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प्रेषक : कर्ण ठक्कर
मैं अपने बीवी से सन्तुष्ट हूँ और वह मुझसे सन्तुष्ट है, हम लोगों का यौन जीवन पूर्ण रूप से सफल है, अर्थात मेरा लन्ड लगभग आठ इन्च का है और जब मैं अपनी बीवी की चुदाई करता हूँ तो जब तक वह न झड़े मेरा लन्ड अपना पानी नहीं छोड़ता है, इस वजह से वह मुझसे खुश रहती है और चुदाई में भरपूर साथ देने की वजह से मैं भी उससे खुश रहता हूँ।
मेरी उम्र 38 साल है एवं मेरी बीवी 34 साल की है, हमारे तीन बच्चे हैं, कुल मिला कर हम लोग अपने आप में बेहद खुश हैं, मेरी बीवी सुन्दर है, सेक्सी है, वह थोड़ी मोटी है जिसके कारण उसके चुच्चे बड़े बड़े हैं और उसका विशाल मादक चूतड़ मानो जन्नत हैं, मादक चूतड़ एकदम गोल बड़े हैं और जब कुतिया बना कर पीछे से चूत चोदता हूँ तो मादक चूतड़ देखकर लन्ड तुरन्त पानी छोड़ देता है और मैं उसके पीछे बैठ कर मादक चूतड़ और चूत देर तक सहलाता रहता हूँ, सुन्दर और बड़े मादक चूतड़ मेरी कमजोरी हैं, अक्सर मैं जब भी किसी औरत के बड़े और गोल मादक चूतड़ देखता हूँ तो कुछ देर तक उसे घूरता ही रहता हूँ और यह बात मेरी बीवी अच्छी तरह से जानती है।
अब मैं आपको अपने ससुराल के बारे में कुछ बताता हूँ, ससुराल में मेरी कोई साली नहीं है, बस ले देकर बीवी का बड़ा भाई है जो अभी लगभग 40 के आसपास है पर उनकी बीवी की उम्र सिर्फ 23 साल है और इस उम्र में उनको एक बच्चा भी है, भाई जी की बीवी जो मेरी सलहज लगी, अक्सर मेरी बीवी से शिकायत किया करती है कि आजकल वो मुझ पर ध्यान नहीं देते है अर्थात भाईजी मेरी सलहज को चोदते नहीं है, मेरी बीवी जब उनसे पूछती है कि आखिर आप जवान है सुन्दर है तो फिर वह आपको क्यों नहीं करते हैं?
तो उनका जवाब होता है ‘उनका कहना है कि आजकल उनको सेक्स करने का मन नहीं होता है।’ और जब मैं पूछती हूँ क्यों नहीं होता है तो कहते है शायद मैं ज्यादा मोटा हो गया हूँ और मेरा पेट भी बहुत बड़ा हो गया है इसलिए सेक्स करने की अब इच्छा नहीं होती है।
और अगर मैं साथ में सोते वक्त उनका लन्ड अपने हाथ में लेकर खड़ा भी कर लूँ तो वे चोदने में कोई दिलचस्पी नहीं लेते हैं, मजबूरन मैं बस तड़प कर सो जाती हूँ, और यह सब लगभग दो साल से चल रहा है, अब आप ही कहिये कि मैं क्या करूँ?
और यह सवाल मेरी बीवी से मेरी सलहज पूछ बैठी।
ये सारी बातें मेरी बीवी ने जब मुझे सुनाई तो मुझे यह सुन कर अच्छा लगा और मैंने अपने बीवी को कहा- भाभी को कहो कि अब अगर भैया नहीं करते है तो बैंगन से काम चला लिया करे !
यह सुन कर मेरी बीवी हंसने लगी और हमारी बात खत्म हो गई।
एक बार मेरे घर में मेरी सलहज और उनका बच्चा कुछ दिन के लिए रहने आए मगर भाई जी अपने काम के कारण न आ सके। घर में मेरी बीवी मेरी सलहज को गेस्ट रूम में ठहरा दिया जो मेरे बेडरूम के सामने ही था।
शाम को जब मैं घर पहुँचा तो घर का नजारा कुछ यूँ था। बच्चे हाल में खेल रहे थे और मेरी बीवी और भाभी रसोई में काम कर रही थी, मैं दरवाजे पर खड़ा होकर पीछे से भाभी और अपनी बीवी को देख रहा था !
