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मैंने अपनी सेक्सी बहन की चूत मारी. एक दिन मैंने उसे चूत में बैंगन डाल अन्दर बाहर करते देखा तो मेरा मन अपनी बहन की वासना शांत करने का होने लगा.
हैलो फ्रेंड्स, आज मैं इस सेक्स कहानी में आप लोगों को अपनी दो छोटी बहनों के साथ सेक्स रिश्ते के बारे में बताने जा रहा हूँ कि कैसे मैंने सेक्सी बहन की चूत मारी. हमारे परिवार में मेरे अलावा पापा मम्मी और मेरी दो छोटी बहनें हैं. पापा और मम्मी दोनों एक ही बैंक में जॉब करते हैं.
मेरी उम्र अभी 22 साल है. मेरी एक बहन की उम्र बीस साल है और दूसरी की उम्र साढ़े अठारह साल है.
मेरी दोनों बहनें देखने में बड़ी सुंदर हैं. छोटी वाली का नाम रिया है और उससे बड़ी वाली का नाम रिंकी है.
मैंने जब बारहवीं पास की, तो मुझे दूसरे शहर में सिविल इंजीनियरिंग में एड्मिशन मिल गया. लेकिन कुछ समस्याओं के चलते से मुझे हॉस्टल में जगह नहीं मिल पाई.
तो मम्मी और पापा ने मुझे एक किराए का घर लेने के लिए बोल दिया. किराए के घर में खाने की एक समस्या थी. मगर मुझे थोड़ा बहुत खाना बनाना आता था तो किराए पर एक फ्लैट ले लिया.
इस घर में दो रूम थे एक किचन था और एक बाथरूम कम टॉयलेट था.
फिर मैं कॉलेज की पढ़ाई के लिए इसी फ्लैट में रच बस गया.
आप लोगों को तो पता ही होगा कि अकेले रूम में इंजीनियरिंग का स्टूडेंट रहता है, तो क्या होता है. मुठ मारना, पोर्न देखना दारू सिगरेट यही सब बिंदास चलने लगता है. कॉलेज में हॉट हॉट लड़कियों को देख कर कौन सा चूतिया नौजवान होगा, जो ये सब करने पर मजबूर न हो जाएगा.
ऐसे ही दिन निकलते गए. बीच में छुट्टियों में घर भी जाता था.
ऐसे ही एक साल हो गया. इस बार जब मैं अपने घर गया. तो उस समय मेरी बहनों के एग्जाम खत्म हो चुके थे और मेरी बहन का बारहवीं का रिजल्ट आने वाला था.
रिजल्ट आया तो वो अच्छे नम्बरों से पास हो गयी थी. वो कॉमर्स की स्टूडेंट्स थी, आगे की पढ़ाई के लिए हमारे शहर में डिग्री के लिए कोई अच्छा कॉमर्स वाला कॉलेज नहीं था. पर मैं जिस शहर में रहता था, वहीं एक अच्छा कॉलेज था.
मम्मी पापा ने उसका वहीं पर एडमिशन करवा दिया.
रिंकी का दाखिला तो हो गया था लेकिन घर वाले रिंकी को अनजान शहर के कॉलेज के हॉस्टल में रखने में परेशान थे. फिर उन लोगों ने उसे मेरे साथ रखने का फैसला कर लिया.
मेरे घर के मकान मालिक तो वैसे एक साथ लड़का लड़की रहने नहीं देते हैं. लेकिन मम्मी पापा ने उनसे बात की और बताया कि ये दोनों भाई बहन हैं. तो वो कुछ नहीं बोले और मान गए.
छुट्टियों के बाद मेरा तो कॉलेज शुरू हो गया था, तो मैंने कॉलेज जाना शुरू कर दिया
लेकिन रिंकी की पढ़ाई कुछ दिनों के बाद शुरू होनी थी तो वो इसलिए मेरे साथ नहीं आयी.
फिर दस दिन बाद मम्मी पापा और रिया, रिंकी को छोड़ने आए. वो लोग सुबह आए और शाम तक रुके, फिर शाम को वो लोग घर के लिए निकल गए.
अब मैंने और रिंकी ने सामान ठीक से जमाना शुरू कर दिया.
उस समय मैंने देखा कि वो थोड़ी उदास थी. मैंने उससे पूछा- क्या हुआ?
