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मैं 20 साल का 6 फ़ुट कद, रंग गेंहुआ, प्रणय हूँ।
मैं रायपुर में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था, द्वितीय वर्ष तक पहुँचते पहुँचते मैंने 5 से ज्यादा कमरे बदल लिए थे पर ढंग का कमरा नहीं मिल पा रहा था, तब जाकर मुझे एक ढंग का कमरा मिला। वैसे तो कमरा छोटा था, ऊपरी मंजिल पर था, पर नीचे के लोगों का व्यव्हार बहुत बढ़िया और दिल खुश कर देने वाला था, हर बात मुस्कुरा कर कहते, मकान मालकिन 48-50 वर्ष की अधेड़ महिला थी पर उनकी बेटी प्रिया गजब की माल थी, आँखें काली काली और बड़ी बड़ी, कोई उसकी आँखों को देख कर ही मूठ मार ले ऐसी सुन्दर आँखें थी। और चूची का तो पूछो ही मत, वह 20 साल की थी पर 25-26 साल की परिपक्व आईटम लगती थी, और बातें करने में एक्सपर्ट थी, वह मेरी सीनियर थी। मैं जब दूसरे वर्ष में था तब वह तीसरे में थी।
धीरे धीरे एक महीना बीत गया, मुझे कोई उपाय नहीं सूझ रहा था प्रिया को पटाने का, क्योंकि वह ऊपर सिर्फ कपड़े सुखाने आती और अपनी माँ के डर से लड़कों से बात भी नहीं करती थी। मेरे दिमाग में सिक्स पैक एब्स बनाने का चस्का चढ़ा, हर सुबह मैं अपनी शर्ट उतार कर पुश-अप्स करता, क्रंचेस मारता, इस उम्मीद में कि प्रिया देखेगी, वो देखती तो थी पर भाव नहीं देती थी।
एक दिन वह ऊपर आई कपड़े सुखाने, मुझे लगा यह अच्छा मौका है, मैंने अपना लंड खड़ा कर दिया, लंड मेरी कैपरी में प्रिया को सलामी दे रहा था, मैं झट से लोहे की बनी सीढ़ी जो छत पर चढ़ने के लिए रखी थी उसको पकड़ कर पुल-अप्स करने लगा।
प्रिया ने मेरे लंड की ओर नजर डाली और थोड़ा शरमा कर कपड़े डालने लगी, जाते समय उसने एक बार फिर मेरे लंड की ओर देखा, मेरा लंड भी कुछ कम नहीं था 7.5 इंच लम्बा और काफी मोटा, प्रिया जवानी के उस पड़ाव पर थी जिसमें उसे रात को अपने सपने के राजकुमार की जगह सपने के राज-लौड़े की तलाश थी।
धीरे धीरे एक महीना और बीत गया, मुठ मार मार कर मैं फ्रसट्रेट हो रहा था, मन करता था जाकर चोद दूँ साली को पर मैं हवस का पुजारी नहीं था, तो अपने को कण्ट्रोल किया।
अब मुझे लगने लगा कि प्रिया को अपने लंड के साक्षात् दर्शन कराये जायें।
एक बार प्रिया के माँ-बाप को शादी में 15 दिन के लिए बाहर जाना था, प्रिया की देखरेख के लिए प्रिया की दादी थी, यह सुन कर मैंने मन ही मन भगवान की जय-जयकार कर दी।
प्रिया अब मेरी दोस्त बन चुकी थी, प्रिया का मैथ्स में बैकलोग का पेपर था, हम दोनों अब साथ में ही तैयारी करने लगे। एक दिन पढ़ते पढ़ते प्रिया ने पूछा- प्रणय, तुमने आज ऐक्सेरसाइज़ क्यों नहीं की?
मेरा शैतान जाग गया, मैंने कहा- मेरी कैपरी फट गई है।
उसने कहा- लाओ, मैं सिल देती हूँ।
मैंने कहा- छोड़ ना !
