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मेरी कहानियों को पढ़ कर एक मोहतरमा ने मुझसे कहा- मेरी कहानी को आप हिंदी में लिख दीजिए।
उसने मुझे खुद के साथ गुजरा वाकया बताया और मैंने उस वाकिये को कहानी के रूप में लिख कर आप सब के सामने पेश किया है। आप मजा लीजिये, हाँ नाम आदि काल्पनिक हैं !
मेरा नाम उल्फ़त है, मैं 29 वर्षीया स्लिम मॉडर्न महिला हूँ। मेरी शादी को 5 साल हो चुके है। बात पिछले महीने की है, हमारे कमरे का ए सी रात को चलते-चलते अचानक बंद हो गया।
चूंकि ए सी गारंटी पीरियड में था सो मेरे शौहर ने सुबह कम्पनी के सर्विस सेंटर पर फोन किया कि किसी मैकेनिक को भेज कर ए सी ठीक करवा दिया जाये। कम्पनी से कहा गया कि 11 बजे मैकेनिक को मेरे घर भेज दिया जायेगा। मेरे शौहर 10 बजे ऑफिस जाने लगे और मुझसे बोले- अगर कोई बड़ा कॉम्प्लिकेशन हो तो मुझे कॉल करना।
मैं अपने रोजाना के काम में व्यस्त हो गई। मैं 11.30 तक प्रतीक्षा करती रही पर मिस्त्री नहीं आया, तो मैं नहाने चली गई।
मैं नहा कर वापिस आई और शीशे के सामने अपना नंगा बदन निहारने लगी। मैं अपने पूरे शरीर पर बॉडी-लोशन लगाने लगी। कल रात को ए सी खराब होने से गर्मी बढ़ गई और हमारी चुदाई अधूरी रह गई थी। मेरे शरीर में अधचुदी वासना की खुमारी अभी तक थी।
मुझे वैसे भी अपने शौहर के छोटे से लण्ड से कभी-कभी तो चुदाई का अवसर मिलता है। मेरे शौहर को चुदाई में जरा भी रूचि नहीं है। बस रात हुई दो पैग व्हिस्की के गटके, एक-दो सिगरेट फूंकी और मेरी चूचियों से खेल कर मुझे वासना की आग में धकेल कर सो जाते हैं।
कभी-कभी मैं ही उनके लौड़े को जबरन खड़ा करके अपनी चूत की आग बुझा पाती हूँ। मेरा मन कभी भी पूरी तरह तृप्त नहीं हुआ था। हालाँकि इस बात को लेकर हमारे बीच कोई तकरार नहीं हुई। मैंने भी नियति का निर्णय समझ कर खुद से समझौता कर लिया था।
शौहर के साथ मैं भी शराब और सिगरेट पीने लगी थी। इससे मेरे शौहर को कोई आपत्ति भी नहीं थी।
मैंने अपने लाइट मेकअप के बाद एक स्माल पैग वोदका का बनाया और बेड पर अधलेटी सी होकर बैठ गई। एक सिगरेट सुलगा कर कश लेने लगी। मेरा हाथ मेरी चूत को छूने लगा और मैं हल्के से चूत को सहलाते हुए उत्तेजना में गुम हो गई।
मुझे इस समय अपनी चूत की बड़ी हुई खुजली बहुत परेशान कर रही थी। मैंने सिगरेट के छल्ले हवा में उड़ाते हुये रूज़ ब्रश को उठा कर उसको हैंडल तरफ से अपनी चूत में डाल लिया एक हलकी सी ‘आह’ के साथ मेरी चूत में प्लास्टिक का हैंडल मुझको बड़ी तृप्ति देने वाला आइटम लगा।
