कॉर्पोरेट वर्ल्ड में प्यार नहीं

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रविकान्त

मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ, आज पहली बार अपनी सच्ची कहानी अन्तर्वासना पर लिख रहा हूँ !

मेरा नाम रविकान्त है, 23 साल का मैं साधारण लड़के की तरह हूँ। कम उम्र से ही मैं हस्तमैथुन करता हूँ !

मैं जब पढ़ता था तो मेरे टीचर ने मुझे सिखाया कि पहले पढ़ाई कर लो और अच्छी नौकरी ले लो, उसके बाद लड़कियों के चक्कर में पड़ना।

मैंने वैसा ही किया क्यूंकि मैं अपने शिक्षक को बहुत मानता था। पहले पढ़ाई पूरी की, उसके बाद मेरी नौकरी एक बड़ी कम्पनी में सिस्टम इंजिनियर के पद पर लगी।

नौकरी मिलने के 5 महीने बाद एक लड़की मुझे अच्छी लगी। उसके बारे में बता रहा हूँ ! उसका नाम गुड्डी है जो कस्टमर केयर विभाग में है, उसका बदन 35-26-36 है सामने से देखने में ! उम्र 19 साल, पीछे से देखने पर मन करता है कि कब अपना लंड उसकी गांड में घुसा दूँ !

मैंने ऑफिस में लोगों से पता लगाया उसके बारे में, तो पता चला अच्छी लड़की है !

एक दिन जब वो लंच करने जा रही थी तो मैंने उससे कहा- सुनो !

वो बोली- मैं लंच करने जा रही हूँ !

मैंने उसे जाने दिया क्यूंकि बी पी ओ में एक घंटे का ही ब्रेक मिलता है।

फिर वो लंच के बाद अपना टिफ़िन बॉक्स रखकर अपने डेस्क पर जा रही थी तो मैंने उससे कहा- सुनो ! थोडा बाहर चलो, तुमसे एक बात कहनी है !

वो तैयार हो गई।

मैं ऑफिस से बाहर जाने लगा वो मेरे पीछे हो ली ! ऑफिस के बाहर एक जगह पर ले गया जहाँ लोग कम आते जाते हैं।

वहाँ मैंने उससे हिचकिचाते हुए कहा- मुझे तुम्हारा मुस्कुराना अच्छा लगता है और मुझे तुम बहुत पसंद हो ! आई लव यू !

वो बोली- मेरी सगाई हो चुकी है, मैं ये सब नहीं कर सकती !

मै बोला- मुझे पता है कि तुम्हारी सगाई नहीं हुई है, सोचना मेरे बारे में।

वो बोली- मुझे देर हो रही है !

और चली गई।

मैंने दो दिन इंतज़ार किया, तीसरे दिन वो मुझे कैफेटेरिया में लंच करते समय अकेली मिल गई। मैं जाकर उसके बगल में बैठ गया और बोला- क्यूँ भाव खा रही हो?

वो बोली- ऐसी कोई बात नहीं !

मैं बोला- यह लो मेरा मोबाइल नंबर और ईमेल एड्रेस, सोचकर बता देना।

और मैं वहाँ से चला आया।

दूसरे दिन सुबह उठा तो मेरे मोबाइल में दो मैसेज आये थे। खोलकर देखा तो अनजान नंबर से थे। उसमें एक मेसेज रात में 11 बजे और दूसरा मेसेज सुबह आया था।

मैंने उस नंबर पर कॉल किया तो लड़की की आवाज़, मैं समझ गया कि यह वही है।

यहाँ से बातें होने शुरू हुई। तीन दिन बाद मैंने उसको बोला- अभी तक तुमने मुझे आई लव यू नहीं बोला है।

उसने मेसेज में लिखकर भेजा- आई लव यू !

उसके बाद बातें-मुलाकातें शुरू हो गई।

मेरी छुट्टी शाए को साढ़े चार बजे और उसकी छुट्टी साढ़े छः बजे होती थी। जिस दिन मिलना होता था, मैं रुक जाता था।

एक दिन हम ऑफिस के पीछे सड़क पर चलते चलते एक सुनसान जगह आए। वो बोली- यहीं पर बैठ कर बातें करते हैं !

मैं राजी हो गया, वहीं पर बैठकर हम बातें करने लगे। बात करते करते मैंने अपना हाथ उसके कंधे पर रखा और उसका चेहरा खींच कर अपने चेहरे के करीब किया और एक चुम्बन कर दिया पर अच्छे से नहीं हो पाया क्यूँकि उसने आपत्ति जताई !

मैंने भी ज्यादा जोर जबरदस्ती नहीं की। उसके बाद हम लोग साथ में बस में घर चल दिए। बस में भीड़ होने के कारण मेरा लंड उसके कूल्हों से बार बार टकरा रहा था, इससे मेरा लंड खड़ा हो रहा था.,बड़ी मुश्किल से मैं अपने हथियार को काबू कर रहा था लेकिन वो था कि मान ही नहीं रहा था।

थोड़ी देर बाद एक सीट खाली हुई तो मैंने उसको बैठा दिया, वो बैठ गई और मैं उसके बगल में खड़ा हो गया। वहाँ से उसके बूब्स का ऊपरी हिस्सा दिख रहा था। मेरे मन में उसको चोदने के ख्याल आने लगे !

