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सोनिया ने जैसे ही मम्मी को नंगी अपनी चूत फैलाए सोफे पर बैठा देखा तो उसकी आँखें फटी की फटी रह गईं। वो कुछ बोल ही नहीं पा रही थी।
तभी सुमीना ने उसको बोला- ऐसे क्या देख रही है साली कुतिया! क्या कभी खुद को नंगी नहीं देखा बहन की लौड़ी?
अब जब उसने सुमीना को गाली बकते सुना तो सोनिया की गांड फट गई। वो सहम कर लेकिन बगैर डर के मम्मी की चूचियों को निहारने लगी, जिनको उसकी मम्मी अपने हाथों से मसल रही थीं और एक हाथ से सिगरेट का मजा ले रहीं थीं।
तभी सुमीना ने मुझ को इशारा किया, मैं जल्दी से उनके पास गया तो उन्होंने मेरे लौड़े को पकड़ कर अपने मुँह में गप से रख लिया और एक बार पूरा अंदर ले कर चूसा।
फिर लंड को निकाल कर सोनिया से बोली- चल इधर आ छिनाल मेरी चूत चाटने को बुलाया है तुझको, आ इधर आ हरामिन।
अब सोनिया सब कुछ समझ चुकी थी और तनिक मुस्कुरा कर उठी और मस्त सी अदा से मम्मी की चूत के पास आई।
मम्मी ने उसकी सख्त चूची को टटोला तो बोल पड़ीं- वाह क्या माल है तू! साली कितनों से चुद चुकी अभी तक?’
‘ऊहुहूं मम्मी कैसी बात करती हो? मुझे शर्म आती है, मत पूछो न!’
मम्मी ने हँस कर कहा- अच्छा तो तुझको शर्म भी आती है, ले तेरी आज पूरी शर्म ख़त्म कर देती हूँ मैं। आज तू मेरे सामने अपने इस चोदू भैया का लवड़ा चचोर मेरी कुतिया।
और उसने मेरा लंड सोनिया के मुँह में लगा दिया और कहा- चूस हरामजादी और जब तक मैं तेरे लिए एक पैग बनाती हूँ दारू तो पीती है न? ले पी ले और इससे तेरी शर्म मेरी चूत में घुस जाएगी।
उसने दारू का गिलास बना कर सोनिया के होंठों से लगा दिया, और कमाल की बात थी कि सोनिया ने भी बड़ी अदा से दारू का एक बड़ा सा घूँट लिया और फिर मेरे लवड़े को अपने मुँह में भर लिया।
मुझे खूब मजा आ रहा था। दोनों माँ-बेटी मिल कर मुझसे नंगी होकर चुदने की कथा रच रही थीं।
सोनिया ने एक हाथ से लंड को सहलाया और दूसरे हाथ से सुमीना की चूत में उंगली डाल दी। मम्मी को मजा आने लगा उसने भी अपनी चूत फैला दी ताकि सोनिया मजे से उसकी चूत में भी सुरसुरी करती रहे।
दारू का गिलास सोनिया के मुँह से टिका दिया जिसे मेरी छिनाल बहन ने अपने हाथ में लेकर एक बार में पूरा गटक लिया और मस्ती में आ गई।
अब उसे किसी बात का भय ही नहीं रहा था सो उसने मम्मी से कहा- यार सुमीना, एक सिगरेट जला दो मेरे लिए।
सुमीना बोली- गुड सोनिया, तूने मुझे अपना यार बना लिया और सुन बे मादरचोद, मेरे चिकने भड़वे तू भी अब मुझे सुमीना ही कहना। मेरी जवानी को मम्मी कह कर ख़राब मत करना।
उसने सिगरेट जला कर सोनिया को दी, सोनिया ने बड़े ही सेक्सी अंदाज से सिगरेट को अपने होंठों में फंसाया और एक बड़ा सा कश लिया।
मुझे तो ऐसा लग रहा था कि मैं जन्नत में आ गया हूँ। मेरा लौड़ा भी अब हाहाकार मचा रहा था।
मैंने रात की कसर निकालने की सोची और सोनिया को कहा- चल रानी अब घोड़ी बन जा तू दारू और सिगरेट मजा ले और मुझे तेरी चूत का बजा बजाने दे।
सुमीना बोली- हाँ ठीक है सोनिया तू एक काम कर मेरी चूत को चाट और दारू और सिगरेट के मजे ले। इसमें तीनों को गुड फील होगा।
