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प्रेषक : संजीव शर्मा
मैं संजीव, 18 साल, 5’9″, लण्ड 6″, अम्बाला से हूँ। यह कहानी मेरे ओर मेरे बॉस्केटबॉल मैम के बीच की है।
बात कुछ महीने पहले की है जब हमारे कॉलेज में एक फ़ंक्शन था जिसमे बहुत बड़े-बड़े लोग आने वाले थे और वो फ़ंक्शन शाम 7 बजे शुरु होने वाला था। सभी लोग आ गये थे और 11 बजे तक फ़ंक्शन भी ठीक तरीके से हो गया। जिस जगह पर फ़ंक्शन हो रहा था वो मेरे घर में बहुत दूर था तो मैंने सोचा था कि मैं अपने दोस्त के घर में रुक जाऊँगा पर उस फ़ंक्शन में मेरा दोस्त आया नहीं और फ़ंक्शन ख़त्म होते होते 11 बज गये थे।
मैंने घर जाने के लिए बस ली जिसमें बहुत भीड़ थी तभी एक लेडीज़ सीट खाली हुई, मैं बैठने लगा तो मैंने देखा कि उस पर हमारी बॉस्केटबॉल मैम बैठ गई हैं उनका नाम प्रीत है, बहुत सेक्सी हैं, बड़े बड़े चूचे, मस्त चूतड़, उन्हें देख कर हमेशा मेरा लण्ड खड़ा हो जाता था। उनका फिगर 36-30-36 था।
मैं जब उनके पास खड़ा हो गया तो उन्होंने मुझे उनके साथ बैठने को कहा। मैं बैठ गया। हमने बात करनी शुरु कर दी, मैंने उन्हें बताया
कि मेरा घर कितना दूर है। तो उन्होंने कहा कि उनका घर पास में ही है, तो मैं उनके साथ उनके घर में रह सकता हूँ।
पहले तो मैंने मना किया पर बाद में मेरे अंदर का शैतान जाग गया और मैंने हाँ कर दी। फिर घर कॉल करके पापा को कह दिया कि मैं अपने दोस्त के घर में सो जाऊँगा और उन्होंने हाँ कर दी।
जब हम उनके घर पहुँचे तो मैंने देखा कि वो अकेली रहती थी इस स्कूल जॉब के कारण !
तो मैं और खुश हो गया। रात को मैडम ने मुझे ड्राईंगरूम के दीवान पर सुला दिया और खुद अपने बेडरूम में सो गई।
सुबह जब मैं उठा तो मुझे पेशाब आ रहा था तो मैं मूतने गया। मुझे पता नहीं था कि उनका बाथरूम और टायलेट जॉइंट है, मैंने जैसे ही दरवाजा खोला तो देखा कि प्रीत मैम अपनी चूत शेव कर रही हैं।
मैं उन्हें ऐसे देख कर डर गया और उन्होंने भी अपनी चूत एक हाथ से छुपा ली। मैं बाहर आ गया और टीवी देखने लगा। प्रीत नहा कर बाहर आई तो मैं उन्हें देखता ही रह गया और मेरे लण्ड खड़ा हो गया जो मैम ने भी देख लिया पर कुछ कहा नहीं और मेरे पास बैठ कर मुझे कहा- जो तूने अभी देखा, वह किसी को मत बताना !
वो बहुत डरी हुई थी। तो मैंने सोचा कि इस बात का फ़ायदा क्यूँ ना उठाऊँ, मैंने कहा- ठीक है पर मुझे एक बार और देखनी है।
उन्होंने स्माइल करते हुए पूछा- क्या?
मैंने कहा- आप की गुलाबी चूत !
तो वो बोली- तुम पागल हो गये हो क्या? अपनी टीचर को ऐसे कहते हुए शर्म नहीं आती?
मैंने कहा- ठीक है ! मैं स्कूल में अपने सभी दोस्तों को बताऊँगा कि मैंने क्या देखा था।
वो फिर से डर गई और बोली- ठीक है, मैं दिखा देती हूँ !