उसको बाहर निकाल कर देखा तो उसमे चूत का माल लग गया था। मुझे अपने अंदर बड़ी सनसनी सी होने लगी। मैंने उस को अपने मुँह से चाटा मुझे बड़ा ही नमकीन स्वाद मिला। मैंने वोदका का पैग खाली किया और सिगरेट के आखिरी कश लेने लगी। सिगरेट को भी ऐश ट्रे में बुझा दिया और मस्ती में फिर से अपनी चूत को सहलाने लगी।
अचानक से मुझे लगा कि जैसे मुझे कोई देख रहा हो। मैंने तुरंत अपनी नाइटी पहन ली। जल्दबाज़ी में ब्रा और पैंटी नहीं पहनी और मैं अक्सर घर पर शॉर्ट नाइटी पहनती हूँ, जो मेरे घुटनों के थोड़े ऊपर रहती है।
मैं कमरे के बाहर आई, वहाँ कोई नहीं था पर घर का दरवाजा खुला था। मैं शायद लॉक करना भूल गई थी। मैं दरवाजा लॉक करने गई तो वहाँ एक 30-32 वर्षीय पुरुष दरवाजे पर खड़ा था। उसके हाथ में टूल किट थी। मुझे वो मुस्कुराती नज़रों से देख रहा था।
मुझे जैसे लगा कि यही मुझे अभी बेडरूम में झाँक रहा था और मेरी आहट पाते ही बाहर खड़ा हो गया। ग़लती मेरी ही थी। मुझे ध्यान से डोर लॉक करना चाहिए था। उसकी नज़रों में वासना दिखाई दे रही थी और नीचे पैंट में उसके खड़े लण्ड का उभार था जो कि करीब 8 इंच का लग रहा था।
वैसे में जानकारी के लिए बता दूँ कि मेरे शौहर का लण्ड सिर्फ़ 5 इंच का है। मैंने जब उसकी नजरों का पीछा किया तो देखा वो मेरे उभारों को बड़ी ही कशिश से देख रहा था। साले ने मुझे पूरा नंगा देख तो लिया ही था और अब उसकी निगाहें बता रहीं थी कि मुझे कच्चा खाने की फिराक में है।
“सॉरी मैडम, थोड़ी देर हो गई। मेरा नाम रणबीर है और मैं ए-सी ठीक करने आया हूँ।”
मैंने अपने सर को हल्का सा हिलाया और उसको अंदर आने दिया और बेडरूम में ले गई और उसे ए-सी दिखा दिया। वो ए-सी का कवर खोलने लगा।
कवर खोलकर उसे रखने के लिए बेड की तरफ मुड़ा, तभी हम दोनों की नज़र एक साथ बेड पर पड़ी, जहाँ पर मैं अपनी चूत को सहला रही थी। वहाँ मेरी चूत से टपकी बूँदों के स्पॉट दिख रहे थे, कॉटन की सफ़ेद बेड शीट पर और भी साफ दिखाई दे रहे थे।
तभी हम दोनों की नज़रें मिलीं, वो मुझे वासना से घूर रहा था। मैं शर्म से लाल हो गई, मैंने तुरंत उसके ऊपर एक तकिया रख दिया और कमरे से बाहर आ गई।
थोड़ी देर बाद मेरे दिमाग़ में आया कि बेडरूम में मेरी ज्वैलरी और दूसरे कीमती सामान हैं, इसलिए मैं बेड रूम में वापिस जाकर स्टूल पर बैठ गई।
थोड़ी देर बाद रणबीर बोला- मैडम, ए-सी के आउटडोर में पानी जा रहा है, शायद पानी की लाइन में प्राब्लम है। किसी प्लम्बर को बुलाना पड़ेगा।
मैं किसी प्लमबर को नहीं जानती थी। कभी ज़रूरत ही नहीं पड़ी।
रणबीर बोला- कोई बात नहीं मैडम आप कहें तो मेरा एक दोस्त है राजेश, उसे बुला लूँ?
