This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000
अन्तर्वासना के सभी पाठकों का एक बार फिर से मेरा तहे दिल से नमस्कार। आप सभी ने मेरी पिछली कहानी पहला आनन्दमयी एहसास के दो भाग पढ़े होंगे।
मैं दोबारा अपना परिचय दे देता हूँ, मेरा नाम यश है, मैं 26 साल का नौजवान हूँ, जयपुर राजस्थान का रहने वाला हूँ, अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ…
आप सभी के ढेरों मेल जो मुझे मिले, पढ़कर अच्छा लगा कि सबको मेरी ज़िन्दगी का पहला एहसास बहुत ही पसंद आया.. आपको लम्बा इंतज़ार करना पड़ा उसके लिए माफ़ी चाहता हूँ, अब आगे की कहानी पर आते हैं..
हम दोनों पसीने से तरबतर हो चुके थे, मैंने उसे कहा- तुरंत अपनी चूत धोकर साफ़ कर आ..
वो उठ कर चल दी तो उसके जाने के बाद मैंने सोचा ऐसे किसी अनजान घर में हूँ तो कपड़े पहन लूँ, इसलिए लाइट ऑन करने के लिए स्विच खोजने लगा..
जैसे ही मैंने लाइट ऑन की, जो देखा मैंने, मुझे कुछ समझ नहीं आया कि यह क्या हुआ.. आँखें फटी की फटी रह गई और लंड एकदम से सुन हो गया।
जिसे मैं अम्बिका समझ कर चोद रहा था वो अम्बिका नहीं रोशनी थी.. अम्बिका एकदम निर्वस्त्र होकर बेड पर सो रही थी..
मैं उसके पास गया और उसे उठा कर बोला- यार तुम बाथरूम क्यों नहीं गई? मैं जानबूझ कर अनजान बन कर बोला। तब उसने बोला- यश, तुमने मेरे साथ नहीं, मेरी सहेली रोशनी की चुदाई की है। मैंने कहा- यार, मैंने तो तुझे ही अपने पास सुलाया था?
तो उसने बोला- यश, रोशनी मेरी बहन जैसी है, और मैं नहीं चाहती थी कि उसकी लाइफ में कोई आये और रोशनी और मेरे बीच में दूरियाँ बन जाएँ ! जब मैंने तुम्हारे और अपने बारे में उसे बताया तो उसने खुद ही कहा कि उसे भी तुमसे मिलना है, तो मैंने कहा मिलेगी या उसके साथ सेक्स भी करेगी? तो उसने बोला कि वो तो तैयार है, पर मैं चाहूँ तो ! तो मैंने बोल दिया कि उसे अगर यश के साथ सोना हैं तो मुझे क्या दिक्कत है.. मुझे तो मज़ा आएगा कि दोनों एक साथ चुदेंगी एक ही बेड पे एक साथ एक ही मर्द से.. मैंने तपाक से बोला- यार, पहले बोल देती तो ज्यादा मज़ा आता ना ! तो अम्बिका बोली- यश मुझे लगा, कहीं तुम नाराज़ ना हो जाओ ! इसलिए नहीं बोला.. मैंने कहा- चल कोई बात नहीं !
और मैंने अम्बिका को चूम लिया और उसे बोला- अब किसी और सहेली को मत ले आना बस.. मुझे तुम दोनों ही काफी हो और किसी से नही करना बस अब.. अम्बिका बोली- जान, आप हम दोनों को खूब प्यार दो, हमें औरों से क्या मतलब !
इतने में रोशनी भी आ गई, वो एकदम नंगी थी। रोशनी रोशनी में मुझे देखकर शरमा गई और पीठ मेरी तरफ़ करके खड़ी हो गई।
मैं उठ कर उसके पास गया और उसका चेहरा अपनी तरफ घुमा कर उसके माथे पर चूम लिया और उसे गोद में उठा कर बेड पर ले आया.. हम तीनों बिना कपड़ों के थे, मैंने दोनों को अपनी बाहों में लेकर लिटा लिया और बोला- लंड को सहलाओ यार अब.. इतना कहते ही दोनों के हाथ मेरे लंड पर आ गए। रोशनी ने मेरे कान में कहा- यश, मेरी योनि में दर्द हो रहा है। तो मैंने कहा- इस बार चुदाई होगी तो दर्द मिट जायेगा। उसने कहा- इस बार धीरे धीरे करना यार ! मैंने कहा- अब बातें नहीं, बस प्यार करो..
मैंने अम्बिका से कहा- चलो, अच्छी तरह से प्यार करते हैं तीनों मिल कर ! मैंने अम्बिका को कहा- अपनी चूत मेरे मुख पर रखो ! और रोशनी से कहा- तुम मेरा लंड चूसो ! इससे हम तीनों एक दूसरे में खो जायेंगे..
और वो ही हुआ.. मैं अम्बिका की चूत बड़े जोश से चाट रहा था तो रोशनी बड़ा स्वाद लेकर मेरे लंड को लोलीपोप की तरह चूस रही थी। हम तीनों मदहोश हो चुके थे.. रोशनी के बहुत देर लंड चूसने से मेरा पानी उसके मुख में छुट गया और वो उठकर बाथरूम में चली गई। मैंने तुरंत अम्बिका की चूत से मुख उठा अम्बिका के मुंह में लंड दे दिया और बोला- इसे सोने मत देना !
उसने अपने मुँह में लिया और चाटने लगी। हम 69 वाली पोजीशन में थे, मैं उसकी चूत का रस चाट रहा था और उसकी वजह से उसका शरीर बार बार अकड़ रहा था और अंततः वो झड़ गई.. पर मैंने अपना मुख नहीं हटाया और उसकी चूत चाटता रहा..
