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दोस्तो, मैं आपके सामने एक सच्ची घटना रखने जा रही हूँ, मेरा नाम सायरा खान है, मैं एक मुस्लिम परिवार से हूँ. मेरी उमर बीस साल है, रंग गोरा, काले बाल और फिगर 34-25-36 है. मैं बी.ए. फर्स्ट इयर की छात्रा हूँ, पढ़ने में काफी अच्छी हूँ इसलिय मेरे अम्मी-अब्बू मुझे आगे भी पढ़ाना चाहते हैं. मैं काफी खुशमिजाज़ और खुले विचारों वाली एक जिंदादिल लड़की हूँ.
तो दोस्तो, यह तो हुआ मेरे बारे में, चलिए अब मैं आप को घटना के बारे में बताती हूँ, बात 16 दिसम्बर की है, मैं अपनी एक सहेली के घर पर थी, जिसका नाम सोनिया है, सोनिया और मैं कहने को तो सहेलियाँ हैं, पर हकीकत कुछ और ही है, सोनिया के घर पर उसके जन्मदिन की पार्टी थी.
पार्टी कोई ज्यदा बड़ी नहीं थी इसलिए वहाँ पर सिर्फ कॉलेज के हमारे कुछ साथी ही थे, पिंकी, स्वाति, सोनम, मोनिका, मोनिका का भाई अंकुर जो हमारे साथ ही कॉलेज में है, सोनिया का भाई दीपक, मनीषा और प्रिया.
दीपक मुझसे कई बार अपने प्यार का इज़हार कर चुका है, पर हर बार मैंने उसे मना कर दिया, क्योकि वो पढ़ने में अच्छा नहीं है, सिर्फ लड़कीबाज़ी में लगा रहता है.
हम सभी लोग काफी मज़े कर रहे थे कि तभी मैंने देखा कि सोनिया सबको अपनी स्पोर्ट्स में जीती हुई ट्रॉफियाँ दिखाने लगी और अपने बारे में बड़ी बड़ी बातें कर रही थी.
यह सब देख कर मुझे से रहा नहीं गया क्योंकि मैं भी बास्केट बाल चैम्प व टीम की कप्तान रह चुकी हूँ. मैं सोनिया के पास गई और अपनी स्पोर्ट्स में जीती ट्रॉफी के बारे में बताने लगी. कुछ देर तक तो सब ठीकठाक रहा, उसके बाद हम दोनों खुद को एक दूसरे से बेहतर और बड़ी खिलाड़िन जताने की कोशिश करने लगी.
फिर एकदम से सोनिया ने कहा कि वो अभी भी मुझे से ज्यादा पुश-अप कर सकती है.
क्योंकि मैं अभी भी कभी कभार बास्केटबाल खेल लेती हूँ, और रोज सवेरे दोड़ती हूँ, इसलिए मैंने भी कहा- मैं तुम्हें दौड़ में हरा सकती हूँ.
तभी प्रिया बोल पड़ी- अगर ऐसी बात है तो देख ही लेते हैं कि तुम दोनों में से कौन बेहतर है, तुम दोनों ही यहाँ मौजूद हो तो मुकाबला हो जाए तुम दोनों के बीच में! जो जीतेगी वो ही सबसे बड़ी खिलाड़ी मानी जायेगी.
हम सबने मिल कर तय किया कि जो सबसे ज्यदा पुश अप करेगा वो जीत जायेगा, क्योंकि मुझे अपने आप पर पूरा भरोसा था इसलिए मैं पुशअप के लिए मान गई, साथ ही में सोनिया को उसी के खेल में हराना चाहती थी.
तभी स्वाति ने कहा कि जब प्रतियोगिता हो रही है तो इनाम भी होना चाहिए.
तो इनाम के तौर पर यह तय हुआ कि सायरा खान और सोनिया कपूर में से जो हारेगा, उसे जीतने वाली की बात माननी पड़ेगी.
हम दोनों ही इस बात पर राजी हो गईं. इसके बाद हम दोनों ने पुश अप करने शुरू कर दिए, शुरुआत में तो हम दोनों ही काफी अच्छा कर रही थी, लेकिन 30 के बाद तो बस मेरी जान ही निकलने को तैयार थी, मैं यही सोच रही थी कि सोनिया हार मान जाये.
हालांकि वो भी थक चुकी थी पर फिर भी रुक नहीं रही थी.
जैसे तैसे हम दोनों ही 40 तक पहुँचीं, उसके बाद 41, 42, 43, 44 और फिर 45, यहाँ 45 पर मेरी हिम्मत जवाब दे गई और मैं रुक गई.