वो दारू का गिलास फिर से भरने लगी तो मैंने कहा- अबे यार सुमीना तू अकेले इस को ही पिलाओगी? मेरा भी ध्यान रखो, एक नीट मेरे लिए भी बना दो।
सुमीना ने तीनों के गिलास बनाए। सोनिया ने सिगरेट मेरी तरफ बढ़ा दी, बोली- चल बे कुत्ते लगा सुट्टा और घुसेड़ अपने लौड़े को मेरी बुर में। इस माँ की लौड़ी सुमीना के चक्कर में रात को मेरी चूत को तेरे हथियार का पानी ही नहीं मिला था।
इस पर सुमीना गुर्राई- अच्छा साली छिनाल, मुझे गाली बकती है, तेरी चूत के चीथड़े न उड़वा दूँ तो कहना? मेरे पास बहुत बड़े-बड़े हल्लबी लंड हैं। मैं तो सोच रही थी कि तुझको घर में ही मजा लेने की छूट दूँ, पर मुझे लगता है तेरी चूत का बाजा बजवाना पड़ेगा। तुझ से तो मोटी कमाई भी हो जाएगी मेरी कट्टो। चल लगा, मेरे भोसड़े में अपना मुँह।
यह कहते हुए सुमीना ने सोनिया के बाल पकड़ कर उसके मुँह को अपनी चूत पर लगा दिया। सोनिया ने भी अपनी जीभ की नोक से सुमीना की क्लिट को चाटना शुरू कर दिया।
‘आ आह आ… बढ़िया.. चूस और जरा जो..रर से चूस मेरी कट्टो।’
इधर मैंने भी सोनिया की चूत में अपना लंड लगाया और एक जोरदार धक्का लगा कर एक बार में ही अपना लंड आधे से ज्यादा उसकी गुलाबी चूत में पेल दिया। ‘आ आ आईईईईया मा र दिया भाई तू तो मेरी चूत को माँ का भोसड़ा समझ कर ठूँस रहा है। अभी मेरी चूत को इतने जोर के धक्के खाने की आदत नहीं है। जरा धीरे से पेल राजा और बजा दे मेरी मुनिया का बाजा। आ हा आ।’
सुमीना अपनी चूत को चुसवाने में लीन और बहिनया अपनी मुनिया बजवाने में मस्त और मैं अपनी मस्ती में धकाधक अपने लंड-गाड़ी को दौड़ाए जा रहा था, पूरा झुक कर सोनिया की चूत चोदने में लगा था और सिगरेट को रख कर मैंने दोनों हाथों से सोनिया के लटकते आमों को पकड़ कर मसकना शुरू किया तो सोनिया सिसयाने लगी ‘उउउउ ओ मेरे चोदू भाई मसल मेरे निप्पललल मसललल आहा बड़ा मजजा आ रहा है।’
‘इधर इस कोठे वाली सुमीना की चूत का पानी और उधर दारू का मजा साथ में सिगरेट के छल्ले और पीछे से तेरे लंड से मेरी चूत की बल्ले बल्ले।’
‘आज की सुबह तो मेरे जिन्दगी की सबसे मजेदार सुबह हुई है लगा और जोर से धक्के और पिला दे मेरी मुनिया को अपना पानी। मर जाऊँगी आ ह लगा लगा।’
मैं भी उसकी मस्त बातों का रस लेकर उसकी एक चूची छोड़ कर सुमीना का एक पपीता पकड़ कर भींचने लगा। सुमीना भी मस्ती में थी और साली दारू के नशे ने तीनों को धुत्त कर दिया था।
अब सोनिया झड़ने लगी थी सो वो बोली- मैं तो गई भाई अब तू सुमीना की चूत बजा ले और सुन जब तेरा पानी निकले तो मुझको पीना है, मुझे ही पिलाना साले। इस माँ की लौड़ी के भोसड़े में न डाल देना। हा आअआ हफफ ईगई ईईई।’
सुमीना ने जल्दी से सोनिया को धक्का दिया और मेरा लंड अपनी चूत में फिट कर लिया। मुझे सुमीना की इस हरकत से बड़ा मजा आया।
सोनिया नीचे चित्त पड़ी हाँफ रही थी और सिगरेट के मजे लेने लगी, बोली- हा हा हा सुमीना डार्लिंग तेरी चूत में आग ज्यादा लग गई थी न? ले ले तू भी खा ले भाई का गधा छाप लौड़ा.. हा हा हा।
मैंने भी हँसते हुए सुमीना की चूत में अपना पिस्टन धकाधक करके पेलना शुरू कर दिया था पर एक बात थीं सोनिया की कसी चूत के सामने सुमीना की चूत तो वाकई भोसड़ा ही थी
मैंने सुमीना से कहा- ओए छिनाल जरा दारू छोड़ और अपनी चूत को टाइट कर।
