तड़पाना जरुरी है क्या

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प्रेषक : पल्लू

अन्तर्वासना के बारे में मेरे एक दोस्त ने बताया था कि यहाँ बहुत ही सेक्सी कहानियाँ पढ़ने को मिलती हैं। तब से मैं हर कहाँ पढ़ता हू। फिर मुझे लगा कि मुझे भी अपनी कहानी आप लोगों को बतानी चाहिए। यह मेरी सच्ची कहानी है सब की तरह मनगढ़ंत नहीं।

मैं हिसुआ (नवादा) का रहने वाला हूँ यह बिहार राज्य में है। मैं पल्लू बहुत ही आवारा किस्म का लड़का हूँ हिसुआ में मुझे बहुत लोग गलत नज़र से देखते हैं क्योंकि मैं मार-पीट में ज्यादा रहता हूँ। मैंने आपको अपने गंदे आचरण क बारे में बताया लेकिन यह अब तक नहीं बताया कि मैं इतना हरामी होने के बावजूद पढ़ने में बहुत तेज़ हूँ।

मैं एक लड़की को बहुत प्यार करता हूँ जब भी उसे देखता हूँ मेरा लंड खड़ा होकर उसे सलामी देने लगता है। देगा भी क्यों नहीं, वो है ही इतनी सेक्सी। उसका फिगर कुछ इस तरह है 34-32-36 इस फिगर पर न जाने कितने लड़को का लंड पैंट के अन्दर से ही उसकी रस भरी चूत में जाने के लिए बेताब हो जाये। मैं आरती से 3 साल से प्यार करता हूँ। जब से उसे देखा है उसे चोदने के सपने न जाने मैं कितनी बार देख चुका हूँ। कई बार तो मैंने उसके नाम की मुठ भी मारी है।

एक बार मैं आरती से मिलने के लिए नवादा में बुलाया तो वो तैयार हो गई क्योंकि उसका भाई कही बाहर गया हुआ था। उसका भाई सतीश मेरा दोस्त है वो नहीं जानता है कि मैं उसकी बहन से प्यार करता हूँ।

तो वो जब नवादा आई तो मेरे तो होश ही उड़ गए क्योंकि घर में वो बहाना बना कर आई कि मैं स्कूल जा रही हूँ, वो स्कूल ड्रेस में बहुत ही सेक्सी लगती है। स्कूल के ड्रेस में उसकी बड़ी-बड़ी चूचियाँ साफ़ नज़र आती है मैं उसे देख कर दंग रह गया।

नवादा में मैं उसकी दीदी के घर में रुका, उसकी दीदी यह जानती थी की हम दोनों एक दूसरे से प्यार करते हैं। उसकी दीदी का घर के नीचे ही उनका किराना (Provosional) स्टोर है। वो वहाँ चली गई, मैं आरती के पास आकर बैठ गया और इधर-उधर की बातें करने लगा।

बाते करते करते मैंने उसे अपनी बाहों में ले लिया, फिर मैं उसके होंठ पे अपने होंठ रख कर चूसने लगा। उसके होंठ तो जैसे कोई कोमल गुलाब की पंखुड़ी हों। मैं उसके होंठ चूसे जा रहा था, फिर न जाने मुझे क्या हुआ कि मेरे हाथ अपने आप उसकी बड़ी-बड़ी चूचियों पे चले गए, वो कुछ नहीं बोली।

इससे मेरा हौंसला बढ़ गया, मैंने उसकी चूचियों को दबाना शुरु किया और उसके होंठों को जोर जोर से चूसे जा रहा था। थोड़ी देर के बाद मुझे अपने लंड पे उसका हाथ महसूस हुआ तो मैं उत्तेजित होने लगा। अब मैं बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था तो मैंने उसके कमीज को खोलना शुरु किया। पहले तो वो मना कर रही थी फिर जब मैंने अपना मुँह उसकी बड़ी बड़ी चूचियों पे रखा तो वो मना नहीं कर पाई। मैंने उसका कमीज उतार दिया। अब वो मेरे सामने सिर्फ ब्रा और सलवार में थी। मैं जल्दी ही उसे सिर्फ पैन्टी में देखना चाहता था तो मैंने उसका सलवार भी उतार फेंका।

