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नमस्कार दोस्तो, आज मेरी इस सेक्स कहानी का अगला पार्ट आपकी सेवा में हाजिर कर रहा हूँ.
अब तक आप लोगों ने पढ़ा था कि कैसे मेरे और मामी के बीच बातचीत होना शुरू हुई और मेरे मामा की सूरत से नौकरी छूटने के बाद वो दिल्ली आ गईं. फिर कैसे मैं उनके फ्लैट किसी काम से गया. मामी मुझे बिस्तर पर बिठा कर मेरे सामने कोल्डड्रिंक और नमकीन रख कर नहाने चली गई थीं.
अब आगे:
मुझे उनके बिस्तर से उनके ही बदन की खुशबू आ रही थी. थोड़ी देर बाद वाशरूम से पानी के गिरने की आवाज आ रही थी. मैं समझ चुका था कि मामी नंगी होकर नहाने लगी हैं. नंगी मामी के बदन का सोच कर मेरा हथियार अंगड़ाई लेने लगा. मेरा वॉशरूम में झांकने का मन हुआ, पर एक अनजाना सा डर भी लग रहा था.
फिर मुझे ध्यान आया कि मामी से डरना कैसा … नाराज हुईं, तो पैर पकड़ लूंगा.
ये सोच कर मैं उठ गया और मैंने धीरे से वॉशरूम के पास जाकर उसके दरवाजे की एक झिरी से अन्दर देखने की कोशिश की. मुझे अन्दर हल्का हल्का ही नज़र आ रहा था. धीरे धीरे मुझे अन्दर की सब कहानी समझ आने लगी.
मैंने देखा कि मामी सामने ही मिरर के सामने एक स्टूल पर बैठ कर अपने नीचे कुछ कर रही थीं. अचानक मुझे उनके हाथ में शेविंग ब्रश और मामा का शेविंग रेज़र दिखा. मुझे ये समझते देर ना लगी कि मामी अपने नीचे चुत की शेविंग कर रही हैं.
मैं उनको लगातार झिरी से देखे ही जा रहा था.
थोड़ी देर बाद मामी वहां से हटीं और नहाने लगीं. मामी अन्दर पूरी नंगी नहा रही थीं और वो दरवाजे की तरफ ही देख कर अपने चुचे मसल रही थीं. वो अपनी टांगें फैला कर चिकनी चुत में उंगली कर रही थीं. शायद मामी को पता चल चुका था कि मैं उनको झिरी से देख रहा हूँ.
फिर थोड़ी देर बाद मामी ने ये सब कुछ करना बंद किया और नहाने लगीं. पर इतना देखने में मेरा तो बिलकुल ही बुरा हाल हो चुका था. मेरा लंड तो आज मानो दस इंच का हो चुका था … क्योंकि इससे पहले मैंने सिर्फ़ ब्लू फिल्म में ही चुत देखी थी, पर आज मामी की चुत थोड़ी दूर से ही सही, पर रियल में देख ली थी.
कुछ देर बाद मैं बिस्तर पर आकर लेट गया. एक मिनट देर बाद वॉशरूम का दरवाजा खुला और अन्दर से मामी निकल कर बाहर आ गईं.
मामी जैसे ही बाहर आईं … पूरा रूम मानो खुशबू से भर गया था. मामी ने केवल काले रंग की ब्रा और काले रंग का पेटीकोट पहना था. उनका ये पेटीकोट उनकी ब्रा के ऊपर तक चढ़ा हुआ था जिससे उनकी गोरी पिंडलियां मुझे उत्तेजित कर रही थीं. मामी मुझे एक अलग ही नजर से देख रही थीं.
मैं मामी को देख कर मुस्कुरा दिया. मामी इठलाते हुए अपने बालों को झाड़ने लगी और मुझसे बात करते हुए पूछने लगीं- और बताओ अतुल … मम्मी पापा कैसे हैं … और घर में सब कैसा चल रहा है? मैंने हल्के से मुस्कुराते हुए बोला- सब ठीक ही चल रहा है मामी.
हम दोनों ऐसे ही बात करने करने लगे.
