छोटी कहानियाँ-2

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प्रेषक : हरेश जोगनी अन्तर्वासना के सभी पाठकों को हरेश जोगनी का नमस्कार ! आपके लिए फ़िर कुछ छोटी छोटी कहानियाँ लेकर आया हूँ। ये सारी कहानियाँ झूठी हो सकती हैं।

चुप हो जा एक घर में झगड़ा चल रहा था : औरत- साले भड़वे, कुछ काम धंधा कर और हमको खिला ! मर्द- ए तू चुप कर ! तेरे होते हुए मै क्यों कमाऊँ? औरत- तो फिर मैं कमाऊँ और खाऊँ तो तो मैं तुझे क्यों रखूँ अपने साथ? मर्द- रात को क्या उंगली डाल कर सोएगी? औरत- डलवाने के लिए तो लौड़ों की लाइन लगेगी मेरे एक इशारे पर !

मर्द- ज्यादा भाव मत खा ! गांड मार लूंगा तेरी ! औरत- मेरी कमाई पर पलने वाले तेरे लौड़े से जो पानी टपकेगा वो भी मेरी कमाई होगा रे ! तेरी तो कोई कमाई तो है नहीं। मर्द- साली राण्ड बहुत बात करती है ! चल जा अब मैं नहीं रहने वाला तेरे साथ ! औरत- तो चल अच्छा हुआ ! मैं अब चाहे उस मर्द के साथ जाऊँगी और मस्ती से चुदवाऊँगी और साले पैसे भी कमाऊँगी, इतने साल से भड़वे तेरे से कुछ हुआ नहीं, छक्का साला ! चल फ़ूट ले !

मर्द ठंडा हो गया और औरत को मनाने लगा। मर्द- देख तेरे को जिसके साथ सोना है सो ! और मज़े कर ! पर मुझे मत निकाल ! मैं कहाँ जाऊँगा यह लंड पकड़कर ! औरत- तेरे लौड़े में वो दम नहीं जो मुझे चाहिए ! फिर क्या था उस औरत ने शौक के तौर पर एक-दो मर्द से चुदवाया और फिर रंडी ही बन गई और उसका मर्द उसके पास आने वाले ग्राहक के लिए पान लाना, खाना लाना जैसे छोटे मोटे काम करने लगा।


अन्तर्वासना के सभी पाठकों को हरेश जोगनी का नमस्कार ! आपके लिए फ़िर कुछ छोटी छोटी कहानियाँ लेकर आया हूँ। ये सारी कहानियाँ झूठी हो सकती हैं।

ऐसा कभी नहीं सुनोगे

चाली के कठेरे पे कपड़े सुखाने वाली औरत एक मर्द से- तुम अपना अंडरवियर बाहर मत सुखाओ ! मर्द- क्यों? औरत- अच्छा नहीं लगता। मर्द- तुम्हारे अच्छे लगने न लगने से मैं क्या करूँ? मुझे क्या फर्क पड़ता है? औरत- एक काम करो, कमरे में चलो, बताती हूँ !

उस आदमी को लगा कि वो औरत उसे कुछ शराफत के तरीके सिखाने वाली होगी, दोनों अन्दर जाते हैं।

औरत- देखो, अंडरवियर देखने से दिल में कुछ कुछ होता है, छाती धड़कने लगती है। मर्द गुस्से से बोलता है- मैडम, यों तो तुम्हारी ब्रेज़ियर सूख रही है न बाहर ! उससे मेरे लौड़े में कुछ कुछ होता है ! औरत- तुम समझ जाओ न कि मैं क्या कह रही हूँ ! मर्द- नहीं, मैं तो बाहर ही सुखाऊँगा। औरत- जरूर सुखाओ, पर इधर तो आओ।

इतना कह कर वो ही उसके पास गई और उसका हाथ लेकर घाघरा उठाकर चड्डी में हाथ घुसवा लिया। औरत- मेरे भोंसड़े को अपन लौड़े से भिगाओ ना ! मर्द- तो यह बात है? तो मेरी राण्ड बनने को बेताब है? चलो ! औरत- मैं रोज यही बताने की कोशिश करती थी पर डर जाती थी ! आज एक ही झटके में हिम्मत जुटा ली ! चल आब चोद ले ! मैं तैयार हूँ तेरे नीचे लेट कर रण्डी बनने के लिए ! और चालू हो जाती है चोदम-चोदी !


अन्तर्वासना के सभी पाठकों को हरेश जोगनी का नमस्कार ! आपके लिए फ़िर कुछ छोटी छोटी कहानियाँ लेकर आया हूँ। ये सारी कहानियाँ झूठी हो सकती हैं।

चौराहे पर झगड़ा एक- अबे ए ! ज्यादा होशियारी मत दिखा ! दूसरा- क्या कर लेगा रे? एक- नतीजा बुरा होगा ! दूसरा- देखूँ मैं भी तू क्या करता है? एक- तेरी गाण्ड मार लूँगा साले ! दूसरा- तू हाथ तो लगा ! फिर देख !

