This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000
प्रेषक : राजवीर चौधरी
दोस्तो, नमस्कार !
मेरा नाम राजवीर है, मैं कोटा, राजस्थान का रहने वाला हूँ, अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ !
दोस्तो, मैं 26 साल का एक अच्छी पर्सनैलिटी वाला इंसान हूँ ! अन्तर्वासना पर कहानियाँ पढ़ते-पढ़ते मैंने भी सोचा कि मैं भी अपनी जिंदगी की एक हसीन कहानी आपके साथ शेयर करूँ !
बात तब की है जब मैं कोटा के एक कंप्यूटर इंस्टिट्यूट में पढ़ाता था। मुझे देख कर इंस्टिट्यूट की कई लड़कियाँ मुझसे फ्लर्ट भी किया करती थी कभी-कभी !
लेकिन मुझे नहीं लगता था कि मैं इतना अच्छा दिखता हूँ कि इतनी सुन्दर और मुझसे काफ़ी कम उम्र की लड़कियों को अपनी ओर आकर्षित कर सकूँ !
खैर फिर भी जब भगवान किसी पर मेहरबान होता है तो कोई क्या कर सकता है !
मेरे साथ एक लड़का भी हुआ करता था जो मेरे असिस्टेंट के रूप में प्रेक्टिकल क्लास में मेरी मदद कर दिया करता था, उसका नाम मनीष है।
बात मई के महीने की है जब हमारे इंस्टिट्यूट का मालिक किसी काम से जयपुर गया हुआ था।
क्लास में दो नई लड़कियों ने एडमिशन लिया जो दोनों बहनें थी और कोटा के पास के एक गाँव की रहने वाली थी तथा पास में ही कमरा लेकर अपनी कॉलेज की पढ़ाई भी कर रही थी। उन दोनों ने बताया कि उनके एक्जाम ख़त्म हो चुके थे इसलिए वो कंप्यूटर भी सीखना चाहती थी। वो दोनों थी तो गाँव की रहने वाली लेकिन इतनी खूबसूरत थी कि शब्दों में बयां करना मुश्किल है। उनके कपड़े पहनने के ढंग से वो गाँव की नहीं लगती थी बातचीत में भी अच्छी ही थी।
लगभग दो हफ्ते तक तो उन दोनों की क्लास ठीक ठाक चली लेकिन एक दिन उन्होंने बताया कि गाँव से उनके पापा का कॉल आया है कि गाँव में किसी परिचित की लड़की की शादी होने वाली है इसलिए तुम एक महीने में ही अपनी क्लास पूरी करके गाँव आ जाओ !
उन दोनों में एक लड़की जिसका नाम दीपिका (बदला हुआ नाम) था बहुत सेक्सी थी जिसे देख कर कभी-कभी मेरे लंड में हलचल होने लगती थी।
वो शायद मुझसे आकर्षित थी इसलिए जब भी में पास बैठ कर उन्हें कुछ समझाता तो वो मुझसे सट जाती और अपने शरीर को धीरे-धीरे मुझसे रगड़ने लगती थी। कुछ दिनों तक तो मैंने उसके इस सिग्नल का कोई मतलब नहीं निकाला, मैं इन सब बातों से अन्जान बना रहा !
एक दिन उन्होंने कहा- सर हमारा कोर्स जल्दी ख़त्म करो, पापा हमें वापिस बुला रहे हैं !
और एक दिन शनिवार को किसी त्यौहार का अवकाश होने की वजह से इंस्टिट्यूट के सभी स्टुडेंट्स से आने के लिए मना कर दिया सिवाय उन दोनों के क्योंकि उन दोनों का कोर्स जल्दी ख़त्म करना था इसलिए उनसे कह दिया- शनिवार को तुम आ जाना तुम्हें एक्स्ट्रा पढ़ा दूँगा !
शनिवार का दिन आ ही गया, वो दोनों इतनी सेक्सी ड्रेस पहन कर आई कि मेरा दिमाग पूरी तरह हिल गया।
दीपिका सफ़ेद टॉप और ब्लू जींस में और उसकी बहन मीना गुलाबी जालीदार सलवार सूट में आई थी !
उन्हें इस तरह देख कर मेरे मन में एक खुराफात पैदा हुई कि क्यों न मौके का फायदा उठा कर दीपिका को आज अपने वश में कर लिया जाये !