वो ज्यादा कुछ नहीं बोली तो मैं समझ गया कि ये घर से दूर रहने आई है इसलिए दुखी है.
मैंने कहा कि घर से पहली बार दूर आने में ऐसे ही लगता है, मुझे भी हुआ था. पर तुम थोड़े दिनों में ठीक हो जाओगी. तुम कॉलेज में बिजी होने के बाद सब भूल जाओगी. वो बोली- हां ये तो है.
फिर हम दोनों ने खाना खाया और सो गए.
अगले दिन से उसका कॉलेज भी शुरू हो गया था. धीरे धीरे वो एडजस्ट हो गयी और सब कुछ अच्छा होने लगा.
मुझे भी अब अच्छा लगने लगा था क्योंकि खाना बनाने का काम वो अच्छे से कर लेती थी.
ऐसे ही दिन निकलते गए.
एक बार बीच में पापा मम्मी भी आए. वो उसको और मुझसे मिल कर चले गए.
ऐसे ही दो महीने से ज्यादा हो चुके थे. फिर एक दिन वो कॉलेज नहीं गयी, पर मैं कॉलेज चला गया.
जब मैं कॉलेज गया, तो दो क्लास अटेंड करने के बाद पता चला कि मैं अपना एक असाइनमेंट लाना भूल आया हूँ. मैं जल्दी से रूम पर गया.
तो दरवाजा बंद था. मेरे पास चाभी थी तो मैं दरवाजा खोल कर सीधा अन्दर चला गया और अपना असाइनमेंट ले लिया.
पर तभी मुझे किचन के अन्दर से अजीब सी आवाज़ आती हुई सुनाई दी. मैंने दरवाजा खोला, तो मैं सीन देख कर हिल गया. मेरी बहन रिंकी अपनी चूत में बैंगन डाल कर अन्दर बाहर कर रही थी.
मैं उसे मुठ मारते देख ही रहा था कि तभी उसने मुझे देख लिया और एकदम से घबरा गई.
अब हम दोनों असहज हो गए थे. मैं उससे कोई भी बात किए बिना कॉलेज के लिए निकल गया.
उस दिन मैं चार बजे कॉलेज से वापस आया. तो उसने मुझे खाना परोस दिया. पर हमारी ज्यादा बात नहीं हुई.
मैं भी खाना खाकर अपने रूम में चला गया. फिर आठ बजे मैं रूम से बाहर आया, तो वो किचन में कुछ बना रही थी. मैं उसके पास गया और उससे पूछा- दिन में तुम वो क्या कर रही थीं?
वो डरते हुए बोली- भैया आज मुझे माफ कर दो. आगे मैं ऐसा कुछ नहीं करूंगी. मैंने सहज भाव से कहा- कोई बात नहीं, ये तो सामान्य सी बात है. मैं भी कभी कभी ये सब कर लेता हूँ.
वो हैरानी से मेरी तरफ देखने लगी.
मैंने उसकी चूचियां देखते हुए कहा- देखेगी क्या? वो कुछ नहीं बोली.
तो मैंने अपना छह इंच का लंड निकाला और हाथ में लेकर मसलने लगा. मेरी बहन मेरे लंड को घूरने लगी.
तब मैं उससे बोला- ले हाथ से छूकर तो देख. पहले तो वो नहीं मानी. मैंने उससे कहा- भाई का कहना नहीं मानेगी क्या?
ऐसा बोला तो वो मुझसे दूर होकर अपने रूम में जाने लगी.
तब मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और पीछे से उसके चूचियों पर हाथ रख कर चूची दबाना शुरू कर दिया. वो कुछ नहीं बोली, तो मैं जोर से दबाने लगा.
वो मुझसे छूटने की कोशिश करने लगी. आखिर में वो अपने कामवासना और उत्तेजना के सामने हार गयी और मेरा साथ देने लगी.
उसने मेरे होंठों पर होंठ रख दिए और मेरी जीभ को चूसने लगी. मैंने भी उसके बाल पकड़े और उसको खुद से थोड़ा दूर कर दिया.
फिर मैं रिंकी से बोला- घुटनों के बल बैठ जाओ. वो अपने घुटनों के बल बैठ गयी.