मैडम ने अपनी मैक्सी ऊपर कर दी और काली पैंटी नीचे करके खड़ी हो गई। मैं तो खुशी से पागल हो गया उनकी चूत देख कर और उनके पास जाने लगा, पर वो मेरे से दूर होने लगी।
मैंने उनका हाथ पकड़ा और अपनी तरफ खींच कर सोफे पर बिठा लिया और अपना हाथ उनकी चूत पर रख दिया तो वो उछल पड़ी।
मैं नीचे झुक कर उनकी चूत की खुशबू लेने लगा जो मुझे मदहोश कर रही थी। फिर मैंने एक हाथ मैम के वक्ष पर रखा जो बड़े मुलायम थे।
उन्होंने गुस्से से मेरा हाथ हटा दिया पर मैंने फिर से उभारों को पकड़ा और मसलने लगा और दूसरे हाथ से चूत को रग़ड़ रहा था।
मैम अब गर्म होने लगी और अब वो भी मेरा साथ देने लगी। उन्होंने मुझे देखा और मेरे होंठों पर एक पप्पी ले ली।
मैं और जोश में आ गया और अपने होंठ उनके होंठों पर रख कर चाटने लगा। हम दोनों एक दूसरे की जीभ चाट रहे थे।
5 मिनट की चूमा चाटी के बाद मैम ने अपना हाथ मेरे लण्ड पर रख दिया जो उनकी चूत को देख कर खड़ा हो गया था। उन्होंने मेरी पैंट उतारी और लण्ड को मुँह में लेकर चाटने लगी।
मैं तो पागल हो रहा था, मेरा माल निकल गया और उन्होंने पूरा माल पी लिया। उसके बाद मैंने मैम के चूचों को ब्रा से बाहर निकाला और चूस चूस कर लाल कर दिया। उनके गुलाबी निप्पल बिल्कुल खड़े हो गए थे और मैम वासना से पागल हो रही थी, कह रही थी- और ज़ोर से ! और ज़ोर से !
मैंने स्तनों को चाटना बंद किया और चूत को तरफ चला गया। मैंने जैसे ही अपना मुँह चूत पर लगाया तो मैम ज़ोर से मेरा सर पकड़ कर चूत में दबाने लगी।
और मैं भी पागलों की तरह चूत को चाट रहा था। दो मिनट बाद मैम का माल निकल गया और मैंने पूरा चाट लिया।
फिर मैम ने कहा- अब रहा नहीं जाता, मेरी चूत में लण्ड डाल दे !
मैं खड़ा हुआ और अपने रॉड जैसे लण्ड को चूत पर रख दिया और एक ज़ोर से झटका मारा;
मैम ज़ोर से चिल्लाई- अरे मर गई।
उन्होंने कहा- थोड़ा धीरे कर !
मेरा आधा लण्ड उनकी बुर में घुस चुका था, मैं एक मिनट रुका और फिर से ज़ोर का झटका मारा और पूरा लण्ड मैम की बुर में घुस गया।
मैम का बुरा हाल हो गया था, उनका मुँह लाल हो गया था दर्द से ! मैं थोड़ी देर रुका और फ़िर झटके देने शुरू कर दिए। मैम का दर्द कम हो गया था और अब वो हर झटके का मज़ा ले रही थी, मैं पूरे दम से लण्ड चूत में पेल रहा था और वो कह रही थी- याह फक मी ! बेबी फक मी !
यह सुन कर मुझे और जोश आ रहा था और मैं मैम को कुत्ते की तरह चोद रहा था।
मैम का पानी निकल गया और वो थोड़ी ढीली पड़ गई पर मैं धक्के दिए जा रहा था। मैम के पानी के कारण मेरा लण्ड अब और तेज़ी से अंदर जा रहा था।
15 मिनट बिना रुके चोदने के बाद मेरा माल निकलने वाला था तो मैंने मैम से पूछा- कहाँ करूँ?
तो वो बोली- अंदर ही डाल दे ! मैं पिल ले लूँगी !
मैंने कुछ धक्कों के बाद अपना पूरा पानी मैम की फ़ुद्दी में डाल दिया और बिना लण्ड चूत से बाहर निकले वैसे ही उनके ऊपर लेट गया और उनके चूचे चाटने लगा.।
थोड़ी देर बाद हम उठे और बाथरूम में एक साथ नहा कर बाहर आए।
सुबह के करीब आठ बज गये थे और तभी पापा का कॉल आ गया तो मुझे मैम के घर से जाना पड़ा।
जाते वक्त मैंने मैम को चूमा और चला आया।
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