This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000
मेरा नाम कमल है, जालन्धर का रहने वाला हूँ। अन्तर्वासना पर यह मेरी पहली कहानी है। यह चुदाई की कहानी दस साल पुरानी है। मेरी उमर तब 30 साल थी।
मेरे घर के पास दीपक और रेणू नाम के पति-पत्नी रहते थे और मैं उसको रेणू भाभी कह कर बुलाता था।
रेणू बहुत सेक्सी थी, फ़िगर भी कमाल का था 36-30-36 और उसका रंग गेहुँआ था। रेणू की उमर 32 के आस पास थी।
दीपक बैंक में नौकरी करता था और कुछ दिन पहले उसका तबादला चंडीगढ़ हुआ था। दीपक हफ़्ते बाद घर आता था। उनका एक पांच साल का बेटा था।
अक्सर रेणू मुझे बाजार से सामान लाने को बोल देती थी।
दिसंबर की बात है, रात को करीब नौ बजे रेणू भाभी ने हमारे घर आकर मुझे बाजार से गरम पानी की बोतल लाने को कहा। मेरी पत्नी तब हमारे दोनों बेटो के साथ लुधियाना अपने मायके गई हुई थी।
मैं घर में अकेला था। मैं बाजार से गर्म पानी की बोतल लाकर देने गया तो भाभी ने मुझे बताया कि उसके बेटे को ठंड लग गई है और बुखार भी है। उस समय ठंड बहुत थी।
रेणू ने मुझसे कहा- चाय पीकर जाना! मेरा दिल भी चाय पीने का था, मैं उनके ड्राइंग रूम में बैठ गया। उसने कहा कि पहले वह अपने बेटे को गर्म पानी की बोतल देकर सुला दे, फिर चाय बनाती है।
तब तक मैं टीवी देखने लगा। उसने अपने बेटे को गर्म पानी की बोतल देकर सुला दिया और चाय बनाने चली गई।
पाँच मिनट में रेणू चाय बना लाई और मेरे सामने सोफ़े पर बैठ गई। आज तक मैंने रेणू को कभी गलत नज़र से नहीं देखा था लेकिन तब मेरा दिल बेइमान होने लगा। रेणू ने उस टाइम स्लेटी रंग का ट्रेक सूट पहना था और बहुत सेक्सी लग रही थी।
चाय पीते हुये इधर उधर की बातें होने लगी। तभी मैं टीवी पर चैनल बदलने लगा और जानबूझ कर फ़ैशन टीवी लगा लिया। रेणू भी गौर से टीवी देखने लगी और बोली- देखो कैसी कैसी मॉडल हैं।
मैंने कहा- चैनल बदल दूँ? तो रेणू हंस कर बोली- आपको तो अच्छा लगता होगा ये देखना? मैंने कहा- अच्छा तो लगता है। रेणू बोली- बताओ कि और क्या क्या अच्छा लगता है?
मैंने हिम्म्त करके कह दिया- आप भी मुझे बहुत अच्छी लगती हो। ‘मैं भला क्यों अच्छी लगती हूँ?’ रेणू ने सवाल किया। मैंने जवाब दिया- आप हो ही इतनी खूबसूरत, किसको अच्छी नहीं लगोगी।
रेणू मुस्कुरा दी।
कमरे में मेज पर एक फोटो एलबम रखी थी, मैं उसको देखने लगा।
उसमें उनके बेटे के जन्म दिन के फोटो थे, मैं सोफ़े पर बैठ कर एलबम देख्ने लगा, रेणू मेरे पास आकर बैठ गई और खुद एलबम दिखाकर बताने लगी कि किस फोटो में कौन कौन है।
इस बीच मैंने अपना हाथ रेणू के हाथ से छुआना शुरु कर दिया, उसने कोई विरोध नहीं किया।
मेरी हिम्म्त और बढ़ गई, मैंने उसका हाथ अचानक दबा दिया तो रेणू मुस्कुरा दी।
मैंने हिम्म्त करके कहा- रेणू जी, एक किस कर लूँ? ‘क्यूँ करना चाहते हो मुझे किस?’ रेणू ने पूछा। ‘क्यूंकि आप बहुत सुन्दर और सेक्सी हो।’ मैंने जवाब दिया। ‘सेक्सी तो आपकी बीवी भी है, उसको किस करो।’ रेणू का जवाब था। मैंने कहा- आपको तो पता है कि वो आजकल मायके गई हुई है। रेणू मुस्कुरा दी और मैंने उसको बाहों में ले लिया।
