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हमेशा की तरह कामुक आपबीती लेकर एक बार फिर हाजिर हूँ आपके सामने !
पहले तो शुक्रिया मेरी सारी कहानियाँ पढ़ने के लिए ! कई सालों से मैं आपको अपनी और लोगों की आपबीतियाँ सुनाती आ रही हूँ, आपके हज़ारों इमेल मुझे मिलते आएँ हैं, विश्वास कीजिये, मैं सारी इमेल पढ़ती हूँ पर सबका जवाब देना सम्भव नहीं है, कोशिश यही रहेगी कि मैं जवाब दूँ।
यह आपबीती तो मेरी ही चचेरी बहन लीला की है, लीला यानि लवप्रीत कुकरेजा, जिसे हम प्यार से लीला कहते हैं।
अब आगे की कहानी लीला की जुबानी।
मैं लीला, मेरी शादी आज से दस साल पहले डेराबस्सी पंजाब में हुई थी, मेरे दो बच्चे हैं और मेरा पति हरसिमरन सिंह एक हादसे के बाद अपाहिज हो गए हैं, वो अक्सर बिस्तर पर पड़े रहते हैं और मैं पिछले तीन सालों से सेक्स से मेहरूम रही हूँ।
उनके सामने मैंने कभी भी सेक्स की चाहत नहीं दिखाई। हादसे के बाद से उनके निचला हिस्सा काम नहीं करता, लंड खड़ा होना तो दूर वो पॉटी भी अपने से नहीं कर पाते। पैसों की कोई परेशानी नहीं है क्यूंकि वो पहले से बहुत अमीर हैं।
एक दिन उनके एक दोस्त विलायत यानि कैनेडा से आय़े हुए थे, उनका नाम कमल है।
कमल की उम्र मुझसे भी कम है, यानि रही होगी कोई तीस साल और मेरी उम्र करीब बत्तीस साल है।
बच्चों को सुलाने के बाद और उनको भी सुलाने के बाद रात को मैं दूध का गिलास लेकर कमल के कमरे में गई तो कमल कंप्यूटर पर फेसबुक में लड़कियों की तस्वीरें देख रहे थे।
मैं- यह कौन है कमल? तेरी गर्लफ्रेंड?
कमल- अरे नहीं भाभी, मेरी एक्स गर्लफ्रेंड है, अब इसकी शादी हो गई है।
मैं- अब कहाँ है यह?
कमल- ऑस्ट्रेलिया में ! दो साल पहले हो गई शादी इसकी !
मैं- तूने क्यूँ नहीं की?
कमल- भाभी, अभी मेरी उम्र घूमने-फिरने, खाने-खेलने की है शादी की नहीं !
और वो हंस पड़े।
मैं- अरे, यह फोटो दिखाना ! हाय्यो रब्बा !! ऐसे भी कपड़े पहनती थी यह? और इसकी फोटो भी डाल दी?
कमल- ओह हो भाभी ! यह तो आम बात है, यह बिकनी है आप नहीं पहनती क्या?
यह सवाल मेरे अंदर हलचल पैदा कर गया।
कमल बहुत खुले विचारों वाला व्यक्ति था।
मैं- अरे छीः ! मैं क्यूँ पहनूँ भला?
कमल- वहाँ की लड़कियाँ तो पहनती हैं खुले आम !
मैं- अब मेरी उम्र भी कहाँ रह गई है? दो बच्चों की माँ हूँ !
कमल- भाभी, विश्वास करो मेरा, आप बहुत सेक्सी हैं ! भैया कितने लक्की हैं जो आप जैसी बीवी मिली !
मैं- लेकिन मैं लक्की नहीं हूँ कमल !
कमल- मतलब भाभी?
मैं- तू तो जानता है कि जब से हादसा हुआ है तेरे भैया !!!
कमल- हाँ भाभी, इसीलिए तो आया हूँ ! हरसिमरन मेरे दोस्त ही नहीं, मेरे बड़े भाई जैसे हैं, उन्हें पहले फोर्टिस चंडीगढ़ ले जाऊँगा और फिर अमेरिका !
मैं- सच में? फिर वो ठीक हो जायेंगे न?
कमल- हाँ भाभी, वो ठीक हो जायेंगे।
मैं- थैंक यू ! आप दूध पीजिये !
कमल दूध पी रहे थे लेकिन मैंने देखा उनकी नज़र मेरे मम्मों पर थी, इसलिए मैंने साड़ी का पल्लू थोड़ा गिरा दिया, बहुत अच्छा लग रहा था किसी मर्द के सामने अपने वासना से जलते बदन की नुमाइश करना ! थक चुकी थी मैं सेक्स के बिना रात गुज़ार गुजार कर !
