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मैं राकेश रवर, उम्र 25 साल है, मैं गुजरात से हूँ और अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ, अन्तर्वासना की हर कहानी पढ़ कर बहुत अच्छा लगता है और मन करता है कि मैं भी अपनी कहानी लिखूँ।
मैं मेरी पहली चुदाई बताने जा रहा हूँ। मैं दिखने में अच्छा हूँ एकदम गोराचिट्टा और शरीर भी एकदम तंदुरस्त जैसा कि हर औरत और लड़की को पसंद आता है। मुझे चैटिंग करना बहुत पसंद है, मैं हमेशा फ़ेसबुक पर लगा रहता हूँ जब भी मुझे टाइम मिले।
एक बार मैं अपने एक दोस्त की फ्रेंड लिस्ट चेक कर रहा था कि मुझे एक लड़की दिखी उसका नाम कोमल था, मैंने उसे फ्रेंड रिकवेस्ट भेजी। दो दिन बाद उसने फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार कर ली।
बाद में दूसरे दिन में ऑनलाइन हुआ तो मैंने देखा कि वो लड़की भी ऑनलाइन थी तो मैंने उसे बात करना शुरु किया और हमारे बीच उस दिन तो कुछ ज्यादा बात नहीं हुई, बस हाय हेलो हुआ और यहाँ वहाँ की बातें हुई।
दो दिन बीते, तीसरे दिन बात हुई, उस दिन हमारी कम से कम एक घंटा बात हुई और उसी बीच उसने पूछा- तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है?
तो मैंने कहा- नहीं है! और मैंने भी पूछ लिया- तुम्हारा कोई बोएफ्रेंड है? तो उसने कहा- नहीं है।
फिर हमारी रोज बात होने लगी।
एक दिन उसने बोला- मैं तुमसे मिलना चाहती हूँ… तो मैंने कहा- ठीक है.. बताओ कहाँ मिलना है? तो उसने कहा- जहाँ तुम बोलो?
फिर मैंने सोचा कि कहाँ मिला जाये, फिर मैंने कहा- ठीक है, तुम मिलो तो फिर सोचेंगे कि कहाँ जायेंगे।
फिर हमारा टाइम और दिन तय हुआ कि कहाँ मिलेंगे और उसने कहा- तुम मुझे स्टेशन के पास मिलना, दोपहर के बाद तीन बजे…
उस दिन तीन बजे मैं स्टेशन के पास खड़ा हो गया बाइक लेकर और उसके आने का इंतजार करने लगा। उसका फ़ोन आया तो मैंने कहा कि मैं स्टेशन के पास खड़ा हूँ, उसने कहा- मैं 5 मिनट में पहुँच रही हूँ।
5 मिनट बाद फिर उसका फ़ोन आया कि मैं कहाँ खड़ा हूँ, तभी उसकी नजर मुझ पर पड़ी और उसने कहा- रुको, मैं वहाँ आ रही हूँ।
में इधर उधर देख रहा था कि कोमल कहाँ है, तभी मेरे पास एक लड़की आई और मुझसे कहा-…हाय!
मैंने देखा तो एक खूबसूरत लड़की मेरे सामने थी, क्या गजब की थी, क्या बताऊँ दोस्तो, दिखने में एकदम परी जैसी, 36-28-36 का फिगर, जींस और टॉप पहना था उसने!
मैं तो अपने होश ही गंवा बैठा था! तभी उसने कहा- आई ऍम कोमल!
तब मैं होश में आया और मैंने कहा- यार मैं तो तुम्हें पहचान ही नहीं पाया! तुम तो फोटो में एकदम अलग दिखती हो और…
तो उसने कहा- और क्या..??
मैंने बात को काट दिया और कहा- चलो कहीं रेस्तरां में चलते हैं, वहाँ जाकर बातें करेंगे!
तो उसने कहा- ठीक है।
फिर हम एक रेस्तराँ में गये। अब मुझे कहा पता था कि कौन से रेस्तरां में लड़की को लेकर जाना चाहिए, मैं तो नजदीक ही के एक रेस्तरां में ले गया। वहाँ जाकर हम थोड़ी देर बैठे और हमने शीतल पेय मंगवाए और फिर मैंने उसे पूछ- खाने में क्या लोगी?
तो उसने कहा- कुछ भी!
तो मैंने उसे कहा- तुमने मिलने बुलाया है, तुम्हीं ऑर्डर करो!
और मैंने वेटर से मेनू मंगाया और उसे दिया तो उसमें देख कर मुझे देखने लगी और थोड़ा सा हंस कर बोली- क्या तुम नोनवेज खाते हो?
मैंने कहा- नहीं, क्या तुम खाती हो?
हो तो उसने कहा- नहीं नहीं मैं तो मेनू देख कर बोल रही हूँ कि शायद तुम खाते होंगे इसलिए नोनवेज रेस्तरां में लेकर आये हो।
मैंने कहा- ओह, यह नोनवेज रेस्तरां है? मुझे नहीं पता था सॉरी…
तो उसने कहा- कोई बात नहीं!