सोनिया ने पूरे 55 पुश अप किये और जीत गई. मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा था कि मैं हार गयी हूँ कि सायरा खान जो कभी भी किसी भी चीज में नहीं हारी, हमेशा ही जीतने वाली सायरा खान आज एक छोटी सी प्रतियोगिता में अपनी सहेली से हार गई.
सोनिया ख़ुशी से नाच रही थी और मैं सोच रही थी कि अब आगे क्या होगा, पता नहीं मुझे क्या करना होगा.
फिर भी मैंने खुद से कहा कि सोनिया मुझे जो भी कहेगी मैं उसे करूँगी क्योंकि मैं हार तो चुकी हूँ और अब यह नहीं चाहती कि सब मुझे डरपोक या वादा फ़रामोश कह कर बुलाएँ.
खैर इसके बाद स्वाति ने मुझसे कहा- क्यों सायरा खान मैडम? अब क्या कहती हो, चलो अब सोनिया जो भी कहेगी, तुम्हें करना पड़ेगा. मैंने कहा- ठीक है, बताओ मुझे क्या करना है? इस पर प्रिया बोली- सायरा जी, पहले तो आप सोनिया से माफ़ी मांगोगी! मैंने सोनिया से कहा- सोनिया, मुझे माफ़ कर दो, तुम मुझसे ज्यादा अच्छी खिलाड़ी हो! सोनिया ने मेरी तरफ देखा और कहा- माफ़ी मांगने का एक तरीका होता है.
मैंने चुप खड़ी थी, फिर मैंने सबके सामने अपने कान पकड़ कर कहा- सोनिया, मुझे माफ़ कर दो!
सोनिया बोली- वो सब तो ठीक है पर सायरा, तेरे चहेरे पर हार की शर्म ठीक से नहीं दिख रही!
मैंने खुद से कहा कि मैं कितनी शर्मिंदा हूँ यह तो मैं ही जानती हूँ, मैंने फिर से कहा- सोनिया, मुझे माफ़ कर दो, मैं बहुत शर्मिंदा हूँ!
सोनिया मेरी तरफ देख कर बोली- सायरा, अपनी जींस उतार!
यह सुनकर मैं एकदम से चौंक गई और हैरान होकर उसकी तरफ देखा, कमरे के बाकी लोग जो मजे से हँस रहे थे, वो भी चौंक गए.
सोनिया ने फिर से कहा- क्या हुआ सायरा? तुझे सुनाई नहीं दिया क्या? मैंने कहा, अभी इसी वक्त अपनी जींस उतार! मैंने कहा- सोनिया, यह क्या कह रही हो? सोनिया बोली- क्या बहरी हो गयी है तू? जींस उतार अभी! मैंने कहा- लेकिन! इतने पर प्रिया बोल पड़ी- सायरा, तुम शर्त हार चुकी हो, इसलिए जो भी सोनिया कहेगी, तुम्हें करना होगा, चल अब जल्दी से अपनी जींस उतार दे.
मैंने थोड़ा सा सख्त होते हुए कहा- ठीक है मैं शर्त हार चुकी हूँ पर इसका मतलब यह नहीं है कि मैं सरेआम सबके सामने अपने कपड़े उतार दूँ, शर्म नाम की भी चीज होती है कुछ, मैं अपनी जींस नहीं उतारूँगी.
तभी सोनिया बोली- साली कुतिया, अब तुझे शर्म आ रही है, पहले तो बहुत बड़ी बड़ी बातें कर रही थी? मैंने कहा- देख सोनिया! और सोनिया ने मुझे चुप कराते हुए कहा- अगर तुझे अपनी मनमानी करनी है तो अभी मेरे घर से निकल जा!
मैं जानती थी कि अगर मैं चली गई तो ये लोग मेरा कॉलेज में जीना मुश्किल कर देंगे. मैंने सोचा कि मेरे पास और कोई चारा भी तो नहीं है सिवाय सोनिया की बात मान कर सबके सामने अपनी जींस उतारने के अलावा.
मैं सोचने लगी कि मैंने पुशअप करने से पहले अपना स्वेटर और जैकेट उतार दिए थे, मेरी टी शर्ट कमर तक ही मेरा बदन छुपा पाती है अगर मैं अपनी जींस उतारती हूँ तो ये सभी लोग मेरी कच्छी (चड्डी) देख लेंगे, हाँलाकि मुझे अपनी कच्छी दिखाने में ज्यादा शर्म महसूस नहीं होती अगर वहाँ पर सिर्फ लड़कियाँ ही होती, लेकिन वहाँ तो दो लड़के भी थे अंकुर और दीपक. अंकुर तो वैसे ही मेरे पीछे पड़ा हुआ है और उसी के सामने अपने कपड़े उतारना, नहीं मैं सोच भी नहीं सकती.