कंप्यूटर लैब तीन हिस्सों में बंटी थी एक रूम थोड़ा अंदर था जिसमें दो कंप्यूटर रखे हुए थे और एक रूम अलग था जिसमे कुछ पुराने कंप्यूटर और पुराना फ़र्नीचर आदि पड़े हुए थे ! मैंने उन दोनों के बीच में बैठ कर बाहर के कंप्यूटर में कुछ समझाया !
कुछ देर तक में ऐसे ही बैठा रहा और दीपिका की बहन दूसरे कंप्यूटर पर गाना सुनने लगी उसका ध्यान पूरी तरह गाने पर ही था और दीपिका चुपचाप बैठी थी ! उसने अपना एक हाथ अपनी जांघ पर सीधा रखा हुआ था।
मैं धीरे धीरे गर्म होने लगा और जब मन पर काबू न रहा तो अपना हाथ धीरे से उसकी जांघ पर रखे हाथ पर रख दिया।
शायद वो भी यही चाहती थी और हम एक दूसरे के हाथों को हाथ में कस कर ऐसे ही बैठे रहे।
मैंने उसे कहा- मीना को इस कंप्यूटर पर गाने सुनने दो, हम अंदर वाले कंप्यूटर पर चलते हैं उसमें भी अच्छे गाने हैं !
मैं उसे अंदर वाले रूम में ले गया और एक कंप्यूटर स्टार्ट किया जिसमे मैंने एक-दो सेक्सी ब्लू फिल्म डाल रखी थी। मैंने उसे कहा- एक अच्छी मूवी है वो दिखाता हूँ तुम्हें !
वो प्यार से बोली- तो जल्दी दिखाओ ना प्लीज़ !
मैंने ब्लू फिल्म चालू कर दी तो वो बोली- मुझे पहले मालूम था कि आप यही दिखाने वाले हो !
फिल्म में लड़की लड़के का लंड मसल मसल कर चूस रही थी।
इधर दीपिका धीरे-धीरे गर्म होने लगी ! उसने मुझे कस कर पकड़ लिया और मादक नजरों से मेरी ओर देखने लगी।
मुझसे भी रहा नहीं गया और उसे अपनी बाहों में लेकर जोर जोर से उसके होंठों और चेहरे को चूमने लगा।
फिल्म के दूसरे सीन में लड़का लड़की की गुलाबी चूत को बुरी तरह चाट रहा था ! यह देख कर मैंने अपना एक हाथ उसके टॉप में घुसा दिया और उसके मस्त और मोटे-मोटे बूब्स दबाने लगा।
उसके मुँह से नशीली सिसकारियाँ निकलने लगी, वो अब धीरे-धीरे ‘आह आह’ करने लगी।
इधर मेरा लंड जबरदस्त टाईट हो गया मैंने अपनी जींस का बटन खोल कर उसके एक हाथ में अपना लंड पकड़ा दिया।
अब वो भी मेरे लंड को ठीक ब्लू फिल्म के उस सीन की तरह मसलने लगी और आगे-पीछे करने लगी ! मैंने भी उसकी जींस का बटन खोल कर उसकी चूत में एक उंगली घुसा दी और अंदर-बाहर करने लगा।
हम दोनों इतने गर्म हो गए थे कि बस लंड को चूत में घुसने का और चूत को लंड लेने का इंतज़ार था !
लेकिन हमें यह भी डर था कि कहीं मीना अंदर ना आ जाये, इसलिए हमने केवल उंगलियों और एक दूसरे के हाथों से खुद को शांत किया !
थोड़ी देर बाद मेरा असिस्टेंट मनीष लैब में आया और मीना के पास बैठ गया वो भी मीना पर हाथ साफ़ करना चाहता था।
हम दोनों ने ही ये प्लान बनाया था इसलिए हमे बाहर ना पाकर वो समझ गया कि अंदर रूम में प्रोग्राम चल रहा है !
इधर वो मीना से कहने लगा कि इन्टरनेट पर कुछ अच्छी कहानियाँ हैं, वो दिखाता हूँ।
वो मान गई और गौर से कंप्यूटर में देखने लगी। मनीष ने अन्तर्वासना की सेक्सी स्टोरी उसके सामने ओपन कर दी।
वो कहानियाँ पढ़ कर गर्म हो गई और मनीष का भी काम हो गया।
मैंने चुपके से कमरे के गेट से देखा तो वो मीना के बूब्स मसल रहा था।
मैंने दीपिका से कहा- डरने की कोई बात नहीं है, बाहर मीना भी अपनी जवानी के मजे ले रही है !