वाह क्या नजारा था?
मेरी बीवी और मेरी सलहज दोनों टाइट सलवार कुर्ता पहनी हुई थी और उन दोनों के मादक चूतड़ कयामत बरसा रहे थे। मेरी बीवी के मादक चूतड़ जो गोल और बड़े हैं, बहुत सुन्दर दिख रहे थे और भाभी के मादक चूतड़ जो बहुत दिन से चुदी नहीं थी, वे भी बड़े और सुन्दर दिख रहे थे। भाभी की चोटी उनके नितम्बों को छूकर हिल रही था क्योंकि वह रोटी बेल रही थी और उनकी गोरी पीठ पर पसीने की बूंदें मानो चमक कर मुझसे कह रही हों- आओ और मुझे चाट लो।
वैसे भाभी हमारे यहाँ पहले भी बहुत बार आ चुकी थी मगर इस बार उनमें मेरी दिल्चस्पी ज्यादा थी जो मेरी बीवी से पता चला था कि उनको भाईजी बहुत दिन से चोदे नहीं हैं और यह बात मुझे उनकी ओर खींचती थी।
तभी मुझ पर मेरी बीवी की नजर पड़ी और उसने हंसकर मेरा स्वागत किया। साथ में मेरी सलहज ने भी मेरी तरफ़ मुस्कुरा कर देखा।
तभी मेरी बीवी मुझसे बोली- जाइए और फ्रेश होकर आएए मैं आपके लिए खाना लगा देती हूँ !
इतना सुनने के बाद मैं मुस्कुराता हुआ अपने कमरे में फ्रेश होने चला गया। अब मेरे दिमाग में ख्याल आने लगे कि काश मैं भाभी को चोद पाता तो कितना मजा आता ! रोज अपने बीवी को चोद चोद कर बोर हो गया हूँ और अब नई चूत ला ख्वाब दिखने लगा था और मुझे वह कहावत सच होते दिख रही थी जिसमें यह कहा गया है कि ‘पति जितना भी वफादार क्यों न हो, शादी के 5 साल बाद वह नई चूत का सपना देखने लगता है।’
यहाँ मेरी शादी को तो 15 साल पूरे हो गए थे तो भला मैं भी क्यों न नई चूत के बारे में सोचता। यह सब सोचते हुए मैं बाथरूम में फ्रेश होने चला गया और फ्रेश होकर सीधा डाइनिंग टेबल पर आकर बैठ गया, सारे बच्चे खाना खाकर सब एक ही साथ एक अलग कमरे में सो गए थेम डाइनिगं टेबल पर खाना रखा था, इतने में रसोई से भाभी और मेरी बीवी साथ आई और टेबल पर बैठ गईम खाना सर्व हुआ और हम लोग साथ साथ खाने लगे।
मैंने देखा भाभी और मेरी बीवी कुछ ज्यादा ही एक दूसरी को देख कर हंस रही थी। खैर कुछ सामान्य बातें हुई और हम लोग खाना खाने लगे। बीच बीच में मैं भाभी की तरफ़ नजर डालकर उनके चूचियाँ देख लिया करता था जो कि मुझे मादक बना रही थी। वैसे भाभी भी जवान और गदराई हुई गोरी मस्त काया की मालकिन थी और चुदाई के लिए व्याकुल थी तो वह भी मेरी तरफ़ देख कर मुस्कुरा देती थी।
खाना खाकर हम लोग सोने के लिए उठे, मैं और मेरी बीवी अपने बेडरूम में चले गये और भाभी गेस्ट रूम में चली गई। देर तक भाभीको चोदने का खयाल दिमाग में चलने के कारण मैं ताव में आ गया था तो कमरे में जाते ही मैंने अपने बीवी के चूतड़ो पे हाथ रखा और पीछे से सहलाने लगा, एक हाथ से उसकी बड़ी बड़ी चुच्चियों को दबाने लगा और अपने होंठों से बीवी के होंठों को चूसने लगा। मेरी बीवी भी ताव में आ गई और मुझसे बोली- बहुत जल्दी है? पहले दरवाजा तो बन्द कर लो। भाभी देख लेगी।
मैंने कहा- तो क्या हुआ? उनकी चूत की चुदाई तो हो नहीं रही है तो कम से कम देख कर तो काम चलाएगी ! बेचारी की चूत कितने दिन से प्यासी है और तुम्हारे भाई साहब को कोई मतलब ही नहीं है।
