This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000
प्रेषक : मुकेश कुमार
मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ और कई बार रस भरी कहानियाँ पढ़ कर मुट्ठ मारी है, पर कहानी नहीं आपबीती आज पहली बार लिख रहा हूँ। आशा करता हूँ पाठकों को पसंद आएगी।
मैं 30 वर्ष का अविवाहित जवान हूँ और मेरा लौड़ा मस्त मोटा 8″ का है। ऐसा मैं नहीं वो औरतें कहती हैं जिन्हें मैंने चोदा है।
मैं दिखने में कुछ खास नहीं हूँ इसलिए पहलें औरते मेरे को मौका नहीं देती थी पर एक बार चुदवाने के बाद बार बार याद करती हैं। मैं मुंबई में रहता हूँ। आज तक करीब 75-80 को चोद चुका हूँ इनमें बहुत सी रंडियाँ भी हैं।
आज मैं अपनी पहली चुदाई की दास्ताँ बयां कर रहा हूँ।
मैं नौकरी की तलाश में मुंबई आया था और जगह जगह इंटरव्यू दे रहा था। इधर उधर बस या ट्रेन में ही सफ़र करता था। मुंबई की गर्मी में पसीना भी बहुत आता था। एक शाम घर लौटते वक़्त एक ब्यूटी पार्लर दिखा लेडीज एंड जेंट्स वाला तो घुस गया, सोचा सर की मालिश करा लूँ।
अन्दर गया तो मस्त ऐ सी चल रहा था और पार्लर खाली था। मैं बोला- भाई थका हूँ, चम्पी कर दो !
तो पार्लर वाला बोला- भाई बॉडी मसाज़ करा लो लेडीज से।
मैं 21 साल का लौंडा था, मन हुआ लेकिन जेब का भी ख्याल रखना था। खैर मोल भाव कर हाफ बॉडी और हैण्ड शेक के लिए अन्दर गया तो एक अधेड़ उम्र की महिला मगर सजी संवरी ने हाथ पकड़ कर खींच लिया। उसने पीला स्लीवलेस सलवार कमीज़ पहना था, चुन्नी साइड में कुर्सी पर पड़ी थी, लो कट की वजह से बड़े बड़े मम्मों के बीच का गलियारा दिख रहा था और खींचते ही गले लगा लिया पहली बार किसी औरत ने ऐसा किया था। अपना लौड़ा तो टन तन्नात हो गया।
उस औरत ने समझ लिया कि मैं नौसिखिया हूँ, फटा फट हैण्ड शेक किया। उसने कमीज़ उठा कर एक बोबा मेरे मुँह में दे दिया और मैं तुरंत ही झड़ गया।
वह बोली- फिर आना, और बहुत कुछ दूंगी !
कहने के साथ ही मेरा हाथ लेकर चूत की जगह पर लगा दिया सलवार के ऊपर ही। यह इसलिए बता रहा हूँ कि यहाँ से मुझे सेक्स की प्यास लग गई, सोच लिया कि नौकरी लगते ही इस रंडी को चोदूँगा।
उस बात को एक हफ्ता बीत गया। हर दिन उस एक मम्मे पर मूट मारी।
फिर एक बार इंटरव्यू के लिए एक दफ़्तर में बैठा था तो रिसेप्शनिस्ट बहुत माल थी, वह भी मुझे देख कर मुस्करा देती। उसका नाम कैरोल था।
बहरहाल कैरोल के साथ की चुदाई की कहानी कभी और क्यूंकि कैरोल के साथ के लम्हे बहुत हसीं थे। पर शायद कैरोल की मुस्कान की वजह से मुझे उस कंपनी में नौकरी मिल गई। या यूँ कहिये उस नौकरी की वजह से बाद में कैरोल मिली। उसके साथ के लम्हें बहुत हसीं थे पर परिणीति दुखद। पर जैसा मैंने कहा वह संस्मरण कभी और।
यूँ तो अभी तक सिर्फ नौकरी की हामी ही हुई थी, अपॉइंटमेंट लैटर भी नहीं मिला था तनख्वाह तो बहुत दूर की बात थी पर निकलते ही नौकरी पाने की ख़ुशी और कैरोल की मुस्कान से मुझे अपने आपसे किया वादा याद आया और मैं सीधा पार्लर पहुँच गया। पर सोमवार था पार्लर बंद।
बस में आते हुए चोदने की सोच से ही चड्डी गीली हो गई थी। उत्तेजना में मर्दों के लंड से जो चिपचिपा द्रव्य निकलता है उससे।
यहाँ आकर बंद। Monday Closed लिखा देख मायूस हो गया। सोचा फिर हाथ से करना पड़ेगा और मुँह लटका कर चलने लगा।
मैं वहीं से चने लेकर खा रहा था, तभी नज़र शृंगार ब्यूटी पार्लर लेडीज एंड जेन्ट्स पर पड़ी। Monday Closed भी नहीं लिखा था पर दुकान की जगह घर जैसा था। दोपहर का वक़्त था। दरवाजा बंद था।
घंटी बजाई तो एक आदमी ने खोला- क्या चहिये?
