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मेरा नाम अदिति है। मैं अन्तर्वासना में अपनी पहली कहानी भेज रही हूँ। मेरी उम्र 23 साल है।
यह उन दिनों की बात है जब मेरा पहला बॉय फ्रेन्ड बना था, उसका नाम रवि था, वो मेरी भाभी का छोटा भाई था, वो अक्सर मेरे गांव में आया करता था। उसके और मेरे प्यार को दो साल बीत चुके थे, पर हमें कभी सैक्स करने का मौका नहीं मिला था।
मैंने भी कभी सैक्स नहीं किया था। मेरा दिल करता था कि मैं भी चुदूँ और रवि भी मुझे चोदने के लिए कहता था। मैं हाँ तो कर देती थी, पर मौका नहीं मिलता था।
हमारे प्यार के बारे में मेरे घर वालों को पता चल चुका था। इसलिए चुदाई की बात तो छोड़िये, हम सबके सामने बात भी नहीं कर सकते थे।
एक बार में गांव में जागरण था और जागरण में रवि घूमने आया हुआ था। उसने मुझे फोन करके चोदने की इच्छा जताई। मैंने भी हामी भर दी।
मैंने जगह पूछी तो उसने एक गन्ने के खेत में मिलने को कहा, तो मैंने मना कर दिया।
उसका पूछा- क्यों?
मैंने कहा- मैं बिस्तर में दूँगी, गन्ने के खेत में नहीं।
तो उसने आधे घण्टे बाद फोन करने को कहा। मैं इन्तजार करने लगी। उसने फिर फोन किया और मुझसे कहा कि मेरा एक दोस्त है उसके घर पर चलते हैं।
मैं राजी हो गई।
मेरे घर वाले सब जागरण में थे। मैं भी अपनी सहलियों के साथ जागरण में थी तो घर वालों का डर नहीं था।
मैंने अपनी सहलियों से कहा कि मैं रवि के साथ जा रही हूँ अगर मेरे घर वाले पूछें तो सम्भाल लेना।
मैं रवि के साथ चली गई। हम उसके दोस्त के घर पहुँच गए। रवि कमरे में घुसते ही मुझे किस करने लगा, मैं ऐसा पहली बार कर रही थी तो मुझे शर्म आ रही थी।
मैंने रवि को लाईट बंद करने को कहा पर उसने मना किया। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।
मैंने कहा- अगर तुम लाईट बंद नहीं करोगे तो मैं चूत नहीं दूँगी।
इस पर रवि ने लाईट बंद कर दी। इससे पहले रवि ने भी किसी लड़की के साथ चुदाई नहीं की थी। हम दोनों अनाड़ी ही थे।
उसने मेरे कपड़े उतारे और मुझे सीधा लिटा कर मेरी दोनों टाँगों के बीच आकर बैठ गया और मेरी चूत में लंड डालने की कोशिश करने लगा, पर उससे मेरी चूत में लंड नहीं डाला जा रहा था। उसे चुदाई करना नहीं आता था।
उसने मुझसे कहा कि मैं उसका लंड पकड़ कर अपनी चूत के छेद में रख दूँ।
मैंने मना कर दिया और कहा- तुम्हें लेनी है तो खुद छेद ढूंढ लो।
उसने कहा- यार ऐसा नहीं चलेगा। अगर हमें एक-दूसरे की चीजों से मजा लेना है तो एक दूसरे का साथ देना पड़ेगा।
उसने लाईट जला दी। मैंने तुरन्त खुद को एक चादर से ढक लिया।
रवि मेरे सामने नंगा खड़ा था और उसका लण्ड भी मेरे सामने था। मैंने उसका लण्ड देख कर दंग रह गई कम से कम 6-7 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा लण्ड था।
मैंने उससे कहा- तुमने लाईट क्यों जलाई?
तो उसने पूछा- तुम्हें सैक्स करना आता है?
