उसने कहा- मैं भी तुमसे बहुत प्यार करती हूँ, पर ये कौन सा तरीका है मेरे साथ सेक्स करने का? तुम पगले हो। कभी किसी भी लड़की से इस तरह नहीं बोलते कि मुझे तेरा साथ सेक्स करना। तुमको तो प्यार करना ही नहीं आता, तुम बहुत गंदे हो।
मैं कुछ भी नहीं बोल पाया।
वो फिर बोली- मन तो मेरा भी करता है, पर मैं ये सब शादी पहले नहीं करुँगी।
उसकी रजामंदी देख कर मैंने उसे पीछे से पकड़ लिया और किस करने लगा। उसने भी मेरा साथ दिया, वो भी मुझे किस करने लगी।
फिर वो बोली- मेरे घर चलो, मेरे घर पर आज कोई नहीं है। इधर अगर हम पकड़े गए तो बहुत बदनामी होगी। यहाँ मैं कुछ नहीं करूँगी और तुम किसी को इस बारे कुछ भी नहीं बताना।
मैं कहा- बाबू (देविका) ऐसा कुछ नहीं होगा। जब हम किसी को नहीं बतायेंगे तो किसी को कैसे पता चलेगा?
देविका बोली- तुम आपने छोटे भाई जय को भी मत बताना ! ठीक है?
फिर देविका को बोला- तुम अपने घर जाओ, मैं पीछे से आता हूँ।
वो अपने घर चली गई, मैं पीछे-पीछे उसके घर चला गया।
उसके घर पहुँच कर मैं उसे किस करना लगा।
वो फिर बोली- हम सेक्स नहीं करेंगे।
मैंने पूछा- क्यों?
वह बोली- नहीं, इसमें बहुत दर्द होता है।
मैंने कहा- तुम्हें कैसे पता?
वह बताने लगी कि उसकी सहेली की बड़ी बहन ने बताया था जब उसकी शादी हुई थी।
फिर मैंने कहा- शुरू में थोड़ा दर्द होता है, फिर बहुत मजा आता है, मैंने किताब में पढ़ा था।
“ओके !”
फिर देविका मान गई पर पहली बार के कारण वो थोड़ी सी डरी हुए थी। इसलिए वो बार-बार सेक्स करने के लिए मना कर रही थी।
उसने कहा- तुम बहुत गंदे हो !
कहकर सर को झुका लिया।
बस फ़िर क्या था, मैंने आगे बढ़कर उसके हाथों को चूम लिया, फिर उसके गुलाबी और कोमल होंठों को अपने होंठों से सटाया, तो उसकी गर्म साँसे महसूस हुईं, जो कि काफी तेज चल रही थी।
उसके होंठों को करीब 10 मिनट तक चूसता रहा। वह भी अपनी जीभ मेरे मुँह में डालकर चाट रही थी।
फिर मेरे हाथ उसके सर पर से सरक कर उसके चूचियों पर आ गए।
जब मैंने उसकी चूचियों को हाथों से दबाया तो वह सिसकार कर बोली- नहीं इसु, आज नहीं ! आज मुझे बहुत डर लग रहा है।
मैंने उसकी एक न सुनी और धीरे-धीरे उसके सू्ट को खोलने लगा।
कुछ देर बाद उसके बदन पर केवल पैंटी और छोटी सी ब्रा ही बच गई। फिर मैंने उसके गले पर चूमते हुए उसके पीछे जाकर ब्रा के हुक खोल दिए।
‘वाह !’ क्या नज़ारा था। वह मेरे सामने लगभग नंगी खड़ी थी। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि अब मैं इसके साथ क्या करूँ।
देविका का बदन ! क्या बताऊँ, करीब 32-26-32 होगा। मेरे तो होश ही उड़ गए उसे नंगी देख कर !
मुझसे रहा नहीं गया और मैं उसे पकड़ कर चूमने लगा। क्या मजा आ रहा था !