रेणू भी मुझसे बेझिझक लिपट गई, मैंने उसका चेहरा हाथों में लेकर होठों पर होंठ रख दिये। रेणू ने पूरा साथ दिया और मेरे होंठ चूसने लगी। मेरे हाथ उसके जिस्म से खेलने लगे, रेणू ने खुद ही अपने ट्रेक सूट के अप्पर की ज़िप खोल दी।
कमाल के मम्मे थे उसके, आम की शेप के और सख्त। मैंने बिना देर किये उसके मम्मे चूसने शुरु कर दिये, उसके मुँह से आह ऊह की आवाज़ें आने लगी। रेणू का हाथ मेरी पैंट की ज़िप पर था।
उसने खुद ज़िप खोल कर मेरा लन्ड बाहर निकाल लिया।
मैं सोफ़े पर लेट गया और रेणू ने पागलों की तरह मेरे 8 इन्च के खड़े लन्ड को बेतहाशा चूसना शुरु कर दिया।
उसने खुद ही अपना अप्पर उतार दिया और मेरी पैन्ट भी उतार दी।
मैंने उसके बालों में लगा क्लिप भी खोल दिया।
खुले बालों में वो और भी सेक्सी लग रही थी।
अब मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिये।
रेणू बेडरूम से कम्बल ले आई और हम ड्राईंगरूम के दीवान पर चले गये। अब मैंने उसका लोअर और पेंटी भी उतार दी और अपने हाथ से उसकी चूत को मसलने लगा।
रेणू की सीत्कारों ने माहौल को और सेक्सी बना दिया, मैंने अपनी 2 उन्गलियाँ उसकी चूत में डाल दी। उसकी चूत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी। मैंने उसकी टांगें खोलकर उसकी चूत चाटनी शुरु कर दी।
रेणू बोली- रुक जाओ, ऐसे नहीं जानू! मैंने पूछा- फिर कैसे?
वो अन्दर गई और विस्की की बोतल, एक गिलास, पानी और नमकीन ले आई।
उसने खुद मुझे पेग बनाकर दिया और बोली- पहले एक पेग लगाओ फिर मेरी फ़ुद्दी पे विस्की डालकर चाटो और चूसो।
मैंने उसको भी पेग लगाने को कहा लेकिन उसने मना कर दिया।
मैंने उसकी चूत पर विस्की डाली तो उसे जलन महसूस हुई, उसने कहा- जल रहा है, जल्दी से चाट कर साफ़ करो!
मैं चाटने लगा।
रेणू बोली- चूसो ज़ोर से, अन्दर तक ज़ुबान डालो।
मुझे एक तो शराब का नशा और दूसरा सेक्सी चूत का, उसकी चूत बहुत टाईट थी क्योंकि उसका बेटा सीज़ेरियन यानि बड़े आप्रेशन से हुआ था।
रेणू बोली- अब नहीं रहा जा रहा जानू, डाल दो अन्दर। मैंने पूछा- क्या डाल दूँ और किसमें! तो रेणू बोली- अपना लन्ड डालो जल्दी मेरी फ़ुद्दी में।
मैंने उसकी टांगें अपने कन्धों पे रखकर उसकी चूत में डाल दिया। इस बीच मैं उसके मम्मे भी ज़ोर से मसलता रहा।
रेणू के मुँह से सेक्सी आवाज़ें तेज़ हो गई, कहने लगी- और तेज़ और ज़ोर से करो जानू, और तेज़। फिर मैंने उसको घोड़ी बना लिया और पुरज़ोर से उसको चोदा। वो 15 मिनट में झड़ गई, इसके बाद मेरा भी छूटने वाला हो गया और मैंने रेणू के मम्मों पर डिस्चार्ज कर दिया।
इसके 20 मिनट बाद मैंने उसको रसोई में शेल्फ़ पर बिठाकर आधे घन्टे तक तसल्ली से फिर से चोदा। रेणू ने बताया कि वो 3 बार झड़ चुकी है।
बाद में रेणू ने मुझे खाना खिलाया और उसके होंठों पर गहरा चुम्बन करके मैं अपने घर चला आया। इसके बाद जब भी मौका मिला मैंने रेणू की कई बार चुदाई की।
मार्च में उसके पति ने चन्डीगढ़ में घर ले लिया और वो वहाँ शिफ़्ट हो गये। इसके बाद कई बार मेरा चन्डीगढ़ जाना हुआ और मैंने वहाँ भी रेणू को चोदा!
एक साल से मैं चन्डीगढ़ नहीं गया लेकिन रेणू से मेरी फोन पर बात होती रहती है और हम फोन सेक्स भी कर लेते हैं।
मेरी चुदाई की कहानी बिल्कुल सच्ची है, आपको कैसी लगी ज़रूर बताना। [email protected]
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000