तो मैंने मना कर दिया तो उसने कहा कि मुझे भी नहीं आता है। अब एक सैक्सी फिल्म देखते हैं और उसी की तरह करेंगे।
मैं मान गई और उसने अपने मोबाईल पर सैक्सी फिल्म चालू कर दी। उस देखकर हम दोनों गर्म होने लगे।
रवि ने मुझे उठाया और अपनी गोद में इस तरह बिठाया कि उसका लण्ड ठीक मेरी गाण्ड के नीचे था।
पहले पूरी फिल्म देखी और उसके बाद चालू हो गए। फिल्म में पहले लड़का-लड़की की चूत को चाटता है तो रवि भी मेरी चूत चाटने लगा और यह मेरा पहला अनुभव था। उसके मेरी चूत पर मुँह रखते ही, मेरे जिस्म में बिजली सी दौड़ पड़ी, मेरी कमर अपने आप ही बल खाने लगी।
रवि मेरी चूत को ऐसे चाट रहा था, जैसे वो इसे खा जायेगा।
फिर फिल्म की तरह उसने अपनी एक उंगली में चूत में डाली मुझे थोड़ा सा दर्द हुआ, पर मैंने सह लिया।
वो उंगली को आगे पीछे करते हुए मेरी चूत चाट रहा था। अचानक मेरा शरीर अकड़ने लगा और मैं अपने जीवन में पहली बार झड़ी।
उस पल ऐसा लगा कि मानो जन्नत का नजारा दिख गया हो।
मैंने रवि को हटने के लिए कहा, तो वो मान गया और अपना लण्ड मेरे मुँह के सामने रखकर बोला- लो अब तुम्हारी बारी।
उसका लण्ड इतना बड़ा था कि मेरे मुँह में ही नहीं आ रहा था, मैं उसे ऐसे ही बाहर से चाटने लगी।
पहले तो मुझे अजीब सा लगा पर बाद में मजा आने लगा, मेरे चूसने से उसका लण्ड और ज्यादा कड़क और फूल गया।
उसने मुझे फिल्म की तरह बैड पर घोड़ी बनने को कहा और मैं बन गई।
अब लाईट जल रही थी, इसलिए उसने सीधे मेरी चूत के छेद में ही लण्ड को रखा और धीरे से धक्का दिया।
मुझे लगा कि जैसे कोई लोहे की रॉड डाल रहा हो, मैंने तुरन्त उसके लण्ड से अपनी चूत हटा दी।
उसने कहा- क्या हुआ?
मैंने कहा- दर्द हो रहा है।
उसने कहा- तो चलो ठीक है, सीधे लेट कर दे दो उसमें कम दर्द होगा।
वो तेल भी ले आया। पहले उसने मेरी चूत में अच्छी तरह से तेल लगाया और फिर अपने लण्ड में मुझसे तेल लगाने कहा।
मैंने भी उसके लण्ड में जम कर तेल लगा दिया ताकि मुझे दर्द न हो और सीधा लेट गई।
उसने मेरी टाँगें अपने दोनों कन्धों पर रखी, लण्ड को मेरी चूत की दरार में रखा और फिर मेरे दोनों हाथों को अपने दोनों हाथों से पकड़ कर धक्का देने लगा।
उसका लण्ड मेरी चूत में जाने लगा और मुझे बहुत दर्द होने लगा, मैं चिल्लाने लगी, और उससे छोड़ने को कहने लगी पर वो तो शायद मेरी बात सुन ही नहीं रहा था।
मैंने देखा कि अभी उसके लण्ड का ऊपर वाला भाग ही मेरी चूत में गया है। मुझे रोना आ गया और मैं रोने लगी।
मुझे रोता देख कर, वो रूका और अपना लण्ड उसने बाहर निकाला तो उसमें खून लगा था, मेरी चूत से भी खून निकल रहा था।
उसने मुझे फिर से किस किया और मेरे होंठों पर अपने होंठ को रखकर चूसने लगा। मैं फिर से अपने दर्द को भुला बैठी थी।