फिर हमने सोचा कि क्या करें, कहाँ जायें। तब मुझे याद आया कि मेरे एक दोस्त ने कहा था कि यहीं एक रेस्तरां है जहाँ पर मेरे सारे दोस्त अपनी गर्लफ्रेंड को लेकर आते हैं, पर वहाँ जनरल हॉल नहीं होता है, वहाँ पर सारे पर्सनल केबिन होते हैं तो मैंने उसे कहा- अगर तुम्हें कोई दिक्कत न हो तो यहीं एक पास में एक और रेस्तरां है!
और मैंने उसे बोला- वहाँ सब पर्सनल केबिन होते हैं, हम वहाँ चल सकते हैं।
उसने कहा- मुझे कोई दिक्कत नहीं है।
फिर हम वहाँ गये और एक कैबिन में बैठे और कुछ खाने पीने के लिए मंगवाया और फिर हमारी बात शुरु हुई। हमने काफी समय तक बातें की, उसी बीच उसने कहा कि वो शादीशुदा है और उसके दो बच्चे भी हैं, उसकी उसके पति के साथ ज्यादा बनती नहीं है, उनके बीच हमेशा झगड़ा होता है।
फिर उसने पूछा- तुमने अभी तक शादी क्यों नहीं की?
तो मैंने कहा- आज तक ऐसी कोई लड़की मिली ही नहीं जिसे मुझे शादी करने का मन करे!
तो वह यह बात सुनकर हंसने लगी और मुझसे कहा- कैसी लड़की चाहिए तुम्हें?
मैंने कहा- मैंने अभी तक सोचा ही नहीं कि मुझे कैसी लड़की चाहिये…
तो कोमल और जोर जोर से हँसने लगी और मुझसे कहा- तुम्हें यह पता नहीं कि तुम्हें कैसी लड़की चाहिये और कह रहे हो कि तुम्हें कोई ऐसी लड़की मिली ही नहीं जिससे शादी करने का मन करे?
फिर हमारा हंसी मजाक शुरु हो गया। फिर मैंने टाइम देखा, तब 6 बज चुके थे, मैंने उसे कहा- तुमने कितने बजे घर पहुँचना है?
तो उसने कहा- अभी तो बहुत टाइम है, साढ़े सात तक घर पहुँच जाऊँ तो ठीक है।
तो मैंने कहा- अभी तो बहुत टाइम है।
फिर बातों का दौर शुरु हुआ और उसी बीच उसने कहा कि वह अपने पति से तलाक लेने वाली है, और बातों बातों में रोने लगी और मुझसे कहा- आज तक मुझे इतनी खुशी किसी से बात करके नहीं मिली, जितनी आज तुमसे मिल कर तुमसे बात करके हुई है।
मैंने अपना रुमाल निकाला और उसके आँसू पौंछने लगा, उसे कहा- जिन्दगी में ऐसा चलता ही रहता है, इसमें रोना नहीं चाहिए, रोना बंद करो और अब जब भी तुम्हें कोई परेशानी हो तो मुझसे बात करना।
और उसी बीच उसने मुझसे कहा कि वह मुझे गले लगाना चाहती है, और मुझसे लिपटकर रोने लगी और मैंने उसे गले लगाकर चुप कराया।
फिर वह मुझसे अलग होकर बैठ गई और फिर थोड़ी देर बात की और फिर वह मुझसे लिपट गई और मैं भी उससे लिपट गया। कुछ देर हम ऐसे ही बेठे रहे फिर उसने कहा-…आई लव यू!
तो मेरे तो होश ही उड़ गये और पता नहीं मुझे क्या हुआ, उस वक्त मेरे मुख से निकल गया- लव यू टू!
फिर उसने कहा कि वह मुझे किस करना चाहती है और मुझे किस करने लगी, मैं भी उसके रसीले होंठों को चूसने लगा।
कम से कम हमने दस मिनट तक चूमाचाटी की होगी, हम दोनों गर्म हो गये थे, मुझसे रहा नहीं गया क्योंकि अब मेरा 7 इंच का लौड़ा खड़ा हो गया था और मैं एक हाथ से उसके टॉप के ऊपर से ही उसके मम्मे दबाने लगा।
उसने कोई विरोध नहीं किया तो मेरी हिम्मत बढ़ गई और मैंने थोड़ी देर के बाद एक हाथ उसके टॉप के अन्दर डाल दिया और उसे अन्दर से ही दबाने लगा।
क्या कड़क कड़क मम्मे थे यार! क्या बताऊँ, लगता था कि उसके पति ने उन्हें बहुत टाइम से उसे दबाया नहीं होगा।
फिर मैंने धीरे धीरे करके उसका टॉप ऊपर कर दिया कंधे तक फिर उसकी ब्रा भी ऊपर कर दी और अब में उसके होंठों को छोड़ कर उसके मम्मे चूसने लगा। क्या मम्मे थे यार! वह सिसकारियाँ भरने लगी- अह…ह…हा!