अब वो सिर्फ पैन्टी में थी लाल रंग की ब्रा और लाल रंग की पैन्टी में वो बहुत ही सेक्सी लग रही थी। मैंने उसकी चूचियों को ब्रा के ऊपर से धीरे धीरे से दबाना शुरू किया तो वो आह्ह्ह ऊन्न्न्ह्ह ऊऊऊ ईई उव्वव करना शुरू करने लगी। मैंने अपने दोनों हाथों से उसकी बड़ी बड़ी चूचियों को पकड़ रखा था, मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।

फिर मैंने उसकी ब्रा एक झटके में उतार दी, उसकी बड़ी बड़ी चूचियाँ उछल कर मेरे सामने आ गई। मैं तुरंत अपने दोनों हाथों से दोनों चूचियो को पकड़ कर मसलने लगा और वो आह ऊउह्ह्ह करने लगी। फिर मैंने धीरे से अपना हाथ नीचे की ओर किया और उसकी सलवार का नाड़ा खींच दिया। फिर धीरे धीरे उसकी सलवार को मैंने नीचे सरकाना शुरू किया।

फिर मैंने उसकी सलवार को उसके बदन से अलग कर दिया अब वो तो एकदम क़यामत लग रही थी मैंने एक बार फिर उसे अपनी बाहों में भर किया। मैं सिर्फ अंडरवियर में था तो मेरा लंड उसकी चूत से सटने लगा तो मुझे अजीब सी मस्ती आने लगी मैंने उसकी चूत को पैन्टी के ऊपर से सहलाना शुरु किया वो और ज्यादा सिसकारियाँ लेने लगी- स्सस आआअह्ह म्ममाआ करने लगी।

तो मैंने धीरे से अपना एक हाथ उसकी पैन्टी के अंदर डाल दिया तो वो इस बार और भी जोर से सिसकारी लेने लगी, वो बिल्कुल सिहर गई और मेरे लौड़े को पकड़ के आगे पीछे करने लगी। जैसे ही मैंने उसकी पैंटी को उतारा, वो तो पागल हो गई।

मैंने उसकी चूत के छेद में हाथ डाला तो वो बोली- दर्द हो रहा है।

मैंने तब तक उसकी चूचियों को मसल मसल कर लाल कर दिया था। वो मेरे लंड को बाहर निकलना चाह रही थी तो मैंने अपना अंडरवीयर उतार दिया। मेरे लंड को हाथ में लेकर वो ऐसे खेलने लगी जैसे उसने कई बार लौड़ा पकड़ा हो !

फिर मैंने उसके मुँह में अपना लौड़ा डालकर चूसने को कहा तो वो बड़े प्यार से उसे चूस रही थी। मैंने 69 पोजिशन में आकर उसकी बूर को चाटना शुरु किया वो आःह्ह आह्ह ऊउह मम्म हऊ ऊउह्ह आह्ह्ह करने लगी। उसने मेरा सर पकड़ कर अपनी बूर पे दबा दिया, मैं और जोर से उसकी बूर चाटने लगा, एक अजीब सी खुशबू आ रही थी उसकी बूर से !

मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, थोड़ी देर के बाद मुझे ऐसा लगा कि उसका शरीर ऐंठने लगा। मैं लगातार उसकी बूर को चाट रहा था। फिर उसकी चूत से रस निकलने लगा, मैं उसकी बूर का सारा रस पी गया।

थोड़ी देर क बाद मेरे शरीर में भी अकड़न आने लगी तो मैंने उससे कहा- आरती, मैं अब झड़ने वाला हूँ।

तो उसने कहा- मेरे मुँह में ही गिरा दो।

थोड़ी देर में मैंने उसका मुँह अपने रस से भर दिया अब वो मेरे लौड़े को चाट चाट कर साफ़ कर रही थी।

मैं भी उसकी दोनों चूचियों को पकड़ कर मसल रहा था। थोड़ी देर में मेरे लंड फिर से तैयार हो गया तो फिर मैंने उसकी चूचियों को मुँह में लेकर चूसना शुरु किया तो वो भी थोड़ी ही देर में गर्म हो गई।

उसने मुझसे कहा- प्लीज़ पल्लू ! मुझे अब और मत तड़पाओ, मैं मर जाऊँगी नहीं तो ! जल्दी से मेरी बूर में अपना लौड़ा डालो ! तड़पाना जरुरी है क्या?