अचानक ही मामी ने कहा- अरे ये क्या … तुमने कोल्ड ड्रिंक और नमकीन नहीं लिया? मैंने कहा- हां मामी बस खा ही रहा था.
अचानक मामी ने पेटीकोट नीचे करते हुए मुझसे कहा- अतुल ज़रा मेरी ब्रा के सभी हुक सही से लगा देना प्लीज़! ये बोलते हुए शीशे से ही मामी मुझे इशारे से अपने करीब बुलाने लगीं.
उस वक़्त मैं खड़ा होने की सिचुयेशन में नहीं था … क्योंकि मेरा लंड मेरे पैंट में ही तम्बू बना रहा था. फिर भी मैं खड़ा होकर मामी के सामने आ गया. मैं समझ गया कि मामी शीशे में से ही मेरे खड़े होते लंड को देख रही हैं.
मैंने मामी के ब्रा के हुक को पकड़ा तो दोस्तो पूछो मत … मेरी कितनी बुरी हालत हो गई थी. मामी के सिर के बाल मेरी नाक को छू रहे थे … और उनके बदन की खुशबू मानो मुझे पागल कर रही थी.
मैंने महसूस किया कि मामी थोड़ा पीछे होकर मेरे लंड से अपनी गांड को टच कर रही हैं. मैं थोड़ा पीछे हो गया और मामी की ब्रा के हुक लगाने लगा.
लेकिन मेरे पीछे होते ही मामी ने भी थोड़ा पीछे होकर मेरे लंड से अपने गांड की दरार को टच किया.
ये सब देखकर तो अब मैं भी नहीं रुका. मैंने उनके दो हुक बंद करते हुए अपने लंड को भी हल्का सा उनकी गांड की दरार में सटा दिया. मेरा लंड मानो फटने को रेडी हो गया था … जैसे अभी तुरंत ही पानी छोड़ देगा. मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मेरे लंड की नसें फट जाएंगी.
मुझे ब्रा के हुक का ध्यान ही नहीं रहा. मैंने आगे हाथ करते हुए हल्के से मामी के चूचों को दबा दिया और उनकी गर्दन पर पीछे से किस किया.
मामी तो मानो इस सबके के लिए जैसे पहले से ही तैयार थीं. मामी ने मेरी गर्दन पकड़ ली और अपनी गर्दन पर फिराने लगीं.
ये होते ही मेरे अन्दर से सारी शर्म-हया निकल चुकी थी. मैंने मामी को उनके पेटीकोट पर से ही रगड़ना चालू कर दिया. उनकी ब्रा, जिसके अभी दो हुक भी सही से नहीं बंधे थे … मैंने उसको उतार कर फेंक दिया. मामी मेरे सामने सिर्फ़ पेटीकोट में खड़ी थीं और मैं मामी के सामने अपने जींस टी-शर्ट में था.
मामी ने पलट कर मुझे पागलों की तरह अपनी बांहों में भर लिया और किस करने लगी थीं. मैं भी मामी को पागलों की तरह चाट रहा था.
कोई 5 मिनट की चूमा चाटी के बाद मामी ने मुझे पलंग पर धक्का दे दिया और मेरी जींस निकालने लगीं. मैंने अपनी टी-शर्ट निकाली और जींस भी खोल दी. मैं मामी के सामने सिर्फ़ अंडरवियर में पड़ा था. मामी मेरे सामने सिर्फ़ पेटीकोट में खड़ी थीं. उनकी आंखों में एक मर्दखोर औरत की वासना की लालिमा साफ़ दिख रही थी.
मैं उनके चूचों को सिर्फ सपनों में ही देख कर चूसता था, पर आज मुझे यकीन ही नहीं हो रहा था कि असलियत में मेरे सामने उनके नंगे तने हुए चुचे हैं.
उनके बड़े बड़े चुचे देख कर मेरे मुँह में पानी भर आया. मैंने आव देखा … न ताव … बस उनको अपने ऊपर खींच कर उनके चूचों पर झपट पड़ा. मैंने एक को मुँह में ले लिया और पीने लगा … दूसरे को दबाने लगा.
