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प्रेषक : वरुण मलहोत्रा
सभी पाठकों को मेरा नमस्कार ! मेरा नाम वरुण मल्होत्रा है, मेरी उम्र 22 साल है, मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ, इंजीनियरिंग की पढ़ाई ख़त्म कर चुका हूँ और अभी MBA की तैयारी कर रहा हूँ।
अन्तर्वासना में यह पहली कहानी है। बात उस समय की है जब मैं इंजीनियरिंग के दूसरे साल में था। मैं पेईंग गैस्ट रहता था अपने अंकल के घर !
वो बहुत ही ज्यादा प्यार से रखते थे मुझे, हमेशा अपने घर में अपने साथ बिठा कर खिलाते-पिलाते थे। एक बार उनके बड़े बेटे अपनी पत्नी के साथ आये थे, तो मुझे उनसे मिलाया उन्होंने, भैया तो ठीक दोस्तो, जब मैंने भाभी को देखा, माँ कसम लन्ड में तूफ़ान आ गया। मैंने बहुत सी हसीन से भी हसीन माल देखी हैं लेकिन साली ऐसी माल पहली बार देखी। इतना गोरा रंग कि दूध भी शरमा जाये।
इतनी ज्यादा सेक्सी थी क्या बताऊँ ! नशीली आँखें, रसीले होंठ आहा..
उस दिन शाम को हम सब बाहर खाने गए, इतनी अच्छी किस्मत मेरी कि भाभी एकदम मेरे सामने वाली कुर्सी पर बैठी। उसके गोरे गोरे हसीन चेहरे को मैं बार बार तिरछी निगाहों से देख रहा था।
उसने भी मुझे ऐसा करते देख लिया।
अंकल ने बताया कि दोनों की शादी हुए सिर्फ एक महीना हुआ है। तभी मैंने सोचा कि इतनी ज्यादा कसी हुई गदराई माल कैसे है ये ! शायद इसका ठीक से चोदन नहीं हुआ है।
मैंने भी गौर किया कि साली कुतिया मुझे तिरछी आँखों से देख रही थी। यह ही सिलसिला चल रहा था तभी उसने अचानक से अपनी साड़ी का पल्लू ठीक किया..
पल्लू क्या ठीक किया, साली ने मुझे इशारा दिया !
अपने पेट के पास से साड़ी हटा दी। और क्या जो दिखा ! मादरचोद गोरा गोरा पेट ! मुझे तो मज़ा ही आ गया। साली बार बार पेट दिखा रही थी, पूरा नाभि दिखा रही थी बार बार !
मैं समझ गया कि ‘बेटा, चूत मिलने वाली है जल्द ही !’
क्या गोरा पेट था यार साली का ! एक वो उसकी गहरी नाभि थी यार… स्वर्ग की अप्सरा !
मैंने काफ़ी कोशिश की कि उसके चूचे भी देख सकूँ, लेकिन हो नहीं पाया।
उस दिन रात मैंने अपने कमरे में आकर उसके बारे में सोच सोच कर मुठ मारी।
दूसरे दिन दोपहर में दो बजे मैं अपने रूम था, मैं हमेशा सिर्फ बरमुडा में ही रहता था तो ऊपर कुछ नहीं पहना था !
और अचानक एक गोरा सा बदन धूप में से मेरे सामने आया ! वो वही अप्सरा थी।
मेरे लिए खाना लाई थी क्योंकि वो पहली बार आई थी घर, तो उसने खुद बनाया था, तो मेरे लिए भी लाई थी।
मुझे थोड़ी शर्म आई तो मैं अपनी शर्ट पहनने उठा तो अप्सरा ने कहा- अरे क्यों पहन रहे हो? ऐसे ही अच्छे लग रहे हो।
मैं समझ गया कि आज खाना के साथ साथ लंड कि भी भोजन मिलने वाला है।
उसने कहा- कल तुम क्या देखने की कोशिश कर रहे थे रात को?
मैंने कहा- कुछ भी तो नहीं !
तो उसने कहा- अरे मुझसे क्यों शर्मा रहे हो? बता भी दो…
मैंने मौके का फ़ायदा उठाया और कहा- यार, तुम तो कमाल की सेक्सी हो, तुम्हारा तो सब कुछ देखना चाहूँगा मैं !