मेरा लंड एकदम सख्त हो चुका था, मैंने तुरंत उसकी चूत पर लंड लगाया और लंड को चूत में जाने दिया और लंड धीरे धीरे अंदर समां गया.. रोशनी भी बाथरूम से बाहर आ गई और हमारी चुदाई देखने के लिए हमारे पास आकर बैठ गई। मैंने कहा- देखो मत, अपनी बहन जैसी सहेली के बूब्स चूसो !
उसने वही किया और मैंने अपने लंड की गति उसकी चूत में बढ़ा दी। 5 मिनट बाद मेरे लंड ने उसकी चूत में पानी छोड़ दिया और मैं उस पर निढाल होकर गिर पड़ा.. दोनों सहेलियाँ मुझे चूसने लगी जैसे मैं चाशनी से भरा हूँ..
दो औरतों के सामने मर्द हमेशा कमजोर ही नज़र आता हैं.. हम तीनों बहुत खुश नज़र आ रहे थे.. फिर थोड़ी देर हम बातें करने लगे फिर अम्बिका बोली- यश, ऐसा करो ना कि हम दोनों की चूत एक साथ ले सको, एक ही टाइम में? मैंने कहा- पागल ! मैं इंसान हूँ, राक्षस नहीं ! तो उसने बोला- यार मुझे नहीं पता, यार कुछ तो उपाय करो ! मैंने कहा- सोचने दो ! फिर मैंने कहा- पहले दोनों मेरा लंड चाटो-चूसो और उसे सख्त करो..
दोनों ने एक साथ मिलकर उसे चाटना चूसना शुरू किया, मेरा लंड थोड़ी देर में वापस खड़ा हो गया और चुदाई के लिए तैयार हो गया। मैंने कहा- अम्बिका तुम नीचे लेटो और रोशनी को अपने ऊपर लिटा लो..
फिर दोनों ने एक दूसरे को अपनी बाहों में कैद कर लिया.. मैंने उनकी कमर से नीचे का हिस्सा बेड से नीचे करवा दिया..
फिर मैं बेड से नीचे आकर खड़ा हो गया और दोनों की टांगें फ़ैला कर अम्बिका की चूत में लंड डाला और झटके मारने लगा। मुझे परेशानी हो रही थी फिर भी मजे के चक्कर में सब भूल गया, थोड़ी देर अन्दर बाहर कर मैंने अम्बिका की चूत से लंड निकाला और रोशनी की चूत में डाल दिया और उसकी चुदाई करने लगा..
वो दोनों एक दूसरे को किस कर रही थी.. बार बार दोनों की चूत में डालने की वजह से सेक्स का टाइम बढ़ रहा था क्योंकि बीच में लंड को आराम मिल जाता..
करीब 20 मिनट हो गए और मेरा लंड पानी छोड़ने का नाम नहीं ले रहा था, मैं बिल्कुल थक चुका था और पसीने से भी तरबतर हो चुका था।
मैंने जल्दी जल्दी झटके लगाने चाहे पर खड़े खड़े थक गया था, मैंने कहा- यार, अब नहीं होगा मुझसे ! मैं थक चुका हूँ, मैं लेट जाता हूँ, आप दोनों आकर बारी-बारी से मेरे लंड पर बैठ कर झटके लगाओ, मेरी और हिम्मत नहीं रही अब.. तो अम्बिका बोली- हिम्मत हमारी भी नहीं है। मैंने कहा- तो फिर मेरे लंड को चूस कर उसका पानी छुड़ा दो ! फिर थोड़ी देर सो जाते हैं..
दोनों ने हाँ कर दी क्योंकि हम तीनों एकदम थक चुके थे और हिम्मत भी नहीं थी.. दोनों मेरे लंड को मुँह में बारी बारी से ले लेकर चूसने लगी, कुछ देर में मैंने कहा- रुको !
और मैं अपना लंड हाथ में ले मुठ मारने लगा और थोड़ी देर में मैंने अपना सारा पानी दोनों के चेहरे पर गिरा दिया और बेड पर जाकर लेट गया.. और पता नहीं कब नींद आई !
सुबह 5 बजे मुझे दोनों ने उठा दिया मैंने दोनों को बाहों में लेकर किस किया, कपड़े पहने और घर से बाहर आ गया..
इसके बाद हम बाहर तो खूब मिलते पर सेक्स के लिए जगह नहीं मिल पाती थी.. डर भी था समाज का, घर वालों का, पुलिस का, इसलिए हमने यही फैसला किया कि अच्छा मौका मिलेगा तो ही सेक्स करेंगे वरना यूँ ही बाहर मिलते रहेंगे..
हम तीनों की किस्मत ने दो बार और मौका दिया ये सब करने का, फिर मैं कॉलेज की स्टडी के लिए दूसरे शहर आ गया.. और मेरा उनसे सम्पर्क टूट गया..
बाद में मुझे पता लगा कि अब दोनों के बॉयफ्रेंड बन गए और दोनों अब उनके साथ खुश हैं.. मैंने भी उनकी लाइफ में ना जाने की सोची और फिर हम एक दूसरे से जुदा हो गए.. अब उनकी शादी हो चुकी और जब भी हम मिलते हैं एक दूसरे को देख सिर्फ मुस्करा उठते हैं.. जीवन का पहला आनन्दमयी एहसास मुझसे कभी भुलाया ना गया और ना ही भूल सकता हूँ..
आप सबको मेरा यह पहला एहसास कैसा लगा, आप मुझे मेल करके जरूर अवगत करवाएँ ! [email protected]
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000