इस पर मेरी बीवी ने जवाब दिया- हाँ, कह रही थी कि हर वक्त चुदाई का ख्याल दिमाग में घूमता रहता है, कोई भी मर्द देखती है तो उससे चुदाने का दिल करने लगता है, अगर आपका भैया का यही रवैया रहा तो देखना एक दिन मैं भी किसी के साथ भाग जाऊँगी, फिर आप लोगों की समाज में थुथु होगी।
मैंने पीछे से बीवी के गदरए चूतड़ों के बीच में अपने टनटनाए हुए लण्ड को फंसाते हुए अपने दोनों हाथों से उसकी विशाल चूचियों को दबाते हुए कहा- बात तो सही है ! चलो क्यों ना आज तुम्हारे साथ भाभी को भी चोदा जाए, घर की बात घर में रहेगी और बाहर थुथु भी नहीं होगी।
मैंने नोटिस किया कि इन सब बातों से मेरी बीवी कुछ ज्यादा ही मस्त होने लगी थी, शायद उसे इन बातों में मजा आ रहा था, उसकी चूचियों के निप्पल मुझे कुछ ज्यादा ही कड़े महसूस हो रहे थे।
फिर वह बोली- इन सब बातों से मेरी चूत में खुजली हो रही है ! चलो अब मेरी जम के चुदाई करो, भाभी के बारे में बाद में सोचेंगे। और वह अपने कपड़े उतारने लगी तो मैंने सोचा कि चलो ठीक ही है फिर देखेंगे ! फिलहाल बीवी की चूत से ही काम चलाता हूँ।
और मैंने अपने कपड़े उतार कर सिर्फ अन्डरवीयर में खड़े होकर बीवी के बदन को देख रहा था, मेरी बीवी पूरी नंगी होकर मुझसे बोली- अरे खड़े खड़े क्या कर रहे हो? जाओ और दरवाजा बन्द करके बेड पर आ जाओ।
इतना कहकर वो नंगी बेड पर चली गई और मैं दरवाजा बन्द करने को आगे चल दिया। कच्छें में मैं जब दरवाज़ा बन्द कर रहा था तब मेरी नजर भाभी के कमरे पर गई तो मैंने देखा कि उनका दरवाजा थोड़ा खुला हुआ है और अन्दर लाईट भी जल रही है।
उत्सुकता वश मैं अपने कमरे से बाहर निकल कर भाभी के कमरे की तरफ़ हो लिया और वहाँ पहुँच कर दरवाजे के किनारे से अन्दर झांका।
अन्दर झांकते ही मेरा लंड एकदम से टनटना कर खड़ा हो गया और कच्छे को फाड़ने के लिए उतावला होने लगा। अन्दर भाभी दूधिया प्रकाश में नंगी होकर बेड पर पीठ के बल लेटी हुई थी और एक हाथ से अपने गोल और गोरी चुच्चियों को मसल रही थी और दूसरे हाथ से अपनी चूतको सहला रही थी। बेड पे वो इस तरह से लेटी थी कि उनका चूत मेरी तरफ़ दिख रही थी। उसकी चूत एकदम गुलाबी थी और उस पर भूरे बालों का झुरमुट था। वह अपने हाथ से चूत की दरार सहला रही थी और कभी कभी अपनी चूत के दाने को उंगली से मसल रही थी, साथ ही अपने मुँह से सिसकारियाँ भी निकाल रही थी।
मुझसे रहा नहीं गया और मैं अपना लंड अण्डकोश सहित बाहर निकाल कर सहलाने लगा। मेरा लंड अपने सामने प्यासी 23 साल की चूत देख कर फुफकारियाँ मारने लगा और लंड का सुपारा फ़ूल कर लाल हो गया। मैं एक हाथ से लंड पकड़ कर मुठ मारने लगा और दूसरे हाथ से अपने अण्डकोशों को हल्का हल्का दबाने लगा, मेरी आदत है कि जब मैं अपने लण्ड को सहलाता हूँ तो साथ में अण्डे भी दबाता हूँ जिससें मेरी लंड जल्दी और ज्यादा कड़ा हो जाता है।
मैंने लंड की तरफ़ देखा तो वह फ़ूलकर लगभग 8 इन्च का हो गया था और अब चूत मारने के लिए जबरदस्त व्याकुल हो रहा था।
