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दोस्तो, मेरा नाम मनोज है, मेरी लम्बाई 6 फुट है और मैं आपको अपनी पहली कहानी बताने जा रहा हूँ। यह कहानी मेरे गाँव की है।
मेरे घर से दो घर छोड़कर एक घर था, जिसमें एक लड़की रहती थी, उसका नाम सुनीता था और उसकी उम्र 18 साल की होगी। वो बहुत ही सुन्दर और एकदम गोरी चिट्टी थी, उसे देखकर किसी कर भी उसे चोदने का मन करेगा। मेरा भी उसे चोदने का मन करता था।
उसके घर में उसके माता पिता व एक छोटा भाई था। मैं इस फिराक में रहता था कि कब मौका मिले उसे चोदने का, किस्मत से वो दिन जल्दी ही आ गया।
मार्च महीने का अन्त चल रहा था और गाँवों में गेहूँ की फसल की कटाई का समय होता है इसी वजह से उसके मम्मी पापा और उसका भाई खेतों में चले गये और सुनीता को उनके लिये खाना पहुँचाना था इसलिये वो घर पर ही रहती थी।
एक दिन वो खाना बना कर अपने मम्मी पापा को दे आई, वो घर पर अकेली ही थी इसलिये वो अपने घर के बाहर टहल रही थी कि अचानक मेरा वहाँ से निकलना निकलना हुआ तो उसे देख कर मेरा लण्ड खड़ा हो गया और उस समय मेरे हाथ में भुने चने थे, मैं उसके पास गया और उसे चने देने लगा। वो आगे बढ़ कर चने लेने लगी तो मैंने चने देकर उसके हथेली में खुजला दिया तो वो शर्माते और मुस्कुराते हुये अपने घर में चली गई।
उसकी इस हरकत से मेरा लण्ड और खड़ा हो गया और मुझे यकीन हो गया कि यह लड़की तो चुदना चाहती है। उसकी इस हरकत ने मुझे सारी रात नहीं सोने दिया।
अगले दिन मैं अपने घर की छत पर बैठा था और 11-12 बजे के बीच का टाइम था, वो अपने मम्मी पापा को खाना देकर आ चुकी थी और वो नहाने की तैयारी में थी।
मैं ये सब अपने घर की छत पर बैठ कर देख रहा था, उसे नहाने की तैयारी करते देख मेरा लण्ड खड़ा हो गया और मेरे मन में आया की क्यों ना आज इसे चोदने के लिये पटाया जाये।
इसी ख्याल से मैं अपना लण्ड सहलाने लगा। इधर वो नहाने की सब तैयारी कर चुकी थी। इसके बाद मैं अपने घर की छत से होते हुये उसके घर की छत पर पहुँच गया तो वहाँ मैंने देखा कि वो चारपाई खड़ी करके उसके पीछे नहा रही थी और बड़े प्यार से अपनी चूचियाँ सहला रही थी। उसे ये सब करते देख मेरा तो लण्ड खड़ा हो गया और मैं अपने लण्ड को समझाने लगा कि बेटा थोड़ी देर और रुक जा बस, आज तो तुझे एक प्यारी प्यारी और मस्त चूत चोदने को मिलेगी।
और उसे इस तरह नहाते देख मुझसे रहा नहीं गया और मैं सीढ़ियों से होता हुआ उसके पास चला गया। मुझे आता देख वो सहम गई और पीछे की तरफ मुँह करके खड़ी हो गई, उस टाइम उसने सिर्फ लाल रंग की चड्डी पहनी थी।
और वो अपनी नीम्बू जैसे चूचियों को अपने हाथों से ढक कर दूसरी तरफ मुँह करके चुपचाप खड़ी हो गई। उसे इस हालत में खड़ा देख मेरे लण्ड का तो बुरा हाल हो चुका था और मुझसे रहा नहीं गया। फिर मैंने उसे पीछे से बाहों में भर लिया और पीछे से उसके गाल चूसने और चूमने लगा और इधर मेरा लम्बा लण्ड उसके कूल्हों की दरार में धंस गया।
पूछो मत यारो, उस समय कितना मजा आ रहा था और वो चुपचाप खड़ी मेरे चुम्बनों का मजा ले रही थी।
5-7 मिनट उसे ऐसे ही चूमने और मसलने के बाद मैंने उसे अपनी तरफ घुमा लिया तो वो शरमाते हुए और अपनी पलकें झुकाए मेरे सामने खड़ी हो गई। मेरी तो समझ में नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूँ, इसी कशमकश में मैंने उसे कस के बाहों में भर लिया और उसे पागलों की तरह चूमने लगा और वो चुपचाप चुसवाती रही।
मैंने उसे ऐसे ही बाहों में कस के पकड़े रखा और उसे दनादन चूसता रहा, कभी गालों को तो कभी उसके होठों को और वो चुपचाप मेरा साथ देती रही।
इस तरह काफी देर चूसने के बाद मैंने उसके पास खड़ी चारपाई सीधी करके बिछा दी और सुनीता को उस चारपाई पर लेट जाने को कहा।
और वो भी मासूम सी लड़की तरह उस चारपाई पर लेट गई। यारो, क्या मस्त लग रही थी वो सिर्फ उस चड्डी में!