तब उसने जो हरकत की उससे मैं समझ गया कि भैया गाण्डू साला कुछ नहीं कर पाया है अभी तक !
उसने अपनी साड़ी का पल्लू पूरा नीचे कर दिया।
मैंने कहा- अरे, यह क्या कर रही हो? कोई आ जायेगा !
तो उसने कहा- सब सो रहे हैं, तभी तो तुम्हारे पास आई हूँ जानेमन !
साला पूरा गोरा गर्दन, लाल ब्लाऊज़ और फिर गोरा पेट ! मैं तो जन्नत में आ गया था।
उसने कहा- जो देखना है, देख लो जल्दी ! मैं तड़प रही हूँ।
मैंने पूछा- क्यों, भैया ने तुम्हें चोदा नहीं है क्या?
उसने बताया कि उसे संतुष्टि नहीं मिली है और उसी संतुष्टि की तलाश में मेरे पास आई है।
तब मैंने देर न करते हुए उसे जोर से गले लगा लिया उसने भी मुझे जोर से पकड़ लिया मैंने फिर उसके स्तनों को ब्लाऊज के ऊपर से दबाना शुरू कर दिया फिर उसके गोरे पेट को जिसके दर्शन में पहले भी कर चुका था, उसे सहलाना-चाटना शुरू कर दिया। वो तड़पने लगी। फिर मैंने जल्दी ही उसके ब्लाऊज के हुक खोल दिए। उसने काले रंग की ब्रा पहनी थी।
मादरचोद गोरे गोरे चूचों पर काली ब्रा ! स्वर्ग की मेनका-रम्भा भी शरमा जायें इसे देख कर !
ब्रा के ऊपर से मैंने साली के स्तन को निचोड़ डाला, पूरा गुदगुदा रहा था मैं उसको !
वो बहुत ज्यादा गर्म हो गई थी, मैंने मौका देखते ही उसकी ब्रा को भी खोल दिया, माँ कसम लाल गुलाबी चूचियाँ !
इतना गुद्दा था साली के उभारों में !
मैं एक स्तन को काट रहा था, पूरा मुँह में लेकर खा रहा था और दूसरे वाले को दबा रहा था। उसकी आआह्ह निकल गई, मैंने और जोर से दबाए उसके स्तन !
फिर मैंने दोनों स्तनों को पकड़ कर एक साथ मुंह में डालना चाहा, पूरा तो नहीं गया लेकिन निप्पल को आराम से काट रहा था।
मैंने इतना चूसा काटा साली के स्तनों को कि साली की गुलाबी चुचियाँ एकदम गुलाब की तरह लाल हो गई थी। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।
इतने में ही उसने मेरे लंड को दबा दिया और इतनी जल्दी मुझे नंगा कर दिया कि क्या बताऊँ ! साली के अन्दर जवानी उफान मार रही थी !
मेरा लंड 7 इंच लम्बा हो गया था.. साली ने मुँ में लेकर काटना-खाना शुरू कर दिया।
मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसे जा रही थी कुतिया रंडी साली ! पूरे लंड को मुख में लेकर खा रही थी साली, चूस चूस के लंड का पानी निकाल दिया और मैंने अपना पानी उसके मुँह में छोड़ दिया..
मेरा मुठ ज्यादा निकलता है तो उसके पीने के बाद भी थोड़ा निकल रहा था जो मैंने उसके चेहरे पर छोड़ दिया।
साली इतनी भूखी कि मेरे लंड को अपने पूरे चेहरे पर छुआ रही थी। उसने जीभ से मेरे लण्ड को चाट कर साफ़ किया और अपने होंठों को भी जीभ फ़िरा फ़िरा कर साफ़ कर लिया।
फिर मैंने उसे बहुत जोर से उसके गुलाब की पंखुड़ी जैसी होंठों पे किस किया और फिर उसको मैंने पूरी नंगी कर दिया।
साली ने काली चड्डी पहनी थी, चूत पूरी गीली हो चुकी थी उसकी !
मैंने उसको देखा तो साली पूरी नंगी क्या लग रही थी- मादरचोद कंचा बदन ! चमक तो ऐसी कि क्या बताऊँ !