वह केवल सर झुकाए खड़ी थी। फिर मैंने आगे जाकर उसके चूचियों को धीरे-धीरे मसलने लगा, जिसके कारण उसकी छोटी सी निप्पल कड़ी लगने लगी थी।
उसके निप्पल को अपने जीभ से चाटने लगा जिससे उसके मुँह से ‘सी…सी…’ की आवाजें आने लगी थी।
मैं समझ गया कि अब वह गर्म होने लगी है।
फिर अचानक मैंने उसके हाथ को अपने 8 इंच खड़े लण्ड पर महसूस किया। वो उसे पैंट के ऊपर से ही सहला रही थी।
मैंने फट से अपने पैंट और अंडरवियर खोल दिया।
वह मेरे लण्ड को आगे-पीछे कर रही थी और मैं उसके चूचियों को बारी-बारी से कुत्ते की तरह चाट रहा था।
फिर मैंने उसे घुटने के बल बैठाया और अपने लण्ड को चाटने को कहा।
पहले तो उसने मना कर दिया पर मेरे जोर देने पर अपने कोमल होंठ मेरे लण्ड पर रख दिए।
फिर धीरे-धीरे उसे अपने मुँह में अन्दर-बाहर करने लगी।
पहली बार कोई मेरे लण्ड को अपने मुँह से चाट रही थी। मानो एक अजीब सी दुनिया में अपने आपको महसूस कर रहा था।
धीरे धीरे उसकी स्पीड बढ़ रही थी। एक समय ऐसा लगा कि मैं झड़ने वाला हूँ।
मैंने फट से लण्ड को बाहर निकाला और देविका को बेड पर लेटा कर उसके पैंटी को खोल दिया।
उसके बिना बाल वाली चिकनी चूत को देखकर मैं बेकाबू हो गया।
मैंने उसके बुर पर हाथ फेरते हुए एक ऊँगली बुर में डाल दी जिससे उसकी सिसकारियाँ निकल पड़ी।
धीरे-धीरे उसकी बुर से पानी निकलना शुरू हो गया।
मैं अपना मुँह उसकी बुर पर रखकर चाटने लगा। कभी-कभी अपने जीभ उसके बुर में भी डाल देता जिससे वह चीख पड़ती।
फिर देविका बोली- इसु, अब और मत तड़पाओ और अपना लौड़ा चूत में डाल दो।
मैंने उसे लेटा दिया और उसकी चूचियाँ और चूत चाटने लगा।
अब वो पूरी मस्ती में आ गई थी और अपनी चूत में मेरा मुँह लगा कर सिसिया रही थी, “आह..ह्ह… ऊफ़…चा..चा..टते… र..अ..अ..हो…वाह मेरे ! और जोर से जोर-जोर से !”
उसने मेरा मुँह अपनी चूत में दबा लिया, मैं भी उसकी चूत में अपनी जीभ डाल रहा था।
मैं अब पूरे जोश में था, अब मुझे एक कुँवारी चूत मिली जिसे मैं खोलने वाला था।
मैं अपने लण्ड का सुपारा उसकी चूत पर घुमाने लगा तो वो और तड़प रही थी, “मत तड़पा मेरे इसु, डाल दे मेरी इस चूत में लौड़ा ! इसे फाड़ दे !”
मैंने देरी ना करते हुए अपना लंड का सुपारा उसकी चूत पर रखा और एक धक्का मारा पर उसकी चूत कुँवारी होने के कारण नहीं गया।
फिर मैंने एक धक्का मारा और मेरा लंड का आधा भाग उसकी चूत में घुस गया।
वो चिल्लाने लगी- मर…गई… अह्ह… ओह… निकालो…इस..को… निकालो…अह्ह..अह…अह…अह्ह अह… अह…
उसकी आँखों से आँसू आने लग गए, तो मैं रुक गया और उसे चूमने लगा।
उसके बाद मम्मों को दबा कर उसका ध्यान अपनी ओर खींच रहा था, फिर मैंने एक और धक्का मारा और मेरा पूरा लण्ड उसकी चूत को चीरता हुआ घुस गया।
कुछ देर के बाद वो अपनी गाण्ड उछालने लगी, तो मुझे सिग्नल मिलते ही मैं भी उस पर जंगली शेर की तरह टूट पड़ा।
मैं उसे लेटा कर और उसका एक पैर मेरे कंधे पर रख कर चोद रहा था। उसके मम्मे पकड़े और उसे जोर-जोर से चोदने लगा।
उसने मुझे अपनी ओर खींच लिया और दबोच लिया, उसके नाख़ून मुझे लगने लगे पर मेरी गति बढ़ती गई, और बढ़ती गई।
और वो चिल्लाती रही- हाँ…बेबी… फ़क…मी… आह…आह… अह… प्लीज चोदो, और जोर से चोदो इसु ! काम ओन और जोर से।
वो ऐसे ही अंग्रेजी में बोलती रही और उसका शरीर अकड़ने लगा, वो झड़ गई।
मैं भी पूरा का पूरा झड़ गया और काफी थक गया था। उसकी चूचियों पर सर रखकर लेट गया था।
करीब दस मिनट के बाद हम दोनों उठे, पर देविका ठीक से चल नहीं पा रही थी। मैंने उसे सहारा देकर बाथरूम में ले जाकर नहलाया और ख़ुद भी नहाया।
बाथरूम में अपने चूत और मेरे लण्ड पर लगा खून देखकर देविका चौंक गई।
मैंने उसे समझाया कि यह तेरी चूत का खून है, क्योंकि तुमने पहली बार सेक्स किया है। पहली बार सेक्स करने पर खून निकलता है। अब तुम्हारी चूत का रास्ता खुल गया है।
जब वह बाथरूम से आई तो बेड पर खून देखकर बोली- इतना सारा खून?!
फिर हम दोनों ने अपने-अपने कपड़े पहन लिए।
हम दोनों करीब एक घंटे तक बात करते रहे और खाना खाया। जब वह कुछ नोर्मल हुई तो मैं अपने घर चला आया।
इसके बाद दो बार और देविका की चुदाई कर चुका हूँ।
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