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हेल्लो दोस्तो, कैसे हो !!
मैं अन्तर्वा सना पर नया हूँ लेकिन मैंने अभी तक की सारी कहानियाँ पढ़ ली हैं ! आज मैं आपके सामने अपनी एक सच्ची कहानी लेकर आया हूँ, इस कहानी में मैंने सभी पात्रों के नाम बदल रखे हैं।
अब मैं अपनी कहानी पर आता हूँ, मेरा नाम आदित्य सिंह है, रंग गोरा, उम्र 24 साल, व कद 5 फुट 7 इंच, दिल्ली से हूँ। मैंने पहला सेक्स 4 साल पहले अपनी गर्लफ्रेंड के साथ किया था, उसका नाम ऋतु है। उस टाइम उसकी उम्र 20 साल थी। वो और मैं एक ही क्लास में पढ़ते थे, हम इंजीनियरिंग में पहले साल में थे।
शुरू में हम दोनों में बहुत लड़ाई हुई, फिर एक दिन मेरे पास किसी नंबर से फ़ोन आया, ऋतु ने अपना नाम बदलकर मुझसे बात की और बोला कि मैं तुम्हें पसन्द करती हूँ !
मैंने उसकी आवाज़ पहचान ली लेकिन मैंने उससे कुछ भी नहीं बताया। उस समय मेरी कोई भी गर्लफ्रेंड नहीं थी। मैंने सोचा कि वो खुद लाइन दे रही है तो मौका मत छोड़ और फिर मैं उसको ही अपनी गर्लफ्रेंड बनाने के चक्कर में ही लग गया।
वो दिखने में सुंदर थी, 5 फुट 3 इंच लम्बी, रंग साफ़, और फिगर 33-26-34 !
अगले दिन जब मैं उससे मिला, तब तक मेरी सोच बदल चुकी थी और मैंने ध्यान दिया कि वो क्लास में मेरी तरफ ही देखती रहती ! छुट्टी के टाइम मैंने उससे पूछा- तुम पूरे दिन मेरी तरफ क्यों देखते रहते हो?
तो वो बोली- मैं तो नहीं देखती !
फिर मैंने उसे और जोर देकर कहा तो वो बोली कि इस बात का उत्तर वो अगले दिन देगी।
फिर हम अपने घर चले गये।
अगले दिन फिर वो पूरे दिन मुझे देखती रही। मैंने शाम को उससे फिर पूछा तो वो बोली- किसी रेस्तराँ में चलते हैं !
मैंने कहा- ठीक है !
और हम एक रेस्तराँ में पहुँच गये ! वहाँ हल्की लाल रोशनी थी !
उसने गुलाबी रंग का सूट पहना हुआ था, वो बड़ी सुंदर लग रही थी !
उस समय वहाँ बहुत कम लोग थे। हम जाकर एक टेबल पर बैठ गये और खाने के लिए आर्डर दिया, फिर हम बात करने लगे !
ऋतु ने मुझे बताया कि वो मुझे पसंद करने लगी थी और मुझसे लड़ाई के बहाने से बात करती थी ! उसने अपने दिल की बात बता दी और कहा कि वो मुझसे फ्रेंडशिप करना चाहती है !
मैंने उसको बोला- मैं सोचकर तुम्हें बता दूँगा !
मैंने उसको यह प्रोमिस भी किया कि अब कभी उससे लड़ाई नहीं करूँगा और हमेशा के लिए उसका फ्रेंड रहूँगा। उस दिन से हमारी मेसेज़ पर बात होने लगी और मैंने ऋतु से फ्रेंडशिप भी कर ली !
फिर शुरू हुई हमारी सेक्स लाइफ !
पहले हम फ़ोन सेक्स करते थे, मिलने पर एक दूसरे को चूमते, एक दूसरे के अंगों को सहलाते !
एक दिन हमने असली सेक्स करने का प्रोग्राम बनाया ! मैं उसको अपनी गाडी में बिठाकर राजौरी गार्डन में एक होटल में लेकर गया। कमर बड़ा जबरदस्त था !