मैंने अपना लंड निकाला और उससे लंड मुँह में लेने के लिए बोला. उसने लंड चूसने से एक बार भी मना नहीं किया, लौड़े की चमड़ी को पीछे करके सुपारा बाहर निकला और एक बार जीभ फेर कर लंड का स्वाद लिया और अगले ही पल लंड मुँह में लेकर मजे से चूसने लगी.
मैं पहली बार किसी लौंडिया से लंड चुसवा रहा था. मुझे मजा आने लगा.
मगर मन में एक बात भी थी तो मैंने रिंकी से पूछा- लंड चूसना कहां से सीखा? वो लंड चूसते हुए बोली- पोर्न देख कर सीख गयी.
इस बारे में ज्यादा कुछ न बोल कर वो फिर से लंड अन्दर लेकर जोर जोर से चूसने लगी. दो मिनट लंड चुसवाया होगा कि मेरा पानी निकल गया. वो मेरे लंड का पानी गटक गई और लंड को चूस चूस कर साफ कर दिया.
मैंने उसे ऊपर उठाया और होंठों को चूसने लगा. वो बोली- मुझे भी मजा दो न भैया.
मैंने उसकी बात सुनकर उसकी पैंटी कि इलास्टिक में उंगलियां फंसाईं और बजाए उतारने के मैंने उसकी पैंटी फाड़ दी. वो नीचे से नंगी हुई तो मैंने उसे फर्श पर लिटा कर उसकी चुत को चाटना शुरू कर दिया. उसकी पूरी चुत एकदम गीली थी. मैं अपनी बहन कि चुत की फांकों में जीभ डाल डाल कर चूसने लगा. वो भी मजे लेने लगी.
फिर मैंने उसको अपनी गोद में उठाय और कमरे के अन्दर लेकर आ गया.
अपने रूम में लाकर मैंने उसे लिटा दिया और उसकी चुत में लंड पेलने लगा. मेरा लंड उसकी कमसिन चुत में अन्दर जा ही नहीं रहा था.
मैंने झुंझला कर अपनी बहन की चुत कि फांकों में लंड का सुपारा फंसाया. उसने भी मेरे लौड़े को अपनी चुत में सैट कर लिया.
मैंने एक बार में पूरा दम लगा दिया. मेरा लंड चुत में अन्दर तो घुस गया, लेकिन उसकी बुर से खून निकलने लगा. वो चिल्ला भी पड़ी- हाय भैया … मर गई!
मुझे थोड़ा डर लगा कि कही कुछ गड़बड़ तो नहीं हो गई. मैं रुक गया और उससे पूछा- कैसा लग रहा है? वो दर्द से कराह रही थी- आह भैया बहुत दर्द हो रहा है. प्लीज़ मत करो भाई.
पर आज मैं यह मौका खोना नहीं चाहता था, तो मैंने लंड चुत से नहीं निकाला. बस मैं थोड़ा रुका रहा और उसकी चूचियां सहलाने लगा.
वो शांत हो गई तो मैं अपनी बहन को फिर से चोदने लगा.
कुछ ही देर में उसका दर्द कम हो गया था तो वो अपनी गांड उठा कर चुत चुदाई का मजा लेने लगी थी.
अब वो बहुत सेक्सी आवाजें निकाल रही थी- अह भाई ऐसे ही मस्त मजा आ रहा है और जोर से चोदो … आह!
मैं धकापेल चुदाई करता रहा. करीब 20 मिनट बाद मैंने लंड चुत से निकाल लिया और लंड हाथ से हिला कर उसकी चुचियों पर वीर्य गिरा दिया.
वो मुझे देख कर मुस्कुरा रही थी. मैं उसके ऊपर ही गिर गया. ऐसे मैंने अपनी सेक्सी बहन की चूत मारी.
हम दोनों एक साथ चिपक कर नंगे ही सो गए. हमारी ऐसी नींद लगी कि सीधे सुबह ही उठे.
मैं जब उठा, तो वो पहले उठ चुकी थी और नहा रही थी.
मेरा लंड पूरा खड़ा था. मैं नंगा ही गया और उसे आवाज देकर बाथरूम का दरवाजा खोलने के लिए कहा. वो नहीं मानी, तो मैं चुपचाप खड़ा हो गया और दरवाजा खुलने का इंतजार करने लगा.