मामी भी मेरा खूब साथ दे रही थीं. वो मादक सिसकारियां निकाल निकाल कर कहे जा रही थीं- आंह … आह … हां पी ले … आम का रस जितना पीना है … चूस ले..
कुछ देर तक मैं उनको ऐसे ही किस करता रहा और उनके चुचे चूसता रहा. अब मुझे मामी की चुत देखनी थी … तो मैंने मामी से कहा कि मामी अपना पेटीकोट उतारो ना … मुझे आपकी क्लीन शेव्ड चुत देखनी है.
मामी ने मेरी तरफ देखते हुए मुस्कुराते हुए देखा और ये बोलते हुए पेटीकोट उतारने लगीं कि मुझे मालूम था कि तू मुझे वाशरूम के दरवाजे की झिरी से देख रहा है.
फिर कुछ ही पलों में मामी मेरे सामने नंगी खड़ी थीं. आज पहली बार मैंने किसी औरत की चुत लाइव देखी थी. उनकी चुत इतनी गुलाबी थी … मानो मामी ने अपनी चुत में गुलाबी लिपस्टिक लगा रखी हो.
मैंने मामी की चुत पर नाक को रखा और उसको सूंघने लगा. दोस्तों मैं बता नहीं सकता कि मामी की चुत से क्या मस्त खुशबू आ रही थी.
मामी ने भी मुझसे ज़िद की- तू भी मुझे अपना 9 इंच का सांप दिखा न! बस फिर क्या था … मैंने लंड सहलाते हुए कहा- ढक्कन खोल लो मामी … आपका सांप नीचे खड़ा खड़ा फुंफकार रहा है.
मामी ने मुस्कुराते हुए मेरे लंड को अंडरवियर से सहलाया और अगले ही मेरा अंडरवियर मेरे बदन से अलग नीचे फर्श पर पड़ा था. मेरा 9 इंच का लौड़ा खुले में हाहाकार मचा रहा था. मेरा 9 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा लंड उनकी आंखों के सामने फड़फड़ा रहा था
मेरे लपलपाते लंड को देखकर मामी वासना भरी आंखों से बोलीं- हाई रे. … सच में ये तो 9 इंच से कम नहीं है.
बस ये कहते हुए मामी ने मेरा लंड अपने हाथ में ले लिया. वो बोलीं कि हाई कितना कड़क है ये … मैंने तो पहले बार इतना सख्त केला देखा है. मैंने कहा- केला खा लो मामी … आपके लिए ही छीला है.
मेरे ये बोलते ही मामी ने मेरा लंड पूरा का पूरा अपने मुँह में ले लिया.
आह दोस्तो … मैं बता नहीं सकता कि उस टाइम मुझे कितना मजा आ रहा था.
कुछ पल लंड चूसने के बाद मामी ने मेरी आंखों में झांका, तो मैंने उनकी चुत चूसने के लिए कहा. फिर हम दोनों 69 की पोज़िशन में आ गए और एक दूसरे का आइटम चूसने-चाटने लगे. मैं कभी मामी की चुत चाटता, तो कभी मामी के चुचे दबाता. कभी मामी को जांघ पर किस करता. मामी भी मेरा खूब साथ दे रही थीं.
ये करते करते हम दोनों को लगभग बीस मिनट हो चुके थे और अब मैं झड़ने वाला भी था. मैंने उनसे कहा- मैं झड़ने वाला हूँ. मामी बोलीं- मेरे मुँह में ही झाड़ दे … कितने साल हो गए ये अमृत पिए.
मैंने मामी के मुँह में ही लंड का पानी झाड़ दिया. मामी ने भी मेरा लंड अपने जीभ से पूरा साफ कर दिया. मामी भी झड़ चुकी थीं … मैंने भी उनकी चुत का नमकीन अमृत चाट लिया था.
कुछ देर हम दोनों ऐसे ही नंगे एक दूसरे पर ऊपर पड़े रहे और मामी मुझसे कहती रहीं कि आज ना जाने कितने सालों बाद मुझे बहुत अच्छा लग रहा है. अब तुम्हारे मामा का तो खड़ा भी नहीं होता. मैंने मामी के माथे पर चूमते हुए कहा- कोई बात नहीं मामी … आपका ये भांजा आपकी सेवा में हमेशा हाज़िर रहेगा.
