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लेखक : आदित्य शर्मा
जवानी से जलती हुई चूतों को आदित्य शर्मा के प्यार से भरे करारे लंड का सलाम !
मैंने अन्तर्वासना की सभी कहानीयाँ पढ़ी हैं और पढ़ने के बाद मुझे भी अपनी आपबीती लिखने की प्रेरणा मिली !
अन्तर्वासना पर यह मेरी पहली कहानी है, मुझे विश्वास है मेरी कहानी पढ़ने के बाद प्यासी चूतों से पानी टपकने लगेगा और लण्ड वाले मुठ मारे बिना नहीं रह पायेगें !
मैं 26 साल का नौजवान चण्डीगढ़ की नामी कम्पनी में सोफ़्टवेयर इंज़िनियर हूँ। आज से चार साल पहले की बात है जब मैं 22 साल का था, मैंने इस नई कम्पनी में ज़्वाइन किया ही था, उन दिनों हमारे घर के सामने वाले मकान में किराए पर एक नया परिवार आया, वो तीन लोग थे, पति पत्नी और उनका 4 साल का बेटा !
जल्दी ही उनकी और हमारी जान पहचान हो गई ! और मैं उन्हें भैया-भाभी बुलाने लगा ! भाभी का नाम संगीता था और उनकी उम्र 28 साल थी, भैया एक प्राईवेट कम्पनी में मेनेज़र हैं तो उनकी ड्यूटी कभी दिन की होती है और कभी रात की ! भाभी अक्सर दिन में हमारे घर आ जाती थी। भाभी और मेरी जल्दी ही बहुत अच्छी बनने लगी, हम ढ़ेरों गप्पें मारते और मजाक करते !
उन्हीं दिनों मैंने अन्तर्वासना पर भाभी देवर की कहानी पढ़ी और मेरा भी हथियार भाभी के लिए सैल्यूट मारने लगा ! संगीता भाभी जिनको मैंने कभी बुरी नीयत से नहीं देखा था उनके बारे में सोच सोच कर अब मैं मुठ मारने लगा। संगीता भाभी जिनको अगर कोई भी देख ले तो वहीं उसका लंड गीला हो जाये ! भाभी का रंग गोरा, कद लम्बा और शरीर भरा हुआ था ! भाभी अक्सर पँजाबी सलवार और तंग कमीज पहनती थी और उनके खड़े मोमे उसमें से साफ़ नजर आते थे।
जब भी भाभी घर पर आती, मैं उन्हें ही देखता रहता और भाभी को चोदने को तरसता !
भाभी के घर में कम्प्यूटर था ! पर भाभी अक्सर घर पर आकर मेरे कम्प्यूटर के आगे बैठ जाती और गेम खेलने लगती !
एक दिन भाभी ने मुझे बोला- आदि, ये गेम्स मेरे भी कम्प्यूटर में डाल दो ताकि मैं इन्हें रात को अपने घर पर खेल सकूँ क्योंकि रात को मेरे पति तो ड्यूटी पर होते हैं और मैं अकेली घर पर बोर हो जाती हूँ !
भाभी मुझे प्यार से आदि बोलती हैं।
मैंने कहा- ठीक है भाभी, मैं जल्दी डाल दूँगा !
भाभी ने कहा- आदि, तुम कल ही डाल देना ! एक काम करना तुम कल शाम को मेरे घर आ जाना और सभी गेम्स डाल देना !
अगले दिन मैं शाम को जैसे ही घर पर आया भाभी पहले से ही हमारे घर पर आई हुई थी, मेरे आते ही भाभी ने बोला- आदि, मैं तुम्हारा ही इन्तजार कर रही थी, चलो मेरे घर और मेरे कम्प्यूटर पर आज सारी गेम्स डाल दो !
भाभी ने बोला- फ़्रेश मेरे ही घर पर हो जाना और चाय भी वहीं पीना !
मैंने अपना सीडी बैग उठाया और भाभी के साथ चला गया ! भाभी के घर जाकर पहले मैंने हाथ मुँह धोया और फ़्रेश हो गया !
इतने में भाभी चाय और पकौड़े ले आई, भाभी ने बोला- आदि, पहले ये खा लो फ़िर गेम्स डाल देना !
मैं और भाभी फ़िर चाय पकौड़े खाने लगे ! चाय पीते हुए मैंने भाभी से पूछा- भैया कहाँ हैं?