उसने कुछ देर बाद नहा कर टॉवल लपेटा और दरवाजा खोल कर अन्दर से बाहर निकली. तभी मैंने उसकी टॉवल खींच दी. तब वो हंस कर बोली- भईया क्या कर रहे हो … छोड़ो मुझे.
पर मैंने उसे पकड़ लिया और फिर से उसे खींच कर बाथरूम में लेकर आ गया और किस करने लगा. वो मेरे चुम्बनों का मजा लेने लगी.
मैंने शॉवर खोल दिया और हम दोनों पानी में भीगने लगे. वो घुटनों के बल बैठ गई और मेरा लंड मुँह में लेकर चूसने लगी.
कुछ मिनट बाद मैंने उसके बाल पकड़ कर उसे खड़ा कर दिया और उसको कुतिया बनाकर बाथरूम में ही चोदने लगा. मैं उसके बाल खींचते हुए उसकी ताबड़तोड़ चुदाई करने लगा.
ऊपर से पानी गिर रहा था और नीचे मेरे बहन की चुत में मेरा लंड सटासट चल रहा था.
मैं रिंकी को जोर जोर से चोदने लगा तो वो चिल्लाने लगी- आह भैया … मार दिया … कितना अन्दर तक लंड पेल रहे हो! बड़ा मजा आ रहा है भाई! आह चोदो और जोर से चोदो.
बीस मिनट के बाद मेरा माल उसकी चुत में ही निकल गया. इस बात से हम दोनों थोड़ा डर गए.
पर मैंने बाहर निकल कर गूगल किया तो थोड़ी राहत मिली कि चुत में वीर्य निकल जाने के बाद भी गर्भ न ठहरे इसके रास्ते हैं.
दवा का नाम पढ़ा और नोट करके मैं कुछ देर बाद उसके लिए दवाई ले आया. उसने दवाई खा ली. अब कोई प्रॉब्लम नहीं थी.
हम दोनों इसी तरह एक दूसरे की हवस की प्यास बुझाते रहे.
अब तो हालत ये हो गई थी कि हम दोनों अपने किराए के इस घर में नंगे ही घूमने लगे थे. कपड़े तो बस हम तभी पहनते थे, जब कॉलेज जाना होता था या कहीं बाहर जाना हटा था.
हम दोनों ही बहुत हवसी थे, जवान भी थे. कहीं भी चोदना शुरू कर देते थे. बाथरूम,बिस्तर, डाइनिंग टेबल, सोफे कहीं भी.
फिर हमारे एक सेमेस्टर का एग्जाम खत्म हुआ, तो हम दोनों घर जाने वाले थे. उस दिन रात को हम दोनों ने बहुत एन्जॉय किया.
दूसरे दिन हम दोनों घर के लिए निकल गए. हमें पता था कि घर में यह सब नहीं कर पाएंगे, इसलिए थोड़ा अच्छा नहीं लग रहा था.
पर घर जब पहुंचे तो मम्मी पापा और रिया से मिलकर बहुत अच्छा लगा. रिंकी और मैं बस यह सोच रहे थे बिना चुदाई के एक महीना कैसे रहेंगे.
मम्मी पापा से तो कोई प्रॉब्लम नहीं थी क्योंकि वो तो सुबह निकल कर शाम को ही आते थे लेकिन रिया का कॉलेज बंद था. यही दिक्कत थी.
फिर तीन दिन बाद जब मम्मी पापा के जाने के बाद मैं जब नहाने गया, तो रिंकी खुद को मुझसे दूर नहीं रख पायी. वो मेरे पीछे से बाथरूम में आ गयी और अन्दर घुस आई.
मैं उससे बोला- अभी क्यों आयी हो … रिया घर पर ही है. वो बोली- रिया अभी मोबइल में बिजी है और मुझसे रुका नहीं जा रहा है. मुझे अभी ही लंड लेना है.
ये बोलकर मेरी टॉवेल उतार कर मेरा लंड चूसने लगी. मैंने भी उसकी सारे कपड़े उतार दिए और उसे वहीं पर चोदने लगा. थोड़ी देर बाद हम दोनों तृप्त हो गए.
वो जल्दी से कपड़े पहन कर बाहर चली गई. मैं भी नहाया और रूम में आ गया.
उसी दिन वो रात में मेरे रूम में आ गई और मेरे लंड को मुँह में लेकर ब्लोजॉब देकर चली गयी.