इतने में मैंने महसूस किया कि मेरी बीवी चुपके से मेरे पीछे आकर खड़ी होकर यह सारा माजरा देख रही थी। वह तो बिल्कुल नंगी थी ही और मैं कच्छे से बाहर निकला लंड और अण्डकोश सहला रहा था। मेरी बीवी ने जब अन्दर झांका तो उसे सारी बात समझ में आई और कुछ देर सोचने के बाद अचानक वह मुझे दरवाजे से अन्दर की धकेलते हुए खुद भी अन्दर आ गई और धम्म से दरवाजा अन्दर से बन्द कर लिया।पलक झपकते ही मैं और मेरी नंगी बीवी भाभी के कमरे के अन्दर थी मेरी बीवी पूर्ण नग्न और मैं कच्छे में अपने टनटनाया हुआ लण्ड को हाथ से पकड़े भाभी के सामने खड़ा था, दरवाजा बन्द होने की आवाज सुनकर भाभी चौंक गई और सलहाती चूत से हाथ हटा कर आँखें खोल कर हमारी तरफ़ देखा और हमें इस हाल में देखते ही मानो उनके होश उड़ गए और लज्जा से उठ कर बेड पर बैठ गई साथ ही अपने पैरों को मोड़ कर चूत छुपा ली और हाथ से अपनी चूचियाँ ढक ली।
अन्दर पहुँचते ही मेरी बीवी आगे जाकर भाभी के पास बैठ गई और भाभी से बोली- भाभी, आप चिन्ता न करें, हम आपका दु:ख समझते हैं, आपको अपने शरीर की भूख मिटाने के लिए बाहर जाने की कोई आवश्यकता नहीं है, हम हैं !
बोलते हुए डरी भाभी की पीठ पर हाथ रख कर सहलाने लगी और मेरी तरफ़ देख कर बोली- ए जी, आईए न ! भाभी का दु:ख दूर करिए !
मैं भी भला क्यों रुकता, मैं फौरन बेड पर बैठी नंगी भाभी और बीवी के पास जाकर खड़ा हो गया। मेरी बीवी मेरे पास आते ही अपने हाथ से मेरे लंड पकड़ कर उसे आगे पीछे करने लगी तो भाभी की नजर ज्योंही मेरे खड़े आठ इन्च के लंड पर पड़ी, वह भी ध्यान से लंड देखने लगी। मेरी बीवी ने भाभी का एक हाथ पकड़ कर मेरे लंड के ऊपर रख दिया और बोली- क्यों? है लाजवाब मेरा पति का लंड? भाभी को भी अब मजा आने लगा था तो वो भी मेरा लण्ड को अपने कोमल हाथ से आगे पीछे करने लगी, मेरा लंड अब अकड़ कर बहुत ही गर्म हो गया था और चुदाई के लिए एकदम तैयार था।
मैंने भाभी के चुच्चों पर हाथ रखते हुए उनके निप्पल को दबाने लगा तो भाभी एकदम से गनगना गई और अपने होंटों को जोर जोर से भींचते हुए सिसकारियाँ भरने लगी।
मेरी बीवी भी इधर मस्त हो गई थी, वह भी अपने हाथ से अपने उभार दबाते हुए अपनी चूत को सहला रही थी। मैंने भाभी को अपने पास खींचा और उनके होंठों पर अपने होंठ रखते हुए उनको चूमने लगा और चूमते चूमते मैंने अपने हाथ से उनकी कमर पकड़ी और उनके चूतड़ों को अपनी तरफ़ कर उनको घोड़ी बनाया। अब उनके गोल चूतड़ मेरे सामने थे उनकी गोरी गान्ड पर भूरे रंग का गाण्ड का छेद मस्त लग रहा था और चूत पर भूरे बालों के बीच में छुपी चूत के छेद से पानी रिस रहा था। मैंने एक उंगली चूत के छेद में डाली और धीरे धीरे आगे पीछे करने लगा तो भाभी की सिसकारियाँ तेज हो गई।
इधर मेरी बीवी लगातार मेरी लण्ड को आगे पीछे कर रही थी। अब मुझसे रहा नहीं गया, मैंने एक नजर भाभी के गदराए मांसल चूतड़ों पर डाली और अपना लंड बीवी के हाथ से निकाल कर भाभी की चूत के छेद पर टिका दिया। चूत से निकल रही गर्म हवा मुझे महसूस हुई तो मैं और भी मस्त हो गया।
23 साल की जो चूत घर बैठे बिठाए बीवी के साथ चोदने को मिल रही था तो भला और मुझे क्या चाहिए था !