फिर याद आया कि मेरे पति अकेले हैं, तभी मैं उठ कर जाने लगी !
कमल- अरे भाभी, आप कहाँ चल दी?
मैं- तुम्हारे भैया अकेले होंगे !
कमल- भाभी मैं बोर हो जाऊँगा, हम थोड़ी देर और बात नहीं कर सकते?
मैं- ठीक है, पर ज्यादा देर नहीं ! वो अकेले हैं ना !
कमल- ओके भाभी, आप बहुत अच्छी हैं भाभी !
मैं- क्यूँ अच्छी हूँ?
कमल- हाँ, वरना आपकी जगह कोई भी और होती, वो भ्रा जी को ऐसे हालत में छोड़कर चली जाती।
मैं- नहीं, ऐसी नहीं हूँ, मैं तुम्हारे भैया और अपने बच्चों से बहुत प्यार करती हूँ।
कमल- अच्छा तो यह बात है !
मैंने देखा कमल मेरे बदन के हर हिस्से को देख रहा था और उसकी आँखें मेरी नाभि पर जाकर रुक गई।
मैं- क्या देख रहे हो कमल?
कमल- भाभी, आपकी नाभि को कितनी गोल सी है, अंदर धंसा हुआ प्यारा सा छेद है।
मैं- छीः ! कहाँ से सीखी इतनी गन्दी बातें?
कमल- भाभी, आप बुरा न मानें तो मैं आपकी नाभि को चूम सकता हूँ?
मेरे तन बदन में खलबली मच गई, ऐसी बात कमल ने अपने मुँह से कैसे कह दी, मैं कुछ न बोल सकी और कमल ने अपने होंठ मेरे नाभि पर रख दिए, मैंने कमल के बालों को सहलाया और कमल मेरी नाभि को चूमने लगा, मैंने अपनी आँखें बंद कर की और वो चैन – वो सुख महसूस करने लगी जो न जाने कितने सालों से नहीं मिला था !
मैं- अहह कमल ! बस भी करो !
कमल मेरी कमर, मेरे पेट पर हाथ फ़िराते हुए बोला- भाभी, मैं आपको प्यार करना चाहता हूँ !
अब कमल मेरे पेट कू चूमने के बहाने मेरे वक्ष पर भी अपना चेहरा रगड़ रहा था कि तभी बोला- मुझे आपकी जांघों को भी चूमना है भाभी !
कमल ने मेरी साड़ी उठाई और मेरे गोरी गोरी और मोटी मोटी जांघों को चूमने लगा।
मैं- अहह कमल, मैं शादीशुदा हूँ, मत करो ऐसे !
कमल- भाभी, मत रोको ! मुझे पता है कि आपको भी यही चाहिए !
कमल मेरी जांघों को सहला रहा था मुझ पर मदहोशी छाने लगी थी, मैं बिस्तर में लेट गई और अपना पल्लू हटा दिया !
मैं- पहले किस किस से किया है ये सब?
कमल- बहुत किया है भाभी अंग्रेजनों से भी किया है लेकिन वो लोग फिगर पर बहुत ध्यान देती हैं, पतली सूखी हुई होती हैं, आपके जैसे भरी जांघें, भरे बदन नहीं होते उन फ़िरंगनों के पास !
मैं- क्यूँ कर रहे हो? तुम चले जाओगे तो किससे करुँगी? मुझे आदत लग जायेगी ! किसके पास जाकर अपनी अन्तर्वासना की अग्नि को शान्त करूँगी?
कमल- अब मत रोको लीला !
उसने मेरा ब्लाउज़ उतार कर ब्रा के हुक को खोल दिया, मेरे उरोज़ बाहर आ गए और वो उनसे खेलने लगा।
मैं- हट शरारती !
कमल- बड़े हैं बहुत ! ओह्ह आपके बगल के बालों से भीनी खुशबू आ रही है।
मैं- अच्छे लगे तुम्हें?
कमल- बहुत ! अब बारी आपकी फ़ुद्दी की है !
कमल ने मेरी साड़ी खींच कर उतार दी और पेटीकोट का नाड़ा भी खींच दिया। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।
मैंने खुद ही पेटिकोट हतादिया तो उसने मेरी पैंटी में उंगलियाँ घुसा कर उसे उतार दिया।
अब मैं नंगी ही पड़ी थी कमल के सामने !
कमल ने मेरे फ़ुद्दी में एक उंगली डाल दी।
मैं- अहह ! ऐसे ना करना ! वरना मैं मर जाऊँगी !
