माया मेमसाब की मालिश और चुदाई

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प्रेषक : समीर

कहानी से पहले मैं अपना परिचय दे दूँ, मेरा नाम समीर है, इन्दौर का रहने वाला हूँ। मैं पहले एक मसाज पार्लर में काम करता था, अब मैं कॉल सेंटर में जॉब करता हूँ।

मुझे मेरी पहली कहानी लिखने में बड़ी खुशी हो रही है, अभी तक मैं अन्तर्वासना डॉट कॉम पर कहानियाँ पढ़ता था, फिर लगा कि अपनी भी कोई कहानी शेयर करूँ।

अब मैं कहानी पर आता हूँ, आपको बता दूँ कि मैं कॉल सेंटर से छुट्टी के बाद कभी पुरानी ग्राहक के यहाँ से अगर कॉल आ जाए तो चला जाता हूँ।

एक दिन में डे शिफ्ट में काम के बाद घर के लिए निकला तो मैंने फ़ोन ऑन किया ही था कि एक मेसेज आया- कॉल मी !

मैंने कॉल किया तो दबी हुई सी आवाज़ में एक महिला की आवाज़ थी- हेलो समीर?

मैंने कहा- हाँ, पर आप कौन?

वहाँ से आवाज़ आई- मेरा नाम माया (बदला हुआ नाम) है। मैं भोपाल मैं रहती हूँ, मेरी एक सहेली से आपका मोबाइल नंबर मिला। क्या आप भोपाल आ सकते हैं एक मीटिंग के लिए?

मैंने कहा- मैडम, मैं इन्दौर में रहता हूँ, मैं सिर्फ़ रविवार को ही फ्री रहता हूँ, अगर आप कहें तो मैं उस दिन आ जाऊँगा।

तो वो बोली- नहीं, उस दिन मेरे पति घर पर रहेंगे, आप कल आ जाओ…

मैंने कहा- आप मेरे अकाउंट में एक हजार रुपये एडवाँस के तौर पर जमा करवा दीजिए, मैं फिर निकलता हूँ।

आधे घंटे बाद उसका फोन आया करीब चार बजे- आप अकाउंट चेक कर लीजिए। मैंने पैसे जमा करा दिए है।

मैंने कहा- ठीक है, मैं रात में निकलता हूँ सुबह सात बजे तक पहुँच जाऊँगा, आप मुझे लेने आ जाना।

मैं सुबह पहुँचा तो वो अपनी कार में मुझे लेने आई थी। उसने कार का नंबर बता दिया था तो मुझे पहचानने में कोई परेशानी नहीं हुई। मैं कार में बैठा और उसके साथ चला गया… माया ने काले रंग का सूट पहना हुआ था, उसमें वो गजब की सेक्सी लग रही थी।

घर जाकर मैंने हाथ-मुँह धोए और तब तक माया चाय बना लाई।

हम दोनों चाय पी रहे थे, अचानक उसने मुझसे पूछा- तुम मुझे क्या क्या सेवाएँ दोगे? सिर्फ़ मालिश करोगे या और भी कुछ?

तो मैंने कहा- मैडम, मैं आपकी सेवा करने आया हूँ, जैसी आप चाहेंगी…

उसने मुझे बताया कि उसके पति में कुछ कमज़ोरी की वजह से उनकी सेक्स लाइफ खत्म हो गई है…

मैंने कहा- मैडम, आप निश्चिंत रहिए, मैं आपको संतुष्ट कर दूँगा…

तभी वो बोली- अब जल्दी करो, नहीं तो मेरे बेटा आ जाएगा, वो 12 बजे तक आता है स्कूल से…

मैं माया के साथ उसके बेडरूम में गया, मैंने उसे अपने पास खींचा और उसे चूमने लगा तो वो बह्त जल्दी उत्तेजित हो गई और उसने मुझे कस के पकड़ लिया… हम दोनों एक दूसरे को चूम रहे थे… मैं उसके स्तन भी दबा रहा था…

तभी वो बोली- क्या मेरी मालिश करोगे…?

मैंने कहा- क्यूँ नहीं…

मैंने कहा- कपड़े उतारने पड़ेंगे…उसने पैंटी छोड़कर सारे कपड़े उतार दिए, मैंने भी अपने कपड़े उतारे और पैरों से मालिश चालू की।

मालिश करते करते मैंने उसकी जाँघों पर से हाथ फेरते हुए उसके सीने पर हाथ फेरने लगा, वो उत्तेजित होकर सीत्कार भरने लगी। फिर मैंने उसे पलटकर लेटने को कहा और गर्दन से मालिश चालू की। गर्दन, पीठ पर मालिश करते करते मैं माया के नितम्बों तक पहुँच गया… और धीरे धीरे उसके चूतड़ सहलाते हुए उसकी गाण्ड की दरार में उंगली फ़िराते हुए उसकी चूत हाथ फेर दिया…

वो चीख उठी, बोली- समीर, अब रहा नहीं जा रहा…

और उसने सीधे होकर मुझे चूमना चालू किया और चूमते हुए मेरे ऊपर चढ़ कर बैठ गई, मेरे सीने पर चुम्बन करते हुए मेरे लंड को मुँह में भर लिया ओर चूसने लगी। वो उसे पागलों की तरह चूस रही थी।

थोड़ी देर बाद मैंने बोला- माया, मैं झरने वाला हूँ !

तो वो बोली- अंदर की कर दो, मैं इसे पीना चाहती हूँ… यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।

मैंने अपना सारा वीर्य उसके मुँह में निकाल दिया और वो पागलों की तरह मेरे लंड को चूस रही थी… चाट चाट कर उसने पूरा लौड़ा साफ कर दिया..

तब मैंने उसे लिटा दिया और उसकी जांघों को किस करने लगा। उसकी चूत से पानी निकल रहा था, में उसे चाटने लगा, वो मेरे बालों को पकड़े हुए ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ ले रही थी, वो बोली- अब रहा नहीं जाता, प्लीज़ कुछ करो ना… अब तो अंदर कर दो…

मैंने उसे घोड़ी बनाया और अंदर डाल दिया, अभी मैंने सिर्फ़ लंड के आगे का भाग ही डाला था कि उसकी चीख निकल गई…

एक बच्चे की माँ होने के बाद भी उसकी चूत में कसावट थी ओर स्तन भी बड़े बड़े थे… मैंने थोड़ा रुककर फिर थोड़ा दबाव बनाया और धीरे धीरे अपना पूरा 7 इंच का लंड उसकी चूत में घुसा दिया और धक्कम पेल करने लगा… हर धक्के पर माया कुछ अलग ही मज़ा दे रही थी… माया के साथ अलग अलग तरह से सेक्स किया और उसे पूरी तरह संतुष्ट किया।

उसका पति रात को आने वाला नहीं था तो उसने मुझे बोला- अभी तुम होटल में रुक जाओ, तुम रात को आ जाना। मैं बच्चे को सुला दूँगी तब तक…

मैं ‘ठीक है।’ बोल कर होटल चला आया…

कहानी कैसी लगी बताना…

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