मैंने भाभी की कमर को पकड़ते हुए धीरे धीरे लण्ड को चूत के अन्दर ठेलना शुरु किया। चूंकि चूत बहुत दिन से चुदी नहीं थी तो कुछ ज्यादा ही टाईट लग रही थी। पर चूत इतनी गीली थी कि लण्ड को अन्दर जाने में ज्यादा परेशानी नहीं हो रही थी। मुझे भाभी को कुतिया बनाकर पीछे से चूत में लंड डालता देख मेरी बीवी भी सिसकरियाँ लेती हुई अपने चूत में उंगली से जल्दी जल्दी चोदने लगी।
मैं भी अब बचा खुचा लंड कस कर चूतड़ों को पकड़कर जोर से धक्का मारा तो मेरा पूरा का पूरा 8 इन्च का लंड गप्प से भाभी की चूत में समा गया। भाभी के मुँह से आह की हल्की सी चीख निकल गई और चूत से बहुत सारा पानी बहने लगा तो मैंने उसे जोर जोर से चोदना चालू कर दिया।भाभी भी अब मस्त होकर मुझसे चुदवा रही थी और अपने चूतड़ों को आगे पीछे करके मुझे पूरा सहयोग दे रही थी। मैं अब पूरे जोश के साथ अपने लंड से भाभी की चूत को चोद रहा था और धक्के पे धक्का तेजी से दे रहा था, मेरी बीवी भाभी की चुदाई के दौरान अपनी चूचियों को हाथों से दवाते हुए अपनी चूत में मेरी चुदाई की गति से गति मिला कर अपनी उंगली से चूत को चोद रही थी।
अब भाभी मस्त होकर जोर जोर से सिसकारियाँ ले रही थी।
लगभग 10 मिनट की चुदाई के बाद मुझे चूत में एक कसाव के साथ संकुचन महसूस हुआ जो चूत झड़ने से पहले होता है तो मैंने अपने लंड की रफ़्तार और भी तेज कर दी, भाभी जोर जोर से आवाज करती हुई अपने चूत से पानी छोड़ने लगी तो मेरा भी लंड उनकी चूत के झड़ने और उनके मुँह से निकली आवाज सुनकर चूत के अन्दर ढेर सारा वीर्य छोड़ने लगा तो यह सब देख कर मेरी बीवी जो उंगली से अपनी चूत को चोद रही थी, वह भी झड़ने लगी, हम तीनों एक साथ झड़ने लगे और तूफान जो चल रहा था, अब ठहरने लगा। चूत की ठुकाई के बाद मेरा लंड अब शान्त होकर लटक रहा था और सुपारे से हल्का-हल्का पानी रिस रहा था। लंड देख कर लग रहा था जैसे चूत का पानी पीकर एकदम सन्तुष्ट हो गया हो। लंड के नीचे लटक रहे अण्डों में भी हल्की सुरसुराहट हो रही थी। शायद ढेर सारा वीर्य निकलने के कारण हो रही थी।
मेरे लंड के आसपास के बाल चूत से निकले पानी के कारण भीग गए थे। मैंने आसपास बेड पर नजर दौड़ाई तो मेरी नजर भाभी की नाइटी पर पड़ी तो मैंने उसे उठाकर उससे अपना लंड, सुपारा, सारे बाल वैगरा साफ किया।
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