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जब मैं उनके कमरे में झांकने लगी तो भाभी सिर्फ पेंटी में थी, उन्होंने ब्रा उतार दी थी और बेटी को दूध पिला रही थी।
और भैया को भी ! भाभी का एक निप्पल उनकी बेटी के मुँह में था और दूसरा भैया के मुँह में ! वो दोनों को दूध पिला रही थी और कह रही थी- छोड़ो, बेटी के हिस्से का दूध भी तुम पी लोगे क्या?
भईया ने भाभी से कहा- अब यह सो गई है, तुम इसे रोमा को दे दो, अब तो मुझ से रहा नहीं जा रहा है।
भाभी ने मुझे आवाज दी और कहा- रोमा इसे ले जाओ।
मैं उनके कमरे में गई, भैया अभी भी मेरे सामने ही भाभी के निप्पल को मुँह में लिए चूस रहे थे !
मुझे भाभी ने कहा- देख रही हो रोमा, इन्हें बिलकुल सब्र नहीं हो रहा है !
फिर मैंने जैसे ही उनकी बेटी को भाभी की गोद से उठाया, भईया ने भाभी को बिस्तर पर लिटा दिया और उनके दूसरे चूचे को हाथ से दबाने लगे। मैं उनकी बेटी को लेकर कमरे से बाहर आई, उसे दूसरे कमरे में लाकर सुलाया और फिर जल्दी से भईया और भाभी के कमरे के पास पहुँची, उनके कमरे में झांकने लगी।
भैया अभी भी भाभी के दुग्धकलश चूस रहे थे, इधर मेरी हालत भी अब ख़राब हो रही थी, मैं अपनी पेंटी के अन्दर हाथ डाल कर अपनी चूत को सहलाने लगी, फ़िर भईया भाभी की रति क्रिया देखने लगी।
फिर भईया ने अपने होंठों को भाभी के होंठों पर रखा और चूसने लगे। कुछ देर होंठों को चूसने के बाद भईया भाभी के बदन को
चूमते हुए नीचे आने लगे, कभी वो चूचियाँ चूसते तो कभी पेट की नाभि को और दोनों हाथों से बूब्स को जोर जोर से दबा रहे थे तो भाभी कहने लगी- थोड़ा धीरे करो !
तो भैया ने कहा- आज कुछ धीरे नहीं करुँगा।
और भैया फिर उरोजों को दबाने लगे, भाभी के मुँह से आअह्ह्ह्ह्ह् ह्ह आआअ ह्ह्ह्ह ह्ह्ह्ह्ह आअह्ह्ह की आवाजें निकल रही थी जो बड़ी ही मोहक उत्तेजक लग रही थी।
फिर भईया नाभि को चूमते हुए पेंटी के ऊपर से ही भाभी की चूत को चूमने लगे और भाभी के उरोजो को मथे जा रहे थे। अब भैया ने अपनी टीशर्ट और लोअर उतारी और फिर से चूत को पेंटी के ऊपर से ही चूमने लगे।
भाभी ने कहा- ऊपर से क्यूँ चूम रहे हो, पैंटी हटा कर अन्दर फ़ुद्दी चूमो !
तो भईया ने पेंटी को चूत से थोड़ा बगल में किया, उनकी चूत पर अपना मुँह रख कर चूत को चूसने लगे।
भाभी की आआह्ह्ह आअह्ह आअह्ह की आवाजें अब और तेज को गई थी, अब भाभी भैया से कह रही थी- जोर जोर चूसो ! खा जाओ मेरी चूत को !
उनके मुँह से लगातार सिसकारियाँ निकल रही थी, पूरा कमरा उनकी आवाज से गूंज रहा था।
फिर भईया ने कहा- साली, अभी कह रही थी कि धीरे धीरे करो, और अब कह रही है जोर जोर से करो ! क्यूँ अब मजा आने लगा लगता है?
भाभी कहने लगी- हाँ, बहुत मजा आर हा है ! तुम बात मत करो, चूसो, मेरी चूत को खा जाओ !