दोनों ही लड़के मेरे ठीक पीछे खड़े थे, सोनिया मेरे सामने, और बाकी लड़कियाँ सोनी के साथ मेरे अगल बगल में. खैर मैंने एक ठंडी साँस लेते हुए कहा- ठीक है सोनिया, तुम जैसे कहोगी, मैं वैसे ही करुँगी, तुम चाहती हो कि मैं सबके सामने अपनी जींस उतारूं, ठीक, मैं अभी अपनी जींस उतार देती हूँ.
फिर मैंने अपना हाथ अपनी नाभि के नीचे जींस के बटन पर लगाया, मुझे यकीन नहीं हो रहा था कि मैं यह कर रही हूँ, सरेआम सबके सामने अपने कपड़े उतार रही हूँ.
जींस का बटन खोल कर मैंने चैन धीरे से नीचे खींचनी शुरू की, सभी लोग बड़ी एकाग्रता से देख रहे थे मेरे जवां जिस्म को नंगा होते हुए.
धीरे से मैंने अपनी जींस को खोलना शुरू की और मेरी लाल रंग की छोटी सी कच्छी सोनिया को दिखने लगी, कच्छी दीखते ही सोनिया के चेहरे पर एक जीत की मुस्कुराहट आ गई.
इसके बाद मैंने जींस को कूल्हों से नीचे खींचना शुरू किया और कच्छी से ढके अपने अधनंगे चूतड़ अंकुर और दीपक को दिखाने शुरु कर दिए, मैं शर्म से गड़ी जा रही थी. मैंने अपनी नंगी गोरी व चिकनी जांघें सबको दिखाते हुए जींस घुटनों से नीचे खींची और टांगों से निकाल कर फर्श पर कुछ दूरी पर फैंक दी.
अब मैं कमरे में सबके सामने बिना जींस के खड़ी थी, मेरी दोनों टांगें पूरी नंगी थी, मेरी छोटी सी लाल कच्छी मेरे चूतड़ भी ठीक से छुपा नहीं पा रही थी.
यह सोच कर कि मुझे इतने लोग इस हालत में देख रहे हैं जिनमें दो लड़के भी हैं, मैं उत्तेजित होने लगी, मुझे अन्दर ही अन्दर इस खेल में मजा आने लगा था.
ऐसा ही कुछ नज़ारा मेरी टांगों के बीच के त्रिकोण का था बहुत ही मुश्किल से मेरी चूत नंगी होने से बची हुई थी, दोनों हाथों से अपनी चूत छुपाने की कोशिश करते हुए मैं आँखें झुकाए सोनिया के सामने खड़ी थी. वो सभी मेरी नंगी शर्म के मज़े ले रहे थे.
तभी सोनिया बोली- सायरा, अब तक कितनों से चुद चुकी है तू?
शर्म के मारे मैं कुछ नहीं बोली, लेकिन सोनिया चुप नहीं हुई, उसने फिर से कहा- क्या हुआ सायरा, बोलती क्यों नहीं कि अब तक कितनों से चुद चुकी है? या तू अभी तक कुंवारी चूत है, बोल ना साली?
और सभी लोग हँसने लगे!
इस पर मैंने कहा- सोनिया, मैं कुंवारी चूत ही हूँ, बिल्कुल तुम्हारी तरह!
मुझे पूरा यकीन है कि सोनिया भी कुंवारी चूत है लेकिन उसकी चूत के बारे में बात करने से वो चिढ़ गई क्योंकि उसका भाई भी वहाँ था, शायद उसे भी थोड़ी शर्म का एहसास हुआ, जाहिर है मैं उससे ज्यादा शर्म महसूस कर रही थी.
तभी प्रिया बोली- अरे सायरा, तू तो चिकनी चूत होगी न? मनीषा बोली- क्यों प्रिया, सायरा चिकनी चूत क्यों होगी, इसकी चूत पे भी तो बाल आते होंगे बाकी लड़कियों की तरह!
उन लोगों ने इस बात की परवाह भी नहीं कि कमरे में दो लड़के भी हैं, उनकी बातें सुनकर मैं शर्म से पानी पानी हुई जा रही थी लेकिन मैं कुछ कर भी तो नहीं सकती थी क्योंकि मैं शर्त हार चुकी थी. फिर सोनिया ने कहा- चुप हो जाओ…
कहानी जारी रहेगी. [email protected]
मेरी नंगी जवानी-2
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