“फ़ुल बॉडी मसाज़ कराना है।” मैंने कहा।
“अन्दर आ जाओ !”
अन्दर आने पर देखा 3-4 लड़कियाँ लेटी हुई थी, कपड़े भी ठीक से नहीं पहने थे।
“इस समय पर कोई ग्राहक नहीं आता, क्या करना है? यहाँ सब होता है फ़्रेंच, सेक्स, हैण्ड शेक सब !”
“मुझे चोदना है, कंडोम मिलेगा?”
“मिलेगा, पहले लड़की तो पसंद कर लो।”
फिर भाव तय हो गया आज मैंने कोई कंजूसी नहीं की। उसने लड़कियों को बुलाया तो करीब 10-12 आ गई, वो 4 भी थी जो बाहर ऊंघ रही थी पर अब कपड़े ठीक करके आई।
मैंने पीली साड़ी, हरे ब्लाउज वाली को पसंद किया। पीली साड़ी थी इसलिए नहीं कि पीली सलवार वाली ने आग लगाई तो पीली साड़ी वाली बुझायेगी, पर इसलिए कि वो गोरी और सुंदर थी, साथ ही सिर्फ वो ही हिन्दुस्तानी लिबास में थी, इसलिए रांड नहीं दिख रही थी।
फिर वो भड़वा मुझे एक छोटे से कमरे में ले गया और इंतज़ार करने बोला, साथ ही कंडोम का पैकेट थमा गया।
मैंने सिगरेट निकाल ली तो माचिस भी दे गया। सिगरेट के दो कश ही लिए कि वो आ गई उसने अपना नाम मधु शर्मा बताया।
“मैं मुकेश कुमार हूँ।” कहते हुए सिगरेट उसकी तरफ बढ़ा दी। उसने भी दो लम्बे कश लिए और धुंआ मेरे मुँह पर छोड़ते हुए मेरे करीब आ गई, सिगरेट ने दूरी मिटा दी।
हम आलिंगनबद्ध हो गये, और वो बोली- कपड़े उतार दो।
मैंने अपनी शर्ट पैंट खोल कर लटका दी और वो सिगारेट पीती रही। फिर पल्लू हटा कर साड़ी गिरा दी। उसने पेटिकोट नहीं पहन रखा था। साड़ी एक डोर पर बंधी थी, नीचे भूरी चड्डी पहन रखी थी। फिर हरा ब्लाउज भी हटाया तो उसके भूरी ब्रा भी थी, उसके बड़े बड़े चुच्चे नहीं छिप पा रहे थे।
मेरा लौड़ा तो उसके दूध तो सलामी देने लगा और तन कर चूत की तरफ इशारा करने लगा।
“अपनी चड्डी उतार दो राजा !”
“तुम ही उतार दो !” उसने बाहर से ही लंड को सहलाया और मेरी चड्डी उतार कर नंगा कर दिया।
मैंने भी उसकी ब्रा उतार कर उसके बोबे आज़ाद किये, हाथ में लेकर मसलने लगा। पहली बार एक औरत के चुचे मसल रहा था, इतने बड़े थे कि हाथ में पूरे भी नहीं आ रहे थे।हम फिर आलिंगन बद्ध हो गये, उसके गोरे बोबे मेरी छाती पर गुदगुदी कर रहे थे। दोनों हाथो से मैं उसकी पीठ सहला रहा था, फिर हाथ चूतड़ों की ओर सरक गए।
मेरा लंड से फिर चिपचिपा पदार्थ निकल रहा था जो मधु के पेट और नाभि को गीला कर रहा था। वो भी एक हाथ से मेरे लंड को सहला रही थी तो कभी मेरी आण्डों को मसल रही थी। दूसरा हाथ मेरे बालों में फेर कर मेरे होटों से होंट लगा कर चूमने लगी। फिर मेरे मुंह में अपनी जुबान डाल दी उसका सिगरेट के मस्त स्वाद वाला थूक मेरे मुँह में घुल गया।
फिर उसी जुबान में मेरी जुबान लपेट कर अपने मुँह में ले गई और लॉलीपॉप के जैसे चूसने लगी।
मैंने उसकी चड्डी उतार दी और उसकी गांड पर हाथ फेरने लगा। उसने मुझे मना किया और हाथ गांड से हटा कर चूत पर लगा दिया। मैं भी मस्त होकर अब उसके चूचे चूसने लगा। गोरे गोरे उरोजों पर गहरे भूरे निप्पल मस्त थे। मेरे लिए तो पहली बार था, पहली ही बार में जो रांड मिली, एकदम पटाखा थी और क्यूंकि धन्धे का वक़्त नहीं था तो मजे भी पूरे दे रही थी।
मैं बारी बारी उसके दोनों बोबे चूस रहा था और बीच में चूमाचाटी भी कर रहा था। फिर वो घुटनों के बल बैठ कर मेरा लंड चूसने लगी। दोस्तो, वो पहली बार की चुसाई आज तक दिल में है। मेरा पूरा लौड़ा उसके मुंह की गर्मी और गीलेपन से नहा रहा था कि पिचकारी चल गई उसके मुंह में। यह इतना यकायक हुआ कि वो संभल पाती उससे पहले बहुत सा वीर्य गटक गई।
फिर गुस्से से उठी, बोली- साले पहली बार करा रहा है? इसका एक्स्ट्रा पेमेंट होगा।
मैं तो उसके यौवन की नैया पर वासना के सागर में गोते लगा रहा था, झट से हाँ कर दी।
मधु ने फिर लौड़ा चूस कर साफ़ किया और बोली- एक सिगारेट और पीते हैं और फिर तेरे को गर्म करती हूँ। भोंसड़ी के, इस बार चूत मारना !