अब भैया ने अपनी जीभ चूत के अन्दर डाल दी थी, भाभी आह्ह्ह आऐईईईइ आअह्ह करते हुए चिल्ला उठी।
अब भईया उठे और अपनी अंडरवीयर उतार कर अपने लंड को भाभी के मुँह में दे दिया। भाभी लण्ड चूसने लगी। फिर उन्होंने भईया को बिस्तर पर लिटा दिया और उनके ऊपर चढ़ कर लंड को चूसने लगी।
कुछ देर लंड चूसने के बाद भईया ने भाभी को बिस्तर पर लिटाया और उनके मुँह को बिस्तर से नीचे लटका दिया और खुद बिस्तर के नीचे खड़े हो गये और लण्ड को भाभी के मुँह में डाल कर उनके मुँह की चुदाई करने लगे और दोनों हाथों से पलक के वक्ष उभारों को मसलने लगे।
मेरी हालत अब और ख़राब हो गई थी, मैंने चूत में उंगली डाल ली थी और उसे अन्दर बाहर हिला रही थी।
कुछ देर मुँह की चुदाई के बाद भईया अब बिस्तर पर लेटे और भाभी को अपने ऊपर लिया, उनका मुँह लंड की तरफ और भाभी की चूत भैया के मुँह की तरफ थी अब भाभी भैया का लौड़ा चूस रही थी और भईया भाभी की फ़ुद्दी को चूस रहे थे।
लगभग 5-7 मिनट की चुसाई के बाद भाभी ने कहा- मुझसे सब्र नहीं हो रहा है, मुझे चोदो !
भईया ने भाभी को सीधा किया, उनके दोनों पैरों को उठा कर अपने कंधे पर रख लिया। अब उन्होंने लण्ड को चूत के ऊपर रखा और लंड से योनि को सहलाने लगे।
भाभी कहने लगी- इतना तड़पा क्यूँ रहे हो? लण्ड डालो चूत के अन्दर और चोदो !
तो भैया ने कहा- इतनी जल्दी क्या है डार्लिंग ! अभी तो पूरी रात पड़ी है, आज तो पूरी रात चोदूँगा तुझे !
भाभी कहने लगी- प्लीज़ ! ऐसे तड़पाओ मत ! चोदो मुझे !
तो भईया ने लंड को अन्दर सरकाना शुरू किया पर लंड अन्दर नहीं जा रहा था तो भईया भाभी से कहने लगे- डार्लिंग, तुम्हारी चूत तो बहुत टाईट हो गई है, लंड अन्दर ही नहीं जा रहा है?
फिर भईया ने एक जोरदार झटके के साथ लंड को आधा चूत के अन्दर घुसा दिया और भाभी के मुँह से एक जोरदार चीख निकली। भईया थोड़ा रुके फिर एक और झटके के साथ उन्होंने पूरा लण्ड भाभी की चूत में डाल दिया, उन्होंने भाभी को धीरे धीरे चोदना शुरू किया, भाभी मस्त हुए जा रही थी और चुदाई का पूरा आनन्द ले रही थी, उन के मुँह से लगातार आह आअह्ह ऊउह्ह्ह् आअह्ह्ह्ह आअह्ह्ह्ह्ह की आवाजें निकल रही थी।
भैया ने अपनी स्पीड को थोड़ा बढ़ा दिया और उनकी चुदाई करने लगे, भाभी कहने लगी- चोदो बलमा चोदो ! आज जम कर चोदो मुझे ! भैया ने अपनी स्पीड को और बढ़ा दिया। अब भाभी की फ़ुद्दी ने पानी छोड़ दिया था पर भईया भाभी को चोदे जा रहे थे, चूत में से फच फच की आवाज निकल रही थी।
इतनी चुदाई के बाद भाभी दो बार झड़ चुकी थी। फिर भैया ने चूत में से लण्ड निकाल को बिस्तर पर लेट गए। अब भाभी उनके ऊपर चढ़ी और लण्ड को अपनी चूत के अन्दर लेती हुई लंड पर बैठ गई।
भैया ने अपने हाथों से उनके दोनों बूब्स को पकड़ा और भाभी ने लंड पर उछलना चालू कर दिया। भैया भी नीचे से धक्के लगा रहे थे। फिर अचानक भैया उठे और भाभी को नीचे बिस्तर पर पटका और उनके दोनों पैरों को फैला दिया और लण्ड को चूत में डाल कर धक्के लगाने लगे और बोलने लगे- साली आज बहुत दिन बाद चोदने को मिली है तू ! आज तो तेरी चूत को फाड़ डालूँगा !
पूरा कमरा भाभी की सिसकारियों से गूंज रहा था।
करीब 5 मिनट की चुदाई के बाद भैया के मुँह से भी आअह आअह्ह आअह्ह्ह की आवाज निकलने लगी और उन्होंने अपना गर्म गर्म वीर्य भाभी की गर्भ-गुहा में छोड़ दिया।
इस चुदाई के बाद भैया थक कर भाभी के पास ही लेट गए और भाभी उठ कर उनके लण्ड को अपने मुँह में लेकर चाट कर साफ करने लगी।
इधर मेरी चूत भी पानी छोड़ चुकी थी, मैं अपने कमरे में चली गई। इतने में ही भाभी की बेटी जग गई और रोने लगी तो मैं उसे उठा कर सुलाने की कोशिश करने लगी।
कहानी जारी रहेगी।
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