सुमीना ने कहा- तू मुझे उठा कर पलंग पर ले चल वहाँ मजा आएगा।
मैंने भी उसको अपनी छाती से चिपका कर उठाया और सुमीना ने भी अपने दोनों पैर मेरी कमर से लपेट लिए और मुझे चूमने लगी। मुझे भी उसकी चूचियाँ अपनी छाती में बड़ी मस्त लग रही थीं।
मैंने भी उसकी जीभ को अपने मुँह में भर कर चचोरना शुरू किया तो उसकी कमर उछलना चालू हो गई। मैंने उसको उठाए-उठाए ही नीचे से धक्के लगाना चालू कर दिए।
वो इतनी भारी नहीं थी। फिर नशे में सब मजेदार लग रहा था।
अब उसको बिस्तर पर लिटाया और उसकी टाँगों को कैंची जैसा कर के उसकी चूत में अपना लंड आगे-पीछे किया तो साली सिसयाने लगी- हाय मेरे चिकने भड़वे आज तक ऐसी टाइट चूत तो किसी ने नहीं की मेरे लाल कर दे आज मुझे झन्ड, ठोक-ठोककर अपना लंड, मिल गई मुझे मेरी मस्ती आअआ हाय लगा जोर से हए ओए मेरी कट्टो एक सिगरेट तो पिला मुझे और जरा एक पैग भी बना दे अभी अअहा आहा चोद मेरे राजकुमार।’
मैंने भी सोनिया को इशारा किया कि एक नीट मेरे लिए भी बनाना और उसने तीन नीट गिलास बना दिए। मुझे मेरा गिलास मेरे होंठों से लगा दिया और सिगरेट से खुद उसने एक सुट्टा लगाया।
मैंने भी उसके एक संतरे को पकड़ कर उस को अपने पास खींचा। गिलास एक झटके में खाली किया और सिगरेट उससे ले कर एक बड़ा सा सुट्टा लिया और सिगरेट सुमीना को दे दी।
धकाधक चुदाई जारी थी। खूब जोर-जोर से हिल रही थीं सुमीना की चूचियाँ।
‘वाह क्या नजारा था! मेरी मम्मी मेरे लंड से बड़े मजे से चुद रही थीं, उसके बोबे खूब मचल रहे थे और उसके मुँह में सिगरेट फंसी थी, और छिनालों के जैसे आवाजें निकाल रही थीं।’
‘हाय भड़वे चोद-चोद के भोसड़े को लाल नहीं किया तो तू मेरा लंड नहीं मादरचोद।’
सुमीना की आवाजें बता रही थीं कि वो अब झड़ने वाली है। चिचया रही थी कुतिया- और जोर से हा हफ हफ आ आ मैं गई ईइइ’
अब मेरा मेरा लंड भी तैयार था सुमीना की फुहार से मेरा भी माल पिघल गया था। मैंने लंड खींच कर सोनिया के मुँह में लगा दिया- आ आ अओं मेरा माल ल ल पी ले।’
मेरा लौड़ा उसने पकड़ कर माल को गटकना चालू कर दिया। मेरा लंड पिचकारी मार रहा था। और उसकी जुबान भी मेरे माल को चाट-चाट कर पूरा खाने में डटी थी। मैंने उसके सर को अपने हाथों से पकड़ा था। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।
पूरा माल चाटने के बाद सुमीना, जो अब उठ कर बैठ गई थी ने मेरा लौड़ा लगभग छीनते हुए अपने होठों में दबा लिया।
कुछ बूंदे अभी भी बाकी थीं। सब चाट-चाट कर सुमीना ने साफ़ की और मजे से सिगरेट का धुंआ उड़ा रही थी।
मैं उसके हाथ से सिगरेट ले कर खुद पीने लगा। अब मुझे बहुत तेज नशा हो रहा था। हम तीनों बहुत थक चुके थे और नशे में भी धुत्त हो चुके थे।
अभी सुबह भी ठीक से नहीं हुई थी। सो मैं तो निढाल होकर मम्मी के बगल में ही पसर गया। सुमीना और सोनिया भी मेरे आजू-बाजू नंगी ही लेट गई।
दोनों हसीनाएं मेरे हाथ के ऊपर अपना सर रख कर और अपनी एक-एक टाँगों को मेरी टाँगों के ऊपर रख कर लेट गईं और हम तीनों ही जल्दी ही गहरी नींद में सो गए।
कहानी जारी रहेगी। इस कहानी के सम्बन्ध में आप अपने विचार व्यक्त करने के लिए लिखें! [email protected]
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