This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000
प्रेषक : अमित कुमार
नमस्कार दोस्तो ! मेरा नाम अमित है। आम आम तौर पर जैसे लड़के होते हैं, सब कुछ फटाफट बोल देने वाले, लेकिन मैं ऐसा नहीं था, मैं बहुत संकोची स्वभाव का था, यही कारण था कि मुझे चूत पहली बार लेने में इतनी देर हो गई। मेरी कितनी सारी लड़कियों से दोस्ती हुई, उनसे हर तरह की बातें हुई लेकिन मैं कभी उनमें से किसी को चोद नहीं पाता था क्यूंकि मैं बहुत संकोची था, जबकि मेरे सारे दोस्त बड़े ही चुदक्कड़ थे। दो से तीन दिनों की दोस्ती में ही चूची वगैरह दबाना शुरू कर देते थे और सात आठ दिनों के अन्दर ही चोद के किनारे कर दिया करते थे।
मैं संकोची ज़रूर था लेकिन हर अवसर पर मुझे यह उम्मीद रहती थी कि शायद इस बार कुछ हो जाये। इसी उम्मीद से लड़कियों से
दोस्ती करता था लेकिन हर बार बिना कुछ किये ही वापिस आ जाता था। कई बार तो मैं लड़कियों के बिलकुल करीब तक गया लेकिन संकोच के मारे कुछ कर न सका।
एक बार की बात है, मेरे चाचा अपने किसी दोस्त की शादी में जा रहे थे, उन्होंने मुझसे भी साथ चलने को कहा। क्योंकि मैं जानता था की शादी में लड़कियाँ पटाना आसान होता है, मैं चाचा के साथ गया। चाचा के दोस्त अनुज के घर पहुँचते ही मुझे एक लड़की दिखाई पड़ी, वो इतनी सुन्दर थी कि अगर एक बार अपने मुँह से लंड बोल देती तो मेरा लंड झर-झर के झरना हो जाता।
मैंने सोच लिया था कि इसकी चूत तो किसी भी हाल में फाड़ कर रहूँगा चाहे जो हो जाये। उसकी मादक मुस्कान देख कर ही मेरा लंड खड़ा हो जाता था। पहले दिन तो उससे मेरी कोई बात नहीं हुई, मेरी हिम्मत ही नहीं पड़ी उससे बात करने की, पर दूसरे दिन, मुझे याद है, मैंने वहाँ बैठे एक लड़के से पानी माँगा।
थोड़ी देर बाद वो लड़की मेरे लिए पानी लाई। मैं आश्चर्य चकित हो गया कि यह क्या? लगता है भगवान् ने मेरी सुन ली।
मैंने मौका गंवाया नहीं और उसके हाथों पर अपनी उँगलियाँ फेरते हुए उससे गिलास ले लिया और उससे उसका नाम पूछा। उसने बताया कि उसका नाम रंजना है। उसी दिन हम दोनों की दोस्ती शुरू हो गई।
दूसरे दिन मैं नहाने जा रहा था, मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए थे, बस पजामा पहना हुआ था और बाथरूम की ओर जा रहा था कि तभी वो पीछे से आ गई। उसने मुझे देखा और हंसते हुए वापस चली गई। नहा धोकर खाना पीना हुआ फिर उसके बाद हम दोनों ने साथ में लगभग एक घंटे तक कैरम खेला। उसी समय मेरी उससे किसी बात पर नोकझोंक हुई, मैंने उसका हाथ पकड़ लिया। मेरा लंड
अकड़ कर बम्बू हो गया। मैं तुरंत बाथरूम गया और खूब हचक कर मुट्ठ मारी।
मैं रात को छत पर गया। मैं टहल रहा था कि अचानक वो भी छत पर आ गई। उससे मेरी काफी देर बात हुई।
उसने कहा- आज जब तुम्हारा हाथ छुआ तो पता चला कि तुम्हारा हाथ कितना मुलायम है।
मैंने कहा- तुमसे ज्यादा नहीं ! तुम्हारा तो बिल्कुल रुई की तरह है।
यह कहते हुए मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और उसे सहलाते हुए मैंने धीरे से उसकी चूची पर हाथ रखा। उसने शरमाते हुए मेरा हाथ हटा दिया। फिर मैंने उसकी चूची एक बार जोर से दबाई। इस बार उसने मेरे हाथ पर हाथ रख दिया लेकिन हटाया नहीं। मैं धीरे धीरे उसकी चूची दबाने लगा और उसके ऊपर के सारे कपड़े उतार दिए। मैं धीरे धीरे उसकी चूची चूसने लगा।
उसकी चूची चाटते चाटते मैं उसका मक्खन सा गोरा बदन और पेट चाटने लगा। मेरा लंड लोड लेने लगा क्योंकि उसके मुंह से मादक आहें निकल रही थी- आह…आहा…. आहा… अंह..ओह..
धीरे-धीरे मैंने उसे पूरी नंगी कर दिया। अब बस वो चड्डी में लेटी चिंहुक रही थी और मैं उसे पूरे बदन पर और होठों पर किस करता रहा। थोड़ी देर में वो मेरे कपड़े भी खींचने लगी और अंत में मेरी चड्डी उतार कर मेरा लंड गप्प से अपने मुँह में भर कर चूसने लगी। मेरा लंड तेजी से पानी छोड़ने लगा और फिर जल्दी ही मेरा लंड बहुत तेज तेज झड़ने लगा। वो मेरे लंड से निकलता सारा पानी पीती चली गई। यह देख कर मेरा लण्ड फिर से खड़ा हो उठा और फिर मैं उसे एक ज़ोरदार किस करने लगा।
अब रंजना बहुत जोश में आ चुकी थी, उसने अपनी गोरी-गोरी बिना झांट की बुर पर मेरा हाथ रख दिया, मैंने हाथ हटा लिया और जीभ से उसकी बुर चाटने लगा। वो मरी कुतिया की तरह चीखने लगी, उसे बहुत मज़ा आ रहा था, उसकी बुर से ढेर सारा पानी निकल रहा था।
मैंने तुरंत ही मुँह हटा लिया और उसकी बुर में अपनी उंगली पेल दी। वो खूब जोर से चिल्लाई लेकिन मैं उंगली पेलता रहा। वो बहुत मस्त हो गई। मौका देख कर मैंने तुरंत उसकी बुर में अपना लंड डाल दिया। वो खूब जोर से चिल्लाई लेकिन मैं उसे खूब जोर जोर से चोदता चला गया। वो चीखने लगी और बोली- अमित, मेरी बुर फाड़ डालो ! आज पूरी बुर फाड़ कर मेरे अन्दर घुस जाओ।
बस फिर क्या था, मैं उसकी बुर फाड़ता चला गया।
उस दिन में मैं दो बार झड़ा और वो सिर्फ एक बार ! लेकिन उस दिन मैंने उसकी गांड फाड़ चुदाई की। अब भी हम लोग मिलते हैं, तब मैं उसकी गांड फाड़ फाड़ के चुदाई करता हूँ और उसे भी अपनी बुर फड़वाने में बहुत मज़ा आता है, वो कहती है कि उसे मेरे लंड में जन्नत दिखाई देती है। मुझे भी उसकी बुर किसी मिठाई की दुकान से कम नहीं लगती है। मिठाई खा खा कर मैं बोर हो सकता हूँ लेकिन उसकी बुर चाटना शुरू करूँ तो दिन भर चाटता रह जाऊँ, फिर भी मन न भरे..
आपको मेरी कहानी कैसी लगी, ज़रूर बताइयेगा !
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000