तो भाभी बोली- आज उनकी नाईट शिफ़्ट है वो अभी डयूटी पर गये हैं !
चाय पीने के बाद मैंने भाभी को बोला- अब मैं गेम्स इन्स्टाल कर देता हूँ।
भाभी मुझे कम्प्यूटर वाले कमरे में ले गई ! मैंने जैसे ही कम्प्यूटर को आन किया मैंने देखा कि कम्प्यूटर की विन्डोज़ करप्ट है, कम्प्यूटर भी काफ़ी पुराना है। मैंने भाभी को बताया कि पहले कम्प्यूटर की विन्डोज़ दुबारा से इन्स्टाल करनी पड़ेगी और फ़िर गेम्स इन्स्टाल हो पायेगी और इसमें काफ़ी टाईम लगेगा !
भाभी ने बोला- ठीक है आदि, तुम इन्स्टाल कर दो ! तुम आज डिनर यहीं कर लेना, मैं तुम्हारे घर पर बोल देती हूँ !
मैं विन्डोज़ इन्स्टाल करने लगा और भाभी डिनर बनाने रसोई में चली गई !
विन्डोज़ इन्स्टाल होने में जितना टाईम लगा, उतने में भाभी ने खाना बना लिया और डाईनिंग टेबल पर लगा दिया !
फ़िर भाभी ने मुझे बुलाया- आदि, आ जाओ, दिनर करते हैं !
भाभी को पहले से मेरी पसन्द पता थी तो उन्होंने मेरी पसन्द की पनीर की सब्जी बनाई थी। डिनर करते हुए भाभी ने मुझसे पूछा- आदि, तुम्हारी कोई गर्लफ़्रेन्ड है क्या?
मैंने कहा- नहीं !
मैंने पूछा- आप क्यों पूछ रही हैं?
तो भाभी हंस पड़ी और बोली- वैसे ही पूछ रही हूँ !
रात के साढ़े ग्यारह बज गये थे और विन्डोज़ भी इन्स्टाल हो गई थी, मैंने भाभी को बोला- भाभी, विन्डोज़ इन्स्टाल हो गई है ! मैं गेम्स कल आकर इन्स्टाल कर दूंगा !
भाभी ने बोला- नहीं आदि, तुम आज ही गेम्स इन्स्टाल करो वरना मैं तो पूरी रात बोर हो जाऊँगी ! तुम्हारे भइया भी घर पर नहीं हैं ! मैंने तुम्हारे घर पर बता दिया है कि तुम आज रात यहीं रुकोगे !
मैं मान ग़या और गेम्स इन्स्टाल करने लगा ! मैंने गेम्स की सी डी जैसे ही कम्प्यूटर के सी डी ड्राईव में डाली, उसी वक्त लाईट चली गई।
भाभी ने बोला- इन्वरटर भी खराब है।
और भाभी ने कमरे में एक मोमबत्ती जला दी !
भाभी बोली- अभी थोड़ी देर में लाईट आ जायेगी ! तब तक तुम थोड़ा रेस्ट कर लो !
और भाभी अन्दर दूसरे कमरे में चेंज करने चली गई, मैं वहीं पास वाले बैड पर पीठ सीधी करने के लिये लेट गया।
दस मिनट के बाद मुझे कमरे में एकदम से बहुत ही महकती खुश्बू आई ! और मैंने जैसे ही उठ कर देखा तो भाभी मेरे सामने खड़ी थी ! और मैंने जैसे ही भाभी को देखा, मैं देखता ही रह गया !
भाभी ने काले रंग की पारभासक नाईटी पहनी हुई थी जिसमें से भाभी के हर अंग की झलक दिखाई पड़ रही थी और मोमबत्ती की रोशनी में गोरी भाभी काले रंग की नाईटी में बहुत ही सेक्सी लग रही थी ! भाभी को देखते ही मेरा लंड एकदम से सैल्यूट मार गया ! भाभी मेरे पास आई और बोली- क्या हुआ?
मुझसे बोले बिना नहीं रहा गया- भाभी, आप बहुत ही सुन्दर लग रही हो !
भाभी बोली- मैं तो रोज इसी तरह सोती हूँ !