इस बात पर पहले ने दूसरे को दबोच लिया और हाथापाई शुरू होने को थी कि तभी दूसरे ने पहले के कान में कहा- साले गाण्ड मारने की बात कर रहा था? तो चल न मेरे कमरे पर ! अपने मस्त लौड़े से मेरी मस्त गाण्ड मार ! इसको सुनते ही दोनों खड़े हुए और एक साथ चल दिए ! भीड़ देखते रह गई कि ऐसा क्या हुआ कि दोनों हंसते-हंसते चले गए? बाद में कमरे में जाकर एक-दूसरे की मस्त गाण्ड-मराई का खेल चला और दोस्ती हो गई।


एक शहर में एक बिल्कुल लल्लू टाइप के जोड़े की शादी हुई। रात को बेडरूम में जाते ही पत्नी ने लौड़ा हाथ में लिया और बोली- अरे बहुत घना जंगल है, साफ़ कर दो ना !

पति- अरे मुझे नहीं जमता, कल करवा कर आऊँगा।

दूसरे दिन पति शहर में नीचे के बाल कटवाने की दुकान ढूंढने लगा तभी एक जगह उसकी नजर पड़ी उस पर लिखा था- नीचे के बाल कटाने की दुकान ऊपर है।

तो वो सहमा-सहमा सा ऊपर जाता है।

दुकान खाली थी और नाइ बैठे बैठे पेपर पढ़ रहा था. इस लल्लू को देखकर नाई बोला- बोलो बाल कटवाने हैं?

पति- हाँ मगर नीचे के कटवाने हैं, बीवी को अच्छे नहीं लगते।

नाई- भाई काट दूँगा, मगर 50 रुपए लगेंगे।

पति- चलेगा, काट दो।

यह पति महाशय नाई के सामने नंगे खड़े हुए और नाई ने साबुन लगाकर मस्त बाल काट दिए। इसने पैंट चढ़ाई और 50 रु. देकर खुश होकर घर चला आया। रात जब पत्नी ने हाथ फिराया तो खुश हो गई, बोली- कितना मस्त लग रहा है, मुलायम-मुलायम लग रहा है।

इस पर पति- अब कल तुम भी अपने जंगल को साफ़ करवा लो, इसी सड़क पर एक दुकान पड़ती है, पहले माले पर दुकान है, सीधे चले जाओ, बाल काट देगा।

दूसरे दिन पत्नी चली गई पति के बताये हुए पते पर ! नाई ने बाल काट दिए और सौ रुपए मांग लिए।

उस पर पत्नी- क्यूँ जी? मेरे पति तो कल 50 रुपए में बाल कटवा गए थे और मुझसे सौ क्यों मांग रहे हो?

नाई- मैडम उसमें हैंडल पकड़कर बाल काटने की सुविधा थी और तुम्हारे में हैंडल अलग से फिट करना पड़ा, इसलिए ! समझी?

मतलब की नाई को दाम के दाम और काम का काम!


पहला- अरे यार, बुरे दिन चल रहे हैं !

दूसरा- किस चीज के?

पहला- अरे तू नहीं समझेगा।

तभी एक औरत जो बगल में खड़ी थी, बोली- अरे जवान लड़कों के एक ही तरह के बुरे दिन होते हैं।

पहला- आंटी किस चीज के लगता है आपको?

औरत- तुम मुझे आंटी मत कहो।

दूसरा- अच्छा बताओ किस चीज के?

औरत- पास आओ तो बताती हूँ।

दोनों उसके पास गए, जाते ही औरत ने उनके लौड़ों को छू लिया और बोली- या तो यह भूखा है या जेब खाली !

पहला- नहीं यार, ऐसा नहीं है।

दूसरा तो उस औरत के छूने से बेबाक हो गया।

दूसरा- नहीं नहीं, तुम सही कहती हो, मेरे लिए तो इस बात की कड़की रहती है।

पहला- चुप साले, जहाँ औरत दिखी, लौड़े को टनका ही दिया।

दूसरा- क्या करूँ, इस औरत ने उसको छू लिया।

औरत- तो चलो मेरे साथ। मैं भी भूखी हूँ लौड़ों के लिए !

पहला- मैं नहीं आऊँगा, मुझे बुरा लगता है।

औरत ने उसके लौड़े को दबा ही दिया और बाहों में लेकर चुम्मा लिया।

औरत- साले, बड़े भगत बन रहे हो? एक बार चलो मेरे साथ, फिर देखो, तुम्हारे दिन कैसे सुधरते हैं।

पहला- साली, मेरी नली खाली करवा के ही छोड़ेगी, ऐसा लगता है।

दूसरा- साले, सामने से बोल रही है तो चलो देखते हैं और समझते हैं कि चोदना क्या होता है?

औरत- क्या रे सालो ! तुमने कभी नहीं चोदा क्या किसी औरत को?

पहला- नहीं, हम कुंवारे हैं, हमने सिर्फ एक दूसरे की मुठ मारी है और आज एक दूसरे की गाण्ड मारने की सोच रहे थे।

औरत- चलो, वो तुम कभी अपने कमरे पर कर लेना, फिलहाल एक औरत के साथ हकीकत भी देख लो।

इतना कहते हुए तीनों एक साथ चल दिए और कमरे पर जाते ही औरत ने पहले को दबोच लिया और जबरदस्त चुम्मा लिया, फिर उसने दोनों को नंगा किया और दोनों ने उसको उठा कर पलंग पर लिटाया और फिर शुरू हो गई चोदम-चोदी !

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