फिर दूसरे दिन जब वो मुझसे चुदने बाथरूम में आयी, तो उसके पीछे पीछे रिया भी आ गई. उसने हम दोनों को एक साथ बाथरूम में जाते देख लिया और बाथरूम में चुदाई की सारी आवाजें सुन लीं.
रिंकी का चिल्लाना आदि सुनकर वो सब समझ गई कि अन्दर क्या चल रहा है.
जब हम दोनों की चुदाई का खेल खत्म हुआ, तो रिंकी ने बाहर जाने के लिए दरवाजा खोला. सामने रिया खड़ी थी. उसे देख कर हम दोनों शॉक हो गए.
मैं तो नंगा ही था, फिर मैंने झट से टॉवल पहनी और रिंकी और में उसको मम्मी पापा को बताने से मना करने लगे. रिंकी ने उसे किसी तरह से मना लिया.
उस दिन रात में मम्मी पापा के सोने के बाद वो दोनों मेरे रूम में आ गईं. रिया थोड़ी शर्म कर रही थी.
रिंकी ने बोला- आ जा रिया, कुछ नहीं होगा.
रिंकी ने मेरा लोअर उतारा और मुँह में लंड लेने लगी. उसे देख कर रिया भी गर्मा उठी.
रिंकी ने मेरा लंड उसके मुँह में भी दे दिया. दोनों ने मुझे दम से चूसा और मेरी हालत खराब कर दी. लंड झाड़ कर दोनों चली गईं.
फिर मैंने सोच लिया कि कल रिया को चोद कर मजा लूंगा.
दूसरे दिन मम्मी पापा के जाने के बाद मैं सीधा उन दोनों के रूम में गया. वो दोनों मुझे देख कर हंसने लगीं और रिंकी उठ कर बाहर चली गयी.
अब हम दोनों रूम में अकेले थे. रिया और मैं ही रह गए थे. रिया कुछ नहीं बोली, बस बिस्तर पर बैठी रही.
मैं उसके पास गया, तो वो मुझे देखने लगी.
मैंने रिया से कहा- इधर आओ.
वो धीरे से मेरे पास आ गई और मैं उसे किस करने लगा. वो भी मुझे किस करने लगी. मैंने उसकी चुचियों को दबाया तो वो मादक सिसकारियां लेने लगी.
मैंने उसके सारे कपड़े उतार दिए. उसकी चुत को सहलाने लगा. फिर उसे लिटा कर उसकी बुर चूसने लगा.
वो मस्त हो गई.
मैंने पोजीशन ली और धीरे से लंड उसकी चुत में पेल दिया. पहले तो उसे दर्द हुआ, पर बाद में मजे लेने लगी. मैं उसे हचक कर चोदने लगा. ऐसे ही चुदाई के कुछ देर बाद मेरा रस निकल गया. इस तरह से मैंने अपनी दूसरी सेक्सी बहन की चूत मारी.
फिर मैं आधे घंटे बाद नहाने गया, तो रिंकी भी आने लगी.
मुझे रिंकी से लगाव ज्यादा था, तो मैं उसे गोद में उठा कर बाथरूम में ले गया और उसे चोदने लगा.
तभी दरवाजे पर रिया आ गयी. रिंकी ने उसे अन्दर बुलाया तो वो आ गयी.
मैंने उसकी चोटी पकड़ी और अपनी तरफ खींच लिया. उसको किस किया और उसके कपड़े निकाल दिये. अब एक तरफ मैं रिया के दूध मसल रहा था और दूसरी तरफ रिंकी को चोद रहा था.
कुछ देर बाद मैंने रिंकी को छोड़ा और रिया को कुतिया बनाकर चोदने लगा. मुझे भी मजा आ रहा था. मैं अपनी दोनों बहनों को रंडी की तरह चोद जो रहा था.
फिर मेरा रस निकल गया.
ऐसे ही हमने खूब थ्री-सम सेक्स किया. मेरी दोनों बहनें अब ऐसी बन गयी थीं कि मेरे लंड के बिना वो रह ही नहीं पाती थीं. हमने किचन हॉल सब जगह खुल कर चुदाई का मजा लिया.
आपको मेरी सेक्सी बहन की चूत मारी कहानी कैसी लगी, प्लीज़ मेल करना न भूलें. [email protected]
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