भाभी ने मेरी पैन्ट में खड़े मेरे हथियार को देख लिया था ! फ़िर भाभी ने कहा- लाईट अभी पता नहीं कितनी देर में आएगी, तुम थोड़ी देर आराम कर लो !
भाभी ने कहा- आदि तुम भी अन्दर मेरे बैडरूम में आ जाओ, वहीं पर सो जाना इस रूम में काफ़ी गरमी है !
मैं और भाभी अन्दर चले गए ! भाभी ने अपने बेटे को पहले ही दीवार वाली साईड सुला दिया था ! भाभी बीच में लेट गई और मुझे बोली- आदि, तुम भी यहीं लेट जाओ ! थोड़ा आराम कर लो, जब लाईट आयेगी तो मैं तुम्हें उठा दूंगी।
मैं भाभी से बोला- भाभी, मैं यहाँ पर नहीं सो पाऊँगा, आप सो जाओ, मैं बैठ कर लाईट आने का इन्तजार करता हूँ !
भाभी ने मुझे पूछा- क्या हुआ आदि? मेरे साथ सोने में कोई प्रोब्लम है क्या?
मैं बोला- नहीं भाभी, ऐसी कोई बात नहीं है !
फ़िर भाभी ने पूछा- क्या बात है आदि?
मैं बोला- भाभी मुझे रात को पूरे कपड़े पहन कर सोने की आदत नहीं है, मैं रात को सिर्फ़ अँडरवियर पहन कर सोता हूँ ! मैं यहाँ पर सो नहीं पाऊँगा !
भाभी ने बोला- इसमें क्या प्रोब्लम है, तुम अपने कपड़े उतार कर यहाँ पर सो सकते हो, मैं तुम्हारी भाभी हूँ मुझसे क्या शरमाना !
भाभी के इतना बोलते ही मेरा हथियार जो भाभी को देख कर पहले से कड़क था वो और भी कड़क हो गया और मेरी पैंट में तन गया, जिससे मेरी पैंट के आगे टेंट बन गया और भाभी की नजर उस पर ही थी !
मैंने सीडी बैग अपनी पैंट के आगे लगा लिया !
भाभी ने कहा- आदि चलो अब शर्म छोड़ो और जल्दी से कपड़े उतार कर सो जाओ !
मैंने भाभी से पूछा- भाभी बाथरूम किधर है, मैं कपड़े उतार आता हूँ !
भाभी ने मुझे छेड़ते हुए कहा- जब मेरे पास सोना ही बिना कपड़ों के है तो बाथरुम में जाकर कपड़े क्यों उतारने, चलो यहीं पर उतार लो, और वैसे भी बाथरुम में अँधेरा है !
मैंने अपने कपड़े उतारे और वी शेप की अँडरवियर में भाभी के पास जाकर लेट गया ! भाभी ने जब मुझे सिर्फ़ अँडरवियर में देखा तो भाभी मेरी पूरी छाती और मस्ल्स देख कर दंग रह गई, भाभी बोली- आदि, तुमने तो बहुत अच्छी बोडी बनाई है !
और भाभी मेरे पूरे बदन को निहारने लगी ! मेरा हथियार अब तो पूरी तरह से तना हुआ था ! जिसके पास इतना तगड़ा शादीशुदा माल लेटा हो और वो भी पारदर्शी नाईटी में, फ़िर तो हथियार का कड़क होना लाजमी है !
मैंने किसी तरह मौका देख कर अपने लोड़े को हाथ से अण्डरवीयर में ही नीचे को करके दोनों टाँगों के बीच में दबाया ताकि टेंट ना बने !
फ़िर भाभी बोली- चलो आदि, अब सोते हैं।
भाभी दूसरी तरफ़ अपने बेटे की तरफ़ मुँह करके सो गई ! मुझे कहाँ नींद आने वाली थी ! मेरी तरफ़ भाभी की पीठ थी और पीछे से नाईटी में से भाभी की गोरी पीठ और गोल भरवा चूतड़ साफ़ नजर नजर आ रहे थे ! मेरा तो मन किया कि अभी भाभी को पीछे से दबोच लूँ और भाभी की चुदाई कर दूँ !
मैं खुद पर किसी भी तरह से काबू नहीं कर पा रहा था और मुझे ऐसे लग रहा था जैसे भाभी मुझे निमंत्रण दे रही हों !
