This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000
ज़िन्दगी का पहला प्यार कौन भूलता है,
ये पहली बार होता है जब कोई किसी को,
खुद से बढ़ कर चाहता है,
उसकी पसंद उसकी ख्वाहिश में खुद को भूल जाता है,
होता है इतना खूबसूरत पहला प्यार तो
क्यों अक्सर अधूरा रह जाता है?
पूनम ने कहा- देखो वीर आ जाना इसके लिए हम तुम्हें पैसे भी दे देंगे। मैंने कहा- नहीं यार पैसे की बात नहीं है। जो चीज दिल से की जाए वो पैसे से नहीं हो पाती।
अब आगे–
मैंने भी शाम तक सोच कर उनको बता दिया कि मैं आ जाऊँगा। पूनम ने अपना पता दे दिया। मैंने एक अच्छा सा तोहफा पारुल के लिए लिया और चल दिया। घर से बोल दिया कि दोस्त की जन्मदिन की पार्टी में जा रहा हूँ।
ठीक शाम को मैं पूनम के बताये पते पर पहुँच गया। श्वेता ने दरवाजा खोला। श्वेता ने काले रंग की साड़ी और ऊपर से लो कट ब्लाउज पहन रखा था। उस टाइम वो मस्त माल लग रही थी। उसके पीछे पूनम खड़ी थी, उसने हरे रंग की साड़ी और लो कट ब्लाउज पहना हुआ था।
वो दोनों मेरे से गले मिली। पूनम की तो मोटी-मोटी चूचियाँ छाती से दबीं तो मजा ही आ गया और लंड भी खड़ा हो गया।
श्वेता की नजर उस पर पड़ गई और कहने लगी- पहले तो मना कर रहे थे और अब पहले ही खड़ा कर लिया।
हम सब हँस दिए।
तभी पारुल कमरे से बाहर आई। उसने गुलाबी रंग का फ्रॉक पहना था, जो घुटनों तक था। आँखों में काजल और होंठों पर हल्की गुलाबी लिपस्टिक। बहुत ही गज़ब की लग रही थी। पूनम और श्वेता से भी एकदम अच्छी लग रही थी।
वो आकर मेरे से गले मिली। मुझे गालों पर एक चुम्मा दिया। मैंने भी जवाब में एक चुम्मा दिया और दांतों से हल्का सा उसके गाल पर काट लिया। उसने हल्की सी आह कर दी। फिर मैंने उसे तोहफा दिया और जन्मदिन की बधाई दी।
पूनम केक ले आई और पारुल ने केक काट लिया पहले मुझे खिलाया मैंने आधा खाकर आधा उसे खिलाया। फिर श्वेता और पूनम ने भी मुझे केक खिलाया। हम बैठ गए।
श्वेता ने हमारे लिए बियर के पैग बनाये। पहले हमने काजू बादाम के साथ बियर के 2-2 गिलास पिए। पारुल मेरे बगल में ही बैठी हुई थी। बैठने से उसकी फ्रॉक घुटनों से ऊपर हो गई थी।
मैंने उसकी जाँघों पर हाथ रख दिया और हल्के-हल्के सहलाने लगा और उसके होंठों पर होंठ रख दिए। पहले उसे कुछ अजीब सा लग रहा था, जिस से वो मेरा साथ नहीं दे पा रही थी। बीच-बीच में मैं अलग हो जाता और फिर उसके होंठों पर होंठ रख देता।
5-6 बार ऐसे ही करते-करते वो मेरा साथ देने लगी। मैंने उसकी चूचियों पर हाथ रख दिया जिस से पता लगा कि उसने अंदर ब्रा भी नहीं पहनी थी।
मैं धीर-धीरे चूमते हुए गले तक आ गया और गले को चूमने लगा। फिर कंधे से फ्रॉक को नीचे किया और चूचियों से नीचे ले आया। दोनों चूचियों को दोनों हाथों में लेकर मसलने लगा। मैंने उसकी फ्रॉक को पूरा उतार दिया। उसने गुलाबी रंग की पैन्टी पहन रखी थी। मैंने पैन्टी भी उतार दी।
वो थोड़ा शरमा रही थी। उसने शरमा कर अपनी टाँगे मोड़ ली, खोल ही नहीं रही थी। मेरे कोशिश करने पर उसने टाँगें खोल दीं। एकदम चिकनी चूत थी, बाल का नामो-निशान नहीं था। मैंने उस पर हाथ फेरा और सहला रहा था। उसकी चूत की बीच की लाइन में उंगली फेरी तो पारुल सिसकारियाँ लिए जा रही थी।
मैंने थोड़ा सा केक लिया और उसकी चूचियों और चूत पर लगा दिया। फिर उसकी चूचियों पर लगा केक चाट-चाट कर साफ़ किया। उसके बाद चूत पर आ गया और उसे भी चाट-चाट कर साफ़ किया। अब उसकी चूत पानी छोड़ने लगी थी।
मैं उठा तो देखा कि श्वेता और पूनम दोनों ने अपने कपड़े उतार दिए हैं। श्वेता सोफे पर बैठी हुई हैं और पूनम नीचे घुटनों के बल बैठ कर श्वेता की चूत चाट रही थी।
पूनम की मोटे-मोटे गोल-गोल चूतड़ सामने नज़र आ रहे थे। खैर मैंने फिर से केक लिया, और इस बार अपने लंड पर लगा दिया। पारुल से लंड चूसने को कहा।
