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आप इसे मेरी कहानी न समझें दरअसल मुझे एक महिला मित्र ने फेसबुक पर चैट के दौरान मुझसे कहा था कि यदि मैं उसकी इस फैंटेसी को कहानी बना कर लिखूँ तो उसको अच्छा लगेगा. अब मुझे नहीं पता कि उस महिला मित्र की यह कहानी कहाँ तक सच है पर यह बात मैं मानता हूँ कि इस दुनिया में ऐसे बहुत से नर मादा होते हैं जो रिश्तों को भूल कर आपस में सेक्स करते हैं.
खैर आप मेरी उस महिला मित्र की कहानी का मजा लीजिये।
मैं शीना, उमर 31 साल, शादीशुदा औरत हूँ। मेरा कद 5 फीट 6 इंच है, जिस्म गदराया हुआ ! मेरा रंग सांवला है और आँखें भूरी हैं, बाल छोटे कटवा रखे हैं और मेरे स्तन काफ़ी बड़े हैं।
मेरा पति अमित एक करोड़पति है और हमारा घर दिल्ली में है। मेरा पति और मैं बहुत खुले विचारों वाले हैं और हम एक दूसरे की सेक्स लाइफ में दखल अंदाज़ी नहीं करते। वो वैसे भी अधिकतर बाहर ही रहता है। मेरी चूत बहुत गर्म है और जब तक अच्छी तरह से चुदवा ना लूँ, मुझे चैन नहीं मिलता। मुझे हर किस्म की आज़ादी है। मैं आज तक हर किस्म का सेक्स कर चुकी हूँ। मतलब आगे पीछे और लड़कों और लड़कियों के साथ। मेरे अंदर सेक्स की आग हमेशा भड़कती रहती है।
मेरे मायके में मेरी माँ रुक्मणि और एक भाई राहुल है, घर में सब उसको संजू कहते थे। राहुल 22 साल का है और उसकी शादी हो चुकी है। उसकी पत्नी विम्मी बहुत सेक्सी है। राहुल भी 6 फीट का गबरू जवान है और एक बिज़नेसमैन है। विम्मी एक अमीर खानदान की बेटी है। राहुल कई बारी मेरे घर बिना बताए आ जाता है, कहता है कि मुझे सरप्राइज देना चाहता है।
फ्री टाइम में अपनी सहेली और दोस्तों के साथ क्लब में शराब पीकर ऐश करती हूँ। ब्ल्यू फिल्म्स देखना और लेस्बीयन सेक्स करना और देखना मेरे शौक हैं। मेरा पति पिछली बार इंग्लैंड से मेरे लिए एक 12 इंच का डिल्डो ले कर आया था, “यह तुझे कभी अकेलापन महसूस नहीं होने देगा !” अमित आँख मार कर बोला था।
मैंने उस डिल्डो को कमर पर बाँध कर अमित की गाँड भी चोद चुकी हूँ। लेकिन इस डिल्डो के बारे मैंने कभी अपनी सहेलियों को नहीं बताया।
पिछले हफ्ते मेरा पति दुबई गया हुआ था। गर्मी बहुत पड़ रही थी। सवेरे सवेरे मेरी प्यारी सहेली निक्की मेरे घर पर आ गई- शीना, आज का क्या प्रोग्राम है? निखिल अभी अभी गोआ चला गया है, क्यों ना आज मज़े किए जाएँ? दारू पीकर क़िसी जिगोलो का बंदोबस्त करें जो हमारी चूत को जन्नत दिखा दे। मेरे पास एक नई ब्लू फिल्म भी है जिसस में ब्राज़ील की मस्त लेस्बियन्स हैं। चल तू तैयार हो जा, और फिर हम क्लब चलते हैं। चल मेरी बन्नो आज तेरी चूत की चुलबुलाहट मिटा देते हैं !