फिर उसने मेरे लंड से खेलना चालू कर दिया और धीरे धीरे उसे खड़ा कर दिया। फिर बारी आई स्वर्ग की सैर करने की।
चूत की क्या बात बताऊँ, गुलाबी गुलाब की पंखुड़ी की तरह थी उसकी चूत, एकदम नर्म और क्या चिकनी थी यार ! फिर मैंने उसको अपने बिस्तर पर लेटाया.. मैंने तो चूस डाला उसको !
उसकी चूत को अपने मुँह में लेकर जितना अन्दर डाल सकता था, डाला और चूसने लगा…
उससे रहा नहीं जा रहा था, उसने बोला- भोसड़ी के, जल्दी चोद ! रहा नहीं जा रहा है..
मैंने सुना तो हैरान हो गया !
उसने मेरे लंड को पकड़ के चूत में डालना चाहा… मैंने कहा- ओ मेरी रानी, थोड़ा तड़पने का भी मज़ा ले ले ! फिर तो तुझे चोद के तेरे चूत का भोसड़ा बना दूंगा…
मैंने उसके चूत में थूक दिया और हल्का सा धक्का दिया तो थोडा लंड अन्दर गया। उसने बताया कि तेरे भैया ने एक दो बार चोदा है, चूत फट चुकी है लेकिन जरा भी मज़ा नहीं आया था..
मैंने कहा- रुक जा मेरी चूत की रानी, तुझे चोदन का मज़ा मैं दिलाता हूँ !
फिर मैंने लंड पूरे जोर से उसकी हसीन चूत में धकेल दिया…पूरा लंड खा गई रण्डी साली की चूत !
फिर मैंने उसे धक्के देने चालू कर दिए.. चोदते समय उसके चूतड़ों को दबा रहा था मैं… उसकी आहें आ रही थी… मादरचोद गांड उछाल कर चुदवा रही थी… उसके गोरे स्तन भी ऊपर नीचे हो रहे थे चोदते समय..
मेरे से रहा नहीं गया, मैंने उसके स्तन को मुँह में लिया और चूसने की कोशिश करने लगा। तो वो बोली- मादरचोद क्या क्या करेगा? मैंने कहा- रुक गांड की छल्ली ! तुझे तो मैं चोद चोद के फाड़ दूंगा !
इतनी गोरी थी साली कि पूरा बदन लाल हो गया था मां की लौड़ी का…
मन कर रहा था उसके गोरे जिस्म को कच्चा चबा जाऊँ.. पूरी हवस चढ़ गई थी मुझे पर और उस पर भी..
साली गाली पे गाली दे रही थी- …मादरचोद चोद डाल इस चूत को.. फाड़ दे ! अपने लंड को मेरी चूत में डाल और गांड से निकाल.. भोसड़ी के गांड जोर से दबा.. कुत्ते मेरे गाण्ड में उंगली घुसा साले !
क्या क्या नहीं बोल रही थी साली रंडी…
करीब 15 मिनट के बाद उसका पानी आ गया तो फच फच की आवाजें आने लगी और मैं भी झड़ने वाला था तो मैंने कहा- कहाँ निकालूँ अपना पानी बोल मेरी रानी !
तो उसने कहा- बाहर निकल दे !
तो मैंने उसकी चूत के ऊपर अपना मुठ गिरा दिया..
फिर वो मुझसे लिपट कर बोली- साले, कुत्ते, कमीने, तूने तो मुझे दीवाना बना लिया.. मज़ा आ गया तुझसे चुद के..
फिर मैंने उससे कहा- आ जाया कर गाण्ड मरवाने जब तेरा मन करे !
और जोर से उसके गोरे गोल गोल कूल्हों को दबाया और थोड़ी देर हम दोनों ने चूमाचाटी की, फिर साली को मैंने ही साफ़ किया और कपड़े पहनाये।
कुछ दिनों तक मौका देख कर हम दोनों थोड़े मज़े ले लिया करते थे, फिर वो चली गई.. लेकिन जब मौका मिलता चुदवाने जरूर आती…
कुछ महीनों बाद उसका एक लड़का हुआ..
आपको मेरी कहानी कैसी लगी, जरुर बताइयेगा…
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