कुछ देर बाद मुझे लगा कि भाभी को अब नींद आ चुकी है तो मैं थोड़ी हिम्म्त करके भाभी के नजदीक चला गया। नाईटी की डोरी भाभी ने अपनी पीठ पर बाँधी हुई थी, मेरा मन किया कि इसे अभी खोल दूँ ! फ़िर मैं धीरे से अपना हाथ डोरी पर लेकर गया और धीरे से डोरी का एक सिरा पकड़ा और जैसे ही हल्का सा खींचा, डोरी की गांठ अपने आप खुल गई !
भाभी एकदम से थोड़ा सा हिली, मैं डर गया, पर भाभी फ़िर से वैसे ही लेट गई ! अब मैंने धीरे से नाईटी को हाथ से सरका दिया ! अब भाभी के मोमे नाईटी में से आजाद हो चुके थे पर मुझे अभी मोमे पूरी तरह से दिखाई नहीं दे रहे थे क्योंकि भाभी की पीठ मेरी तरफ़ थी !
अब तो मुझसे बिल्कुल भी रुका नहीं जा रहा था, मैंने धीरे से अपना हाथ पीछे से ही भाभी के मोमों पर रख दिया ! जैसे ही मैंने मोमों का स्पर्श किया, मेरे शरीर में कँरट सा दौड़ गया और मेरा लोड़ा पूरी तरह से फ़ूल कर कड़क कर लम्बा हो गया ! मैं धीरे धीरे भाभी के मोमो को सहलाने लगा ! जैसे जैसे मैं भाभी के मोमो को सहला रहा था, मेरी धड़कन भी तेज हो रही थी और मेरे पूरे शरीर में अजीब सी हलचल हो रही थी ! भाभी के मोमो को सहलाते सहलाते मैं धीरे से भाभी के चुचूकों को उंगली से छेड़ने लगा और हथेली से गोल गोल रग़ड़ने लगा ! भाभी के मोमे एकदम सख्त हो गए थे और चुचूक खड़े हो गए थे ! अब मैंने धीरे से अपने लोड़े को अपने अंडरवियर से निकाला और पीछे से भाभी के गोरे चूतड़ों के बीच में लगा दिया ! मेरा लम्बा मोटा लोड़ा पूरी तरह से भाभी की दरार में फ़िट हो गया और मैं अपने लोड़े से धीरे धीरे भाभी की गाँड को सहलाने लगा और पीछे से भाभी की गर्दन और बालों को चूमने लगा !
मेरा इतना कुछ करने के बावजूद भाभी के कुछ ना बोलने पर मेरा हौंसला और भी बढ़ गया और मैंने अब अपना हाथ धीरे धीरे भाभी के उरोजों से सहलाता हुआ नीचे लाया और जांघों पर रख दिया ! अब भाभी की जाँघों को सहलाते हुए धीरे धीरे मैंने अपना हाथ नाईटी के अन्दर डाल दिया और अपना हाथ चूत के पास ले गया ! भाभी ने नीचे पैंटी पहनी हुई थी ! मैंने अपना हाथ पैंटी के ऊपर रख दिया। जैसे ही मैंने अपना हाथ पैंटी पर रखा मेरी धड़कन और भी तेज हो गई, भाभी की पैन्टी पूरी तरह से गीली थी। मैं धीरे धीरे पैंटी को ऊपर से ही सहलाने लगा और पीछे से भाभी के चूतड़ों को अपने लौड़े से सहलाने लगा ! यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।
अब मैंने धीरे से उँगलियों से पैंटी की इलास्टिक को उठाया और अपना हाथ पैंटी के अन्दर डाल दिया और अपना हाथ भाभी की गीली चूत पर रख दिया ! भाभी की चूत बिल्कुल चिकनी थी जैसे आज ही भाभी अपने चूत के बालों की सफ़ाई की थी !
मैं भाभी की चूत को धीरे धीरे सहलाने लगा और भाभी की गोरी चूत को सहलाते हुए मुझे ऐसे लग रहा था कि जैसे मुझे जन्नत मिल गई हो !
फ़िर मैंने जैसे ही भाभी की चूत की पंखुड़ियों को खोल कर अपनी उंगली डालने लगा तो अचानक भाभी ने अपना हाथ चूत पर रख दिया और बोली- आदि नहीं !
कहानी जारी रहेगी।
आदित्य शर्मा
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