मैं कुछ और मूड में थी।
निक्की मेरी सब से नज़दीकी सहेली थी। दिखने में एक गुड़िया थी। कोई 5 फीट 2 इंच की गोरी चिट्टी, आँखें बिल्ली जैसी, बाल छोटे छोटे, चूतड़ गदराए हुए और चूचियाँ मौसमी जैसी।
निक्की ने उस वक्त सफेद स्कर्ट पहनी हुई थी और ऊपर काला ब्लाउज़। उसकी गोरी गोरी जांघों के दर्शन कर के मेरा मूड बन गया कि उसके साथ ही मज़े लिए जाएँ। जब निक्की ने मेरे कमरे में दाखिल हुई तो मैं नहा कर जिस्म पर तौलिया लपेट कर बाथरूम से बाहर निकली थी। वो मुझे गौर से देखने लगी। मेरा बदन भीगा हुआ था और पानी की बूँदें चमक रही थी।
मैं अपनी सहेली की तरफ बढ़ी और उसको आलिंगन में लेकर चूमते हुए बोली- मेरी निक्की रानी क्यों ना आज घर पर ही ऐश की जाए। हम दोनों के पति बाहर हैं, क्यों ना घर पर ही मज़े लूटे जाएँ। तू अपनी नई ब्लू फिल्म ले आ और मैं विदेशी वोदका की बोतल खोलती हूँ। तुझे चूम चाट कर मज़े लेने का इरादा है मेरा। अगर मज़े में कोई कमी रह जाएगी तो घर पर ही जिगोलो बुला लेंगे।
निक्की मेरे आलिंगन से बाहर निकलते हुए बोली- अरे आराम से भई ! तुम तो पहले से ही गर्म हो चुकी लगती हो ! आज मुझ से ही काम चलाने का इरादा है क्या? मेरी चूत में भी खुजली हो रही है। जब से वो फिल्म देखी है, मुझे भी औरत के जिस्म का नशा चढ़ गया है ! वाह क्या लड़कियाँ हैं उस फिल्म में ! बिल्कुल सोना है उनका बदन !
मैंने निक्की की चूची पर हाथ फेरते हुए कहा- मादरचोद, साली तू क्या सोने से कम है। चल जल्दी से फिल्म ले आ ! तब तक मैं तेरे बदन को मज़ा देने की तैयारी करती हूँ !
वो हँसती हुई चली गई और मैंने ऑरेंज जूस में वोदका डाल कर बर्फ़ डाली और दो गिलास तैयार कर दिए और तौलिता में ही बैठ कर निक्की का इंतज़ार करने लगी। मेरा हाथ बार बार मेरी चूत पर चला जाता। मैं नहाते वक्त अपनी चूत की शेव कर के बाहर निकली थी। उतेज्ना से मेरी चूत के होंठ फूल रहे थे। तभी निक्की तूफान की तरह कमरे में दाखिल हुई और बिना दरवाज़ा बंद किए मेरी बगल में आ बैठी।
उसने मेरे बदन से तौलिया खींच दिया, तौलिया सोफे पर जा गिरा और मैं बिल्कुल नंगी हो गई। “उफफफ्फ़….निक्की साली मुझे नंगा कर दिया और खुद साली कपड़े पहने हुए है।
निक्की मेरे स्तनों को मसलने लगी। मैं तो पहले ही उतेज़ित थी, निक्की के हाथों के स्पर्श से मेरे चुचूक कड़े हो गये। वो झुकी और उसने अपने तपते होंठ मेरे चुचूकों पर रख दिए, साथ ही बोली- ..सच में बहुत उत्तेज़ित हूँ मैं भी ! देख मेरी चूत कैसे पानी छोड़ रही है !
“तू जानती है, चूची कैसे चूसी जाती है? देख कैसे कड़ी हो रही है मेरी चूची ! निक्की, साली तेरा स्पर्श मुझे बहुत गर्मा रहा है !!”
मेरी सहेली मुस्कुराई और बोली- कोई बात नहीं शीना, आज तेरी चूत को कटोरी बना कर चाटूँगी, चल तू बेड पर चल, फिर दिखाती हूँ कितनी गर्म हूँ मैं तेरे जिस्म को चूमने के लिए !
मैं मादरजात नंगी बेड की तरफ बढ़ गई और निक्की अपनी स्कर्ट उतार कर मेरी तरफ़ बढ़ी। बेड पर सफेद चादर बिछी हुई थी। मैंने फिर से वोदका के गिलास भरे और बेड पर लेट गई। मेरी सहेली मुझसे लिपटने लगी। हमारे जिस्म एक दूसरे में समा जाना चाहते थे। निक्की का जिस्म मुझे उतेज़ित कर रहा था। मेरी चूत से पानी बहने लगा। मैंने उसके भूरे निप्पल मुँह में ले लिए और चूसने लगी। मेरी सहेली मस्ती से सिसकारी भर रही थी। निक्की ऐसी हाँफ रही थी जैसे उसकी चूत से कामरस छूटने वाला हो।
मेरे मुख रस से उसके निप्पल भीग चुके थे। मैंने एक हाथ उसकी गर्म चूत पर रखा तो वो सिसकी लेते हुए बोली- शीना, मुझे पागल क्यों बना रही है? तेरे नंगे जिस्म के स्पर्श से मुझे आग लग चुकी है.. मेरी चूत जल रही है ! ऊऊहह मर जाऊँगी मैं… बस अब नहीं रहा जाता… मुझे छोड़ बहनचोद ! मेरी चूत को लंड चाहिए…उफफफ्फ़… शीना मादरचोद मुझे छोड़ !!!
