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अचानक रोहित ने अपने होंठ को मेरे होंठों पर रख दिए और उन्हें चूमने लगा। हॉल में काफी अँधेरा था तो किसी को कुछ नहीं दिख सकता था।
रोहित मेरे होंठों को चूम रहा था, मैं चाह कर भी कुछ न कर सकी, मैं भी यही चाहती थी। अब उसने अपने एक हाथ से मेरी जींस का बटन खोल दिया और अन्दर हाथ डाल कर वो मेरी पेंटी के ऊपर से ही चूत को सहलाने लगा और मेरे होंठों को चूमे जा रहा था। मुझे अब मजा आने लगा था, मैं गर्म हो चुकी थी। फिर उसने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे उठाया और कहा- चलो रोमा यहाँ से !
मैंने पूछा- पर कहाँ चलना है?
उसने कहा- तुम चलो तो ! मैं बताता हूँ।
हम आधी मूवी छोड़ कर वहाँ से निकल गये। रोहित ने मुझे बाइक पर बैठाया, मैंने उससे पूछा कि हम कहाँ जा रहे हैं?
तो उसने कहा- मेरे घर।
मैंने कहा- नहीं, तुम मुझे मेरे घर छोड़ दो, मुझे डर लग रहा है।
रोहित नहीं माना और वो मुझे अपने घर ले गया।
फिर उसने दरवाजे का लॉक खोल कर मुझे कहा- अन्दर आ जाओ रोमा !
मैं जाकर सोफे पर बैठ गई। रोहित ने दरवाजे को अन्दर से लॉक कर दिया और मेरे पास आकर फिर से मेरे होंठों को चूमने लगा।
मुझे उसका चूमना अच्छा लग रहा था तो मैं उसका साथ देने लगी। फिर रोहित ने मेरी टीशर्ट उतार दी और मुझे वहीं सोफे पर लिटा कर मेरे होंटों को चूमने लगा और मेरे बूब्स दबाने लगा। काफी देर तक हम दोनों एक दूसरे को चूमते रहे, मुझे बहुत मजा आ रहा था। फिर रोहित उठा और मेरी जींस का बटन खोलकर मेरी जींस उतार दी और कहने लगा- रोमा, आज तो तुमने ब्रा पेंटी भी ब्लैक कलर की पहनी है। तुम इस ब्रा और पेंटी में बहुत खूबसूरत लग रही हो !
फिर रोहित ने मुझे अपनी गोद में उठा लिया और अपने कमरे में ले जाकर मुझे बिस्तर पर बिठा दिया।
फिर उसने अपनी टीशर्ट जींस उतर दी अब वो सिर्फ अंडरवेयर में था और मैं ब्रा पेंटी में !
और फिर उसने अपनी अंडरवीयर को थोड़ा नीचे सरका कर अपना लंड निकाल कर मेरे होंटों से लगा दिया और कहने लगा- लो रोमा, चूसो इसे !
मैं तो उसका लंड देख कर हैरान रह गई, इतना बड़ा और मोटा था वो, इतना अच्छा लंड देख कर मैंने तो उनके लंड को अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी। मुझे उसके लंड को चूसना बहुत अच्छा लग रहा था। दस मिनट तक मैं रोहित के लंड को चूसती रही, फिर रोहित ने अपना लंड मेरे मुँह से निकाला और मुझे बिस्तर पर लिटा दिया और मेरे ऊपर आकर मेरे उरोज दबाने लगा। मेरे मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगी। फिर उसने मेरी ब्रा का हुक खोल कर ब्रा को उतार दिया और मेरे निप्पल चूसने लगा और एक हाथ से मेरी चूत को सहलाने लगा।
मैं आ आआ आह आअह हह अह अह उइ उइ उइ करके सिसकारियाँ लेने लगी। फिर वो मेरे चुच्चों को चूमते हुए नीचे आने लगा और पेंटी के ऊपर से मेरी चूत को चूमने लगा और अपने दोनों हाथों से मेरे बूब्स दबाने लगा।
मैं कहने लगी- रोहित थोड़ा धीरे धीरे !
फिर रोहित ने मेरी पेंटी भी उतार दी और मेरी चूत को पागलों की तरह चूसने लगा और मेरी सीत्कारों से सारा कमरा गूंजने लगा।
कुछ देर चूत चूसने के बाद रोहित ने कहा- रोमा, मैं अपना लंड तुम्हारी चूत में डाल दूँ?
मैंने कहा- हाँ डाल दो, अब मुझ से रहा नहीं जा रहा !
तो उसने लंड को मेरी चूत पर रखा और लंड से मेरी चूत को सहलाने लगा, फिर धक्का लगाया पर लंड अन्दर नहीं गया तो उसने एक और जोर का धक्का मारा तो उसका आधा लंड मेरी चूत के अन्दर चला गया और मेरी चीख निकल गई।
मैं कहने लगी- रोहित निकालो अपने लंड को बाहर ! मुझे बहुत दर्द हो रहा है।
तो वो कहने लगा- थोड़ा तो दर्द होगा रोमा !
और वो मेरे ऊपर लेट कर मेरे होंटों को चूमने लगा।
फिर रोहित ने एक और जोर का धक्का मेरे तो उसका पूरा लंड मेरी चूत में चला गया और वो अपने लंड को चूत के अन्दर आगे पीछे करते हुए मुझे चोदने लगा और दोनों हाथों से मेरे स्तनों को भी दबाने लगा।
मेरे मुँह से आ आआह आऊऊ ऊ ऊईईइ आआह्ह की आवाजें निकलना और तेज हो गई, मुझे और मजा आने लगा, मैं कहने लगी- रोहित और जोर जोर से चोदो ! मुझे बहुत मजा आ रहा है !