फिर मैं उतर कर दूसरी बस पकड़ कर अपने घर चला आया और वो उसी बस में अपने घर चली गई। मैंने घर आकर मुठ मार कर अपने लंड की गर्मी शांत की।

हम लोग ज्यादातर मेसेज में बातें करते थे क्यूंकि उसको घर पर बात करने में परेशानी होती थी।

एक दिन उसने मेसेज में लिखकर भेजा- सोनू, मैं आपको वो प्यार नहीं दे पा रही हूँ, एक दिन वो भी दे दूँगी।

यह पढ़ कर मेरा लंड सोचने लगा कि पहली बार चूत के दर्शन होने वाले हैं।

मैं उससे सच में प्यार करता था और शादी करने का ख्याल मन में आता था, मैं सोचता था कि प्यार किया जाए और सेक्स भी जब शादी करने का समय आएगा तो कर लेंगे।

एक दिन मैंने अपने छुट्टी के दिन उसको छुट्टी दिलवाई उसके सीनियर को बोल कर और हम लोगों ने कही घूमने जाने की योजना बनाई।

वो उस दिन जींस और टीशर्ट पहन कर आई थी और क्या लग रही थी !

मैं उसको एक मल्टीप्लेक्स में ले गया, वहाँ जाने पर मैंने हॉलीवुड फिल्म की दो टिकट ले ली, जिसमें कॉर्नर वाली सीट मिली।

फिल्म शुरू हुई और मैं भी शुरू हुआ।

मैंने उसका हाथ अपने हाथ में ले लिया और दूसरा हाथ उसके कंधे पर रखा और धीरे धीरे उसके टी शर्ट में हाथ घुसा दिया। उसने विरोध किया तो मैं रुक गया और कुछ देर इंतजार किया और फिर कंधे पर हाथ रखा और सहलाने लगा। फिर धीरे धीरे टी शर्ट में हाथ घुसाने लगा।इस बार उसने कोई विरोध नहीं किया !

क्या नरम नरम और गरम गरम बूब्स थे उसके ! मेरा लंड खड़ा हो गया ! मैंने उसके बूब्स को सहलाना शुरू किया तो उसके मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगी।

मैं समझ गया कि अब अगर इसको बोलू कि ‘आई वांट टू फक यू’ तब यह ना नहीं कहेगी।

फिल्म ख़त्म हुई, हम लोग टैक्सी से एक होटल में गए। मैंने पहले से ही दोस्तों से पूछ कर रखा था होटल के बारे में।

होटल में जाकर मैंने कमरा बुक किया और चले गए कमरे में !

कमरे में जाने के बाद मैंने उससे कहा- बैठ जाओ ! बैठ कर बातें करते हैं !

वो बेड पर बैठ गई और मैं भी उसके बगल में बैठ गया।

मैंने उसका हाथ अपने हाथों में लिया और प्यार भरी बातें करने लगे !

मैंने पूछा- कभी सेक्स किया है?

उसने सर हिला कर जवाब दिया- नहीं !

मैं मन ही मन सोचने लगा कि मुझे पहली बार चोदने का मौका मिलने वाला है, वो भी कुंवारी बूर !

यह सोचकर मेरा लंड खड़ा हो गया।

फिर मैंने पूछा- कभी लंड देखा है?

तो बोली- हाँ, मेरे परेंट्स सेक्स करते हैं तो पापा का देखा है पर कम रोशनी में !

मैंने ये सुनते ही अपनी ज़िप खोली और बोला- यह देखो मेरा लंड उजाले में !

तना हुआ मेरा लंड देख कर वो दंग रह गई क्यूंकि इससे पहले उसने लंड को उजाले में इतने करीब से नहीं देखा था !

मैं बोला- अपने बूब्स दिखाओ !

तो वो शर्माने लगी और बोली- नहीं, मुझे शर्म आती है !

मैं बोला- मुझसे क्या शर्माना? कुछ ही दिनों में हमारी शादी हो जाएगी और हम लोग रोज़ देखेंगे और खेलेंगे !

उसने कुछ नहीं कहा, मैंने उसका चेहरा पढ़ लिया और उसके टीशर्ट को उसके बदन से जुदा कर दिया। सफ़ेद रंग की ब्रा में उसके दोनों बूब्स नारंगी की तरह फ़ूले हुए क्या लग रहे थे !