कमल ने मेरी फ़ुद्दी में अपना जीभ डाल दी। मैंने तकिये को जोर से पकड़ लिया, मेरे कूल्हे खुद ही हवा में उछलने लगे। मैंने लपक कर कमल की जीन्स का ज़िप खोला और उसके लण्ड को बाहर निकाल लिया ! उसका लंड बहुत बड़ा सा था, लम्बा, मेरे पति से कहीं बड़ा !
मैं- कमल, तेरा तो बहुत बड़ा है?
कमल- हाँ भाभी अंग्रेजों के बहुत बड़े होते हैं, और वहाँ रहने के लिए मैंने भी अपना लैंड के अंदर इम्प्लांट डलवा दिया है, इससे यह लम्बा रहता है, और इसकी मोटाई बरक़रार रखने के लिए मैं वियाग्रा नियमित रूप से लेता हूँ।
मैं- ओह्ह, पर यह तो मेरी फ़ुद्दी फाड़ देगा?
इस सेक्स क्रीड़ा में भूल हो गई कि मेरे पति अकेले अपने कमरे में हैं। अचानक दरवाजे पर किसी आहट से मेरी नजर उस तरफ़ उठी तो मैंने देखा कि मेरे पति व्हीलचेयर में खुद ही कमरे में घुस आए हैं।
हरसिमरन- मादरचोदो ! तुम लोगों की ये मजाल?
कमल डर गया, उसने जल्दी से अपनी पतलून पहन ली लेकिन मैंने हिम्मत दिखाई- बस !! अब मैं और नहीं सह सकती ! रोज़ रात को सेक्स के बिना सोते जीते थक गई हूँ ! कमल तू चालू रह, बोलने दे इस अपाहिज को !
कमल ने हरसिमरन के मुँह में एक पट्टी बांध दी।
कमल- माफ़ करना, भ्रा जी, भाभी ही चाहती हैं कि मैं उनको चोदूँ?
कमल- टंगाँ चौड़ी कर भाबी ! (जांघे फैला भाभी)
मैं – अहह आ जा मेरे राजा, घुसेड़ दे लौड़ा !
पता नहीं दो बच्चे की माँ और पति के सामने होते हुए मैं रंडी बन गई, अपने पति के सामने चुदाई करवाने का अजब सा मज़ा आ रहा था।
कमल ने अपना बड़ा सा लौड़ा मेरे योनि में घुसा दिया, वो मेरे बच्चेदानी को ठोकर मार रहा था।
मैं- अह कमल, तू तो बड़ा मर्द है यार !
मैं कमल को नीचे लेटा कर खुद उसके लण्ड को अपनी फ़ुद्दी में घुसवा कर उछलने लगी।
मैं- अहह अहह ओह्ह देवर जी ! चोद्दो मैंन्नू ! फ़क मी हार्ड ! इस नामर्द की यही सजा है कि अपनी घरवाली को अपने यार से चुदते देखे !
कमल ने मेरी योनि में मुठ निकाल दी और बेसुध बिस्तर में पड़ गया। इस अवस्था में जब मुठ का फव्वारा निकला तो लगा कि मेरी योनि से होता हुआ मेरे मुँह से निकल जायेगा।
मैं उठी, पैंटी-ब्रा पहनी और ब्लाउज़ पेटीकोट पहन कर अपने पति की व्हीलचेयर को घुमाया और उससे बिस्तर पर लेटा दिया।
मैंने उसके मुँह से पट्टी हटाई तो वो बोला- मिल गई तसल्ली? चुद गई मादरचोद? बहन की लौड़ी?
मैं- हाँ चुद गई ! और क्यूँ न चुदुँ? आप रहते मेरी जगह तो क्या करते? अगर मैं अपाहिज हो जाती तो? आप भी मेरे सामने रंडी बुलाते ? कम से कम मैंने तीन साल इंतज़ार किया आपके ठीक होने का ! दिन रात सेवा की लेकिन किसी ने मेरे बारे में नहीं सोचा !
हरसिमरन चुप थे ! और कहते भी क्या !
यही सच्चाई है ! औरतों को अपनी इच्छा जाहिर करने का कोई हक़ नहीं क्या?
कमल अगले सुबह जा चुके थे, मेरे पति अभी भी अपाहिज ही हैं अक्सर उस रात के बारे में सोच सोच कर मुझे चार गालियाँ निकाल देते हैं, मैं आज भी अपने घर से सड़क पर नज़रें बिछाए रहती कि कोई आये और मेरी चुदाई करे !
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