मैंने मनीष को मोबाइल से मैसेज किया कि अपना प्रोग्राम रोक कर हमें उस कबाड़ वाले रूम में जाने दे क्योंकि यह यकीन कर पाना मुश्किल था कि लैब में कोई आ नहीं सकता ! मुझे थोड़ा डर था।
मनीष ने ऐसा ही किया और हम दोनों उस रूम में आ गए जहाँ पुराना सामान रखा था। रूम में आते ही मैंने किवाड़ बंद कर दिए और फिर से अपना प्रोग्राम शुरू कर दिया।
दीपिका पहले ही गर्म थी वो मुझसे लिपट गई और हम दोनों एक दूसरे को फिर से चूमने चाटने लगे।
कमरे में एक पुरानी मेज थी उस पर मैंने उसे लेटा दिया, उसने कस कर मुझे खुद से चिपका लिया और धीरे से मेरे कान में कहा- अब और नहीं सहा जाता, जल्दी करो ना जो भी करना है !
मैंने उसका टॉप ऊपर खिसका दिया और उसकी ब्रा का हुक खोल कर उसके मोटे-मोटे चुच्चे चूसने लगा।
फिर मैंने उसकी जींस को खोल कर पूरा नीचे खिसका दिया और उसकी गर्दन पेट तथा कमर को चूमता हुआ उसकी चूत तक आ गया !
गाँव की होते हुए भी उसने अपनी चूत एकदम साफ़ कर रखी था शायद वो जानती थी कि ये जल्दी ही कली से गुलाब बनने वाली है !
मैंने उसकी चूत के दोनों होंठो को फ़ैला दिया और धीरे-धीरे उसे चाटने लगा ! दीपिका मस्ती में आह ! आह ! किये जा रही थी और मेरे सिर को पकड़ कर जोर से अपनी चूत की ओर दबा रही थी। मेरा लंड बहुत ही ज्यादा सख्त हो चुका था ओर उसमें से थोड़ा पानी भी बाहर निकल आया था।
मैंने लंड उसके मुंह में दे दिया वो जोर जोर से उसे चूसने लगी।
कुछ देर लंड चुसाने के बाद मैंने लंड उसकी चूत के मुँह पर टिका दिया और धीरे-धीरे रगड़ने लगा ! उसे मेरी इस हरकत से बहुत मजा आ रहा था तथा फिर लंड को उसकी चूत के छेद से सटा कर धीरे से एक धक्का लगाया। चूत टाईट होने की वजह से लंड बाहर की ओर फिसल गया।
दूसरी बार फिर धक्का लगाया तो लंड आधा अंदर घुस गया, दीपिका दर्द से तड़पने लगी और बोली- जल्दी बाहर निकालो इसे वरना मैं मर जाऊँगी ! प्लीज़ जल्दी बाहर निकालो ना….आह !
मैंने उसकी परवाह ना करते हुए एक ओर जोर से धक्का लगाया तो उसकी जान ही निकल गई ! उसने अपनी आँखें बंद कर ली और मैं धीरे-धीरे लंड को अंदर-बाहर करने लगा ! थोड़ी देर बाद उसका दर्द कुछ कम हुआ, वो मेरा साथ देने लगी और अपने चूतड़ हिला हिला कर उसने बहुत चुदाई करवाई मुझसे !
उस दिन मैंने उसे कमरे में ही दो बार चोदा।
उस दिन के बाद से हमारी कंप्यूटर क्लास कम ओर मौका मिलते ही सेक्स क्लास ही ज्यादा चलने लगी !
उधर मनीष ने भी दीपिका की बहन मीना को पटा कर एक बार चोद दिया !
इन्स्टिट्यूट के ही पास मेरा एक दोस्त रहता था अजय, उसके कमरे पर भी में उसे दोपहर में बुला कर कई बार चोद चुका हूँ।
पूरे महीने हमने बहुत बार एक साथ चुदाई की फिर वो दिन आ ही गया जब उन्हें गाँव जाना था सो उन्हें बस में बैठा कर में घर लौट आया। मुझे आज भी उसकी बहुत याद आती है पर उसका फ़ोन भी नहीं लग पाता है अब !
दोस्तों आपको मेरी कहानी कैसी लगी इसके लिए मुझे मेल जरुर करना !
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000