मैंने ‘हाँ’ में सर हिलाया और कोई ऑप्शन भी नहीं था। उसने राजेश को फोन करके बुलाया और फिर दोनों मुरम्मत का काम करने लगे। कुछ ही देर में ए सी ठीक हो गया और रणबीर ने ए सी की कूलिंग बढ़ा कर चैक की।
इस गर्मी भरे माहौल में ए सी की ठंडक ने मुझे बहुत राहत दी। तभी रणबीर ने मुझसे वारंटी कार्ड-किट माँगी।
मैंने अपने शौहर को फोन लगाया और उनसे वारंटी कार्ड के बारे में पूछा। उन्होंने बताया कि वो बार्डरोब के ऊपर वाले खाने में है। अलमारी के ऊपर वाले खाने में और भी इंपॉर्टेंट डॉक्यूमेंट्स थे। इसलिए मैंने ही ऊपर से उतारना उचित समझा।
मैं स्टूल पर चढ़ने लगी लेकिन स्टूल थोड़ा ऊँचा था। रणबीर ने स्टूल पकड़ लिया और मुझे सहारा देकर चढ़ा दिया। ऊपर चढ़ने के बाद मुझे ध्यान आया कि मैंने पैंटी नहीं पहनी है।
मैंने नीचे देखा तो रणबीर मेरी नंगी जाँघों और और चूत को घूर रहा था। मैं फिर से वारंटी कार्ड खोजने लगी, तभी मेरी नज़र साइड के शीशे पर पड़ी। उसमें बाथरूम का नज़ारा दिख रहा था। राजेश मेरी पैंटी को सूंघ रहा था। और पैंट के ऊपर से ही लण्ड सहला रहा था।
यह नजारा देख कर मुझे शक हुआ कि कहीं ये दोनों मुझे चोदने का तो नहीं सोच रहे। इसी ख्याल से मैं वापिस मुड़ी और फ़िसल गई।
रणबीर ने मुझे संभालने की कोशिश की, तो उसका हाथ मेरे नंगे नितंबों के बीच में पड़ा और दो उँगलियाँ चूत के पास छू गईं। इस अचानक से हुए स्पर्श को मेरी चूत नहीं झेल पाई। मैं चिहुँक कर उछल पड़ी और सन्तुलन खोकर नीचे गिरने लगी।
रणबीर का दूसरा हाथ मेरी नाइटी पर पड़ा, पर फोर्स के कारण वो सिर्फ़ नाइटी पकड़ पाया। और जब तक हम दोनों संभल पाते, फोर्स के कारण नाइटी फट कर रणबीर के हाथ में थी।
आवाज़ सुनकर राजेश भी कमरे में आ गया और मैं दो लोगों के सामने नंगी खड़ी थी। मैंने शर्म से नज़रें झुका लीं और तुरंत पलटकर दीवार की तरफ अपना मुँह छुपा लिया।
मैंने राजेश को सामने से तौलिया देने को कहा और उन दोनों से बेडरूम से जाने को कहा।
“मैडम क्यों शरमा रही हो ! मैं तो आपको पहले ही नंगी देख चुका हूँ। जब दो मर्द आपके सामने है तो हाथ से चूत क्यों सहलाना ! हमारे जाने के बाद तो हाथ से सहलाओगी क्योंकि आपकी चूत गर्म है, जिसके निशान इस बेड पर हैं। लगता है आपका मर्द आपकी प्यास नहीं बुझा पाता है इसलिए आपकी चूत प्यासी है।”
इतना बोलते-बोलते कब उन दोनों ने अपने कपड़े उतार दिए, पता ही नहीं चला। रणबीर मुझसे आकर चिपक गया। उसका लौड़ा मेरे चूतड़ों की दरार पर दस्तक देने लगा।
“ऐसा मत करो तुम दोनों, मैं शादीशुदा हूँ। मेरे शौहर को पता चल गया तो मैं कहीं की नहीं रहूंगी।” इतना कहकर मैं पलट कर दूसरे कमरे में जाने की कोशिश करने लगी। पर जैसे ही पल्टी, उलटा रणबीर की बाहों में आ गई।
“कौन बताएगा मैडम आपके शौहर को?? आप जैसी चिकनी औरत जिसके न तन पर एक भी बाल है, न चूत पर !! ऐसा माल हम जैसों के नसीब में नहीं होता है। आज किस्मत ने मौका दिया है तो आपको चोद कर ही छोड़ेंगे, चाहे उसके लिए हमको जेल ही क्यों न जाना पड़े !!” राजेश बोला।
रणबीर मेरे उरोजों को आटे की तरह गूँथ रहा था मुझे चूमने की कोशिश करने लगा। राजेश मेरे पैरों के बीच में आ गया और बैठ कर मेरे पैर खोल दिए और अपना मुँह मेरी चूत पर रख दिया और चूत को किसी कुत्ते की तरह चाटने लगा। पहली बार कोई मेरी चूत चाट रहा था।