उसके बाद उसने बिना अपने हाथ से पकड़े, अपना लण्ड मेरी चूत पर रखा और डालने लगा। मुझे फिर से दर्द होने लगा पर वो नहीं मान रहा था।
इस बार उसने मेरा मुँह भी अपने मुँह से बंद कर दिया था। इस बार वो झटके के साथ डाल रहा था। उसने अभी 3 झटके ही लगाये थे और मुझे मानों 3 गोलियाँ लग गई हों।
फिर वो रूका और मेरी चूत की तरफ देखने लगा। मैंने भी देखा अभी उसका आधा लण्ड ही मेरी चूत में गया था। मैंने उससे अब न करने को कहा, पर वो नहीं माना।
मैंने कहा- आज इतना ही डाल कर काम चला लो और बाकी बाद में कर लेंगे।
“चुदाई भी कहीं किश्तों में होती है?” उसने कहा।
वो नहीं माना, उसके ऊपर तो जैसे चुदाई का भूत सवार था, वो तो मानो जल्लाद बन गया था। उसने फिर से मेरी चूत में लण्ड डालना शुरू कर दिया। मैं फिर से रोने लगी और मेरी आँखों से आँसू निकलने लगे, पर उसके ऊपर कोई असर नहीं हुआ।
उसने मेरी चूत में अपना पूरा लण्ड डाल कर ही दम लिया। मेरी हालत अधमरी सी हो गई थी।
मैंने उससे पानी मांगा तो उसने कहा- अभी मैं एक बार तेरी चूत तो ले लूँ। इतनी मुश्किल से तो गया है, और अब तू इसे निकालने को कह रही है।
इतना कह कर वो मुझे चोदने लगा और मुझे फिर से दर्द होने लगा।
थोड़ी देर बाद मेरी चूत ने उसके लण्ड के बराबर जगह बना ली, फिर मुझे मजा आने लगा।
वो कभी छोटे शॉट मारता, कभी लम्बे झटके देता। चुदाई करते हुए हमें 10 मिनट हुए होंगे कि मैं झड़ने लगी। मेरे झड़ने के बाद मैंने उसे रूकने को कहा, पर वो नहीं माना और मुझे घोड़ी बनने को कहा।
मैं घोड़ी बनी और वो मेरे पीछे से मेरी चूत में लण्ड डालने लगा। उसके लण्ड डालते समय मुझे थोड़ा दर्द हुआ। बाद में इस पोजीशन में भी मुझे मजा आने लगा।
15 मिनट बाद मैं फिर से झड़ गई पर वो झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था, तो मैंने उसे छोड़ने को कहा।
तो वो कहने लगा- तेरी माँ की चूत… साली पिछले दो सालों से तेरी चूत के सपने देख कर मुठ मार रहा हूँ। तू आज मिली है, तो कहती है छोड़ दे?! आज तो मैं तुझे रात भर चोदूँगा।
यह कर उसने अपनी स्पीड और तेज कर दी। लगभग 15 मिनट बाद उसने अचानक अपना लण्ड मेरी चूत से निकाला। मैंने राहत की सांस ली ही थी कि उसने अपना लण्ड मेरे होंठों पर रखकर मुठ मारने लगा।
मैं तो भूल ही गई भी फिल्म में लड़का अपना माल लड़की के मुँह में गिराता है और लड़की उसे खा जाती है।
उसी तरह उसने मुझसे भी माल को खाने के लिए कहा, मैं खा गई, और वो हट गया। उसके हटने के बाद मैंने उठने की कोशिश की, पर उठ ना सकी।
मेरी चूत अभी दर्द कर रही थी। यह बात मैंने उसे बताई तो उसने एक दवाई मेरी चूत पर लगा दी और मेरे लिए दर्द की एक गोली ले आया, मैंने वो गोली खाई और पानी पिया।
मेरी कहानी कैसी लगी, मुझे जरूर बतायें।
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