मैंने सिगरेट निकाली और जला कर रंडी को दे दी, फिर मैं पलंग पर बैठ गया। मधु मेरी गोद में बैठ गई और लंबा कश लेकर मुझे दे दी और एक हाथ से मेरे सोये लंड और अनिल-सुनील के साथ खेलने लगी। मैंने भी कश लगाया और उसके चुचे दबाने लगा।बीच बीच में उसकी फुद्दी में उंगली कर रहा था। तभी भगनासा हाथ लग गई तो मैं उसे रगड़ने लगा। चुंकि मेरा पहली बार था, इस लिए नहीं मालूम था कि क्या होता है।
मधु तो एकदम तड़प गई और उसकी चूत पानी छोड़ने लगी- साले चोदू गजब है, रांड को भी गरम कर सकता है, फिर पहले कैसे झड़ गया था? चल अब मत तड़पा चोद डाल !
मधु गोद से उठी और चुदाने के लिए लेट गई। पर मुझे मस्ती चढ़ गई थी मैंने उसके टाँगें अलग करी और चिकनी चूत को चाटने लगा। अपनी जुबान चूत की अन्दर घुमाने लगा, पहली बार चूत का पानी का स्वाद चखा नमकीन था पर उसकी महक मदहोश करने वाली थी।
मधु भी तड़प रही थी और “आ आ आह आह … मत तड़पा साले उह उह आह … भेनचोद अब चोद आ आ आह …” चिल्ला रही थी। बार बार गांड उठा कर अकड़ रही थी।
अब तो विनती कर रही थी।
बोला- पहले लंड चूस !
और घूम कर उसकी चूचियों पर बैठ गया।
वो तो पागल हो रही थी मेरी गांड चाटने लगी। मैं अब भी चूत चाट रहा था, घुटनों के बल उठा तो मेरा लंड उसने मुह में ले लिया और पागल की तरह चूसने लगी फिर गांड चाटी।
पांच मिनट के बाद पलटा उसके बड़े बड़े चुचे को हाथ से मिला कर बनी सुरंग में अपना लौड़ा चला दिया। मधु भी कुतिया की तरह जबान लटका कर चाट लेती।
“देख राजा, जल्दी चोद, नहीं तो टाइम हो जायेगा।”
फिर मैंने अपना लंड चूत के द्वार पर रखा और एक धक्के में घुसा दिया। चूंकि चूत और लंड दोनों गीले थे इसलिए कोई तकलीफ नहीं हुई। फिर तो मेरा 8 इंची पहली बार चूत की गर्मी और चूत रस में धकाधक कर रहा था। मधु फिर अकड़ गई और झड़ गई। उसके रस के कारण फच फच की आवाज़ आने लगी।
चुदाई के समय मधु के मम्मे जोर जोर से हिल रहे थे। दोस्तो, यह इसलिए कह रहा हूँ क्यूँकि बाद में भी चोदते वक़्त चूचों का हिलना देखना मुझे बहुत उत्तेजित करता है।
थोड़ी देर और जल्दी जल्दी लौड़ा चलाने के बाद मैं झड़ गया और गरम वीर्य कंडोम में मधु की चूत में भर गया।
मैं निढाल हो उसकी छाती पर गिर गया। पर वो तो आखिर रंडी थी दो मिनट के बाद अपने ऊपर से बिस्तर पर धकेल दिया, टिश्यू पेपर से कंडोम निकाला, डिटोल के पानी से साफ़ किया और अपने कपड़े पहनने लगी।
मैं उठा, कपड़े पहने तो वो फिर गर्लफ्रेंड की तरह छेड़ने लगी,”मज़ा आया?”
“हाँ !”
“राजा फिर आना, अलग अलग मज़े दूंगी, गांड भी मारना !”
फिर मैंने गुडविल दी, जिसे उसने अपने मम्मे बैंक में जमा कर दिया, दरवाजा खोलने से पहले एक चुम्बन दिया, गले मिली और पैंट में लंड को सहला दिया।
तब तक हैप्पी चोदिंग !
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000