मेरे शौहर को मुखमैथुन करना पसंद नहीं है। मैं उत्तेजना से छटपटाने लगी। रात भर की सेक्स की भूख अपना रंग दिखाने लगी थी। मेरी जाँघें सख्त पड़ गईं और दिमाग़ सुन्न पड़ गया था।
मैं सातवें आसमान पर थी और अचानक एक चीख के साथ चूत से नदिया बह निकली। राजेश चाट-चाट कर सारा योनि रस पी रहा था। मैं लगातार बह रही थी और थोड़ी देर बाद शांत पड़ गई। उसके बाद हम तीनों बेड पर आ गए।
वो दोनों मुझे ऊपर से नीचे तक सहलाने लगे। कभी चूमते कभी चूत सहलाते और कभी कूल्हों को मसलते। मैं उत्तेजना से भरने लगी। मेरे मुँह से मादक सिसकारियाँ निकलने लगीं।
रणबीर ने मुझे लण्ड चूसने को कहा, मैंने मना कर दिया तो राजेश ने मेरी चूतडों पर एक थप्पड़ बजा दिया। मुझे उल्टा लिटा कर मेरे पेट के नीचे तकिया लगा दिया और मेरी गीली चूत मे अपना लण्ड पेल दिया। मेरी चूत इतने मोटे लण्ड से पहली बार चुदवा रही थी इसलिए लण्ड बाहर फिसल गया।
उसने रणबीर को कहा- साला इसका खाविन्द हिज़ड़ा लगता है। इतनी शानदार रंडी को भी ठीक से नहीं चोदता। इसकी चूत टाइट है। इसके छेद को बड़ा करना पड़ेगा।
रणबीर मेरी कमर पर बैठ गया और मेरे पैर किसी मेंढक की तरह फैला दिए। जिससे मेरी चूत फैल गई, लेकिन मेरी जाँघें दर्द करने लगीं।
मैं चीखी- आअहह ! तुम लोग आराम से करो ना, दर्द हो रहा है मुझे। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।
“इसमें हमारी क्या ग़लती है? अगर तेरे शौहर ने तेरा छेद टाइट छोड़ा है। छेद खोलने के लिए थोड़ा तो मेहनत करने पड़ेगी।” इतना कहकर राजेश ने दो उँगलियाँ मेरी चूत में अंदर डाल दीं। मेरी चूत बहुत गीली हो चुकी थी। उसे एक लण्ड की सख्त ज़रूरत थी। पर ये दोनों चोदने की बजाये मेरी जवानी को तड़फ़ा रहे थे। करीब 5 मिनट के बाद मैं बेकाबू होने लगी।
मैंने उनसे कहा- प्ल्लीज़्ज़ अब मत तरसाओ !! घुसा दो अपना लण्ड !! मेरे दर्द की परवाह मत करो, फट जाने दो मेरी चूत को ! पर प्ल्लीज़ आज इसे चोद दो मेरी प्यास बुझा दो, नहीं तो मैं मर जाऊँगी।
राजेश ने यह सुनकर अपना लण्ड मेरी चूत के मुहाने पर टिका दिया। उसका मोटे लण्ड का सुपाड़ा मेरी चूत में जाने का नाम नहीं ले रहा था।
वो मेरे मुँह के पास आया और कहने लगा- इसे चूस कर गीला करो, तभी ये अंदर जाएगा।
उसका पूरा उत्तेजित लण्ड देखकर मेरे पसीने छूट गये- “हे भगवान मेरे छोटे से छेद में ये कैसे जाएगा? यह तो मेरे शौहर की लुल्ली से तीन गुना मोटा है।”
उसने मेरे मुँह पर अपने लण्ड रखते हुए कहा- तू इसे गीला कर, आज यह तेरी चूत का भोसड़ा बना देगा।
मैं उसका लण्ड उत्तेजना में चूसने लगी। उधर रणबीर मेरे चूतड़ मसलने लगा और अपना मुँह मेरी चूत पर लगा कर उसे चाटने लगा। उसके बाद उसने अपना लण्ड मेरी चूत पर लगा कर उसे रगड़ने लगा।
उसका लण्ड लम्बा तो था मगर राजेश की तरह मोटा नहीं था। मगर मेरी चूत के लिए वो भी काफ़ी बड़ा था। उसने मेरी चूत को हाथों से फैलाया और अपना टोपा मेरी चूत से सटा दिया। उसका लण्ड फक्क की आवाज़ के साथ मेरी चूत में समा गया।
मुझे जैसे जन्नत मिल गई हो ! दर्द हो रहा था, मगर वो मज़ा ज़्यादा दे रहा था… हईईई माँ आ ! मैं मर गई ! उईई ई ओ रणबीर ! चोदो मुझको ! रहम मत करो ! घुसा दो आअह ह !