मैं अपना एक हाथ उसकी ब्रा में घुसा कर उसके बूब्स को सहलाने लगा और दूसरे हाथ से उसका सर पकड़ कर प्रगाढ़ चुम्बन करने लगा।

फिर मैंने अपने हाथ से उसका हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया ! मेरे कहने से वो मेरे लंड को हाथ में लेकर ऊपर-नीचे करने लगी। मैं और वो दोनों मादक होने लगे क्यूंकि दोनों का प्रथम अनुभव था।

कुछ ही देर में मैंने उसके ब्रा को भी निकाल फेंका ! छोटे पपीते की तरह गोल गोल टाईट क्या बूब्स थे उसके !

मैंने उसके बांयें चूचे को मुँह में लेकर चुसना शुरू किया उसके बाद दाहिने वाले को लिया !

वो मेरा लंड ऊपर-नीचे किये जा रही थी ! मैं भी झड़ गया और वो भी !

इसके कुछ देर के बाद मैं उसके पेट पर उंगली से सहलाते हुए नीचे आया और उसकी जींस को खोल कर नीचे सरका दिया !

उसने काले रंग की पैंटी पहनी हुई थी। मैंने उसकी पैंटी को भी निकाल फेंका, अब वो बिल्कुल नंगी मेरे सामने बैठी काँप रही थी !

मैं भी काँप रहा था !

उसकी बूर के ऊपर हल्की-हल्की झांट थी।

मैंने अपनी एक उंगली उसकी बूर के द्वार पर रखी तो वो सिहर गई। मैं धीरे धीरे उसकी झांट को सहलाने लगा, उसके मुँह से सीईई ईईईइ आआ की आवाज़ निकलने लगी !

सहलाते सहलाते मैंने अपनी एक उंगली उसके अन्दर घुसा दी ! काफी टाईट था उसका योनी द्वार !

उसके मुँह से वही सीईईईईईईईइ साआआआआ की आवाज़ आ रही थी। फिर मैं उसके पॉइंट पर रगड़ना शुरू किया।

वो बोली- अब मत तड़पाओ जल्दी से कुछ करो और मेरी प्यास बुझाओ।

मैंने भी देरी नहीं की और उसकी जांघों को फैला कर आ गया उसके ऊपर और धीरे से अपना लंड उसकी बूर पर रखा।

वो बोली- दर्द तो बहुत होगा न?

मैं बोला- हाँ पहली बार होता है, उसके बाद मजा आएगा !

फिर भी वो डर रही थी।

मैंने धीरे से उसके बूर पर अपने लंड से दबाव दिया तो सुपारा अन्दर गया और वो रोने लगी।

मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए और फिर जोर लगाया इस बार आधा लंड घुसा। फिर मैं उसके चुचूक मुँह में लेकर चूसने लगा और बोला- सहन करो, चुप रहो, इसके बाद मजा आएगा।

फिर जोर लगाया तो इस बार पूरा लंड भीतर चला गया !

वो चिल्लाने लगी- उईईईईईई माँ !! मैं म़र गई !

कुछ देर मैंने उसको किस किया और बूब्स चूसे जिससे उसको कुछ आराम मिला !

उसके बाद मैंने धीरे धीरे धक्के लगाना शुरू किया, 5-6 स्ट्रोक के बाद वो भी गांड उठा उठा कर मेरा साथ देने लगी और अपने दोनों पैरों से उसने मुझे बांध लिया। उसके बाद मैंने धक्के तेज कर दिए, करीब 15 मिनट की जबरदस्त चुदाई के बाद वो झड़ गई। उसके कुछ ही देर बाद मैं भी झड़ गया और पूरा वीर्य उसकी बूर में छोड़ दिया।

इसके बाद मैंने बिस्तर पर देखा तो बिस्तर खून से सना हुआ था। यह कहानी आप अन्तर्वासना.कॉम पर पढ़ रहे हैं।

यह सब होने के बाद मैंने उससे पूछा- अच्छा लगा?

वह बोली- आपने तो बहुत प्यार दिया मुझे !

फिर मेरे ही एक धोखेबाज़ दोस्त ने उसको मेरे बारे में गलत सलत बता कर उसको पटा लिया।

मैंने उसको बहुत मनाया पर वो नहीं मानी ! उसके प्यार में मैंने अपने सेहत ख़राब कर ली थी, उसके बिना कुछ भी अच्छा नहीं लग रहा था !

फिर मैं गुस्से में गुड्डी के घर गया और बता दिया कि लड़की गलत लड़के के साथ जा रही है।

उसके घर वालों ने उसको बहुत डांटा लेकिन वो नहीं मानी, अभी भी उसके साथ है !

वो बेवफा हो गई !

तब मुझे लगा “कॉर्पोरेट वर्ल्ड में प्यार नहीं होता है !”

फिर मैंने वो जॉब भी छोड़ दिया ! अभी भी मैं उससे बहुत प्यार करता हूँ !

अगर गुड्डी यह कहानी पढ़ रही हो तो प्लीज लौट आए, मैं अभी भी उसे चाहता हूँ।

कैसी लगी मेरी कहानी, कृपया मुझे लिखें।

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