मैंने देर न करते हुए अपने लंड पर तेल लगाया और उसकी बूर में चारों तरफ से तेल लगा दिया, अब मैंने उसे बेड पर पटक दिया और उसके ऊपर चढ़ कर उसकी बूर की छेद पे अपना लंड रखकर जोर से धक्का मारा। लंड थोड़ा सा अन्दर गया मुझे बहुत जोर से दर्द होने लगा।

मैंने उसे देखा तो वो भी दर्द से कराह रही थी और अह्ह ऊह्ह ऊन्न्ह्ह स्स्स्स कर रही थी। मैं थोड़ा रुका, उसकी चूचियों को दबाया, उसके होंठों को चूमा फिर एक और जोर का झटका मारा तो आधा लंड अन्दर चला गया। वो ऊईइ माआअर्रर्रर्रर्र ऊउफ़्फ़फ़ आःह्ह करने लगी, वो लण्ड बाहर निकालने के लिए कहने लगी लेकिन मैंने रुक जाना ज्यादा ठीक समझा।

फिर थोड़ी देर बाद उसने अपनी भारी भरकम गांड उछलाना शुरू कर दी तो मैंने एक और जोर का धक्का मारा, पूरा लंड अन्दर चला गया।

उसने रोना शुरु कर दिया, मुझे अभी ऐसा लग रहा था कि मैं जन्नत में हूँ, बहुत मज़ा आ रहा था। मैंने अब अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया। वो मज़े ले रही थी। 12-15 मिनट लंड अन्दर बाहर करता रहा। फिर ऐसा लगा मैं झरने वाला हूँ, इस बीच वो दो बार झड़ चुकी थी।

मैंने निकालना चाहा तो उसने मना कर दिया और कहा- अन्दर ही निकाल दो !

मैंने अपने पूरा रस उसकी चूत में भर दिया। थोड़ी देर बाद मैं फिर से गरम हो गया, अब मैंने उसकी चूचियों को पीना शुरू कर दिया अब मैंने उसे उल्टा लिटा दिया और उसकी गांड पे तेल लगाया फिर अपने लंड पे ढेर सारा तेल लगाया और उसकी गांड पे रख कर एक जोर का धक्का मारा लेकिन मेरा लंड का सुपाड़ा उसकी गांड की छेद पे ही अटक गया और वो जोर से कराहने लगी।

फिर मैंने और जोर से एक धक्का मारा, मेरा पूरा लंड उसकी गांड में भीतर चला गया और वो फिर से रोने लगी। मैंने उसके मुँह को अपने हाथ से बंद कर दिया कहीं उसकी दीदी की पता न चल जाये।

फिर थोड़ी देर बाद जब उसने रोना बंद किया तो मैंने धक्के मारना शुरू किया। फिर वो भी मस्ती लेने लगी और मुझसे गांड उछाल-उछाल कर गांड चोदवा रही थी। मैं जोर से उसकी गांड में झड़ गया। उस दिन मैंने उसे तीन बार चोदा।

बाद में उसने बताया कि उसके भाई सतीश ने भी उसे कई बार चोदा है।

मुझे तो जैसे झटका जैसा लगा। खैर मैं बहुत खुश था क्योंकि मैंने आरती को चोदा था। बहुत ही मस्त बूर है उसकी, एकदम मक्खन के जैसी ! उसकी गांड तो एकदम स्पंज के जैसी है।

उस दिन फिर नवादा में ही एक मेडिकल से अनवांटेड की गोली लाकर उसे दे दी और कहा- खा लेना।

बाद में मैंने उसे कई बार चोदा और एक बार तो मैंने उसे उसके भाई के साथ चोदा।

वो मैं अगली कहानी में बताऊँगा। तब तक के लिए गुड बाय।

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