यह सुनते ही उसने अपनी स्पीड और बढ़ा दी। इतने में मैं झड़ गई पर रोहित अभी भी पूरे जोश में था और मुझे चोदे जा रहा था।
फिर वो कहने लगा- रोमा, मैं भी झड़ने वाला हूँ !
मैंने कहा- मेरी चूत में मत निकलना ! नहीं तो प्रोब्लम हो जाएगी !
तो रोहित ने लंड को चूत से बाहर निकाला और उसका फव्वारा छूट गया जो मेरे बदन पर आकर गिरा !
मैं बिस्तर पर ही लेटी थी और बहुत थक चुकी थी, मेरा सारा बदन दर्द कर रहा था, रोहित भी मेरे पास ही लेट गया, उसने कहा- कैसा लगा रोमा? तुम को मजा तो आया ना?
मैंने कहा- हाँ ! पर सारा बदन दर्द कर रहा है।
कुछ देर हम दोनों वैसे ही लेटे रहे, फिर मैं उठ कर बाथरूम में चली गई और अपने आप को साफ करने लगी। यह कहानी आप अन्तर्वासना.कॉम पर पढ़ रहे हैं।
तभी रोहित फिर पीछे से आकर मेरे वक्ष उभार दबाने लगा और अपने लंड को मेरी गांड से लगा दिया। उसके मेरे बूब्स दबाने से
मैं फिर गर्म हो गई, मैं नीचे बैठ कर रोहित के लंड को चूसने लगी जिससे रोहित का लंड फिर से खड़ा हो गया। कुछ देर की चुसाई के बाद रोहित ने मुझे वहीं बाथरूम के फर्श पर लिटा दिया और मेरी चूत को चाटने-चूसने लगा।
मैं फिर सीत्कारें भरने लगी।
रोहित ने मुझे अपनी गोद में उठा लिया और बाथरूम से बाहर लाकर बिस्तर पर लिटा दिया और अपने लंड को मेरी चूत पर रखा और एक ज़ोर का झटका मारा, उसका लंड मेरी चूत के सबसे अन्दरूनी भाग से टकराया, मेरा रोम रोम खुशी से झूम रहा था।
रोहित आहिस्ता आहिस्ता अपने लंड को मेरी चूत में अंदर बाहर करने लगा, जब वो लंड बाहर करते मेरी चूत की पंखुडियाँ उसके लंड के साथ चिपक कर बाहर की तरफ खिंचने लगती ! ऐसा लग रहा था मेरी चूत उनके लंड को छोड़ने को तैयार नहीं थी।
अब रोहित ने अपनी स्पीड बढ़ा दी उसका लंड जो अब तक मुश्किल से घुस रहा था, अब आसानी से आ-जा रहा था। उसने मेरी चूत में लंड डाले हुए मुझको अपनी गोद में उठा लिया, मैं फूल की तरह से उसकी गोद में आ गई, ऐसा लगता ही नहीं था कि उसने कोई जिस्म उठाया हो !
मैंने उनकी कमर की दोनों तरफ अपने पैरों से जकड़ लिया ताकि गिर ना जाऊँ ! मैं उसकी गोद में छोटी सी बच्ची लग रही थी।
रोहित का खंभे जैसा लंड मेरी चूत में घुसा हुआ था, मैं रोहित के निप्पल को अपने दाँतों से हल्के हल्के काट रही थी, रोहित को मज़ा आ रहा था, रोहित मुझको ऊपर उठा कर नीचे छोड़ता तो उनका लंड मेरी चूत की जड़ तक टकरा जाता।
रोहित बोला- मज़ा आ रहा है?
मैं बोली- तुम्हारे जैसा तड़पाने वाला लंड जो पहली बार मेरी चूत में ले रही हूँ, इसका मजा ही अलग है !
फिर रोहित ने मुझे बेड पर पटक कर मेरी दोनों टाँगों को अपने कंधे पर रखा जिससे मेरी चूत ऊपर की तरफ उठ गई, मेरा बदन इतना लचीला था कि मैं अपने दोनों पैर उसके कंधे पर आराम से रख पाई तो रोहित यह पोज़ देख कर बहुत खुश
हुआ और लंड मेरी चूत को धक्के देते हुए अन्दर बाहर होने लगा। इस दरमियान कई बार झड़ चुकी थी मैं, रोहित अलग अलग आसन से मुझे चोद रहा था, मैं भी जोश में थी और रोहित अब पूरी स्पीड से चोद रहा था तो हम दोनों के मुँह से अलग अलग आवाज़ निकल रही थी।
रोहित से भी अब नहीं रहा जा रहा था, उसने लंड को चूत से बाहर निकाल कर मेरे मुँह में भर दिया और जोर से अकड़ते हुए सारा
पानी मेरे मुँह में भर दिया और वो मेरे ऊपर ही लेट गया।
कुछ देर ऐसे ही लेटे रहने के बाद हम दोनों साथ में नहाये और फ्रेश होकर एक होटल में जाकर डिनर किया, फिर रोहित ने मुझे घर के पास छोड़ दिया।
तो यह था दोस्तो, मेरा लड़की होने का पहला अहसास ! उम्मीद करती हूँ कि आप लोगों को मेरी चुदाई पसंद आई होगी, आपको कैसी लगी बताइएगा जरूर !
कहानी जारी रहेगी।
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