फिर वह जिद करने लगी, मैं ऊपर अपने कमरे में गया और कैपरी को लंड वाले जगह जानबूझ कर फाड़ दिया और नीच प्रिया को दे दिया।
पंजाबन प्रिया का हाथ जैसे मेरी कैपरी के लंड वाले हिस्से पर पड़ा, उसका दूध जैसा गोरा चेहरा लाल पड़ गया। यह देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया, उसने मेरी कैपरी सिल कर मुझे दे दी।
मैंने कहा- मैं जींस में मैं अनकम्फर्टेबल फील कर रहा हूँ, मैं कैपरी पहन लेता हूँ।
मैंने प्रिया के सामने ही जींस उतार दी और कैपरी पहन लिया। पहनते पहनते मैंने प्रिया को थैंक्स बोल कर उलझाये रखा, ऐसा करके हम दोनों फिर पढ़ने लगे।
एक घंटे बाद प्रिया बोली- देखो न प्रणय, कितनी मोटी हो गयी हूँ मैं !
मैंने कहा- नहीं तो यार, तू तो बिल्कुल सेक्सी है।
यह सुन कर वो हंसने लगी और बोली- नहीं यार, सीरियसली मैं मोटी हो रही हूँ। मुझे भी कुछ एक्सरसाइज़ सिखा !
फिर मैंने कहा- चल साथ में एक्सरसाइज़ करते हैं।
मैंने अपनी शर्ट उतार दी, मेरा लंड खड़ा हो गया था पर मैंने परवाह नहीं की, प्रिया ने यह देख लिया था पर इग्नोर कर दिया।
मैंने कहा- पहले पुश-अप्स कर ! इससे तेरी चेस्ट मस्सल स्ट्रोंग होंगी।
वह हंसते हुए बोली- पहले से मेरी चेस्ट काफी बड़ी है, अब और बड़ी नहीं करनी !
मैंने भी स्माईल देते हुए कहा- अरे नहीं, यह तो तेरे ब्रेस्ट का फैट जलाएगा।
फिर वो बोली- हाँ, तो फिर ठीक है। वैसे भी कुछ ज्यादा ही बड़ी हो गए हैं मेरे ब्रेस्ट !
ऐसा कह कर वो पुश-अप्स मारने की कोशिश करने लगी, पर वो पूरी तरह कर नहीं पा रही थी, उसने कहा- प्रणय, नहीं हो रहा।
मैंने कहा- मैं हेल्प करता हूँ।
मैंने उसकी चूचियों के बगल का हिस्सा पकड़ कर उससे पुश-अप्स करवाने लगा, वो धीरे धीरे गर्म होने लगी क्योंकि उसकी साँसें तेज़ हो गई थी।
मैंने अब अपना लंड अपनी कैपरी में फिट किया और उससे क्रंचेस मारने कहा, मैंने उसे लेटा कर अपने पैर उसके कमर के दोनों और रख खड़ा हो गया और उसकी क्रंचेस मारने में हेल्प करने लगा, वो जैसे ही ऊपर आती उसका मुख मेरे लंड के करीब हो जाता, बीच में वह हंसने लगी तो मैंने पूछा- क्या हुआ?
तो वो बोली- कुछ नहीं !
अब मैंने उसे उसके चूतड़ों की तरफ इशारा करते हुए कहा- सबसे ज्यादा फैट लड़कियों का वहीं जमा होता है।
वो फ़िर हंसने लगी, मैंने उसे लेटा कर उसकी टाँगें ऊपर नीचे करने कहा। जब वो टाँगें उठाती तो उसकी गांड मुझे पागल बना रही थी।
मैंने कहा- आज के लिए इतना काफी है।
उसने पूछा- प्रणय, इसमें कितने दिन लगेंगे?
मैंने कहा- 4-5 महीने !
फिर उसने मेरी छाती की तारीफ करते हुए कहा- तेरी छाती मस्त है !
और मैंने कहा- छू कर देख !
वो शरमाते हुए मेरी छाती पर हाथ रखा, उसने मुझे छेड़ने के लिये मेरे निप्पल को छूकर दबाया।
मैंने कहा- मैं लड़की नहीं हूँ जो मुझे इसमें मजा आएगा।
वो हंसने लगी, मैंने सोचा अब देर करनी बेवकूफी है, मैंने अपना हाथ उसकी चूची पर रख दिया, और सहलाने लगा, उसने एक हाथ मेरे लंड पर रख दिया और लंड पर जोर से चुट्टी काट दी, मुझे दर्द हुआ पर मैंने जोर से उसे किस कर दिया, मैं उसे पागलों की तरह चूम रहा था, मैंने उसकी टी शर्ट फाड़ दी और ब्रा का हूक पीछे से खींच कर रबर बैंड की तरह उसके पीठ में दे मारा, उसे दर्द हुआ, पर मैंने जोर से उसकी चूची दबा दी, मैंने सोच लिया था आज ऐसा चोदूँगा इसको कि जिन्दगी भर मेरे लंड के डरावने सपने आयें इसको।
मैंने उसकी चूची के निप्पल दाँत से जोर से काट दिए, वह चिल्लाई और बोली- छोड़ो मुझे !