मेरी सीत्कारों से कमरा गूँजने लगा, रणबीर ने जड़ तक लण्ड पेल दिया और मैं एक बार झड़ गई करीब 15 मिनट की चुदाई के बाद में एक बार और झड़ गई तो वो बोला- राजेश, ले अब इसकी फ़ुद्दी तेरे लण्ड के लिए तैयार है, घुसेड़ दे अपना मूसल…
मैं गिड़गिड़ाई- राजेश, थोड़ा संभाल कर करना मेरी चूत अभी भी तुम्हारे लिए छोटी है !
वो मेरे पीछे आकर किसी साण्ड की तरह मेरी चूत पर छा गया और अपना सुपाड़ा मेरी चूत पर टिका दिया। वो अब भी अंदर नहीं जा रहा था। उसने मेरे नितम्ब ज़ोर से पकड़ कर फैलाये और पूरा वजन मेरी चूत पर डाल दिया उसका लण्ड चूत को चीरता हुआ अंदर जाने की कोशिश करने लगा।
“आहहऽऽऽ…!!! राजेश मत करो मेरी फट रही है मैं नहीं झेल पाऊँगी !!” कहते हुए मैं पैर पटकने लगी पर उसका सुपाड़ा धीरे-धीरे अंदर सरक रहा था और मेरी जान निकल रही थी।
मेरा दिमाग़ सुन्न हो गया, मैं नीम-बेहोश सी हो गई। मेरी आँखों के सामने अंधेरा छा गया और फक्कक की आवाज़ हुई वो मेरे अंदर समा चुका था। मेरे सारा बदन अकड़ गया, जांघें सख़्त हो गई और मैं दर्द से चीख उठी, मेरी चूत से खून बह रहा था।
रणबीर बोला- अब चीखना बंद करो और मज़ा लो, अब तेरी बोतल का ढक्कन खुला है, तेरा शौहर तो सिर्फ़ स्ट्रॉ डाल कर मज़े ले रहा था।
राजेश अब धीरे-धीरे अंदर समाता जा रहा था। मेरी चूत की सारी दीवारें उसके लण्ड पर चिपक चुकी थीं और उसने पूरी तरह से चिपक कर नीचे से मुझे जकड़ लिया और नितंबों को मसलने लगा।
वो धीरे-धीरे कमर हिला रहा था, मुझे भी मज़ा आने लगा था। मैं भी उसका साथ देने लगी फिर स्पीड बढ़ने लगी और करीब 20 मिनट की भीषण रगड़ाई के बाद हम दोनों के फव्वारे छूटने लगे।
मैंने उत्तेजना में रणबीर का लण्ड पकड़ लिया और जोर से चूसने लगी और उसने मेरे मुँह में अपना माल छोड़ दिया।
उस दिन हमने करीब शाम को 4 बजे तक 4 बार चुदाई की और वो मेरे शौहर के आने से पहले चले गए। ऐसा लगता था कि मैंने आज ही अपनी सुहागरात मनाई हो, मेरी बुर का उदघाटण आज ही हुआ हो !
मैं ठीक से खड़ी भी नहीं हो पा रही थी। मैंने अपने शौहर के डेस्क से एक सिगरेट निकाल कर सुलगा ली और बेड पर नंगी ही चित्त पड़ी रही।
कुछ देर बाद उठी और लंगड़ाती हुई बाथरूम गई। पलंग का चादर वगैरह धुलने में डाली और अपने शौहर के आने से पहले सब कुछ व्यवस्थित किया। फिर बेड पर जाकर लेट गई और इस घटना को फिर से याद करने लगी।
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