मैंने उसके उरोजों को ज़ोर से मसलते हुए उसके चुचूक चूस लिए और फिर उसके होंठों पर अपने होंठ टिका कर चुम्बन लेना शुरू कर दिया। वो मुझ से लिपटने लगी और मेरे होंठ चूसने लगी। मैंने अपनी ज़ुबान उसके मुख में घुसेड़ दी.. और वो उसको चूसने लगी।
हम दोनों बेकाबू हो रही थी, मेरी चूत से रस बहने लगा था। निक्की के मुँह पर मेरे मुख का ताला लग चुका था।
मैं उसके बदन से अलग हो कर अपनी शराब पीने लगी तो गिलास छलक गया और कुछ वोदका निक्की की चूचियों पर गिर पड़ी और उसकी नाभि की तरफ बह निकली। मैंने उसके बदन पर गिरी हुई शराब को अपनी जुबान चाटना शुरू कर दिया और धीरे धीरे मेरी ज़ुबान उसकी नाभि तक चाटती चली गई। निक्की ऐसे छटपटा रही थी जैसे कोई जल के बिना मछली !
कमरे के अंदर लेस्बियन सेक्स का तूफान उमड़ रहा था। निक्की ने भी गिलास से घूँट भर शराब पी और उसने मेरी चूत में अपनी दो उंगलियाँ घुसेड़ दीं।
“ओह… साली बहनचोद… साली निक्की की बच्ची… मादरचोद कुतिया, यह क्या करती है… मेरी चूत जल रही है… उफफफ्फ़… आअरररज्ग्घह… ऊऊहह !!”
चूत रस की वजह से उसकी उंगलियाँ आसानी से घुस गई और उसने मुझे उंगली से चोदना शुरू कर दिया। वो अपने अंगूठे से मेरा क्लिट रगड़ने लगी। मैंने अपनी जांघों को फैला दिया और उसकी उंगलियाँ आसानी से मुझे चोदने लगी।
मेरी चूत के रस से कमरे में फ़च फ़च की आवाज़ आ रही थी और मैं अपने चूतड़ उचका उचका कर चुद रही थी। निक्की ने अचानक एक उंगली मेरी गांड में घुसेड़ डी और मैं चिंहुक उठी।
मेरी चूत का बुरा हाल था। लेकिन मैंने अपने आपको सम्भाला और निक्की से अलग हो गई। निक्की का बदन पसीने से भीग चुका था। मैंने उसको फिर से चूमा और दरवाज़े को बंद कर के लौटी।
निक्की मुझे अजीब नज़रों से देख रही थी- तुमने मुझे रोक क्यों दिया शीना, मैं तुझे चोद कर तेरी चूत का रस निकाल देने वाली थी। तुझे अपनी चूत का पानी निकलवाना है या नहीं?
मैंने उसकी चूत पर एक हल्की सी चपत मारते हुए कहा- जल्दी किस बात की है, निक्की? अभी तो हम शुरू हुए हैं। मेरे पास वैसा सामान भी है, जैसा फिल्म में इन लड़कियों के पास है। अमित पिछली बारी इंग्लैंड से लेकर आया था एक रबर का लंड जिसको तुम पेटी से कमर पर बाँध सकती हो और मर्द की तरह लड़की चोद सकती हो। पूरा 12 इंच का है बिल्कुल असली लंड। हम दोनों एक दूसरे को उसी से चोदेंगे रानी, पसंद आई मेरी प्लानिंग?
निक्की को मेरी बात पर विश्वास नहीं हो रहा था। उसने वोदका का गिलास खाली करते हुए कहा- सच? मुझे दिखाओ कहाँ है? मैंने आज तक रबर का लंड नहीं देखा, सिर्फ़ फिल्मों में ही देखा है। मुझे दिखा ज़रा, मेरी चूत आज पहली बार नकली लंड से चुदने वाली है। शीना, जल्दी से निकाल और मुझे दिखा नकली लंड कैसे दिखता है?!