उसके बाद मैंने अपने सारे कपड़े उतारने शुरू कर दिये, कपड़े उतारने के बाद उसकी टांगें फ़ैला दी और उसकी बाहों में समा गया, उस समय मेरे होंट उसके होठों पर और मेरा सीना उसके मस्त मस्त चूचियों पर था और मेरा लण्ड उसकी चूत में घूसने को बेकरार था। एक दो बार उसके होठों को चूमने के बाद मैं थोड़ा नीचे आ गया और उसकी मस्त मस्त छोटी छोटी चूचियों को दबा दबा कर चूसने लगा, वो अभी भी अपने मुँह से कोई आवाज नहीं कर रही थी।
इस तरह मैंने उसकी मस्त चूचियों को दबा दबा कर, काट काट और चूस चूस कर लाल कर दिया। इस तरह चूचियों को चूसने के बाद मैं थोड़ा नीचे आया तो उसकी मस्त मस्त चूत मेरा इन्तजार कर रही थी।
मैं उसकी मस्त चूत को चूसने के लिये बेकरार था। मैंने उसकी चड्डी को उतार दिया।
क्या बताऊँ दोस्तो, क्या चूत थी वो! अनछुई, गुलाबी व गेहूँ के विशाल दाने जैसी प्यारी सी मस्त चूत थी। उसकी इतनी प्यारी चूत को देख कर मेरे मुँह में पानी आ गया और मैंने बड़े प्यार से उसकी चूत को चुमना शुरू किया, मैं उसकी चूत को चूमते हुए स्वर्ग में पहुँच गया। इधर उसके मुँह से सिसकारियाँ निकलनी शुरु हो गई थी और बड़े प्यार से सिसकारते हुए मेरे बालों पर अपना एक हाथ फेर रही थी और दूसरे हाथ से अपनी चूची सहला रही थी।
मैं इधर उसकी चूत चूसने में मग्न था। दोस्तो, मेरे लण्ड का क्या हाल हो रहा होगा यह तो समझ ही जहे होंगे आप!
मैं जल्द से जल्द उस प्यारी सी चूत को तहस नहस करना चाहता था इसलिये 5-7 मिनट चूत चूसने के बाद मैं खड़ा हो गया और अपना तना हुआ लण्ड उसके होंटों पर रगड़ने लगा। अब उस लड़की का बहुत बुरा हाल था, वो आआह्ह आआह्ह्ह करने लगी, और प्यार से बोली- अब आगे कुछ करो! रहा नहीं जाता, मुझे अब और मत सताओ!
बस फिर क्या था, मैं पूरे जोश में आ गया और अपना मोटा व लम्बा लण्ड उसकी कुंवारी चूत में डालने की कोशिश करने लगा। पहली बार मैंने बड़े प्यार से झटका मारा तो लण्ड चूत में नहीं गया, इधर वो बोली- प्लीज जल्दी करो ना! मुझसे रहा नहीं जा रहा!
मैंने फिर कोशिश की और एक जोर का झटका मारा तो मेरा आधा लण्ड अन्दर चला गया और उसके मुँह से एक जोरदार चीख निकली और साथ में मेरा लण्ड खून में सन गया।
मैं पूरे जोश में था, मैंने अपना लण्ड निकाला और फिर से एक जोरदार झटका मारा, अबकी बार मेरा लण्ड आधे से ज्यादा उसकी चूत में घुस गया और उसकी आँखों में आँसू आ गये। फिर मैंने धीरे धीरे अपना लण्ड अन्दर बाहर करना शुरु कर दिया।
उसकी कसी हुई चूत में मेरा लण्ड थोड़ी परेशानी के साथ जा रहा था। पर वो आह आह आह आह करके मेरा जोश बढ़ा रही थी और इस तरह से मेरे लण्ड ने उसकी चूत में अपनी जगह बना ली और फिर मैं उसे जोर शोर से चोदने लगा।
इधर वो दर्द से कहराने लगी। मैं थोड़ा रुक कर उसको समझाने लगा- मेरी जान, बस यह दर्द थोड़ी देर ही होगा, फिर उसके बाद सिर्फ़ मजा आयेगा।
वो हाह हाय करने लगी और मैंने फिर से जोरदार झटके लगाने शुरू कर दिये। कुछ देर बाद उसका दर्द कम होने लगा और उसे मजा आने लगा। मैंने उसे लगभग दस मिनट तक चोदा होगा।
इस तरह उसे चोदने के बाद मैं अपने घर चल दिया और वो फिर से नहा कर अपने काम में लग़ गई।
इस तरह मैंने उसकी पहली चुदाई की। उसके बाद तो मैं उसे कई बार चोद चुका हूँ। दोस्तो मैंने उसकी अगली चुदाई कैसे की, यह मैं अगली बार बताऊँगा। तब तक मजे करो यार! [email protected]
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