मैंने पहले रूम में एक लाल लाइट जलाई और बाकी सारी लाइटें बंद कर दी ! उस दिन ऋतु ने ग्रे कलर का टॉप और ब्लू जींस पहन रखी थी। मैंने उसको अपनी गोद में उठाया और ले जाकर बिस्तर पर लेटा दिया ! फिर हम एक दूसरे को किस करने लगे। मैंने उसके माथे पर चुम्बन किया, फिर उसके मुलायम गालों पर, उसकी ठोड़ी पर और फिर उसके गुलाबी होंटों पर !
वो मेरा बराबर का सहयोग कर रही थी !
फिर हमने एक दूसरे के मुँह में अपनी जीभ डाल कर चूम्मा चाटी की ! उस टाईम जो मजा आया, बस पूछो मत ! वो मेरी जीभ को बड़े प्यार से चूस रही थी। फिर मैं अपने हाथों को उसके मस्त बदन पर घुमाने लगा। सबसे पहले मैंने उसकी चूचियाँ पकड़ी और उनको हौले हौले दबाने लगा ! उसकी चूची बहुत मुलायम लग रही थी ! फिर मैंने उसके टॉप के अंदर हाथ डाल दिया ! पहले मैं अपना हाथ उसके पेट पर घुमाने लगा, फिर धीरे धीरे मैं अपना हाथ उसकी गोल गोल चूचियों की तरफ ले जाने लगा। मैं उसकी ब्रा के ऊपर से ही उसके स्तनों को सहलाने लगा ! इस दौरान हम एक दूसरे को लगातार चूम रहे थे !
उसने भी अपने हाथों को मेरे बदन पर घुमाना शुरू कर दिया, पहले वो मेरी कमर पर हाथ फिरा रही थी, फिर मेरी गर्दन पर और फिर मेरे सर पर ! फिर वो मेरे होंटों को छोड़ कर मेरे गालों को चूमने लगी और फिर गर्दन पर !
मैं भी उसके स्तन लगातार दबा रहा था, फिर मैंने उसका टॉप निकाला, उसने नीले रंग की जालीदार ब्रा पहनी थी। मैं अब अपने होंटों को उसकी गर्दन पर लेकर आया और फिर उसके कंधों पर !
उसकी गोरी गोरी चूचियों ने मुझे पागल कर दिया, मैं उसकी चूचियों को ब्रा के ऊपर से ही चूसने लगा। हम दोनों को बड़ा मजा आ रहा था। उसने भी मेरी शर्ट उतारी और फिर मेरी जींस भी उतारने लगी। मैंने भी उसकी जींस उतार दी ! अब वो सिर्फ ब्रा-पेंटी में थी, उसने काले रंग की पेंटी पहनी हुई थी और वो बहुत मस्त लग रही थी।
अब मैं भी कंट्रोल से बाहर होता जा रहा था !
उसने अपना हाथ मेरे अन्डरवीयर में डालकर मुझे और पगला दिया। मैंने उसकी ब्रा की डोर को खोला और उसके मचलते हंसों के जोड़े को आज़ाद कर दिया ! फिर मैं उसके चूचों को मसलता और चूमता रहा और वो मेरे खड़े लण्ड को सहलाती लण्ड खड़ा होकर 6 इंच का हो चुका था।
मैंने अपना एक हाथ उसकी पैंटी में डाला, उसकी चूत गीली हो चुकी थी और थोड़ा थोड़ा चिपचिपा पानी निकल रहा था। उसने मेरे अन्डरवीयर को निकाल दिया और मुझसे बोली- आदि, कुछ करो ! मैं तड़प रही हूँ ! इस तड़प को दूर करो !
उसके ऐसे बोलने पर मैं भी उसके लाल हो चुके स्तनों को छोड़कर उसकी चूत की तरफ मुड़ गया, मैंने उसकी मांसल जांघों पर चूमना शुरू किया।
वो भी अपना सिर मेरे लण्ड की तरफ ले जाने लगी, पहले उसने भी मेरी जांघों को चूमा और फिर मेरे लण्ड को चूसने लगी। मैं जन्नत की सैर करने लगा था !