मैं अलमारी खोल कर अपना रबर का लंड ले आई। उसके नीचे अंडकोष भी बने हुए थे। बिल्कुल असली लंड जैसा था। उसका रंग काला था।
निक्की का मुँह खुला का खुला रह गया जब उसने मेरे हाथ में लंड देखा। उसने हाथ में पकड़ कर उसको स्पर्श किया और फिर उस पर जीभ फेरने लगी।
निक्की लंड की पूरी लंबाई पर हाथ फेर रही थी और वासना से उसकी आँखें गुलाबी हो रही थी- वाह मेरी शीना ! यह तो बस असली ही दिखता है !! साली बहनचोद मुझ से छुपा कर रखा था अपने भाई का लंड? साली मुझे भी तो इसका स्वाद चखा देती। आज तू ही अपने इस लंड से मुझे चोद डाल ! सच यार, आज जिगोलो की क्या ज़रूरत है हमको जब तेरे पास इतना मस्त लंड पड़ा है। आज तो तू ही मेरा मर्द बन जा, साली !
मैं अपनी सहेली की उत्तेजना पर मुस्कुरा पड़ी- ठीक है रानी, पहले एक एक पेग और हो जाए ! पहले पेग पीएँगे फिर मैं तुझे चोदूँगी। देख तेरी चूत कैसे फड़फडा रही है चुदने से पहले !
हम दोनों ने एक एक पेग और पिया और 555 की सिगरेट सुलगा कर कश लेने लगीं अब मुझे भी नशा होने लगा। उधर टीवी पर दोनों लड़कियाँ एक बड़े से डिल्डो से एक साथ एक दूसरे को चोद रही थी। उनके डिल्डो के दो हेड्स थे। टीवी से ‘फक मी ! फक मी !’ की आवाज़ें सुनाई पड़ रही थी। जैसे ही हमारे पेग और सिगरेट ख़त्म हुए, तो निक्की उत्तेजना से भर के बोल उठी- शीना, साली बहनचोद, अब चोद डाल मुझे !! आज तू मुझे तब तक चोदेगी जब तक पड़ोसी शोर सुन कर मुझे चोदने यहाँ आ न जाएँ !! अपने इस मोटे लंड को पेल दे मेरी चूत में रानी !
मैंने डिल्डो को कमर से बाँध लिया और निक्की के ऊपर चढ़ गई। निक्की टाँगें फैला कर मेरे नीचे पड़ी थी।
मैंने उसकी टाँगों की अपने कंधों पर रखा और डिल्डो को चूत के मुहाने पर। उसकी मस्त चूची को मुँह में लेकर मैंने एक ज़ोरदार धक्का मारा। कम से कम 4 इंच लंड निक्की की चूत में घुसता चला गया।
“ऊऊऊओ… मर गई… बहनचोद… धीरे से… आअहह… उउउर्र गग्गग… पेल धीरे से… हय…. चोद माँ की लौड़ी मुझे !
मैंने धक्के मारना जारी रखा। दो तीन धक्कों में ही उसकी चूत 8 इंच खा गई। मैंने निक्की के निप्पल चूसना जारी रखा। वो अब अपने चूतड़ उठा उठा कर लंड से चुदवाने लगी। वो क़िसी कुतिया की तरह हाँफ रही थी। मेरी उत्तेजना भी बढ़ रही थी। मैंने निक्की के नितंब अपने हाथों में ले रखे थे और उसको क़िसी मर्द की तरह चोद रही थी। मैंने एक उंगली उसकी गांड में घुसेड़ दी और वो सिसिया उठी। मैं उसकी दोहरी चुदाई कर रही थी। उसके गोरे बदन पर पसीने की बूँदें चमक रही थी।
“अहह… ज़ोर से… ज़ोर से चोद साली… मैं झड़ रही हूँ… मादरचोद चोद मुझे… हाय… हाय पेल मेरी चूत… शीना… ज़ोर से चोद !!” मेरी सहेली बिलख रही थी, मैं तूफ़ानी चुदाई कर रही थी।
तभी मैंने दूसरी उंगली भी उसकी गांड में पेल डाली। निक्की खुद अपने हाथ से अपनी क्लिट को रगड़ने लगी। कमरा सेक्स की आवाज़ों से गूँज रहा था।
“कैसी लग रही है अपनी चुदाई?”
मेरा डिल्डो उसकी चूत रस से भीग चुका था और मेरी गांड ऊपर नीचे हो कर निक्की को चोद रही थी। निक्की की कमर अब धीरे धीरे शांत होने लगी थी और मेरा रबर का लंड अभी उसकी चूत में समाया हुआ था कि अचानक दरवाज़ा खुला।
कहानी जारी रहेगी।
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