फिर मैंने घड़ी की तरफ देखा. अभी सिर्फ़ 12:30 ही हुए थे. हम दोनों ने एक दूसरे को किस करना चालू कर दिया.
मैंने मामी को बिस्तर पर लिटा दिया और फ़्रिज़ से एक आइसक्यूब लाकर उनके होंठों से लेकर उनके पैरों तक उस आइसक्यूब को अपने मुँह में लेकर फिराया. फिर उनकी चुत पर जाकर उस आइसक्यूब को वहां पूरा पिघला दिया.
मामी अपनी गर्म चुत पर ठंडे बर्फ के टुकड़े से मचल उठी थीं.
इसके बाद मैंने उनकी बगलों को चाटना चालू किया. धीरे धीरे मैंने मामी के पूरे जिस्म को चाटा.
दोस्तो, मैं आपको बता नहीं सकता कि मुझे उनके जिस्म को चाटने में कितना मजा आ रहा था. वो भी कामातुर रांड की तरह मेरा पूरा साथ दे रही थीं.
थोड़ी देर बाद मामी बोलीं- अब अतुल मुझसे रहा नहीं जा रहा है … अपने इस लंड को मेरी चुत में पूरा डाल दो.
मैंने उनकी चुत में अपनी एक उंगली डाली. उनकी चुत फिर से पूरी गीली हो चुकी थी. मेरी उंगली तुरंत अन्दर तक चली गई. फिर भी मैंने अपने लंड का आकर देखते हुए थोड़ा तेल लिया और अपने लंड के सुपारे पर लगा लिया. थोड़ा तेल मामी की चुत के अन्दर भी मल दिया.
फिर मैंने मामी को चुदाई की पोजीशन में लिटा दिया और उनकी कमर के नीचे एक तकिया लगा दिया, जिससे उनकी चुत अब पूरा खुले में सामने थी.
मैंने अपने लंड के सुपारे को उनकी चुत के मुँह पर लगाया. फिर मामी को अपनी भुजाओं में कस कर दबा लिया और मामी से पूछा- डाल दूँ मामी? मामी ने आह भरते हुए कहा- पगले देर मत कर. … एक ही बार में पूरा का पूरा लंड डाल दे … फाड़ दे मेरी चुत आज … आज खून निकाल दे इसमें से … आज पूरी की पूरी प्यास बुझा दे अपनी मामी की.
ये सुनते ही में एक पूरी ताक़त लगा कर ज़ोर से धक्का मारा. मेरा लंड मामी की चुत को चीरता हुआ उनके अन्दर चला गया. मामी के मुँह से चीख निकल गई और वो छटपटाने लगीं ‘आआह … आआह … मर गई..’
मामी चीखते हुए सीधा मेरे गले से लग गईं. मेरा लंड अब भी मामी की चुत में था और मामी की मादक सिसकारियां चीखों के मानिंद निकल रही थीं. इस वक्त रूम का दरवाजा बंद होने के कारण आवाज़ अन्दर तक ही थी. मैंने मामी को कस कर पकड़ कर अपनी बांहों में भर रखा था.
मैंने मामी को देखा, तो उनकी आंखों से थोड़े आंसू निकल रहे थे. लेकिन फिर भी वो लंड को बाहर निकालने को नहीं कह रही थीं.
मैंने धीरे धीरे अपनी कमर आगे-पीछे करनी चालू की और मामी ने भी अपनी कमर आगे-पीछे करनी चालू कर दी.
अब मुझे लग रहा था जैसे मुझसे ज़्यादा मजा मामी को आ रहा है. इसलिए तो आंखों से आंसू निकलने के बाद भी वो मुझसे लंड को बाहर निकालने को नहीं कह रही थीं.
मैंने अपनी कमर को कुछ तेजी से आगे-पीछे करनी चालू कर दी. मामी ने भी अपनी दांतों को भींचते हुए अपनी चुत में मेरे लंड को लेना शुरू कर दिया था.
तो दोस्तो, मेरी मामी की सेक्स स्टोरी पर आप अपना सुझाव मुझे जरूर भेजें. [email protected]
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