मैंने प्यार से उसे फिर किस कर दिया, अब मैं किस करते हुए नीचे आने लगा, होंठ, गला, चूची, क्या सोफ्ट चूची थी उसकी, पेट और उसके लोअर के ऊपर से ही उसकी चूत को चाटने लगा।
वो गर्म हो गई और ऊउह करने लगी, मैंने एक झटके में लोवर के साथ उसकी पैंटी भी उतार दी।
अब प्रिया मेरे सामने नंगी लेटी हुई थी जमीन पर ही, मैंने उसे गोद में उठा कर उसके बिस्तर पर लेटाया और उसकी चूत देख कर दंग रह गया। वह कुंवारी अक्षत योनि थी, उसकी चूत पर बाल भी कम थे।
मैं अपना लंड उसके चूची के बीच रगड़ने लगा, उसने आँखें बन्द कर ली थी, मैंने कहा- प्रिया, मेरा लंड मुँ में ले !
उसने मना कर दिया, पर मैं जबरदस्ती अपना 7 इंच का लंड उसके मुँह में डालने लगा, हार मान कर वह चूसने लगी, मैं तो सातवें असमान में पहुँच गया। क्या चूस रही थी, ऐसा लग रहा था जैसे बहुत बड़ी चुदक्कड़ है।
चूसते चूसते मैंने उसके मुँह में ही अपना माल गिरा दिया, वह उल्टी करने जैसा मुँह बनाने लगी।
मैंने तेज आवाज में कहा- प्रिया, पी जा उसको।
वह पी गई।
अब मैं उसकी चूत चाटने लगा और उसकी कसी चूत में अपनी जीभ घुसाने की कोशिश की। मैं उसकी चूत को दांत से काटने लगा, वह चिल्ला पड़ती। जब मैंने अपना लंड उसकी चूत के ऊपर रखा तो वह कांप गई, उसके पैर कांपने लगे थे।
मैंने एक जोरदार झटका मारा, वह इतनी जोर से चिल्लाई कि मुझे लगा कहीं पड़ोसी ना सुन लें।
मैंने जल्दी से उसका मुख बन्द किया, वह फिर भी चिल्ला कर हाथ पाँव मारने लगी और मुझे दूर धकेलने लगी।
मैंने जोरदार झटका ऐसा मारा कि दूसरे झटके में ही पूरा लंड उसकी चूत के अन्दर चला गया, वह रोने लगी, मैंने उसे फ्रेंच किस किया और धक्के मारने लगा, मैं उसे किस करने के साथ धक्के भी मार रहा था।
मैंने उसे कहा- आई लव यू प्रिया !
और वह यह सुन कर और ज्यादा रोने लगी। मैंने उसे चोदना चालू रखा, वह रो रही थी, अब उसने ताकत लगाना छोड़ दिया, मैं उसे उठा कर सीधा ऊंचा हो गया और खुद को उठा कर ऊपर नीचे करने लगा।
फिर उसे अपने ऊपर बिठाया और बोला- चोद मुझे अब !
मैंने देखा जब वह ऊपर-नीचे हो रही थी तब ज्यादा मजे लेने लगी।
अब मैंने अपना लंड निकाल कर उसकी चूत को साफ़ किया और घोड़ी की तरह बैठा दिया, और पीछे से उसकी जबरदस्त चुदाई करने लगा, मैं धक्के काफी तेज़ी से मार रहा था। वह दो बार झड़ चुकी थी, फिर मैंने उसे सीधा लेटा कर धक्के मारने लगा, धक्के मारते मारते वह अब खुद मुझे किस कर रही थी, मैं झड़ने वाला था और मैंने अपना लंड निकाल कर उसकी चूचियों के बीच रखा और धक्के मारने लगा और वहीं झड़ गया।
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