उसके मम्मे मैं कम से कम दस मिनट तक एक के बाद एक चूसता रहा, फिर उसने कहा- अब रहने दो वर्ना मुझसे कंट्रोल नहीं होगा…
पर मैं कहाँ मानने वाला था, मैं नहीं रुका और जींस के ऊपर से ही उसकी चूत को मसलने लगा… तो उसकी अह… निकल गई। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।
मैंने धीरे धीरे करके उसकी जींस का बेल्ट ढीली करके जींस में अपना हाथ डाल दिया और उसकी चूत मसलने लगा और वो सिसकारियाँ भरने लगी और अह आह करके कहने लगी- अब बस!
वह मना कर रही थी फिर भी मैंने उसका टॉप उतार दिया फिर उसकी जींस भी, फिर मैंने उसको टेबल पर बिठाया और उसकी चूत में अपना मुँह डाल दिया और उसकी चूत पर धीरे धीरे अपनी जीभ फेरने लगा तो उसकी एक मीठी सी सिसकारी निकल गई-…अह ह्ह… ओह ह्ह… हम्म…
और मैं उसकी चूत पर अपनी जीभ फेरने लगा, वो पागल होने लगी और कुछ देर बद वह पूरी मस्ती में आ गई और मुझे अपनी चूत पर से हटा कर मेरी जींस की बेल्ट खोलने लगी और मेरी अंडरवीयर में हाथ डाल कर मेरा लौड़ा निकाल लिया।
जैसे ही उसने मेरे लौड़े को देखा, उसकी आँखों में चमक आ गई और वह मेरे लण्ड पर हाथ फेरने लगी, फिर उसने कहा- टेबल पर बैठ जाओ।
और वह मेरे लण्ड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी। मेरे मुँह से भी एक सिसकारी निकल गई- ओह… अह… और मैं उसके बालों में हाथ फेरने लगा और उसके सर को एक हाथ से पकड़ कर उसे हिलाने लगा और एक हाथ से उसके मम्मे दबाने लगा।
फिर उससे रहा नहीं गया और वह खुद टेबल पर बैठ गई अपनी टाँगें फ़ैला कर मुझे अपनी टांगों के बीच खड़ा कर लिया और मुझे किस करने लगी, फिर उसने अपने हाथ से मेरे लण्ड को अपनी चूत पर टिका दिया और मुझसे कहने लगी- धक्का मारो!
और मैंने मौका ना गंवाते हुए एक जोर का झटका दिया और आधे से ज्यादा लण्ड उसकी चूत में डाल दिया। उसके मुँह से एक हल्की सी चीख निकल गई- अह्ह्हह्ह…
मैं थोड़ी देर रुका और उसे किस करने लगा और उसके मम्मे मसलने लगा और फिर थोड़ी देर बाद मैंने एक और झटका दिया तो मेरा पूरा लण्ड उसकी चूत में डाल दिया और उसके मुँह से फिर से एक बार चीख निकल गई।
फिर मैं धीरे धीरे अन्दर-बाहर करने लगा तो उसे भी अब मजा आने लगा और वह भी बोलने लगी- फक मी फक मी… ओह! अह…हम्म..!
वो सिसकारियाँ भरने लगी और मैं फिर जोर जोर से उसकी चूत में अपना लण्ड अन्दर बाहर करने लगा… और वो आहें भरती रही… आह्ह… ओह्ह… ह्म्म्म…
फिर कुछ देर बाद उसने कहा कि वह झड़ने वाली है और ‘जोर से करो… अह्ह्ह… ह्म्म.. ओह्ह…और!’
थोड़ी देर बाद उसने मुझे कस कर जकड़ लिया और वह झटके खाते हुए झड़ गई और तब मुझे भी लगा कि मैं भी जाने वाला हूँ तो मैंने उसे कहा- मैं झड़ने वाला हूँ!
तो उसने कहा- अन्दर ही करो, मैं तुम्हारा वीर्य अपने अन्दर लेना चाहती हूँ!
और मैं एक जोरदार पिचकारी के साथ झड़ गया…
फिर हम कुछ देर ऐसे ही एक दूसरे को चूमते रहे और फिर हमने कपड़े ठीक किए और तब तक सवा सात बज चुके थे, मैंने उसे कहा- क्या मैं तुम्हें घर तक ड्रॉप कर दूँ?
तो उसने कहा- नहीं, रहने दो! मैं चली जाऊँगी! कोई देख लेगा तो खामख्वाह पंगा हो जायेगा।
तो मैंने उसे कहा- मैं तुम्हें तुम्हारे घर से थोड़ा दूर ड्रॉप कर दूंगा, वहाँ से तुम चली जाना!
उसने कहा- ठीक है!
फिर मैं उसे बाइक पर बिठा कर घर छोड़ने गया।
और फिर कई बार मैंने उसकी चुदाई की।
मुझे मेल करके बताएँ कि आपको मेरी कहानी कैसी लगी। [email protected]
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