पहले वो थोड़ा शरमा रही थी, पर जोर देने पर चाटने लगी। उसने चाट-चाट कर लंड को साफ़ किया। उसके बाद लंड की खाल को नीचे किया और टोपे को चूमने लगी।
मैंने कहा- थोड़ा गोलियाँ को भी चूस दो।
उसने लंड को मुट्ठी में कस कर पकड़ लिया और 1-2 बार ऊपर नीचे किया फिर गोलियों को चूमने लगी। उसकी कामुकता बढ़ी और उसने लंड को छोड़ कर गोलियों को पकड़ लिया और मुँह में लेकर चूसने लगी। मुँह में आ तो नहीं रहे थे लेकिन फिर भी चूसती रही।
उसने केक लिया और लंड पर और गोलियों पर लगा दिया। कुछ केक मेरी छाती पर भी लगा दिया। छाती से चाटना और चूमना शुरू किया। मेरी छाती के निप्पल चूसने लगी फिर चूमते-चूमते नीचे आई और लंड को चाटने लगी। लंड साफ़ हो गया तो लंड को हाथ में पकड़ कर गोलियाँ चाटने में मस्त हो गई। कुछ देर गोलियाँ चूसी और लंड की खाल को नीचे करके टोपे को चूसने लगी। लौड़े में से कुछ क्रीम निकला, जिसे वो निगल गई और मुँह सा बना लिया।
मैंने कहा- पहली बार स्वाद अजीब सा ही लगता है।
फिर मैं उसे उठा कर कमरे में ले गया और उसे लिटा दिया। उसके सर के दोनों तरफ घुटने रख कर बैठ गया और अपना लंड उसके मुँह में दे दिया। वो भी हाथ से लंड को पकड़ कर आधा लंड चूसने लगी थी और आधा लंड हाथ में पकड़ा हुआ था।
मैं हाथों को पीछे ले जाकर उसकी चूत सहलाने लगा था। अब पारुल की चूत कुछ ज्यादा की गीली हो गई थी। वो कुछ कह नहीं पा रही थी। अब सिस्कारियाँ ले रही थी। सिर को इधर-उधर घुमा रही थी। बस उसके मुँह से यही शब्द निकल रहे थे- प्लीज आह अह्ह आआस्स्स्स स्स्श्ह्हह…
मैं उठ कर उसकी टाँगों के बीच में आ गया। उसकी चूत साफ़ करके लंड को उसकी चूत पर रगड़ने लगा। एक धक्का दिया लंड ऊपर फिसल गया।
मैंने उस से पूछा- कोई क्रीम या तेल है?
उसने अपने पर्स की तरफ इशारा किया। मैंने उसका पर्स खोला, उसमें से क्रीम ले ली और उसकी चूत पर लगा दी। थोड़ी क्रीम, आधी उंगली तक चूत के अंदर भी लगा दी। अपने लंड पर भी लगाई। अब उसकी चूत पर लंड रखा एक धक्का दिया। फिर से लंड फिसल गया अबकी बार लंड को अच्छे से सैट करके और धक्का दिया और टोपे से आगे तक लंड उसकी चूत में अंदर चला गया। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।
उसने दांत भींच लिए और मुट्ठी में चादर पकड़ ली। मैंने उसके गालों पर चूमना शुरू किया। कुछ देर बाद एक धक्का और दिया और आधे से ज्यादा लंड उसकी चूत में चला गया। उसने अब चद्दर छोड़ कर मेरे कंधे पकड़ लिए और कस के नाखून गड़ा दिए। उसकी आँखों से आँसू निकलने लगे।
मैं भी थोड़ा रुक गया और उसकी चूचियाँ सहलाने लगा और उसे चूमने और चूसने लगा। उसके होंठों पर होंठ रख दिए और एक धक्का और दिया। होंठों पर होंठ रखने के कारण उसकी आवाज अंदर ही रह गई, बस हल्की सी ही कमरे के अंदर तक ही आवाज आई। फिर मैं भी उसके होंठों को चूसता ही रहा।
जब लगा कि अब ठीक है, तभी मैंने अपने होंठ उसके होंठों से अलग किये। लंड को थोड़ा निकाला और धक्का दिया। इस बार वो चिल्ला पड़ी। उसकी आवाज सुन कर पूनम और श्वेता दोनों अंदर आ गईं।
श्वेता बोली- वीर, आराम से करो। पहली बार है, देखो कितना दर्द हो रहा है।
मैं उसे सहलाने लगा। पूनम भी उसकी बगल में बैठ कर उसकी चूची सहलाने लगी और श्वेता उसका सर सहलाने लगी। कुछ देर में उसका दर्द कम हुआ तो हल्के-हल्के मैंने धक्के लगाना चालू किए। कुछ ही देर में पारुल ने भी चूतड़ उठा-उठा कर साथ देना शुरू किया।
मैं तेज-तेज चोदने लगा और एक हाथ से उसकी चूचियाँ दबाने लगा। पारुल भी मेरे कंधे को पकड़ कर अपनी तरफ खीच रही थी। मैं भी तेज स्पीड में उसकी चूत में धक्के लगा रहा था।
कभी तेज रफ़्तार में तो कभी धीरे चोदते-चोदते 20 मिनट हो गए और दोनों ने अपना पानी एक साथ निकाल दिया। मैं उसके ऊपर ही लेट गया।
कहानी जारी रहेगी।
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000