फिर मैंने उसकी पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत पर अपना मुँह लगा दिया और उसके चूत रस को पीने लगा ! फिर मैंने उसकी पेंटी उतारी और पहली बार चूत के दर्शन किये ! उसकी चूत पर लम्बे लम्बे बाल थे ! बड़े ही कोमल सिल्की सिल्की बाल ! मैंने उसकी चूत के बालों को चूत से हटाया और उसकी चूत को खोलकर देखने लगा, उसकी गुलाबी चूत ने मेरा दिल मोह लिया !
मैंने अपने होंट उसकी चूत पर लगा दिए और अपनी जीभ से उसके भगांकुर को छेड़ने लगा !
वो मचलने लगी ! यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।
उसके मुँह से अलग अलग आवाज़ें निकलने लगी, उस पर सेक्स का नशा छा चुका था, वो बार बार बोल रही थी कि ‘आदी कुछ करो नहीं तो मैं मर जाऊँगी !’
मैंने अब उसकी चूत को चूसना छोड़ दिया और उसको लेटा दिया, फिर मैं उसकी चूत के पास गया और उसकी चूत पर अपना लण्ड लगाया, उसकी चूत गीली थी और मैंने उसको चाट कर और गीला कर दिया था ! मैंने अपना लण्ड उसकी चूत को खोलकर चूत में रखा और धक्का मारा तो लण्ड फिसल गया।
मैंने फिर से कोशिश की लेकिन वही हुआ ! हम दोनों इस खेल में अनाड़ी थे ! मैं भी पहली बार सेक्स कर रहा था, उसके साथ साथ उसका भी चुदने का पहला अनुभव था !
ऋतु भी लण्ड के लिए तड़प रही थी, उसने अपनी चूत की फांकों को पकड़ा और मैंने लण्ड को टिकाकर धक्का मारा ! इस बार लण्ड सही दिशा में गया और उसकी चूत में घुस गया। लण्ड चूत में घुसते ही उसकी चीख निकली ! मैंने चूत पर थोड़ा दबाव और डाला और लण्ड चूत में और खिसक गया, वो दर्द से कराहने लगी !
मैं उसकी टांगों को अपने पैरों के ऊपर करवाकर उसके ऊपर लेट गया और उसके कोमल कोमल होंटों को चूमने लगा, उसकी चूचियों को सहलाने लगा !
कुछ देर बाद जब वो सामान्य हो गई तो मैंने एक और धक्का लगाया और लण्ड फट की आवाज़ करते हुए अंदर चला गया ! इस बार वो और जोर से चीखी लेकिन उसके होंठ मेरे होंठो में बंद थे तो आवाज़ बाहर नहीं आई !
उसकी आँखों से आँसू निकल रहे थे ! दो तीन मिनट में वो ठीक हो गई और अपने चूतड़ ऊपर नीचे करने लगी !
फिर मैं भी उसके ऊपर से उठा और उसके एक पैर को अपने कंधे पर और एक पैर को बेड पर रखा और उसको चोदने लगा !
वो आह आह आह्ह्ह्ह की आवाज़ निकल रही थी, लण्ड बार बार अंदर बाहर हो रहा था, हर धक्के के बाद रफ़्तार बढ़ रही थी !
मैं अपने चरमसुख पर पहुँचने वाला था ! ऋतु ने अपना काम रस छोड़ दिया और उसके पहले कामरस की धार मेरे लण्ड पर लगी और उसकी इस धार ने मेरा रस भी निकाल दिया !
मैंने भी अपना रस उसकी चूत में निकाल दिया और हम एक दूसरे से लिपट कर लेट गये !कुछ देर हम ऐस ही लेटे रहे और लण्ड अपने आप ही उसकी चूत से बाहर निकल गया ! हमने देखा की उसकी चूत से खून और वीर्य का मिश्रण बह रहा है !
मैंने बेडशीट से ही उसकी चूत को साफ़ किया और फिर उसने मेरे लण्ड को साफ़ किया ! फिर हमने एक दूसरे को कपड़े पहनाये और अपने घर की तरफ चल पड़े !
यह था मेरा और ऋतु का सेक्स अनुभव ! दोस्तो, बताना कि मेरी कहानी कैसे लगी !
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